अयं होलीमहोत्सवः भवत्कृते भवत्परिवारकृते च क्षेमस्थैर्य-आयुः-आरोग्य-ऐश्वर्य-अभिवृद्घिकारकः भवतु।। ।।होलिकाया: हार्दिकशुभाशयाः।। ब्रह्मरस रहस्यम् प्रहलाद का कुल बड़ा ही विचित्र कुल हैं। इसी कुल में अनेकों दैत्य ऋषि
Read moreअयं होलीमहोत्सवः भवत्कृते भवत्परिवारकृते च क्षेमस्थैर्य-आयुः-आरोग्य-ऐश्वर्य-अभिवृद्घिकारकः भवतु।। ।।होलिकाया: हार्दिकशुभाशयाः।। ब्रह्मरस रहस्यम् प्रहलाद का कुल बड़ा ही विचित्र कुल हैं। इसी कुल में अनेकों दैत्य ऋषि
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