वैज्ञानिक को मंहगा पड़ा भूतप्रेतों से पंगा लेना

वैज्ञानिक को मंहगा पड़ा भूतप्रेतों को नकारना  
आत्माए, भूत, प्रेत होते है या नहीं, यह सदियों से एक बहस का विषय रहा है।  कुछ लोग इन पर विश्वास करते है और कुछ नहीं। लेकिन विज्ञान को सर्वोपरि मानने वाले लोग इन पर जरा भी विश्वास नहीं करते है। ऐसे ही एक वैज्ञानिक है सी. पी. त्रिवेदी जो की इन सब चीज़ों पर विश्वास नहीं करते थे। लेकिन इनके साथ पिछले कुछ महीनो से ऐसा कुछ घटित हुआ की इन्हे भी आत्माओं के अस्तित्व को स्वीकार करना पड़ा इनके अनुसार पिछले कुछ समय से इनका शरीर आत्माओं के कब्ज़े में है और वो उनकी हर गतिविधि की जानकारी किसी और तक पहुंच रही है।  हम आपको यह बता दें की सी. पी. त्रिवेदी एक बहुत ही वरिष्ठ वैज्ञानिक है और यह अपनी रिसर्च के लिए देश और विदेशों में कई बार पुरस्कृत हो चुके है।
वैज्ञानिक सी. पी. त्रिवेदी
आत्माओं के अस्तित्व को नकारना पड़ा महंगा :-
वैज्ञानिक सी. पी. त्रिवेदी के अनुसार एक तंत्र मन्त्र विशेषज्ञ को वैज्ञानिक ढंग से यह समझाना की आत्माओं का कोई अस्तित्व नहीं है, उन्हें महंगा पढ़ रहा है। अब उन्हीं आत्माओं ने उन्हें पूरी तरह अपने कब्ज़े में ले रखा है। उनके अनुसार वो जब दिल्ली में सत्य चेतन आश्रम तिरुवन्नामलाई की संचालिका जयश्री और फिर श्री अरविंदो मां कृष्णा से मिले, तब से ये सब हो रहा है।
घट रही है अजीब घटनाएं 
वैज्ञानिक सी. पी. त्रिवेदी का दावा है कि वे कब क्या कर रहे हैं उनकी जानकारी उड़ीसा में बैठे कुछ लोगों तक पहुंच रही है। यहां तक कि वे क्या सोच रहे हैं अब इस पर भी उनका नियंत्रण नहीं रहा। उनकी शिकायत है कि उन पर आत्माओं का अटैक हुआ है। ये 24 घंटे उनके शरीर में रहती हैं। इन्हीं आत्माओं के माध्यम से उनके इंटरनेट के गोपनीय पासवर्ड और मेल भी पढ़ लिए जाते हैं। त्रिवेदी का कहना है कि कई बार तो ऐसा लगा जैसे किसी ने बिस्तर से पूरी तरह बांध दिया हो। चाहते हुए भी वे उठ तक नहीं पा रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि बिना इलेक्ट्रिक कनेक्शन के कम्प्यूटर चालू हो जाता है। उसमें से अजीब से मंत्र गूंजते हैं।
कुछ गड़बड़ जरूर है 
वैज्ञानिक सी. पी. त्रिवेदी के अनुसार वो इन सब बातों में यकीं नहीं करते थे लेकिन पिछले कुछ समय से जो यह सब हो रहा है उससे यह तो निश्चित है की कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है। उनके अनुसार पहले तो उन्होंने इन सब को इग्नोर किया पर जब समस्या बढ़ती ही गई तो उन्हें मजबूरी में पुलिस और आईटी सेल में शिकायत की है।
(मृत्यु के समय होता क्या है? – दरअसल हमारा शरीर 5 मेजर कंपोनेंट से बना है छिती जल पावक गगन समीरा। इनमें से जब हमारी मौत होती है तो धरती और जल तत्व अलग हो जाता है और आकाश अग्नि और वायु तत्व दूसरी तरफ हो जाता है याने धरती पर छूटने वाला ऑपरेटस अपने ऑपरेटर से अलग हो जाता है।अब जो हमारा शरीर है उसमें से मिट्टी तो मिट्टी में मिल जाती है या राख बन जाती है और जो जल तत्व है वह वाष्प या जल में विलीन हो जाता है परंतु जो अग्नि वायु और आकाश तत्व है वह एक यूनिट के रूप में सदैव यथावत रहता है अग्नि तत्व इसमें पावर का प्रतीक है वायु तत्व गति  का प्रतीक है और आकाश तत्व हमारे ऑपरेटिंग सिस्टम को निरंतरताससतत्ता देता रहता है। इसका अर्थ यह हुआ कि जो हमारा ऑपरेटिंग सिस्टम है वह कभी नहीं मरता वह ज्यों का त्यों रहता है और उसको जब भी कोई अभीष्टआआपरेटस मिल जाता है वह फिर से एक्टिव हो जाता है। यह जो हमारा ऑपरेटिंग सिस्टम है वह परकाया प्रवेश भी कर सकता है और किसी को भी ऑपरेट कर सकता है संभवतया उक्त वैज्ञानिक इसी ऑपरेटिंग सिस्टम की वजह से डिस्टर्ब हो-संपादकीय)