आपदा प्रभावितों की समस्या के लिए विधायक अनिल नौटियाल व जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री धामी से मिले क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री बोले आपदा प्रबंधन के लिए धन की कमी नहीं होगी

कर्णप्रयाग क्षेत्र में आपदा प्रभावितों की समस्या के लिए विधायक अनिल नौटियाल व जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री धामी से मिले क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ।नगरपालिका क्षेत्र कर्णप्रयाग के आपदा प्रभावित क्षेत्र में उपचारात्मक एवं सुरक्षा उपायों हेतु धन आवंटन हेतु माननीय विधायक अनिल नौटियाल जी और भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश मैखुरी जी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से भेंट कर आग्रह करा। मुख्यमंत्री ने आपदा सचिव को बजट आवंटन हेतु निर्दॆश जारी करे हैं।इस अवसर पर बदरीनाथ डीमरी पंचायत के मुखिया पूूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कर्णप्रयाग पंकज डिमरी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष मनोज भण्डारी व कण्डेरी जी भी उपस्थित रहे । मुख्यमंत्री ने तत्काल आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिया आपदा प्रबंधन के लिए मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग उतराखंड ने 411357 रूपये की राशि भी जारी कर दी। 

*मुख्यमंत्री ने टिहरी में आपदा राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में प्रभावितों से बातचीत कर जाना उनका हाल-चाल।*

*आपदाग्रस्त गांव तिनगढ़ का किया स्थलीय निरीक्षण। पीड़ितों की समस्याएं सुनकर त्वरित निराकरण के दिये निर्देश*

*आपदा की इस घड़ी में भारत सरकार एवं राज्य सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है।*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को टिहरी के अस्थाई राहत शिविर राजकीय इण्टर कॉलेज विनक खाल में प्रभावितों हेतु की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने राहत शिविर में बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, विकलांगों के लिए भी उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आपदा राहत शिविर में आपदा प्रभावितों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना तथा उनकी समस्यायें सुनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा आपदा के दिन से ही लगातार स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने आपदा में हुई जनहानि पर गहरा शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति तथा पीड़ित परिवार को इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक आपदाएं हमेशा चुनौतियां बनकर आती हैं। इससे पूर्व तैयारी के साथ-साथ आपदा के समय सजगता और सतर्कता से कम से कम समय में आपदा पर काबू पाना जरूरी होता है, जिसका परिचय जिला प्रशासन ने दिखाया है। उन्होंने पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान करने के जिला प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में भारत सरकार, राज्य सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। तिनगढ़ गांव के विस्थापन की कार्रवाई शुरू हो गई है। अन्य गांव का सर्वे कर योजना बनाकर कार्य किया जाएगा। आपदा से क्षतिग्रस्त हुए सुरक्षा दीवार, स्कूल, पुल, तटबंध आदि कार्यों को शीघ्रता से किया जाएगा। आपदा सुरक्षा कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने आपदा के इस कठिन समय में धैर्य से एक दूसरे का सहयोग करने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खतरे की जद में आने वाले मकानों को लेकर सजग रहने के निर्देश दिए। आपदा की इस घड़ी में जनप्रतिनिधियों को भी हर संभव मदद करने को कहा। आपदा प्रभावितों को कोई दिक्कत न हो तथा उनके जन जीवन को पूर्व की भांति पटरी पर लाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि तिनगढ़ गांव के पुनर्वास/विस्थापन के लिए भूगर्भीय सर्वे कर लिया गया है, तथा सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल चुकी है। भूमि चिन्हीकरण की कार्यवाही की जा रही है। जमीन उपलब्धता के आधार पर धीरे धीरे लोगों का पुनर्वास किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि ग्राम कोट के 28 परिवारों के विस्थापन की कार्यवाही गतिमान है। तिनगढ़ के लगभग 100 पशुओं हेतु एक अस्थाई गौशाला का चिन्हीकरण कर लिया गया है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहेला, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नोटियाल, ब्लॉक प्रमुख भिलंगना वासुमति घणाता, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी, एडीएम के.के. मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, ग्रामीण उपस्थित रहे।