आज का पंचाग आपका राशि फल, मृत्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं, आज की प्रमुख ऐतिहासिक घटनायें, आज के बड़े और मुख्य समाचार

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शुक्रवार, ०१ अक्टूबर २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:०४
चन्द्रोदय: 🌝 २५:३४
चन्द्रास्त: 🌜१५:०६
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 दशमी (२३:०३ तक)
नक्षत्र 👉 पुष्य (२६:५८ तक)
योग 👉 शिव (१८:३९ तक)
प्रथम करण 👉 वणिज (१०:४१ तक)
द्वितीय करण 👉 विष्टि (२३:०३ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 कर्क
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पूर्व, वक्री)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४२ से १२:३०
अमृत काल 👉 २०:११ से २१:५३
विजय मुहूर्त 👉 १४:०५ से १४:५२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५० से १८:१४
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४२ से २४:३१
राहुकाल 👉 १०:३७ से १२:०६
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:०४ से १६:३३
होमाहुति 👉 राहु
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२३:०३ तक)
भद्रावास 👉 मृत्यु (१०:४१ से २३:०३)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 क्रीड़ा में (२३:०३ कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दही लस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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अक्टूबर मास आरम्भ, दशमी तिथि का श्राद्ध, बुध कन्या में २६:४५ से आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २६:५८ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पुष्य नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (हू, हे, हो, डा) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम आश्लेषा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (डी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २९:०९ से ०७:२७
तुला – ०७:२७ से ०९:४८
वृश्चिक – ०९:४८ से १२:०८
धनु – १२:०८ से १४:११
मकर – १४:११ से १५:५२
कुम्भ – १५:५२ से १७:१८
मीन – १७:१८ से १८:४२
मेष – १८:४२ से २०:१५
वृषभ – २०:१५ से २२:१०
मिथुन – २२:१० से २४:२५
कर्क – २४:२५ से २६:४७
सिंह – २६:४७ से २९:०६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:१० से ०७:२७
मृत्यु पञ्चक – ०७:२७ से ०९:४८
अग्नि पञ्चक – ०९:४८ से १२:०८
शुभ मुहूर्त – १२:०८ से १४:११
रज पञ्चक – १४:११ से १५:५२
शुभ मुहूर्त – १५:५२ से १७:१८
चोर पञ्चक – १७:१८ से १८:४२
रज पञ्चक – १८:४२ से २०:१५
शुभ मुहूर्त – २०:१५ से २२:१०
चोर पञ्चक – २२:१० से २३:०३
शुभ मुहूर्त – २३:०३ से २४:२५
रोग पञ्चक – २४:२५ से २६:४७
शुभ मुहूर्त – २६:४७ से २६:५८
मृत्यु पञ्चक – २६:५८ से २९:०६
अग्नि पञ्चक – २९:०६ से ३०:११
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपका स्वभाव बीते कल की तुलना में एकदम विपरीत रहेगा। दिन के आरम्भ से ही छोटी छोटी बातों पर परिजन से झगड़ेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी यही स्वभाव रहने के कारण बनी बनाई योजना ठंडी पड़ सकती है इसका ध्यान रहे वैसे तो आज लाभ के अवसर मिलते रहेंगे लेकिन आपकी महात्त्वकांक्षाये अधिक रहने के कारण ज्यादातर निरस्त हो सकते है। धन की आमद फिर भी कामचलाऊ कही न कही से हो जाएगी आज अपना सनकी स्वभाव त्यागने में ही भलाई समझे कल से लोगो मे आज जैसी सजहता नही मिल पाने पर अफसोस होगा। पैतृक संपत्ति अथवा कार्यो से आकस्मिक लाभ के अवसर भी आपकी टालमटोल नीति के चलते हाथ से निकल सकते है। नौकरी वालो को आज अतिरिक्त आय बनाने का अवसर मिलेगा। घरेलू वातावरण शान्त रहेगा लेकिन घर के सदस्य एक दूसरे पर कम भरोसा करेंगे। शरीर की किसी अंग में कमजोरी अथवा काम करने की क्षमता कम हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप अन्य लोगो को अपने से कमतर आकेंगे। पराक्रम शक्ति आज बढ़ी रहेगी इसका गलत कार्यो में उपयोग होने की संभावना अधिक है। काज आपके किसी विषय मे विशेष योग्यता होने के कारण मन मे अहम की भावना रहेगी। कार्य क्षेत्र से आज आशा तो बहुत लगाए रहेंगे कुछ एक में अपनी मनमानी से सफल भी रहेंगे धन कमाना आज ज्यादा मुश्किल नही रहेगा लेकिन साथ मे इज्जत में कमी अवश्य आएगी। सहकर्मी अथवा अन्य व्यावसायिक लोग आपसे ईर्ष्या द्वेष की भावना में मजबूरी में व्यवहार करेंगे। मध्यान से मन अनैतिक कार्यो की तरफ भटकेगा लेकिन सचेत रहे भविष्य में स्वयं के साथ परिवार की प्रतिष्ठा भी खराब होने के योग बन रहे है। घर का वातावरण अचानक से प्रसन्न अगके ही पल उदासीन बनने से तालमेल बैठाने में परेशानी होगी। सेहत भी अकस्मात ही नरम गरम बनेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपके दिन का आरम्भ सुस्त रहेगा प्रातः काल से ही सेहत में थकान अनुभव होने के कारण कार्यो के प्रति आलस्य दिखाएंगे। स्वभाव से संतोषि रहने के कारण ज्यादा भाग दौड़ वाले कार्यो से दूर ही रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर सामान्य व्यवसाय रहेगा धन की आमद के लिये थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा लेकिन होगी अवश्य। आज आपके संचित धन का कुछ हिस्सा पैतृक एवं धार्मिक कार्यो पर भी खर्च होगा सरकारी कार्यो में भी बिना लेनदेन कार्य निकालना संभव नही। नौकरी वालो के लिये मध्यान के समय कोई नई समस्या बनेगी जिसका निराकरण आज मुश्किल ही हो पायेगा। विदेशी अथवा दूर क्षेत्र के कार्यो से आकस्मिक लाभ की संभावना है। घर का वातावरण शांत रहेगा। निम्न रक्तचाप पेट संबंधित समस्या हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपके ऊपर चंचलता हावी रहेगी। दिन के आरम्भ से ही स्वभाव में हल्कापन रहेगा लेकिन कार्यो में जल्दबाजी करेंगे बिना विचारे किये कार्य आगे चलकर मोटी हानि का कारण भी बन सकते है। कार्य क्षेत्र से व्यवसायी वर्ग को उम्मीद काफी रहेगी लेकिन आगे की योजना बनाने के लिये किसी परिचित के जवाब पर निर्भर रहना पड़ेगा इंतजार करने के बाद संतोषजनक जवाब ना मिलने पर भविष्य को लेकर चिंता होगी। दोपहर के बाद परिस्थिति में कुछ सुधार आएगा पैतृक कार्य अथवा अन्य पैतृक संसाधनों से लाभ की आशा जागेगी। नौकरी पेशा लोग कार्य क्षेत्र पर अनमने मन से कार्य करेंगे जिससे विलंब के साथ कार्य मे सफाई नही रहेगी। किसी अपरिचित से कहासुनी भी हो सकती है। आज बाहर की अपेक्षा घरेलू वातावरण में थोड़ी ऊबन के बाद अधिक शांति अनुभव करेंगे। संध्या के समय शारीरिक कमजोरी अनुभव होगी कटने छिलने का भय है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपको प्रत्येक कार्य मे संभलकर रहने की सलाह है। दिन के आरम्भ से ही मन मे किसी अरिष्ट का भय बना रहेगा लोग बिना मांगे सलाह और सांत्वना दोनो देंगे लेकिन परिजनों को छोड़ अन्य कोई भी सहयोग के लिये आगे नही आएगा। कार्य व्यवसाय में मेहनत के बाद भी लाभ के लिये तरसना पड़ेगा। नौकरों एवं सहकर्मियो की गतिविधि पर नजर रखे इनकी करनी का फल आपको भुगतना पड़ सकता है। भागीदारी के कार्यो में निवेश से बचें हानि ही होगी अथवा धन के फंसने की संभावना है। आज सर पर कर्ज होने एवं लेनदार द्वारा परेशान करने पर अधिक मानसिक पीड़ा होगी। संध्या से स्थिति में कुछ सुधार आएगा किसी पुरानी योजना से कामचलाऊ धन मिलने से थोड़ी राहत मिलेगी। घर मे किसी न किसी के बीमार रहने से वातावरण अस्त व्यस्त रहेगा। ज्यादा मीठा भोजन ना करें लोहे की वस्तु से सावधानी बरतें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन सामान्य से उत्तम रहेगा। दिन के आरम्भ से ही आध्यात्म में रुचि रहेगी घरेलू पूजा पाठ के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा के अवसर भी मिलेंगे। कार्य व्यावसाय से आशा ना होने पर भी अकस्मात लाभ के समाचार उत्साहवर्धन करेंगे। अधूरे सरकारी कार्यो को लापरवाही छोड़ पूर्ण करे परिस्थिति सहायक रहने से कम परिश्रम में काम बन सकता है इसके बाद कोई न कोई कमी रहने के कारण लंबे समय के लिये लटकेगा। नौकरी पेशा जातक अथवा भागीदारी के कार्यो में जिद बहस को छोड़ कार्य करे तो शीघ्र ही सफलता मिल सकती है। विदेश संबंधित कार्यो से भी कुछ न कुछ लाभ ही मिलेगा इनमे निवेश करना आज उचित रहेगा। पारिवारिक वातावरण छोटी मोटी नोकझोंक के बाद भी सुख प्रदान करेगा। शारीरिक त्रिदोषों का संतुलन बिगड़ने पर रोग शीघ्र पकड़ लेंगे खान पान संयमित रखें।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा इसका लाभ उठायें अन्यथा आगे कई दिन तक ऐसी सुविधा नही मिलने पर खेद होगा। कार्य क्षेत्र पर दिन के आरंभ और अंतिम भाग में व्यस्तता अधिक रहेगी भाग्य का साथ भी मिलने से कम समय और परिश्रम में अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक लाभ कमा सकेंगे लेकिन संतोष फिर भी नही होगा। प्रतिस्पर्धी कुछ समय के लिये हावी रहेंगे जिससे थोड़ी परेशानी भी होगी लेकिन यहाँ आपका अनुभव काम आएगा गुप्त युक्तियों द्वारा इनसे पार पा लेंगे। सहकर्मियो पर आवश्यकता से अधिक विश्वास करने पर धोखा हो सकता है इसका ध्यान रहे। घर मे भाई बंधुओ के साथ पैतृक कार्यो को लेकर विचार विमर्श होगा आपकी बात की शुरुआत में अनदेखी होगी लेकिन अंत मे मानना ही पड़ेगा। दाम्पत्य जीवन मे थोड़े बहुत उतारचढ़ाव लगे रहेंगे कुछ समय के लिये विरोधाभास का अनुभव भी होगा। आंखों अथवा फेफड़ो संबंधित शिकायत रह सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज भी आप मन से आध्यात्म के प्रति निष्ठावान रहेंगे लेकिन दिखावे की प्रवृति भी रहने के कारण पूजा पाठ केवल व्यवहारिकता के लिये ही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर आरंभिक परेशानी के बाद वातावरण अनुकूल हो जाएगा फिर भी जल्दबाजी से बचे आपके लिये निर्णय अवश्य ही लाभ के मार्ग खोलेंगे। किसी भी कार्य से तुरंत लाभ की आशा ना रखें धन की आमद में थोड़ा विलंब हो सकता है परन्तु होगी जरूर। कार्य क्षेत्र पर पिता अथवा किसी वरिष्ठ व्यक्ति से वैचारिक मतभेद होने के कारण आवश्यक कार्य मे विलंब होगा फिर भी आपकी ही जीत होगी। सरकारी कार्य लापरवाही के चलते अधूरे रहेंगे लापरवाही से बचे अन्यथा किसी नई कानूनी उलझन में पड़ सकते है। घर का वातावरण कुछ समय के लिये आपके क्रोध के कारण अशांत बनेगा जिसे सामान्य बनाने के लिये बाद में खुशामद करनी पड़ेगी। धारदार औजारों से सावधानी बरतें। रक्त अल्पता के कारण कमजोरी महसूस होगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन के पूर्वार्ध से ही शारीरिक रूप से कार्य करने में असमर्थ अनुभव करेंगे लेकिन फिर भी जबरदस्ती करने पर कम समय मे अधिक थकान होगी। छाती में संक्रमण गले मे अवरोध एवं कफ के कारण खाने पीने में भी परेशानी आएगी। व्यावसायिक कार्यो के साथ घरेलू एवं व्यक्तिगत काम काज के लिये अन्य के ऊपर निर्भर रहना पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र पर मध्यान के बाद ही व्यवसाय में रुचि लेंगे लेकिन आज व्यवसाय की गति भी संध्या को छोड़ अन्य समय मंद ही रहेगी। किसी पुराने देनदारी को लेकर किसी से गुस्से में नाप शनाप बोलदेंगे बाद में इसका दुख भी होगा। धन की आमद खर्च अनुसार कम ही होगी। पारिवारिक जन स्वयं अवस्थ्य होने के कारण आज किसी भी मामले में सहायता नही कर पाएंगे। पूजा पाठ में आज ज्यादा तामझाम से बचे अन्यथा बाद में भारी पड़ेगा। यात्रा भी टालना बेहतर रहेगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप किसी मनोकामना अथवा पुरानी योजना के सफल होने से प्रसन्न रहेंगे। लेकिन कोई नया अथवा पुराना कर्ज मानसिक रूप से बेचैन रखेगा। आज किसी से भी वादा न करें अन्यथा बाद में परेशानी में पड़ सकते है। कार्य क्षेत्र पर आशा से अधिक व्यवसाय होगा लेकिन धन एक या दो कार्यो से ही संतोषजनक मिलेगा। आज आपको जल्दी से किसी के उयर विश्वास भी नही होगा अपनी कार्य शैली को अन्य लोगो पर ना थोपे जानबूझ कर सहकर्मियो का धीमी गति से कार्य करना अथवा आगे के लिये टालना गुस्सा दिलाएगा फिर भी शांत रहने का प्रयास करे। घर मे आध्यात्मिक वातावरण मिलने पर भी आप ज्यादा रुचि नही लेंगे। भाई बंधु की कोई पुरानी गलती पता लगने पर अनैतिक दबाव बनाएंगे जिससे बाद में कलह हो सकती है। संतान का सहयोग प्रत्येक क्षेत्र में मिलेगा। स्वयं अथवा परिजन की सेहत के ऊपर खर्च बढ़ेगा। वाणी में दोष रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आपका स्वभाव मनमौजी रहेगा अपने मे मस्त रहेंगे आवश्यक कार्यो को भी मजबूरी में करेंगे अथवा टालने के ही प्रयास करेंगे जिससे घर के सदस्यों के साथ मन मुटाव होगा। कार्य क्षेत्र पर जिद्दी व्यवहार ना करे आज सबको साथ लेकर कार्य करने में ही भलाई है अन्यथा सांध्य बाद पछताना पड़ेगा। धन लाभ की सम्भवना आज दिन भर बनी रहेगी लेकिन होगा अकस्मात ही। आज आप अपनी वाणी के प्रभाव से लोगो का ध्यान आकर्षित करने में सफ़ल होंगे लेकिन इसका कोई आर्थिक लाभ नही मिल पाने का मलाल भी रहेगा। माता से भावनात्मक संबंधों में कमी आएगी। अचल संपत्ति संबंधित कार्य फिलहाल स्थगित ही रखे खर्च करने के बाद भी परिणाम शून्य ही मिलेंगे। सन्तानो से संबंध खराब होंगे लेकिन किसी बात का गर्व भी होगा। पेट अथवा मूत्राशय मे जलन की शिकायत हो सकती है। पैतृक कारणों से की यात्रा लाभ देगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका स्वभाव अत्यंत सनकी रहेगा। एक पल में किसी से बिना सोचे वादा कर लेंगे बाद में उसका परिणाम और परिश्रम जानकर स्वयं ही दुविधा में पड़ेंगे अंत समय मे पलटने पर सम्मान हानि का भय सताएगा पूरा करने पर स्वयं के कार्यो में व्यवधान आएगा। कार्य क्षेत्र पर जिस भी कार्य को करेंगे आत्मविश्वास से ही करेंगे फिर भी सफलता को लेकर संशय रहेगा लेकिन आज की मेहनत खाली नही जाएगी देर अबेर ही सही कुछ न कुछ लाभ अवश्य होगा। कार्य स्थल पर किसी से कहासुनी के प्रसंग भी बनेंगे शांत रहने का प्रयास करें अन्यथा जो लोग आपको सम्मान की दृष्टि से देखते है वो भी विपरीत हो जाएंगे। सहकर्मी एवं जीवनसाथी के प्रति मन मे शंका जन्म लेगी जिसका परिणाम आने वाले समय मे सही निकलेगा। घर में आज स्वार्थ से ही व्यवहार करेंगे परिजनों की बात को टालने का प्रयास बेवजह कलह करा सकता है। शरीर मे छुट पुट समस्या लगी रहेगी।

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

घटनाओं*इतिहास की मुख्य घटनाओं सहित पञ्चांग-मुख्यांश ..*

*ध्यानार्थ👉 दशमी का श्राद्ध आज।*

 

*_🔅आज शुक्रवार को 👉 आश्विन बदी दशमी 23:05 तक पश्चात् एकादशी शुरू , दशमी का श्राद्ध , अक्टूबर माह शुरु , वक्री बुध कन्या राशि में 26:46 पर , विघ्नकारक भद्रा 10:43 से 23:04 तक , मूल संज्ञक नक्षत्र 26:58 से , गुरु श्री नानकदेव जी ज्योति ज्योत , अंतर्राष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस , राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जन्म दिवस , सैन्य नर्सिंग सेवा स्थापना दिवस ( भारत) , राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस , अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस , नाईजेरिया का राष्ट्रीय दिवस (एक अक्टूबर) , भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) स्थापना दिवस , संघ लोक सेवा आयोग स्थापना दिवस (भारत ) व विश्व शाकाहारी दिवस।_*
*_🔅कल शनिवार को 👉 आश्विन बदी एकादशी 23:12 तक पश्चात् द्वादशी शुरु , एकादशी का श्राद्ध , इन्दिरा एकादशी व्रत (सभी के लिए ) , शुक्र वृश्चिक राशि में 09:47 पर , मूल संज्ञक नक्षत्र जारी , श्री लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती , श्री महात्मा गांधी जयन्ती (स्वच्छता दिवस व अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस) , श्री के. कामराज स्मृति दिवस व World Farm Animals Day / वन्य जीव सप्ताह (02 से 08 अक्टूबर )।_*

*🎯आज की वाणी👉*

🌹
*अनालस्यं ब्रह्मचर्यं*
*शीलं गुरुजनादरः ।*
*स्वावलम्बः दृढाभ्यासः*
*षडेते छात्रसद्गुणाः ॥*
*अर्थात्👉*
_अनालस्य, ब्रह्मचर्य, शील, गुरुजनों के लिए आदर, स्वावलंबन, और दृढ अभ्यास – ये छः छात्र के सद्गुण हैं ।

*🕉हिन्दू संस्कार🕉*

*मृत्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं।*

1. *कामना*-यदि मृत्य के समय हमारे मन मे किसी वस्तु विशेष के प्रति कोई आसक्ति शेष रह जाती है,कोई इक्षा अधूरी रह जाती है,कोई अपूर्ण कामना रह जाती है तो मरणोपरांत भी वही कामना उस जीवात्मा के साथ जाती है।

2. *वासना*- वासना कामना की ही साथी है। वासना का अर्थ केवल शारिरिक भोग से नही अपितु इस संसार मे भोगे हुए हर उस सुख से है जो उस जीवात्मा को आनन्दित करता है। फिर वो घर हो ,पैसा हो ,गाड़ी हो, रूतबा हो,या शौर्य। मृत्यु के बाद भी ये अधूरी वासनाएं मनुष्य के साथ ही जाती हैं और मोक्ष प्राप्ति में बाधक होती है।

3.*कर्म*- मृत्यु के बाद हमारे द्वारा किये गए कर्म चाहे वो सुकर्म हो अथवा कुकर्म हमारे साथ ही जाता है। मरणोपरांत जीवात्मा अपने द्वारा कि ये गए कर्मो की पूँजी भी साथ ले जाता है। जिस के हिसाब किताब द्वारा उस जीवात्मा का यानी हमारा अगला जन्म निर्धारित किया जाता है।

4. *कर्ज़*- यदि मनुष्य ने आपने जीवन मे कभी भी किसी प्रकार का ऋण लिया हो तो उस ऋण को यथासम्भव उतार देना चाहिए ताकि मरणोपरांत इस लोक से उस ऋण को उसलोक में अपने साथ न ले जाना पड़े।

5. *पूण्य*- हमारे द्वारा किये गए दान-दक्षिणा व परमार्थ के कार्य ही हमारे पुण्यों की पूंजी होती है इसलिए हमें समय-समय पर अपने सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा एवं परमार्थ और परोपकार आवश्य ही करने चाहिए।

इन्ही पांचों वस्तुओं से ही मनुष्य को इस मृत्युलोक को छोड़ कर परलोक जाने पर ।उस लोक अथवा अगले जन्म की प्रक्रिया का चयन किया जाता है।

*🕉हिन्दू संस्कार🕉*
*आपका अपना संस्कार*
*सनातन धर्म और गौ माता की सदा जय हो*
*अपने धर्म और संस्कृति की हमेशा रक्षा करें*
*नितिश बणसिया*
*जय जय श्री राम*
*🙏 हिंदू संस्कार की पोस्ट को आप ज्यादा से ज्यादा अपनों के साथ शेयर करें

बुद्धिमान” कौन है ?*
*जो सबसे कुछ सीख लेता है,*
*”शक्तिशाली” कौन है ?*
*जिसका अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण है*,
*”सम्मानित” कौन है?*
*जो दूसरों का सम्मान करता है,*
*और “धनवान” कौन है?*
*जो अपने पास है, उससे ही प्रसन्न है।।*

*इसी विचार के साथ आपको प्रणाम। सुख, शान्ति एवम समृध्दि की मंगलमयी कामनाओं सहित व्यस्त रहे,मस्त रहे, स्वस्थ रहे।।*

*राम राम जी/ ॐ नम: चंडिकाये🙏🙏

*01 अक्टूबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ👉*

1854 – भारत में डाक टिकट का प्रचलन आरंभ हुआ। टिकट पर महारानी विक्टोरिया का सिर और भारत बना होता था। इसकी कीमत आधा आना (1/32 रुपये) थी।
1867 – कार्ल मार्क्स की प्रसिद्ध पुस्तक ‘दास कैपिटल’ प्रकाशित हुई।
1880 – हेनरी ड्रेपर ने ओरायन नेब्यूला का पहला चित्र लिया।
1908 – फोर्ड मोटर कंपनी के संस्थापक अमेरिकी उद्योगपति हेनरी फोर्ड ने टी कार का मॉडल प्रस्तुत किया।
1919- हन्टर समिति की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा 1 अक्टूबर, 1919 ई. को की गई थी।
1926 – भारतीय टुकड़ियों के लिए एक स्थायी नर्सिंग सेवा बनायी गयी और उसे इंडियन मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (आईएमएनएस) का नाम दिया गया।
1939 – जर्मनी और रूस पोलैंड के विभाजन पर सहमत हुए।
1947 – पाकिस्तान और यमन संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य बने।
1949- चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन की शुरुआत हुई।
1949 – जनरल माओ-त्से-तुंग द्वारा चीन जनवादी गणराज्य (पीपुल्स रिपब्लिक आफ़ चाइना) की घोषणा।
1953- आंध्र प्रदेश अलग राज्य बना।
1960 – नाइजेरिया ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ और आज के दिन को वहॉ राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
1962 – संयुक्त राष्ट्र ने न्यू गुएना गणराज्य का नियंत्रण नीदरलैंड को सौंपा।
1967 – भारतीय पर्यटन विकास निगम की स्थापना हुई।
1978 – लड़कियों की शादी की उम्र को 14 से बढा कर 18 और लड़कों का 18 से बढा कर 21 वर्ष किया गया।
1996 – अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा पश्चिम एशिया शिखर सम्मेलन का उद्घाटन।
1998 – श्रीलंका में किलिनोच्ची एवं मानकुलम शहरों पर कब्ज़े के लिए सेना एवं लिट्टे उगवादियों के बीच हुए संघर्ष में 1300 लोगों की मृत्यु।
2000 – सिडनी में 27वें ओलम्पिक खेल सम्पन्न।
2002 – एशियाड खेलों में स्नूकर प्रतिस्पर्द्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ।
2003 – नदियों को जोड़ने के सम्बन्ध में बांग्लादेश की आशंकाओं को भारत ने दूर किया।
2004 – इज़रायली प्रधानमंत्री एरियल शैरोन के मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर सैनिक कार्रवाई की योजना को मंजूरी दी।
2005 – इंडोनेशिया के बाली में हुए बम विस्फोट में 40 लोगों की मृत्यु।
2006 – इज़रायल ने लेबनान से अपनी सेना की आख़िरी टुकड़ी को भी वापस बुलाया।
2007 – जापान ने उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ प्रतिबन्धों को अगले छ: महीनों तक बढ़ाने की घोषणा की।
2008- आतंकवादियों ने त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बम ब्लास्ट किया।
2015- ग्वाटेमाला के संता काटरीना पिनुला में भारी बारिश और भूस्खलन से 280 लोगों की मौत।
2019 – देशी ( भारतीय ) फाइटर जेट तेजस ने विमानवाहक पोत से टेकऑफ और लैंडिंग का परीक्षण एक ही उड़ान में पास किया।
2020 – अंतर्राष्‍ट्रीय वृद्ध दिवस पर डॉ. हर्षवर्धन ने स्‍वस्‍थ वृद्धावस्‍था दशक (2020-2030) की शुरुआत की।
2020 – स्वदेशी रूप से निर्मित्त लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का लंबी रेंज पर स्थित एक टारगेट को भेदते हुए सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह परीक्षण 22 सितंबर 2020 को किए सफल परीक्षण की निरंतरता में केके रेंजेज (एसीसीएंडएस) में एमबीटी अर्जुन से किया गया।
2020 – भारत और म्‍यांमा के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए विदेश कार्यालय स्‍तर के सलाह-मश्विरे के 19वें दौर की शुरुआत हुई।

*01 अक्टूबरको जन्मे व्यक्ति👉*

1842 – एस. सुब्रह्मण्य अय्यर- स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद्‌ और सामाजिक कार्यकर्ता।
1847 – भारत के स्वाधीनता आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली थियोसोफिकल सोसायटी की सदस्य ऐनी बेसेंट का लंदन में जन्म हुआ।
1895 – लियाक़त अली ख़ाँ – पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री।
1901- प्रताप सिंह कैरों- स्वतंत्रता सेनानी एवं पंजाब के भूतपूर्व मुख्यमंत्री ।
1904 – ए. के. गोपालन – केरल के प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेता और भारत के स्वतंत्रता सेनानी ।
1906 – महान पार्श्व गायक गायक सचिन देव बर्मन का जन्म कोमालिया (बांग्लादेश) में हुआ।
1919 – मजरूह सुल्तानपुरी – हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध गीतकार ।
1924 – जिमी कार्टर – अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति ।
1927 – शिवाजी गणेशन – प्रसिद्ध तमिल अभिनेता ।
1928 – सूरज भान – भारतीय राजनीतिज्ञ एवं दलित नेता ।
1938 – माइकल फ़रेरा – भारत के महान् बिलियर्ड्स खिलाड़ी।
1945 – रामनाथ कोविंद – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजनेता है। वे राज्य सभा के भी सदस्य रह चुके हैं।वर्तमान भारत के राष्ट्रपति।
1951 – जी.एम.सी. बालायोगी – प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ।
1966 – त्रिलोक सिंह ठकुरेला – राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत ।
1975 – सचिन देव बर्मन – बंगला और हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार तथा गायक ।

*01 अक्टूबर को हुए निधन👉*

1884 – फ़्रांस के प्रसिद्ध कवि और लेखक पीयर कारनेली का 78 वर्ष की आयु में निधन हुआ। इन्हें फ़्रांस में नाटक लिखने के मैदान का पितामह और क्लासिकल नाटक का संस्थापक कहा जाता है।
1979 – चन्दन सिंह गढ़वाली – भारत के क्रांतिकारी।

*01 अक्टूबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव👉*

🔅 गुरु श्री नानकदेव जी ज्योति ज्योत।
🔅 अंतर्राष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस ।
🔅 राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जन्म दिवस ।
🔅 सैन्य नर्सिंग सेवा स्थापना दिवस ( भारत)।
🔅 राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस ।
🔅 अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस ।
🔅 नाईजेरिया का राष्ट्रीय दिवस (एक अक्टूबर) ।
🔅 भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) स्थापना दिवस ।
🔅संघ लोक सेवा आयोग स्थापना दिवस।
🔅 विश्व शाकाहारी दिवस ।

*कृपया ध्यान दें जी👉*
*यद्यपि इसे तैयार करने में पूरी सावधानी रखने की कोशिश रही है। फिर भी किसी घटना , तिथि या अन्य त्रुटि के लिए मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है ।*

🌻आपका दिन *_मंगलमय_* हो जी ।🌻

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*शुक्रवार, 01 अक्टूबर 2021 के मुख्य समाचार*

🔸गहलोत पर मोदी ने ली चुटकी- पार्टी अलग, विचाराधारा अलग लेकिन ये दोस्ती, ये विश्वास, ये भरोसा ही लोकतंत्र की ताकत है

🔸PM मोदी आज स्वच्छ भारत मिशन-शहरी और अटल मिशन के दूसरे चरण की करेंगे शुरुआत

🔸किसान आंदोलन पर SC की सख्त टिप्पणी, कहा- हाईवे को अनिश्चित काल के लिए नहीं कर सकते बंद

🔸आजाद सहित ‘G-23′ के कई नेताओं ने सिब्बल के घर पर ‘उपद्रव’ की निंदा की, कहा- वे एक वफादार कांग्रेसी

🔸पवन खेड़ा की पार्टी सहयोगियों से अपील- कांग्रेस के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक न करें

🔸कानून मंत्री किरेन रिजिजू का डांस देख इंप्रेस हुए PM मोदी, कहा- हमारे मंत्री भी अच्छे डांसर

🔸पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस शब्द हटा दिया

🔸LIVE: अब मैं कांग्रेस का हिस्सा नहीं हूं, सिद्धू को जीतने नहीं दूंगा- कैप्टन अमरिंदर सिंह

🔸Bengal Election LIVE: तीनों सीटों पर मतदान संपन्‍न, भवानीपुर में 53 फीसद, जंगीपुर व शमशेरगंज में क्रमश: 76.12 व 78.60 फीसद पड़े वोट

🔸पेशावर: पाकिस्तान में सिख डॉक्टर की बर्बरता के साथ हत्या, चार बार मारी गोली

🔸पूर्व मंत्री नटवर सिंह ने गांधी परिवार पर साधा निशाना, कहा- ‘कांग्रेस के खराब हालात के लिए सोनिया, राहुल और प्रियंका जिम्मेदार’

🔸आनंद गिरि को हरिद्वार से प्रयागराज ले आई सीबीआई, कब्‍जे में लिया लैपटॉप और आईफोन

🔸कानपुर के कारोबारी की पत्नी को OSD की नौकरी, 10 लाख से ज्‍यादा मुआवजा… योगी ने मानीं सभी मागें

🔸देश में रिकवरी रेट 98%, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- अभी भी सावधान रहने की जरूरत

🔸केंद्र सरकार ने दिया तीसरी लहर से बचाव का फॉर्मूला- त्योहार भी, कोविड सेफ व्यवहार भी

🔸महाराष्ट्र में गुलाब तूफान से 23 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद, राज ठाकरे ने CM को पत्र लिखकर किसानों के लिए मांगी आर्थिक मदद

🔸पंजाब भवन में नवजोत सिंह सिद्धू ने सीएम चरणजीत ​सिंह चन्नी की मुलाकात की, सुलह का फॉर्मूला तैयार

🔸कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय का अलर्ट:स्वास्थ्य सचिव बोले- केरल में देश के 52% एक्टिव केस, ICMR के DG ने कहा- त्योहारों में भीड़ न लगाएं

🔸गुजरात हेरोइन तस्करी के तार जुड़े हिमाचल से:DRI टीम ने 3 दिन में प्रदेश से पकड़े 3 आरोपी; दो अफगान नागरिक शिमला और UP का एक शख्स कुल्लू से गिरफ्तार

🔸1993 सीरियल बम ब्लास्ट केस:आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, इरफान और हमीमुद्दीन पर आरोप तय; 25 अक्टूबर से सुनवाई होगी

🔸मुकेश अंबानी से ज्यादा कमाते हैं अडाणी:गौतम अडाणी हर दिन कमाते हैं 1,002 करोड़ रुपए, फिर से एशिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी बने

🔸दीर्घकालिक समझौता होने तक जारी रहेगा चीन के साथ सीमा विवाद: सेना प्रमुख

🔹Live Score: हैदराबाद को हराकर प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम बनी चेन्नई

🔹टीम इंडिया में बगावत की खबर को BCCI ने किया खारिज, धूमल ने बताया विराट कोहली की शिकायत किसी ने भी नहीं की

*आप का दिन शुभ और मंगलमय हो सुप्रभात….!*
जय हो🙏

 #1857_में_गांव_गांव_घूमती_चपाती_और_हर_छावनी_में_घूमता_रक्तकमल

परिस्थिति कुछ ऐसी थी कि 1612 में व्यापार के आवरण में भारत लूटने के मकसद से आयी ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहले बंगाल, फिर मैसूर और मराठाओं को पराजित कर भारत में बड़ी मजबूत पकड़ बना ली थी। तत्पश्चात कंपनी ने भारतीय राज्यों के साथ संधियां कर और उटपटांग कानून बना कर खूब सीमा विस्तार किया। फिर सिखों, नेपालियों, बेरार और अवध को हरा कर लगभग पूरा भारत कंपनी के अधिकार में चला गया था। ऐसे में पूरे भारत में अंग्रेज़ों के खिलाफ बारूद भरा था। इसमें पहली चिंगारी 1806 में वेल्लोर में लगी। परन्तु इसे कुचल दिया गया। ऐसे में 1857 में नाना साहब और तात्या टोपे ने जिस चतुराई के साथ युद्ध की पूरी रणनीति बनाई वह पढ़ने और सुनने लायक है।

1857 के विषय में पढ़ते हुए आप सब ने कुछ रहस्यमयी घटनाओं के विषय में पढ़ा होगा। गांव-गांव घूमती चपाती और हर छावनी में घूमता रक्तकमल। अंग्रेज़ों ने इस विषय में लिखा है। उनकी लेखनी से आप समझ सकते हैं कि यह कितना रहस्यमयी था उनके लिए। उनके भारतीय नौकर तक इन घटनाओं का उत्तर नहीं दे पा रहे थे।

चपातियों की घटना कुछ ऐसे होती थी….यह ज्ञात था कि गांव के बाहर से कोई संदेशवाहक आता था और गांव के मुखिया को रोटियां पकड़ाकर उन्हें अगले गांव तक इन्हें पंहुचाने का निर्देश दे जाता था। इस तरह भारत के कई भागों में ये घूमती चपातियां पाई जाने लगीं। …

अंग्रेज़ों ने इसकी व्याख्या करते हुए इसे भारतीय अंधविश्वास बताया। परन्तु भारतीयों में ऐसा कोई विश्वास नहीं ये तो हम सब जानते हैं।

ये चपातियां उत्तर-पश्चिम से लेकर अवध और बंगाल तक पायीं जाने लगीं। अंग्रेज़ों ने विवरणी में लिखा है –

… फिर हमने कुछ चपातियों के कुछ रहस्यमयी किस्से सुने। ऐसा समझ में आता है कि कानपुर के चौकीदार ने फतेहगढ़ के चौकीदार को 2 चपातियां दीं और ऐसी 10 चपातियां बनाकर उसके पड़ोस के सभी चौकीदारों को 2-2 चपातियां बांटने का निर्देश भी दिया। …

गंगा के खेतों से लेकर मध्य भारत में सागर और दूसरे शहरों तक ये पायीं जाने लगीं। अवध के पराजय के ठीक बाद से रोटियों का ये क्रम शुरू होकर फ़रवरी 1857 तक चला।

इसी तरह चपातियों से पहले 1856 के उत्तरार्ध से एक और घूर्णन शुरू हुआ – बंगाल सेना की सभी छावनियों में रक्तकमल देखा जाने लगा। इसकी सभी कहानियों में कुछ बातें सम्मान थीं –

… सूबेदार, जो एक पलटन की कमान संभालता था, अपने सभी सिपाहियों को पंक्ति में खड़ा करता और पहले सैनिक को रक्तकमल पकड़ाता। हर सैनिक अपने बाद वाले सैनिक को ये कमल देता और इस तरह जब कमल अंतिम सैनिक के हाथ पहुँचता, तो वह कमल लेकर छावनी से बाहर चला जाता।

यहां गौर करने की बात ये है कि जहां चपातियां केवल गांवों में भेजे गए, कमल भी केवल छावनियों में नज़र आये।

इन चपातियों और कमलों को 1857 के इस युद्ध का प्रतीक माना जाता है। परन्तु क्या ये सिर्फ प्रतीक मात्र थे ?

इस दौरान एक और घटना हुई। नाना साहब ने एक पूजा करवाई जिसमें मखानों का उपयोग किया गया। मखाने कमलगोटे यानी कमल के बीजों से ही बनते हैं। इन मखानों को रोटियों में भरा गया। और ये रोटियां प्रसाद स्वरुप महल से बाहर भिजवाईं गयीं।

क्या ये आपस में रहस्य के टुकड़ों की भांति जुड़ रहे हैं?

अब कुछ और तथ्य जानिये। जब छावनियों में रक्तकमल का वितरण शुरू हुआ तब कमल लेकर आने वाला सैनिक सर झुका कर कहता, “सब लाल हो जाएगा।” और 1857 की फरवरी में ये नारा बदल कर हो गया “सब लाल हो गया।”

अंग्रेज़ों के लिए ये सब भारतीय अंधविश्वास था। उन्होंने सोचा कि ये नारा अंग्रेज़ों (उन्हें रेडकोट कहते थे) द्वारा भारत जीतने को बताता है। इसी सोच के साथ हमारे इतिहासकारों ने भी इन घटनाओं की अनदेखी की।

परन्तु, ये इतिहासकार भूल गए कि किसी भी सेना की पहली जरुरत है राशन और एक बार ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध हथियार उठा लेने पर ये सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की संरचना का उपयोग नहीं कर पाते। उन्हें अपनी अलग संरचना तैयार करनी पड़ती।

हर रक्तकमल जब नाना साहब की पूजा में पंहुचा तो वह एक पलटन का प्रतीक था। जब उससे बने मखानों को रोटियों में भरकर गांव गांव भेजा गया तो उन पलटनों के राशन का प्रबंध किया जा रहा था। एक सैनिक को कम से कम दाल-रोटी ही खिलाइये, तो भी उस पर एक दिन में लगभग एक किलो अनाज खर्च होगा ही। अतः ऐसे युद्ध से पहले इतनी योजना आवश्यक भी थी। लगभग 50000 भारतीय सैनिकों ने अंग्रेज़ों के खिलाफ हथियार उठाये थे। अगर आप गणना करें तो सिर्फ एक महीने में उन्हें 1500 टन अन्न की आवश्यकता होती। ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में हर सैनिक के साथ तीन गुरगा होता था। क्या नाना साहब की सेना में उन्हें भी गिनना चाहिए? फिर हाथी-घोड़ों को भी गिनने से ये आंकड़ा 1500 टन से कितना अधिक बढ़ जाएगा?

अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि अंधविश्वास और परंपरा के नाम पर सैनिकों की गिनती भी की गयी और उनके खाने का इंतज़ाम भी। अंग्रेज़ों को अपनी सारी शक्ति लगानी पड़ी इस युद्ध में विजय पाने के लिए।

इस युद्ध का ही परिणाम था कि बाकी अंग्रेज उपनिवेश जहां आज भी अंगरेजी संस्कृति के गुलाम हैं, वहीं भारत की संस्कृति जीवित रही।

अब इससे चतुर और कौन सी रणनीति होगी?
✍🏻मलंग काशी वाले

“राम भरोसे हिन्दू होटल”

सन 1857 के विद्रोह को जब फिरंगी हुक्मरानों ने कुचल दिया था तो भारत में राष्ट्रवाद का उदय ही न हो इसके लिए उन्होंने कई इन्तेज़ामत किये | भारत की शिक्षा व्यवस्था का विदेशीकरण कर डाला गया था | रोजगार से जुड़ी चीज़ें सिखाई ही नहीं जाती थी | मैकले मॉडल का मुख्य उद्देश्य ही यही था कि शिक्षा व्यवस्था से ऐसे भारतीय पैदा किये जाएँ जो दिखने में, रहन सहन के तरीकों में तो भले ही भारतीय हों मगर मानसिक तौर पर वो फिरंगी गुलाम ही रहें | मैकले ने खुद अपनी चिट्ठियों में ऐसी ही शिक्षा व्यवस्था के विकास की बातें की हैं |

हथियारों पर लाइसेंस की प्रक्रिया भी उसी दौर में आई थी | अखाड़ों पर पाबंदियां लगाई गई थी, हथियार रखने और चलाना सीखने की मनाही थी | इस से जातिवाद और छुआ-छूत को बढ़ावा देने में भी मदद मिलती थी | इस समय जब ऐसा प्रचार शुरू किया गया कि भाई युद्ध कला तो सिर्फ राजपूतों को सिखाई जाती थी, तो दो सौ सालों में लोगों को इस झूठ पर भरोसा भी होने लगा | वैसे जो लोग बनारस के मणिकर्णिका घाट तक गए हैं, उन्होंने शायद डोम राजा का अखाड़ा भी देखा होगा | मैकले के मानस पुत्रों को ये भी बताना चाहिए कि अगर युद्ध कला सिर्फ राजपूत / क्षत्रिय जाति के लोग सीखते थे तो ये ज्यादातर अखाड़े उन जाति के लोगों के क्यों हैं जिन्हें अछूत माना जाता है ? फिर सवाल ये भी है कि अगर इन लोगों को छूने पर पाबन्दी थी, तो भला इन जगहों पर बिना छुए कुश्ती सीखते कैसे होंगे “सवर्ण” ?

सन 57 का विद्रोह कुचल दिया गया था और भारत 50 साल में युद्ध के लायक भी नहीं रह गया | लेकिन फिर भी करीब 50 साल में राष्ट्रीयता की भावना फिर से जागने लगी | 1915-1920 के दौर में जब गाँधी जी भारत आ गए थे और कांग्रेस के झंडे तले होम रूल का आन्दोलन जोर पकड़ने लगा था, तो लोग फिर से सड़कों पर उतरने लगे थे | उस समय के कई तथाकथित बुद्धिजीवी मानते थे कि “हिन्दुओं की कौम” तो मिट चुकी है, इनका लड़ने भिड़ने का दम नहीं रह गया | ऐसे ही दौर में एक प्रमुख क्रन्तिकारी पार्टी के सरगना अपने फिरंगी आकाओं को चिट्ठी लिख कर, रिपोर्ट भेजकर ये बताते थे कि कैसे वो इस आन्दोलन को कुचलने में मदद करके अपने फिरंगी हुक्मरानों की मदद कर रहे हैं !

ये वो दौर था जब हिन्दुओं से कुछ नहीं हो पायेगा ये बताने के लिए एक विशेष राजनैतिक विचारधारा के बुद्धिपिशाचों ने “राम भरोसे हिन्दू होटल” का जुमला उछालना शुरु किया | अगर आप सोचते हैं कि ये अजीब सा जुमला आया कहाँ से ? तो जनाब ये तस्वीर 6 अप्रैल 1919 की है जिसमें फिरंगी शासन के विरोध में लोग बिना किसी स्थापित नेतृत्व के ही सड़कों पर उतरना शुरू हो चुके थे | इनसे कुछ नहीं हो पायेगा ये कहने के लिए इस तस्वीर में पीछे दिख रहे होटल का नाम जुमले की तरह उछाला गया था |

क्या होगा ये पता नहीं, या कुछ भी नहीं हो पायेगा, सब फर्जी शोर है ये साबित करने के लिए एक आयातित विदेशी विचारधारा के बुद्धि-पिशाचों ने इस तरह “राम भरोसे हिन्दू होटल” का जुमला शुरू किया

खुसरो खान- ये किसी मुस्लिम का नाम नहीं हे ये एक हिन्दू राजा का नाम है जिसने खिलजी सल्तनत का अंत किया था शायद ये नाम आप पहली बार सुन रहे हों, पर इतिहास का ज़िक्र हो ही रहा हे तो ये जानना भी जरूरी है की खुसरो खान कौन सी शख्सियत का नाम है| हमें हमेशा से ये ही पढ़ाया गया है की जो दलित हिन्दू थे उन्होंने स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन किया था, जो की गलत है| इस बात के प्रमाण के लिए हम आप को १२०० ई. के अंत में जाना होगा जब 1297 ई. में में नीच अल्लौद्दीन खिलजी ने पवित्र सोमनाथ के मंदिर को पूर्व मुस्लिम शासकों की तरह लूटने के उलूग खान और नुसरत खान को भेजा था| पवित्र सोमनाथ मंदिर की रक्षा करते हुए लाठी राज्य के हमीरजी गोहिल और उनके दोस्त वेगदो भील दोनों पवित्र सोमनाथ मंदिर के निकट एक लड़ाई में मारे गए थे व उन्ही वेगदो भील का मित्र था खुसरो खान| अब जानना जरूरी ये हे की खुसरो खान का असली नाम किसी को भी नहीं मालूम, क्यूंकि ये सब कुछ बहुत ही कम वक़्त में हुआ था इसीलिए वर्तमान इतिहास में खुसरो खान का बहुत ही कम जिक्र है, पर जो बात पता है वो ये थी की,
१-वेगदो भील ने मरने से पहले खुसरो खान को सोमनाथ के मंदिर के अपमान और शहीदों की मृत्यु का बदला लेने को कहा
२-खुसरो खान एक दलित (परवारी-महार) हिन्दू थे व उन्हें युद्ध में पकड़ लिया गया था| refrence – इब्नबतूता की किताबों में इसका पूरा जिक्र है|
३-खुसरो खान ने खिलजी सल्तनत का अंत किया था न की गयासुद्दीन तुग़लक़ ने जैसा की गलत हमें पढाया गया है|
४- खुसरो खान को अत्यधिक प्रताड़ित किया गया व उन्हें इस्लाम कबूलवाया गया|
५- अंत में खुसरो खान ने अल्लौद्दीन खिलजी के मरने के बाद उसके बेटे मुबारक शाह को मार कर सोमनाथ के बदला ले लिया और खिलजी सल्तनत का अंत कर दिया |
६- बाद में खुसरो खान ने दुबारा हिन्दू धर्म स्वीकार लिया था व इस बात के स्पष्ट प्रमाण मौजूद हैं |
Reference -Advanced Study In The History Of Medieval India – Vol I, Volume 1 By Jaswant Lal Mehta, pg. 185
७-और उसके बाद खुसरो खान दिल्ली का राजा बना, हालांकि वो केवेल ६ माह ही राज कर पाया उसके बाद उसे गयासुद्दीन तुग़लक़ ने हरा दिया | परन्तु ख़ुशी की बात ये हे की एक दलित हिन्दू ने मजबूरी में इस्लाम स्वीकारने के बाद फिर से हिन्दू धर्म स्वीकार करके एक हिन्दू राजा बना दिल्ली सल्तनत का|
अब हमारा एजुकेशन सिस्टम हमें क्या पढ़ाता है ये बात तो सबको पता चल ही गयी होगी!!
खुसरो खान को तो मिटा ही दिया गया है|

संथाल जनजाति बिहार, झारखंड के अलावा बंगाल में भी होती है | बीरभूम जिले के सुलंगा गाँव में इनके करीब सौ घर होंगे | छोटा सा गाँव है, संथालों की आबादी भी वही 500-700 जैसी होगी | इतने मामूली से गाँव का जिक्र क्यों ? क्योंकि बरसों पहले यहाँ अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका गया था | जैसा कि बाकी भारत में हुआ था यहाँ भी विद्रोह की मुख्य वजह धार्मिक और आर्थिक ही थी |

ये वो दौर था जब बिहार और बंगाल अलग अलग सूबे नहीं थे | एक ही बंगाल हुआ करता था और लोग भाषाई आधार पर सीमायें मानते थे | 1907 के उस दौर में बिहार के एक करपा साहेब को बुला कर यहाँ का जमींदार बना दिया गया और वो लगे किसानों से लगान वसूलने | इस लगान की दो शर्ते थी, या तो सीधे तरीके से लगान दो, या इसाई हो जाओ तो लगान माफ़ किया जायेगा |

विरोध करने वालों को या तो मार दिया गया था या पकड़ कर असम में कुली बना कर भेजा गया था | इस नाजायज और जबरन वसूली ऊपर से धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुर्मू लोग विद्रोह पर उतर आये | जैसा कि बाकी के भारत में होता है और तिलक ने भी किया था वैसे ही यहाँ भी लोगों ने एकजुट होने के लिए त्योहारों का ही सहारा लिया | दुर्गा पूजा की नवमी को बलि प्रदान के दिन जब सब इकठ्ठा होते वहीँ से विद्रोह की शुरुआत हुई थी | विद्रोह के नेता थे बोर्जो मुर्मू और उनके भाई |

दल हित चिन्तक आज महिषासुर को जब संथाल लोगों का वंशज और झारखण्ड इलाके का वासी बताने की कोशिश कर रहे हैं तो उन्होंने संथाल इतिहास तो जरूर ही देखा होगा ? अब ये सवाल इसलिए है क्योंकि बोर्जो मुर्मू के भाई का नाम दुर्गा मुर्मू था | जब इतिहास में संथाल विद्रोह दर्ज किया जाता है तो दुर्गा मुर्मू और बोर्जो मुर्मू का नाम साथ ही लिया जाता है | बोर्जो मुर्मू के वंशज अभी भी इसी गाँव में होते हैं | दुर्गा पूजा अभी भी यहाँ होती है, हां संस्कृत वाले मन्त्र नहीं पढ़े जाते, स्थानीय भाषा में बदले हुए मन्त्र होते हैं | तारीख़ वही बाकी भारत की दुर्गा पूजा वाली होती है मूर्तियाँ स्थानीय रंग-ढंग की |

जांच करने के लिए जो जाना चाहेंगे वो गाँव के पुजारी रोबीन टुडू से अष्टमी को गोरा साहिब को दर्शाने के लिए सफ़ेद छागर की बलि की प्रथा जांच सकते हैं | इलाके के वाम मोर्चे के पुराने मुखिया अरुण चौधरी से भी बात कर सकते हैं, दुर्गा पूजा में कम्युनिस्ट भी शामिल होते है | क्या कहा ? रोबिन टुडू नाम क्यों है पुजारी का ? भाई वो क्रिस्चियन वाला Robin नहीं है, “रविन्द्र” का बांग्ला अपभ्रंश है रोबीन ! नहीं भाई, हर बार पुजारी ब्राह्मण हो ये भी जरूरी नहीं होता |

बाकी ऊँचे अपार्टमेंट की तेरहवीं मंजिल (जिसका नाम आपने अज्ञात कारणों से 14th Floor रखा है) पर बंद ए.सी. कमरों से भारत पूरा दिखता भी नहीं जनाब ! नीचे जमीन पे आइये तो बेहतर दिखेगा |
✍🏻आनंद कुमार