सेनिकों पर मुकदमा और दिल्ली की राजनीतिक दीर्घाओं में चुप्पी राष्ट्र का अपमान


28 जनवरी 2018  चरमपंथी मुस्लिम पत्थरबाजों ने जम्मू कश्मीर प्रदेश में शोपियां जिले के गनोवपुरा गांव से गुजर रहे सेना के एक काफिले पर पत्थरबाजी की और सेना के वाहनों को आग लगाने का प्रयास किया जिससे सैनिक और सेना के वाहनों को भारी नुकसान हुआ!
पत्थरबाजों द्वारा एक जूनियर कमीशंड अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या करने की कोशिश की गयी और उनके हथियार को छीनने का प्रयास किया!
मामले की गंभीरता को देखते हुए सेना के जवान सामने आए और जवानों को जवाबी कार्यवाही में उन हमलावरों को वहाँ से खदेड़ने, सरकारी वाहनों को जलने से बचाने और आत्मरक्षा के लिए हवाई फायरिंग और गोलियां चलानी पड़ीं।
इस दौरान कुछ लोग घायल हुए और दो पत्थर बाजों को की मौत हो गई।
हैरानी की बात है कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाने के बजाय उग्रवादी पत्थरबाजों के हित को वरीयता दी गयी जबकि  सेना के खिलाफ 10, गढ़वाल राइफल्स के मेजर आदित्य एवं अन्य जवानों के खिलाफ हत्या की धारा 302 में एफआईआर दर्ज कराई  है।
सरकार द्वारा, यह भारतीय सेना को हतोत्साहित करने वाला एक कुत्तसित प्रयास है ताकि सेना द्वारा आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन में बाधा डाली सके। 
10 गढ़वाल राइफल के जवान एवं मेजर आदित्य एक निडर अधिकारी और सच्चे देशभक्त हैं। कश्मीर सरकार की गंदी एवं शर्मसार करने वाली राजनीति हमारी सेना की छवि धूमिल करने का प्रयास करती रहती है।
भारतीय सेना, मेजर आदित्य तथा उनके सभी सहयोगियों के साथ देश एवं समस्त देशवासी दृढ़ता से खडे हैं और राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित युवा सैन्य अधिकारी व साथियों को सलाम करते हैं।
गंभीर प्रश्न हैं कि कभी किसी ऐसे देश के बारे में सुना है, जहां सेना के अधिकारियों को देश के लिए अपना कर्तव्य करते समय इस तरह की गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़े?

दिल्ली की राजनीतिक दीर्घाओं में चुप्पी बेहद निराशाजनक है!
सेना प्रमुख मुखर हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से सेना और राष्ट्र को संबोधित करने के लिए उन्होंने किसी भी स्तर पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
राष्ट्र जानना चाहता है कि सेना प्रमुख किन कारणों से चुप हैं?
हम भारतीय सेना और मेजर आदित्य तथा 10 गढ़वाल राइफल्स के जवानों के साथ दृढ़ता से खड़े हैं। केंद्र सरकार को चाहिए केंद्र सरकार को चाहिए कि चाहिए कि महबूबा मुफ्ती से बात कर सैनिकों पर दर्ज मुकदमे वापस ले और जो पत्थरबाजों को माफी के लिए  जम्मू कश्मीर सरकार प्रयास कर रही है तो जम्मू कश्मीर सरकार के आतंकवादियों को बढ़ावा देने वाले ऐसे निर्णय पर भी अंकुश लगे  कल पाकिस्तानी फायरिंग में तीन जवान और एक सेना अधिकारी की मौत से पूरा देश दुखी व आक्रोशित है। हम समझते हैं कि जब तक पाकिस्तान नहीं मिटेगा आतंकवाद नहीं मिटने वाला।