महाकालिंका मंदिर मेले में उमड़ा श्रद्धालुओं सैलाब

शनिवार सुबह से बीरोंखाल ब्लॉक में गढ़वाल और कुमांऊ की सीमा पर स्थित महाकालिंका मंदिर में लगे मेले में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मां काली पर अटूट आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं ने मंदिर में छात्र, नारियल से पूजा की। श्रद्धालुओं ने काली के दरबार में मन्नतें मांगी। बीरोंखाल ब्लाक में हर तीन साल के अंतराल में लगने वाले इस मेले का आयोजन 13 गांवों के बडियारी रावत जाति के लोग करते हैं।

काली के प्रति आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि मेले में सुबह से गढ़वाल और कुमांऊ जनपदों से हजारों की संख्या में पंहुचे श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया था। यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। मां काली पर आस्था रखने वालों की तादाद इतनी थी की शाम ढलते -ढलते मंदिर से लेकर स्थानीय बाजारों में चारों तरफ लोग ही दिखाई दे रहें थे।

मेले में बीरोंखाल, मैठाणाघाट, रसियामहादेव, बैजरों, जोगीमणी, उफरैखाल, ललितपुर, मगरोंखाल, कुलांटेश्वर, सहित जिला अल्मोड़ा के श्रद्धालु आए थे। काली मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने से लोंगों को छत्र व नारियल चढ़ाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी।

कालिंका मंदिर समिति के अध्यक्ष ज्ञान सिंह रावत ने बताया की इस बार मंदिर परिसर में बलि प्रथा पर पूरी तरह रोक लगा रखी थी और श्रद्धालुओं ने भी छत्र, नारियल चढ़ा कर काली की पूजा की। मेले में उदय सिंह रावत, बसंत सिंह रावत, दीवान सिंह रावत, मंगत सिंह, जसवंत सिंह, बलवंत सिंह सहित दोनों जिलों का पुलिस बल तैनात था।