जो सिकन्दर को जीते वो थे सम्राट पौरुष कटोच, यह कार्टून नेता जी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में एक जापानी कार्टूनिस्ट ने बनाया था

सिकन्दर के दांत खट्टे करने वाला भारतीय सम्राट पौरुष कटोच ।
#जो_जीता_वो_सिकंदर_और_जो_सिकंदर_को_भी_जीते_वो_सम्राट_पोरस_कटोच
मित्रों आज हम आपको प्राचीन चंद्रवंशी क्षत्रिय “पुरु वंश,इसकी शाखा हरिद्वार क्षत्रिय” के बारे में जानकारी देंगे और पुरुवंशी राजपूत राजा पोरस द्वारा विश्वविजेता सिकंदर को दी गई करारी पराजय के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे!
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पुरु वंश का परिचय और गोत्र प्रवर—
चंद्रवंशी महाराजा ययाति के पुत्र पुरु के वंशज पुरु,पौर,पौरववंशी वंशी क्षत्रिय कहलाते हैं,इस वंश के महाराजा मतिनार सूर्यवंशी सम्राट मान्धाता के नाना थे,महाराजा पुरु से एक शाखा कुरु वंश की चली,इनसे चन्द्रवंश की अन्य शाखाएँ भी चली,एक शाखा बाद तक पुरु या पौरव वंशी कहलाती रही।
गोत्र–भारद्वाज
प्रवर तीन–भारद्वाज,ब्रह्स्पतय,अंगिरस
वेद–यजुर्वेद
शाखा–वाजसनेयी
नदी–महेंद्र तनया(सतलुज)
वृक्ष–वट
छत्र–मणिक मुक्त स्वर्ण छत्र
ध्वजा–लाल झंडे पर चंद्रमा का चिन्ह
शस्त्र–खडग
परम्परा–विजयादशमी को खडग पूजन होता है
शाखाएँ–हरिद्वार क्षत्रिय राजपूत,कटोच राजपूत,पुरी(खत्री)
गद्दी एवं राज्य–प्रतिष्ठानपुर,पंजाब आदि
वर्तमान निवास–पाकिस्तान,पंजाब,आजमगढ़ एवं बहुत कम संख्या में बुलंदशहर,मेरठ में भी मिलते हैं,पंजाब और यूपी में कहीं कहीं मिलने वाले भारद्वाज राजपूत भी संभवत: पुरु अथवा पौरववंशी राजपूत ही हैं प्रसिद्ध पुरु अथवा पौरवंशी–विश्वविजेता यवन सिकन्दर को हराने वाले वीर पुरुवंशी राजा परमानन्द अथवा पुरुषोत्तम
पुरुवंश की शाखा हरिद्वार क्षत्रिय—
गोत्र–भार्गव,प्रवर तीन–भार्गव,निलोहित,रोहित
यह पुरु वंश की उपशाखा है,पृथ्वीराज चौहान के समय इस वंश के आदि पुरुष राव हंसराम पंजाब से अपने परिवार के साथ हरिद्वार आकर बसे थे,उस समय यहाँ राजा चन्द्रपुंडीर पृथ्वीराज चौहान के सामंत के रूप में शासन कर रहे थे,इन्होने राव हंसराम को जागीर प्रदान की और हरिद्वार में पुरु वंश की शाखा का विस्तार होने लगा,बाद में इस इलाके में तुर्कों का दबाव होने के कारण पुरुवंशी क्षत्रिय यहाँ से पलायन कर पूर्वी क्षेत्र में चले गए और आजकल यूपी के आजमगढ़ के आसपास मिलते हैं,हरिद्वार से आने के कारण इन्हें हरिद्वार क्षत्रिय राजपूत वंश कहा जाने लगा।
पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में कई मुस्लिम राजपूत वंश जो खुद को चन्द्रवंशी बताते हैं उन वंशो का अस्तित्व भारत के हिन्दू चंद्रवंशी राजपूतो में नहीं मिलता है,न ही अलग से 36 वंशो की किसी भी सूची में इनका नाम मिलता है.चूंकि सिकन्दर के हमले के समय पुरुवंश का शासन पंजाब और भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में था इसलिए हो सकता है ये पुरुवंशी क्षत्रियों के ही वंशज हैं

#क्षत्रिय__होना_गर्व_है

कुछ लोगों को तिरंगा फहराने का अवसर नहीं मिला, लेकिन उन्होंने ऐसा कार्य किया कि आप तिरंगा फहरा सके। प्रस्तुत कार्टून एक जापानी कार्टूनिस्ट ने बनाया था, सुभाष जी के सम्मान में।