होम स्टे योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में लौटेगा रोजगार


श्री सतपाल महाराज के नेतृत्व में पयर्टन विभाग होम स्टे के माध्यम से गांवों में ही स्थानीय स्तर पर रोजगार देने जा रहा है। इसी के उद्देश्य से उत्तराखंड शासन के पर्यटन विभाग की ओर से नई होमस्टे पॉलिसी जारी कर दी गई है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने पलायन को रोकने एंव पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) विकास योजना नियमावली 2018 लागू कर दी हैै। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण/पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन जनित स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा पलायन को रोकना होगा। इसके अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में होम स्टे निर्माण के लिए पूंजी पर अधिकतम 10 लाख रूपये तक की सब्सिडी तथा ब्याज में पहले पांच वर्षों तक 1.5 लाख रूपये तक की अधिकतम छूट दी जाएगी। मैदानी क्षेत्रों के लिये यह राशि क्रमशः 7.50 लाख तथा 1.00 लाख होगी।
पर्यटन मंत्री Satpal Maharaj ने कहा कि इस योजना के लागू होने से जहां बेरोजगारी और पलायन की समस्या से निपटने में मद्द मिलेगी, वहीं स्थानीय संस्कृति और पहाड़ी व्यंजनों को एक नया मंच उपलब्ध होगा। राज्य को पर्यटन प्रदेष बनाने की दिषा में यह योजना काफी कारगर सिद्ध होगी।
सचिव पर्यटन, दिलीप जावलकर ने कहा यह योजना नगर निगम क्षेत्रों को छोड़कर सम्पूर्ण प्रदेश में लागू की जायेगी। इस योजना को गृह स्वामी द्वारा परिवार सहित निवास करने वाले किसी भी भवन पर लागू किया जा सकता है। इस योजना के अन्तर्गत अतिथियों के लिये खान-पान की व्यवस्था भी भवन स्वामी द्वारा किया जाना अनिवार्य होगा। प्रत्येक भवन में कम से कम 1 तथा अधिक से अधिक 6 कक्षों की व्यवस्था हो सकेगी। जिस गांव में 6 से अधिक होम स्टे होंगे, वहां पर ढांचागत सुविधायें उपलब्ध करवायी जायेगी और उसे क्लस्टर के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिये एक वेबसाइट के साथ-साथ मोबाइल एप का निर्माण भी किया जायेगा। होम स्टे में हॉस्पिटेलिटी के उच्च गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिये शीघ्र ही प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जायेगा। यात्रा मार्ग तथा ट्रैक रूट पर पड़ने वाले गावों में होम स्टे को विषेश प्राथमिकता दी जायेगी। इस दिशा में चिन्हीकरण के लिए जिलाधिकारियों को निर्देशित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मिशन 20-20 के तहत् 5,000 होम स्टे के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसे प्राप्त करने की दिषा में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी।