तेजस की टेक्‍नोलॉजी से बनेगी ऑक्‍सीजन, एक मिनट में होगा 1000 लीटर ऑक्‍सीजन का उत्पादन, नहीं रहे उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध संगीतकार संजय राणा, एक ही कैंपस में 107 कोरोना पाज़िटिव,

उत्तराखंड संगीत जगत में एक बहुत बड़ी अनहोनी
यहां के सुप्रसिद्ध संगीतकार संजय राणा 
अब हमारे बीच नहीं रहे रात्रि 2:00 बजे
उनकी हृदय गति रुकने के कारण उनका
निधन हो गया है भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। 
ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज की ओर से भावभीनी श्रध्दांजलि 🌺🌺🙏😭
   उम्मीद की किरण बन रही है प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र मोदी की विदेश नीति अमेरिका से 318 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे

उत्तराखंड में विस्फोटक हुआ कोरोना, आज 67लोगो की गयी जान, 5058 हुए कोरोना संक्रमित

चमोली जैसे पिछड़े जिले में भी 177 नयेे कोरोना संक्रमित, सबसे ज्यादा घाट ब्लाक से 57 तथा कर्णप्रयाग से 49 कोरोना पॉजिटिव।

एक तरह से कोरोना कम्युनिटी संक्रमण का दौर शुरू हो गया है अब अधिक सावधानियां रखने की आवश्यकता है 

गत रविवार को देहरादून के एफ.आर.आई. कैंपस में 107 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में संस्थान को अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) देहरादून का एक प्रसिद्ध संस्थान है, जहां काफी लोगों की आवाजाही लगी रहती है। सुबह-सवेरे की सैर करने भी स्थानीय लोग व पर्यटक अकसर यहां आया करते हैं। संस्थान के निदेशक अरुण सिंह रावत ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि फिलहाल यहां बाहरी लोगों के प्रवेश को बंद कर दिया गया है। इधर यह संस्थान कोविड के चलते बंद कर दिया गया है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी, उत्तर प्रदेश में बीजेपी, महाराष्ट्र में शिव सेना, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, बंगाल में टी एम सी
सभी जगह सामान्य लोगों की जान जा रही है  फिर भी हम पार्टी-पार्टी खेलना बंद नहीं करते।

देश के जाने माने तीन चिकित्सक एम्स निदेशक डॉ गुलेरिया , मेदांता के डॉ नरेश त्रेहन तथा नारायण संस्थान बेंगलुरु के डॉ देवी शेट्टी दूरदर्शन के पर्दे पर एक साथ आये ,,,
चूंकि कोई बकबक चैनल नहीं , डीडी न्यूज़ का मंच था अतः पूरा समय उन्हीं तीनों के पास था , बीच में कोई सम्पादक या एंकर नहीं !

ऐसा प्रयोग दूरदर्शन ही कर सकता है अतः आधे घण्टे तक कोविड के बारे में संतुष्ट करने वाली विशद जानकारी सामने आई ,,,
यही फर्क है दूरदर्शन और नए नए कमर्शियल न्यूज चैनल्स में !
बात एक बार फिर साफ हुई !

कोरोना की दूसरी लहर 2 – 3 वेरियंट लेकर आई है । हमारी मूर्खताओं के कारण तेजी से फैल रही है । घबराई जनता अस्पतालों की तरफ दौड़ रही है , घरों में ऑक्सीजन , दवाएं और इंजेक्शन इकट्ठे किये जा रहे हैं । नतीजा यह कि ऐसे मरीजों से अस्पतालों के बैड्स भर गए हैं , जिन्हें घर पर ही इलाज की जरूरत है । कितना समझाएं कोई मानता नहीं । बिना जरूरत रेमडिसिवर और ऑक्सीजन लेने की जिद की जा रही है । इस भीड़ ने सारा परिदृश्य ही बदल दिया है । डर घर घर फैल गया है ।

बहुत सी बातें साफ हुई । तीनों विशेषज्ञों ने माना कि केवल 10 से 15% लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत है । बाकी का इलाज घर पर हो सकता है । दिक्कत यह है कि कालाबाजारियों ने बाजार से दवा गायब कर दी है और मोटे ब्लैक में बेच रहे हैं । ऐसे मौत के सौदागरों को पकड़कर सड़कों पर बजाने की जरूरत है । उनके घर भी जप्त किये जाएं ताकि उस परिवार को भी पता चले जो लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ में भागीदार है । पति की ब्लैक की कमाई पर जो गुलछर्रे उड़ा रहे हैं , वे भी कम दोषी नहीं । ये वे ही जल्लाद हैं जो लाशों को भी नोचकर कबाड़ी की दूकान पर बेच देते हैं । राष्ट्रीय आपदा के दौर में ऐसे आदमखोरों को कड़ा सबक सिखाना जरूरी है ।

हौसला बढ़ाइए अपना भी और दूसरों का भी । क्या आप जानते हैं कि रोजाना एक लाख से ऊपर मरीज ठीक होकर भी लौट रहे हैं ? क्या आपको पता है कि वैक्सीन और डबल वैक्सीन लगवा चुके 13 करोड़ लोगों में से केवल 7000 को कोरोना हुआ है ? क्या आप जानते हैं कि हमारी देसी कोवैक्सीन कोरोना के डबल और ट्रिपल वेरियंट पर भी कारगर है ? नहीं जानते तो जान लीजिए । मतलब वेक्सीनेशन कराइये , बेफिक्र हो जाइए । उन लोगों की संख्या बेहद कम है जिन्हें वेक्सीनेशन के बाद भी कोरोना हो रहा है । यकीन रखिये अपने वैज्ञानिकों पर , बेवजह शोर मत मचाइये । घबराने से अधिक जरूरत सावधानी की है । याद है न सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी ?

अच्छा हो यदि निजी न्यूज चैनल देखने से बचें । जितने अधिकतम प्रबंध हो सकते हैं , सरकार और अस्पतालों द्वारा किये जा रहे हैं । काम भी दिनरात चल रहा है । पिछले साल से कहीं अधिक संसाधन जुटाए जा रहे हैं । बाजी तो जीतनी है , यकीनन जीत भी लेंगे । फिलहाल जरूरत के हिसाब से बाहर आइये । देखिये , हमें जीने का हक़ है । एक भी घर उजड़ता है तो बड़ी चोट लगती है । दिलों को हौसले जगाकर मजबूत कीजिये । आखिर जीवन का सतत प्रवाह हमारा इंतजार कर रहा है । यह वसुधा हमारे लिए ही तो है ।