शिखा (चोटी) रखने के वैज्ञानिक और वैदिक कारण और अभूतपूर्व लाभ शिखा रखने वाले को नहीं मिलती है नर्क की यातनासामान्य रूप से देखने-सुनने में शिखा बालों का एक गुच्छा है जो मनुष्य के सिर में उस स्थान पर होता है। लेकिन वास्तव में जहां उस का अधिपति मर्म क्षेत्र होता है। यह अधिपति मर्म क्षेत्र वह स्थान है जहां पर व्यक्ति की समस्त नाड़ियों का मेल होता है और यह अधिपति मर्म स्थान ही शरीर को संतुलित करता है।
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शिखा का आकार
धर्मं ग्रंथो और शास्त्रों के अनुसार शिखा का आकार गाय के पैर के खुर के समान होना चाहिए, न उससे अधिक और न ही उससे कम। कहा जाता है कि शिखा का आकर इससे कम या ज्यादा होने पर वह ठीक से काम नहीं कर पाती है।
शिखा क्यो बांधी जाती है / शिखा बंधन क्यों
शिखा को जीवन का आधार माना गया है, मस्तिष्क के भीतर जहां पर बालों का आवर्त या भंवर होता है उस स्थान पर नाड़ियों का मेल होता है, जिसे अधिपति मर्म कहा जाता है। यह स्थान बहुत ही नाजुक होता है जिस पर चोट लगने पर व्यक्ति की तुरंत मृत्यु हो सकती है। शिखा में गांठ लगाने पर वह इस स्थान पर कवच के जैसे कार्य करती है, यह तीव्र सर्दी और गर्मी से इस स्थान को सुरक्षित रखने के साथ ही चोट लगने से भी बचाव करती है।
शिखा बंधन मस्तिष्क की उर्जा तरंगों की रक्षा कर व्यक्ति की आत्मशक्ति बढ़ाता है।
पूजा पाठ के समय शिखा में गांठ लगाकर रखने से मस्तिष्क में संकलित ऊर्जा तरंगे बाहर नहीं निकल पाती है और वह अंतर्मुखी हो जाती है। इनके अंतर्मुखी हो जाने से मानसिक शक्तियों को पोषण, सद्बुद्धि, सद्विचार आदि की प्राप्ति वहीं वासना की कमी, आत्मशक्ति में बढ़ोतरी, शारीरिक शक्ति का संचार, अनिष्टकर प्रभाव से रक्षा, सुरक्षित नेत्र ज्योति, कार्यों में सफलता जैसे अनेक लाभ मिलते हैं।
शिखा कब बांधनी चाहिए
शास्त्रों के अनुसार संध्या विधि में संध्या से पूर्व गायत्री मंत्र के साथ शिखा बंधन का विधान है। किसी भी प्रकार की साधना से पूर्व शिखा बंधन गायत्री मंत्र के साथ होता है जो कि एक सनातन परंपरा है।
स्नान, दान, जप, होम, संध्या और देव पूजन के समय सीखा में गांठ अवश्य लगानी चाहिए।
मंत्र उच्चारण और अनुष्ठान करने के समय भी सीखा में गांठ मारने का विधान है, इसका कारण यह है कि गांठ मारने से मंत्र स्पंदन द्वारा उत्पन्न होने वाली समस्त ऊर्जा शरीर में ही एकत्र होती है।
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शिखा बंधन मंत्र
वेसे तो गायत्री मंत्र के साथ शिखा बांधी जाती है लेकिन इस मंत्र के साथ भी शिखा बंधन किया जाता है
चिद्रूपिणि महामाये दिव्यतेजः समन्विते ।
तिष्ठ देवि शिखामध्ये तेजोवृद्धि कुरुव मे ।।
चिद्रूपिणि महामाये दिव्यतेजः समन्विते ।
तिष्ठ देवि शिखामध्ये तेजोवृद्धि कुरुव मे ।।
यानी कि जो चित्रस्वरूपी महामाया है, जो दिव्य तेजोमयी है, वह महामाया शिखा के मध्य में निवास करें और तेज में वृद्धि करें।
इस समय खोल देनी चाहिए या
इस समय शिखा नही बंधी होनी चाहिए शिखा..धर्म ग्रंथों के अनुसार व्यक्ति को लघुशंका, दीर्घशंका, मैथुन एवं किसी शव यात्रा को कंधा देते वक्त शिखा को खोल देना चाहिए।शिखा ज्ञान प्राप्त करने का और अपनी देह को स्वस्थ रखने का उत्तम माध्यम है। सुश्रुत संहिता के अनुसार मस्तक के ऊपर सिर पर जहां भी बालों का भंवर होता है, वहां संपूर्ण नाड़ियों व संधियों का मेल होता है, जिससे इस स्थान को अधिपतिमर्म कहा जाता है।
मन बुद्धि और शरीर को नियंत्रण करने में भी सहायक
शरीर के पांच चक्रों में सहस्त्रार चक्र इसी स्थान पर होता है जहा शिखा रखी जाती है। शिखा रखने से सहस्त्रार चक्र को जागृत करने और शरीर बुद्धि व मन को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।
जिस स्थान पर चोटी या शिखा होती है वह स्थान अन्य जगहों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होता है वहीं पर सुषुम्ना नाड़ी भी होती है। इसी स्थान के कारण वातावरण से उस्मा व अन्य ब्रह्मांड की विद्युत चुंबकीय तरंगे मस्तिक से सरलता से आदान प्रदान कर लेती है। इस स्थान पर शिखा रखने से मस्तिष्क के यथोचित उपयोग के लिए नियंत्रित ताप प्राप्त होता है।
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शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक
शिखा या चौटी का हल्का का दबाव पड़ने से रक्त प्रवाह भी तेज रहता है, जो मस्तिष्क को बहुत ही फायदा पहुंचाता है। शिखा रखने से व्यक्ति प्राणायाम अष्टांग योग आदि योगिक क्रियाओं को ठीक प्रकार से कर सकता है। शिखा रखने से व्यक्ति की नेत्र ज्योति सुरक्षित रहती है, वही यह रखने से व्यक्ति स्वस्थ, बलिष्ठ, तेजस्वी और दीर्घायु रहता है।
शिखा कुंडली पर भी प्रभाव डालती है जिससे जिस किसी भी व्यक्ति की कुंडली में राहु खराब या निम्न स्तर पर हो कर खराब असर दे रहा होता है तो उसे माथे पर तिलक और सिर पर चोटी रखने की सलाह दी जाती है।
शिखा रखने पर देवता भी करते है मनुष्य की रक्षा।
सर पर चोटी रखने के वैज्ञानिक महत्व
विज्ञान के अनुसार शिखा रखे जाने का स्थान मस्तिष्क का केंद्र होता है। इसी स्थान से बुद्धि, मन और शरीर के अंगों को नियंत्रित किया जाता है इसी कारण स्थान पर शिखा या चोटी रखने से मस्तिष्क का संतुलन बना रहता है। शिखा रखने से इस स्थान पर होने वाले सहस्त्रार चक्र को जागृत करने और शरीर, बुद्धि व मन पर नियंत्रण करने में सहायता मिलती है।
वेद ही नही विज्ञान ने भी बताया है शिखा का महत्व
शिखा रखने के महत्व को न केवल वेद ने बल्कि विज्ञान ने भी अनेक अवसरों पर प्रमाणित किया है। शिखा सुषुम्ना की रक्षा करती है एवं इससे स्मरण शक्ति का भी विकास होता है साथ ही यह मानसिक रोगों से भी बचाव करती है। शिखा के कसकर बंधने से मस्तिष्क पर दबाव बनता है जिससे रक्त का संचार सही तरीके से होता है। शिखा रखने के स्थान पर पिट्यूटरी ग्रंथि होती है जिससे उस रस का निर्माण होता है जो पूरे शरीर और बुद्धि को तेज, संपन्न, स्वस्थ और चिरंजीवी बनाता है। शिखा रहने से वह स्थान स्वस्थ रहता है।
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शिखा या चोटी रखने के कारण1. परंपरा के मुताबिक हिंदू ब्राह्मण के बच्चे को जब दीक्षा देते हैं या संस्कारित करते हैं तो उनके सिर के बाकी के बाल उतरवाकर एक शिखा छोड़ देते हैं। ब्राह्मण के बच्चे साधना से पहले अपनी चोटी को पकड़कर उसे घुमाते, मोड़ते और खींचते हैं और सिर की चोटी को बांधने से पहले वह उस बिंदु पर पर्याप्त जोर डालते हैं।
2. पहले के समय सभी ब्राह्मण हर दिन अपनी शिखा के बाल पकड़कर खींचते थे, रोजाना साधना से पहले वह शिखा को खींचकर कसकर बांध देते थे। माना जाता है कि ऐसा करने से साधना बेहतर होती थी और परमात्मा के प्रति गहरी भावना उत्पन्न होती थी।
3. ब्राह्मण पुरुषों के सिर पर चोटी रखने का सबसे बड़ा कारण सुषुम्ना नाड़ी को बताया जाता है। कहा जाता है कि शिखा के ठीक नीचे यह नाड़ी होती है जो कपाल तंत्र की दूसरी खुली जगहों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील भी होती है।
4. सिर पर शिखा रखकर आसानी से तापमान को नियंत्रित किया जा सकता हैयही बड़ी वजह है कि प्राचीन काल से ही सिर पर चोटी रखने का प्रचलन है। पहले के समय जो शिखा नहीं रखते थे वह व्यक्ति अपने सिर पर पगड़ी बांध कर रखते थे।
5. प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में पांच चक्र होते हैं, जिसमें से सहस्त्रार चक्र इसी स्थान पर होता है इस जगह पर चोटी रखने से यह चक्र जागृत होता है जिससे मन और बुद्धि नियंत्रित रहती है।
6. शरीर के जिस भाग पर चोटी रखी जाती है वह स्थान बौद्धिक क्षमता, बुद्धिमता और शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करता है साथ ही मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को सुचारू रूप से रखने में भी सहायता करता है।
7. सिर पर शिखा को कसकर बांधने की वजह से मस्तिष्क पर दबाव बनता है और रक्त का संचार सही तरीके से होता है।
8. सिर पर शिखा रखने से व्यक्ति योगासनों को भी सही तरीके से कर पाता है एवं इसकी सहायता से आंखों की रोशनी भी सही रहती है और वह शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं सक्रीय रहता है।
आज का पंचाग आपका राशि फल,🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शुक्रवार, ३१ दिसम्बर २०२१🌻
सूर्योदय: 🌄 ०७:१३
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२९
चन्द्रोदय: 🌝 २९:३०
चन्द्रास्त: 🌜१५:०१
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌫️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 पौष
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 द्वादशी (१०:३९ तक)
नक्षत्र 👉 अनुराधा (२२:०४ तक)
योग 👉 शूल (१८:०१ तक)
प्रथम करण 👉 तैतिल (१०:३९ तक)
द्वितीय करण 👉 गर (२१:०० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 धनु
चंद्र 🌟 वृश्चिक
मंगल 🌟 वृश्चिक (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मकर (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदय, पश्चिम, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५९ से १२:४०
अमृत काल 👉 १२:४५ से १४:११
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०७:१३ से २२:०४
विजय मुहूर्त 👉 १४:०२ से १४:४३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१७ से १७:४१
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५३ से २४:४८
राहुकाल 👉 ११:०३ से १२:२०
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:५४ से १६:१०
होमाहुति 👉 केतु
दिशाशूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (२२:०४ से)
अग्निवास 👉 पाताल (१०:३९ पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 नन्दी पर (१०:३९ से भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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प्रदोष व्रत, स्वरूप द्वादशी, त्रयोदशी तिथि क्षय, वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:३० से ०१:४९ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २२:०४ तक जन्मे शिशुओ का नाम
अनुराधा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (नी, नू, ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (नो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
धनु – ३०:१० से ०८:१३
मकर – ०८:१३ से ०९:५५
कुम्भ – ०९:५५ से ११:२०
मीन – ११:२० से १२:४४
मेष – १२:४४ से १४:१८
वृषभ – १४:१८ से १६:१२
मिथुन – १६:१२ से १८:२७
कर्क – १८:२७ से २०:४९
सिंह – २०:४९ से २३:०८
कन्या – २३:०८ से २५:२६
तुला – २५:२६ से २७:४७
वृश्चिक – २७:४७ से ३०:०६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०७:१३ से ०८:१३
चोर पञ्चक – ०८:१३ से ०९:५५
शुभ मुहूर्त – ०९:५५ से १०:३९
रोग पञ्चक – १०:३९ से ११:२०
शुभ मुहूर्त – ११:२० से १२:४४
शुभ मुहूर्त – १२:४४ से १४:१८
रोग पञ्चक – १४:१८ से १६:१२
शुभ मुहूर्त – १६:१२ से १८:२७
मृत्यु पञ्चक – १८:२७ से २०:४९
अग्नि पञ्चक – २०:४९ से २२:०४
शुभ मुहूर्त – २२:०४ से २३:०८
रज पञ्चक – २३:०८ से २५:२६
शुभ मुहूर्त – २५:२६ से २७:४७
चोर पञ्चक – २७:४७ से ३०:०६
शुभ मुहूर्त – ३०:०६ से ३१:१३
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपको आशा से अधिक एवं एक दम विपरीत फल देगा। विशेष कर आज अपनी सोच में निराशा को जगह ना दें। आज आप जो भी विचार करेंगे उसका विपरीत फल मिलेगा। कार्यो में अधिक व्यस्त रहने के कारण सामाजिक क्षेत्र से दूरी बनेगी। धन लाभ के लिए किये जा रहे प्रयासों में बड़ी मुश्किल से सफलता मिलेगी। प्रेम प्रसंगों के कारण किसी से विवाद हो सकता है। खर्च अनियंत्रित रहेंगे जिससे आर्थिक संतुलन बिगड़ेगा। शारीरिक रूप से अधिक परिश्रम करने में असमर्थ रहेंगे। हित शत्रु हानि पहुँचा सकते है सतर्क रहें।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपका आज का दिन लाभदायक रहेगा। प्रतिस्पर्धियों पर आसानी से विजय पा लेंगे। कार्य व्यवसाय भी पहले से बेहतर चलेंगे। आपकी सोची हुई योजनाओं में से अधिकांश सफल रहेंगी। आत्मविश्वास बढ़ा हुआ रहेगा। व्यवसाय में नए प्रयोग अधिक लाभ कराएंगे।
रुके हुए धन की प्राप्ति में थोड़ी बाधा आ सकती है परन्तु प्रयास करने पर वापसी की उम्मीद बनी रहेगी। किसी मांगलिक आयोजन में सम्मिलित हो सकते है। सुख के साधनों की वृद्धि करने पर अधिक ध्यान रहेगा इसपर खर्च भी करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन सभी कार्यो को आप जी जान से करेंगे परन्तु फिर भी सफलता मिलने में संदेह रहेगा। सरकारी कार्य भी नियमो की पूर्ति ना होने के कारण अधूरे रहेंगे। मध्यान के बाद व्यावसायिक एवं घरेलु कार्यो के कारण दौड़-धूप करनी पड़ेगी। सेहत में उतार-चढ़ाव आने से शरीर में शिथिलता आएगी। गुप्त शत्रु से सावधान रहें। लोग मीठा व्यवहार करके अपना काम निकालेंगे। बाहर के लोगो के प्रति आज अधिक उदारता दिखाएँगे परन्तु घर में इसके विपरीत व्यवहार रहने से क्लेश होने की संभावना है। आर्थिक लेन-देन सोच समझ कर करें। आहार संतुलित लें।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज दिन के पूर्वार्ध में आप दुविधा में फंसे रहेंगे। किसी भीं कार्य में स्थिति स्पष्ट ना होने के कारण कार्य रुके रह सकते है केवल मन ही मन कार्यो की रूपरेखा बनाएंगे। धीरे-धीरे स्थिति स्पष्ट होती जाएगी। किसी भी प्रकार का आर्थिक आयोजन करने के लिए आज का दिन शुभ रहेगा परन्तु धन की आमद सुनिश्चित नहीं रहने से बीच-बीच में व्यवधान भी आएंगे फिर भी इनसे पार पाकर सफल रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आरम्भ में मनमुटाव वाला रहेगा बाद में आपसी भावनाओ की समझ होने लगेगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आपको आज के दिन भी थोड़ा सावधानी बरतने की सलाह है चंद्र आपकी राशि से चौथे होने पर किसी गलती के कारण मन में संताप रहेगा। हानि के चलते कार्यो से मजबूरन जी चुरायेंगे। सरकारी कार्य लंबित रहने से समय एवं धन व्यर्थ खर्च होंगे। परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर किसी महिला के कारण अशांति फ़ैल सकती है। धर्म के प्रति निष्ठा होने पर भी भजन पूजन में मन नहीं लगा पाएंगे। संध्या के आसपास का समय थोड़ा राहत भरा रहेगा परन्तु थकान भी रहेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपका आज का दिन सामान्य से अधिक शुभ फल देने वाला रहेगा। सामाजिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने का सुअवसर मिलेगा फिर भी इससे आर्थिक लाभ की आशा ना रखे सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे। धन लाभ के लिए आज थोड़ा अधिक बौद्धिक एवं शारीरिक परिश्रम करना पड़ेगा। धार्मिक कार्यो में भी सहभागिता देंगे। मध्यान के समय कार्य व्यवसाय में गति रहने से व्यस्तता रहेगी। शारीरिक रूप से थका हुआ अनुभव होगा। परिजनो की इच्छा पूर्ती पर खर्च करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आपका आज का दिन मिला-जुला रहेगा। भावुकता अधिक रहने के कारण छोटी-छोटी बातों को दिल पर लेंगे। घर एवं बाहर का वातावरण इसी कारण दूषित हो सकता है। आर्थिक आयोजनों को पूर्ण करने में पहले बाधाएं आएगी बाद में स्थिति आपके पक्ष में आने से लाभ के अवसर मिलेंगे। मध्यान के बाद अधिकांश मामलो में आप अपने मन की ही करेंगे और इससे संतुष्ट भी रहेंगे। घर की समस्याएं घर में ही निपटाएं बाहर ना लेजाए। व्यावसायिक कारणों से अल्प लाभदायी यात्रा हो सकती है। पैतृक कार्य में सफलता मिलेगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन अधिकांश समय आपमें चंचलता अधिक रहेगी। महत्त्वपूर्ण कार्यो में भी लापरवाही दिखाएंगे अथवा इच्छा शक्ति की कमी रहने से कार्य हानि हो सकती है। व्यवहारिक रूप से आप अधिक सक्रिय रहेंगे। मन चंचल रहने पर भी हास्य परिहास से आस-पास का वातावरण हल्का करने की क्षमता रहेगी। आर्थिक दृष्टिकोण से संध्या का समय अधिक शुभ रहेगा। बैठे बिठाये धन लाभ होने की सम्भवना है। पारिवारिक सदस्य से रूठना मनाना लगा रहेगा। मित्र मण्डली के साथ पर्यटन के अवसर मिलेंगे।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन के पूर्वार्ध में परिस्तिथियां प्रतिकूल रहेंगी। पूर्व निर्धारित कार्य में विलम्ब होने से भाग-दौड़ करनी पड़ेगी। धन संबंधित कार्य को लेकर किसी से तकरार हो सकती है। आज आप गहरी सोच में डूबे रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का मनमाने आचरण के कारण क्रोध आएगा फिर भी मौन रहकर कार्य करें अन्यथा आगे होने वाले लाभ से वंचित रह सकते है। दोपहर के बाद स्थिति में सुधार आएगा। विघ्न डालने वाले स्वयं अपनी गलती मानकर सहयोग करेंगे। धन लाभ मध्यम रहेगा। परिजनों से भी बेकार की बहस हो सकती है।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन के पहले भाग में सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे। स्वास्थ्य उत्तम् रहेगा।सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ होने से आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनेंगे। आयवश्यक कार्य मध्यान से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें। इसके बाद सभी कार्यो में व्यवधान आने लगेंगे। जहाँ से लाभ की संभावना है वहां से निराशा मिलेगी। फिर भी मानसिक रूप से विचलित नहीं होंगे। परिजनों का स्नेह एवं सहयोग मिलता रहेगा। घर के बुजुर्ग की सेहत ख़राब होने के कारण थोड़ी असहजता बनेगी। सन्तानो के विषय में शुभ समाचार मिलेंगे।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज भी दिन आपके अनुकूल रहेगा। सरकार की तरफ से लाभ होने के संकेत है अथवा थोड़े प्रयास के बाद लटके सरकारी कार्यो में सफलता अवश्य मिलेगी। कार्य क्षेत्र से दोपहर के बाद आकस्मिक खुशखबरी मिलने से आनंदित रहेंगे। धन का खर्च अधिक रहेगा परन्तु व्यर्थ नहीं होगा। अविवाहितो को विवाह के प्रस्ताव मिलेंगे। नए सम्बन्ध बनने की पूर्ण सम्भावना है। घर के बुजुर्ग आप के ऊपर कृपा बनाये रहेंगे। अधिकारियों अथवा अन्य वरिष्ठ लोगो से आसानी से काम निकाल सकेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपका आज का दिन भाग्योदय कारक रहेगा। घर एवं बाहर आशा से अधिक सहयोगी वातावरण मिलने से लगभग सभी कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे परन्तु उधार सम्बंधित व्यवहारों के कारण थोड़ी चिंता भी रहेगी। नौकरी पेशा जातकी की कार्य कुशलता के लिए प्रशंशा होगी। थोक अथवा कमीशन के व्यवसाय से अधिक लाभ मिलेगा। धन लाभ प्रचुर मात्रा में होने से खुश रहेंगे। घर की महिलाएं आप पर प्रसन्न रहेंगी। दाम्पत्य जीवन का भरपूर आनंद लेंगे। बाहर घूमने एवं उत्तम भोजन सुख मिलेगा। आलस्य से बचें।
————————————–🙏राधे राधे🙏
बीमारी के इस खतरे से कैसे बचा जा सकता है।
*तो यहाँ किडनी रोग के शीर्ष 6 कारण हैं:*
1. शौचालय जाने में देरी करना। अपने मूत्राशय में अपने मूत्र को बहुत देर तक रखना एक बुरा विचार है। एक भरा हुआ मूत्राशय मूत्राशय को नुकसान पहुंचा सकता है। मूत्राशय में रहने वाला मूत्र बैक्टीरिया को जल्दी से गुणा करता है। एक बार जब मूत्र मूत्रवाहिनी और गुर्दे में वापस आ जाता है, तो विषाक्त पदार्थ गुर्दे में संक्रमण, फिर मूत्र पथ के संक्रमण, और फिर नेफ्रैटिस और यहां तक कि यूरीमिया का कारण बन सकते हैं। जब प्रकृति बुलाती है – जितनी जल्दी हो सके करो।
2. ज्यादा नमक खाना। आपको रोजाना 5.8 ग्राम से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए।
3. बहुत अधिक मांस खाना। आपके आहार में बहुत अधिक प्रोटीन आपके गुर्दे के लिए हानिकारक है। प्रोटीन पाचन अमोनिया पैदा करता है – एक विष जो आपके गुर्दे के लिए बहुत विनाशकारी है। अधिक मांस अधिक गुर्दे की क्षति के बराबर होता है।बहुत ज्यादा कैफीन पीना। कैफीन कई सोडा और शीतल पेय का एक घटक है। इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और आपकी किडनी खराब होने लगती है। इसलिए आपको रोजाना पीने वाले कोक की मात्रा कम कर देनी चाहिए।
5. पानी नहीं पीना। हमारे गुर्दे अपने कार्यों को अच्छी तरह से करने के लिए ठीक से हाइड्रेटेड होना चाहिए। यदि हम पर्याप्त मात्रा में नहीं पीते हैं, तो विषाक्त पदार्थ रक्त में जमा होना शुरू हो सकते हैं, क्योंकि गुर्दे के माध्यम से उन्हें निकालने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं होता है। रोजाना 10 गिलास से ज्यादा पानी पिएं। यह जांचने का एक आसान तरीका है कि क्या आप शराब पी रहे हैं
पर्याप्त पानी: अपने मूत्र के रंग को देखें; रंग जितना हल्का होगा, उतना अच्छा होगा।
6. देर से इलाज। अपनी सभी स्वास्थ्य समस्याओं का ठीक से इलाज करें और नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं। आइए अपनी मदद करें…भगवान इस साल आपको और आपके परिवार को हर बीमारी से बचाएंगे।
(३) इन गोलियों से बचें, ये बहुत खतरनाक हैं:
* डी-कोल्ड
* विक्स एक्शन-500
* ऐक्टिफेड
* कोल्डारिन
* कोसोम
* नाइस
* निमुलिड
* सेट्रीजेट-डी
इनमें फेनिल प्रोपेनॉल-एमाइड, पीपीए होता है जो
स्ट्रोक का कारण बनता है और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिबंधित है।
कृपया, हटाने से पहले, इसे पास करके अपने दोस्तों की मदद करें..! यह किसी की मदद कर सकता है। Fwd जितने आप कर सकते हैं।
व्हाट्सएप फ्री है, कृपया इसे जरूर पढ़ें और फॉरवर्ड करें।
संयुक्त राज्य अमेरिका में डॉक्टरों ने सिल्वर नाइट्रो ऑक्साइड के कारण मनुष्यों में नया कैंसर पाया है।
जब भी आप रिचार्ज कार्ड खरीदें, अपने नाखूनों से खरोंच न करें, क्योंकि इसमें सिल्वर नाइट्रो ऑक्साइड कोटिंग होती है और यह त्वचा के कैंसर का कारण बन सकता है।
इस संदेश को अपने प्रियजनों के साथ साझा करें।
*महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुझाव:*
1. बाएं कान से फोन कॉल का जवाब दें।
2. अपनी दवा ठंडे पानी के साथ न लें….
3. शाम 5 बजे के बाद भारी भोजन न करें।
4. सुबह ज्यादा पानी पिएं, रात को कम।
5. सोने का सबसे अच्छा समय रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक है।
6. दवा लेने के बाद या खाने के तुरंत बाद न लेटें।
7. जब फोन की बैटरी लो टू लास्ट बार हो, तो फोन का जवाब न दें, क्योंकि रेडिएशन 1000 गुना ज्यादा तेज होता है।
क्या आप इसे उन लोगों को अग्रेषित कर सकते हैं जिनकी आप परवाह करते हैं?
मैंने अभी किया।