वन विभाग के लिये ‘पैसों का पेड़’ बनी चौरासी कुटिया

 

दीपक फरस्वाण 

राजाजी नेशनल पार्क के जंगल में वीरान पड़ी महर्षि महेश योगी की चौरासी कुटिया अब पूरी तरह गुलजार हो गई है। यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या हर माह नये रिकार्ड बना रही है। पर्यटकों की आमद का फायदा सीधे तौर पर वन विभाग को पहुंच रहा है। चौरासी कुटिया पिछले चार महीने के दौरान प्रवेश शुल्क के रूप में 21.82 लाख रुपये की आमदनी जुटा चुकी है।

विश्व प्रसिद्ध् ध्यान योग गुरू महर्षि महेश योगी ने वर्ष 1961 में स्वर्गाश्रम (ऋषिकेश) के पास वन विभाग से 15 एकड़ भूमि लीज पर ली। भूमि की लीज 20 वर्ष के लिये हुई। लीज होते ही महर्षि योगी ने इस भूमि पर चौरासी छोटी-छोटी कुटियांएं और 100 से अधिक गुफायें बनाकर इस जगह को ध्यान-योग केन्द्र के रूप में विकसित किया। वर्ष 1968 में यह केन्द्र को उस वक्त देश और दुनिया में मशहूर हुआ जब ब्रिटेन का विश्व प्रसिद्ध् म्यूजिकल ग्रुप (जार्ज हैरिसन, पॉल मैकेनिक, रिंगोस्टार और जॉन लेनन) चौरासी कुटिया में आये। उसके बाद महर्षि महेश योगी ने पीछे मुड‍़कर नहीं देखा और विश्वभर में अपने आश्रम की 120 शाखायें स्थापित कीं। ध्यान-योग के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान की वजह से वर्ष 1975 में महर्षि महेश योगी को टाइम मैगजीन ने अपने कवर पेज पर स्थान दिया। 1986 में राजाजी नेशनल पार्क का सीमा विस्तार हुआ तो चौरासी कुटिया पार्क क्षेत्र में आ गई। पर्यटकों की आवाजाही के कठोर नियम होने और संसाधनों का विस्तार संभव न हो पाने की वजह से महर्षि महेश योगी ने इसे वन विभाग के सुपुर्द कर दिया और वे अपने तामझाम के साथ हॉलैंड चले गए। इसके बाद से चौरासी कुटिया क्षेत्र को आम नागरिकों के प्रवेश के लिए वर्जित कर दिया गया। रखरखाव के अभाव में इसकी कुटियाएं व गुफायें जजर्र हो गये पूरा परिसर ही बंजर होता चला गया। इसके बाद वर्ष 2015 वन विभाग ने अन कुटियों और गुफाओं की मरम्मत और परिसर की सफाई कर इसे फिर से पर्यटकों के लिये खोल दिया। हाल ही में यहां आर्ट गैलरी के साथ ही पर्यटकों के लिये कैंटीन, शौचालय आदि की सुविधा मुहैया करवा दी गई हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि अब ये कुटिया ध्यान-योग के लिहाज से पर्यटकों की पहली पसंद बन गई है। इस कुटिया को वन विभाग आमदनी का नया स्रोत मान रहा है। कुटिया परिसर में प्रवेश के लिए भारतीयों से 150 रुपये और विदेशी पर्यटकों से 600 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जाता है।

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वर्ष 2015 – (8 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2015 तक)

देशी पर्यटक – 448

विदेशी पर्यटक – 181

कुल आय – रूपया 2,50,165

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वर्ष 2016 – (जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर 2016 तक)

देशी पर्यटक – 8268

विदेशी पर्यटक – 1173

कुल आय – रूपया 18,08,985

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वर्ष 2017 – (एक जनवरी से 31 दिसम्बर 2017 तक)

देशी पर्यटक – 13,888

विदेशी पर्यटक – 818

कुल आय – रूपया 20,33,175

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वर्ष 2018 – ( एक जनवरी से 31 अप्रैत 2018 तक)

देशी पर्यटक – 8562

विदेशी पर्यटक – 2060

कुल आय – रूपया 21,82,525

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