मदनसिंह परिहार बिष्ट का वृक्षारोपण अभियान शौक से सनक तक का सफर लाख से अधिक जीवित पेड़ बने गवाह

उत्तराखंड चमोली के रहने वाले मदन सिंह परिहार बिष्ट उर्फ़ कमांडो ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अब तक बिना प्रचार प्रसार और बिना सरकारी सहायता के बीते एक दशक में एक लाख से अधिक पेड़ न केवल लगाए हैं बल्कि उनकी पेड़ बनने तक देखरेख सुरक्षा भी की है। 2 अक्टूबर 15 अगस्त 26 जनवरी 2 अक्टूबर जैसे राष्ट्रीय पर्व हों हरेला पर्व हो या उत्तराखंड का कोई त्यौहार हो वे पेड़ लगाने का अवसर खोज ही लेते हैं। उन्हें अक्सर विद्यालयों मेडिकल कॉलेज महाविद्यालयों सरकारी संस्थानों के आहते आदि जहां भी जगह दिखती है वे उसी इंस्टिट्यूट के लोगों के साथ मिलकर पेड़ लगाते हुए देखे जा सकते हैं। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर गैरसैंण राजधानी क्षेत्र चमोली जनपद की देवाल तहसील गैरसैण क्षेत्र के दूरस्थ गांव हो या देहरादून का दून मेडिकल कॉलेज आदि कई संस्थानों के इर्द-गिर्द आज मदन सिंह बिष्ट के लगाए हुए पेड़ लहलहा रहे हैं। श्री बिष्ट अक्सर ऐसे पेड़ों का निरूपण करते हैं जो वातावरण को रैगुलेट करते हैं। जिनमें नीम पंया आम पीपल वट वृक्ष तथा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भोजपत्र थुनेर आदि के पेड़ लगाते रहे हैं। बिष्ट का कहना है कि उन्हें केवल प्राकृतिक संरक्षण से लगाव है। इसलिए प्रचार प्रसार में अपना समय जाया नहीं करते। वे लगाते समय पेड़ गिनते नहीं हैं अपितु उनके जीवित बने रहने का जतन करते हैं उनका कहना है कि लाख से अधिक पेड़ लगा दिए हैं।