https://www.facebook.com/share/r/1B18BUoxDY/
इस्लाम के जानकारों के अनुसार यद्यपि इस्लाम में मजार बनाना शिर्क है अपराध है हराम है। फिर भी भारत में गोभक्षी मुर्दे की #मजार बनाना बहुत #लाभ का #धंधा है, यहां मुराद पूरी करने के नाम पर #लड़कियों और महिलाओं के #पैंरों पर यथाशक्ति रकम के बदले #काला_धागा बांध कर फंसाया जाता है और कहा जाता है छोटी #कामना #पूरी होने पर चादर चढानी है, ग्यारह लोगों को बताना है और बड़ी कामना पूरी होने पर फलां जगह एक #मजार बनानी है। इस प्रकार पांच वर्षों में वह भूमि रिकॉर्ड में बतौर #मजार दर्ज हो जाती है और भू माफिया बक्फबोर्ड का उस पर कब्जा हो जाता है। #बस_अड्डे #रेलवे_स्टेशन शहर की #भीड़भाड़ वाली जगह शहर के सभी #इंट्री_प्वांइटों पर #मजारों से खूब #कमाई और #रेकी एक साथ होती है। कौन किधर #आ_जा रहा है माहोल क्या है आगे #डायरेक्ट_एक्शन_डे या #गजवा_ए_हिंद आदि जैसी #आपात स्थिति के समय सिस्टम को जाम करने के लिए क्या #रणनीति अपनानी है के साथ ही खाली हाथ आये विदेशी घुसपैठियों का पहला ठिकाना और पूछताछ केन्द्र मजार ही होता है। वहां से उसे मजदूरी दिहाड़ी का मार्गदर्शन मिल जाता। इस प्रकार मजार जिहादियों का #मकड़जाल फैलता ही जा रहा है। मजार नयी लड़कियों को #लव_जिहाद में फंसाने का सबसे बड़ा प्वाइंट है। यहां ताक में बैठे म् गिद्ध #मुसलमान #लडकों को मुंहमांगे चारे के रूप में #हिन्दू #लड़कियां मिल जाती हैं । सनातन धर्म संस्कृति में मुर्दे के अंतिम संस्कार के बाद नहाना अनिवार्य है ता कि उनका संक्रमण ना लगे उनकी आत्मा ना पकड़े लेकिन यहां मजार में हिन्दू भी गोभक्षी म्लेच्छ मुर्दे पर चढ़ाया हुआ #प्रसाद भी खा लेते हैं और मुर्दे की कब्र पर #हरी_चादर चढ़ा कर हिन्दू परोक्ष रूप से अपने लिए #सफेद_चादर कफन का इंतजाम कर रहा होता है। जबकि विज्ञान सम्मत बात ये है कि यदि कोई #गोवंश काटने या खाने वाले आदमी के हाथ का छुवा पानी या प्रसाद भी खा ले तो सात जन्मों तक वह रौरव नर्क का भागी बनता है और उसे दुबारा कभी मनुष्य जन्म नहीं मिलता है। सोचो जो हिन्दू दिल्ली दरबार जैसे होटलों में गो भक्षियों के हाथ से बना मीट और बिरयानी खा रहे हैं या मजारों में उनके अपवित्र हाथों का कुछ भी ग्रहण कर रहे हैं कितने नरक के भागीदार और पापी बन रहे हैं। संविधान #सैक्युलर है इसलिए मजहब का यह सारा आतंक देख समझ कर भी #सरकारें कुछ नहीं कर पाती हैं।
#पक्की_मजार शरियत में भी #हराम है लेकिन जब कमाई #हरामी #काफिरों से मिले तब #हराम नहीं होती 😅🥺 इस प्रकार मजार चाहे #शिर्डी की हो #अजमेर की या रेलवे स्टेशन बस अड्डे की इन सभी मजारों व जकात की अकूत कमाई से मस्जिदें बनाने संसद और विधानसभा में #मुसलमानों के लिए अलग कानून बनाने #मुस्लिम_युनिवर्सिटी बनाने #शुक्रवार की #छु्ट्टी कराने का कानून बनाने मुसलमानों के लिए #थाने हायर करने #परीक्षाओं में #नकल की व्यवस्था कराने लव जिहाद आदि के लिए काम आता है। देखा जाय तो भारत में मजारों का मकड़जाल राष्ट्रीय समस्या बन चुका है! #रेलवे_स्टेशन पर कोई #प्लेटफॉर्म #टिकिट के बिना नहीं जा सकता लेकिन गोभक्षी मुर्दों #मजार यहां आराम से बन जाती है। सड़क पर थोड़ी देर #गाड़ी खड़ी हो जाय तो #पांचहजार का चालान है
लेकिन सड़क पर की #दो_सौ फिट अतिक्रमण कर #मजार बन जाती है। पांच वर्ष बाद उस जगह भू माफिया #बक्फबोर्ड का कब्जा हो जाता है। यदि मजार बनते ही बुलडोजर ना चले और भू जिहादियों को देखते ही गोली मारने का आदेश ना हो, तब तक दुर्दांत हिंसक कबीलों का #भू_जिहाद (#लैंड_जिहाद ) रूकेगा नहीं। क्यों कि यह एक संगठित अपराध बन चुका है।
श्रीशैलम् के रास्ते में कृष्णा नदी के किनारे भी एक पीलर बाबा की रूहानी मजार अचानक से दिखाई दे रही है 🤔
बताइए कि इनके पीर बाबा पिलर के नीचे गड़े पड़े हैं और बेचारे को कितनी तकलीफ हो रही होगी
इसलिए पीर बाबा को कब्र से जल्दी निकाले जाने की जरूरत है ताकि इनकी रूह को सुकून मिल जाए।(चित्र साभार शोशल मीडिया)✍️हरीश मैखुरी
https://www.facebook.com/share/r/168oCL5NNj/
https://www.facebook.com/share/r/1E5AqffHuT/
https://www.facebook.com/share/r/1FeqQjEAMA/
https://www.facebook.com/share/r/1AW9jcfYTt/