मुंबई कौथिग में दिखता है लघु उत्तराखंड

जगमोहन आजाद 

मुंबई कौथिग में आकर ऐसे लगता है जैसे यहां एक लघु उत्तराखंड बसा है। यहाँ के सांस्कृतिक मंच पर लोक कलाकारों द्वारा जो परिवेश उकेरा जाता है। उसको देख सुन पहाड़ के लोक उत्सवों की याद आ जाती है। ऐसा जीवन जो पहाड़ के लोक सांस्कृतिक विरासत को कौथिग के मंच पर उकेर देता है। यह निश्चित तौर पर प्रवासी उत्तराखण्डियों के लिए लिए सम्मान की बात हैं।
उक्त विचार समाजसेवी माताश्री मंगलाजी ने मुंबई कौथिग फाउंडेशन द्वारा मुंबई के नेरूल मैदान में आयोजित दस दिवसीय कौथिग समारोह में व्यक्त किए।
मुंबई कौथिग में आए असंख्य प्रवासी उत्तराखण्डियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पूरी कौथिग टीम को इस वृहद् आयोजन के लिए बधाई देती हूँ। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि देश की आर्थिक राजधानी में पहाड़ के लोक परिवेश को उकेरते हुए पहाड़ के जन समूह को एक मंच प्रदान करना।
माता मंगला जी ने इस मौके पर कहा कि मुंबई में हमें सेवा के लिए जो भी मौका मिलेगा हम जरूर करेंगे। हम सेवा के मार्ग को आगे बढ़ाते हुए हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाने की दिशा में अग्रसर है। ताकि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंच सके।
इस मौके पर विशेष तौर मुंबई कौथिग में पहुंचे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आज हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि समाजसेवी माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी एक ताकत के साथ हमारे साथ खड़े हैं। क्योंकि माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी जो काम सेवा के पथ पर चलते हुए कर रहे हैं। यह हम उत्तराखण्डियों के लिए सम्मान की बात हैं। इसके लिए हम माताजी-महाराज जी का आभार प्रकट करते हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मौके पर कौथिग फाउंडेशन को कौथिग के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन मुंबई जैसे शहर में करना हिम्मत की बात है। मैं मंच से मैं आप सभी का आवाह्न करता हूँ कि आप पहाड़ की तरफ लौटे हम आपको आमंत्रित करते हैं आप आए और अपने खेत खलिहानों को संवारे सरकार हमेशा आपके साथ हैं।
इस मौके पर विकास नगर के विधायक मुन्ना सिंह चौहान, अगस्त मुनी के ब्लॉग प्रमुख जगमोहन रौथाण, निशानेबाज जसपाल राणा, बेलापुर मुंबई की विधायक मंदा ताई मात्ररे एवं हंस कल्चर सेंटर दिल्ली के सचिव चंदन सिंह भंडारी और प्रतिनिधि दिनेश कंडारी का कौथिग फाउंडेशन ने सम्मान किया।