आज नरक चतुर्दशी पर नरक से बचने के लिए करें ये विशेष कार्य, मुख्यमंत्री पंहुचे कुम्हार मंडी मिट्टी के दिये क्रय कर किया डिजिटल माध्यम से भुगतान

*🌹नरक चतुर्दशी के दिन नरक से बचने के लिए किया जाता है ये विशेष कार्य🌹*
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*नरक चतुर्दशी के उपाय: इस बार नरक चतुर्दशी का पर्व दो दिन मनाया जा रहा है। 11 नवंबर और 12 नवंबर 2023 को यह त्योहार मनाया जाएगा। 11 नवंबर की रात को पूजा और अनुष्ठान होंगे तो 12 नवंबर को सुबह अभ्यंग स्नान होगा। नरक चतुर्दशी की नरक से बचने के लिए एक उपाय जरूर करना चाहिए। आओ जानते हैं कि वह कौनसा उपाय है।*

*🚩छह देवों की पूजा :-* कहते हैं कि इस दिन शिव पूजा, माता कालिका, भगवान वामन, हनुमानजी, यमदेव और भगवान कृष्ण की पूजा करने से मृत्यु के बाद नरक नहीं जाना पड़ता है। विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना चाहिए। इससे पाप कटता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।

*🪔नरक से बचने के लिए जलाएं 14 दीपक :-*
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नरक चतुर्दशी के दिन घर में मुख्‍यत: 5 दीये जलाने का प्रचलन है। इनमें से एक दीया घर के पूजा पाठ वाले स्थान, दूसरा रसोई घर में, तीसरा उस जगह जलाना चाहिए जहां हम पीने का पानी रखते हैं, चौथा दीया पीपल या वट के पेड़ तले रखना चाहिए। वहीं पांचवां दीया घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर जलाया जाए वह दीया चार मुंह वाला होना चाहिए और उसमें चार लंबी बत्तियों को जलाना चाहिए। इसके अलावा आप और भी दीए जलाना चाहें तो 7, 13, 14 या 17 की संख्‍या में दीए जला सकते हैं। कई लोग छोटी दिवाली के दिन 14 दीपक जलाते हैं।

पहला दीया रात में सोते वक्त यम का दिया जो पूराना होता है और जिसमें सरसों का तेल डालकर उसे घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर कूड़े के ढेर के पास रखा जाता है।

दूसरा दीया किसी सुनसान देवालय में रखा जाता है जोकि घी का दिया होता है। इसे जलाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।

तीसरा दीया माता लक्ष्मी के समक्ष जलाते हैं।

चौधा दीया माता तुलसी के समक्ष जलाते हैं।

पांचवां दीया घर के दरवाजे के बाहर जलाते हैं।

छठा दीया पीपल के पेड़ के नीचे जलाते हैं।

सातवां दीया किसी मंदिर में जलाकर रख दें।

आठवां दीया घर में कूड़ा कचरा रखने वाले स्थान पर जलाते हैं।

नौवां दीया घर के बाथरूम में जलाते हैं।

दसवां दीया घर की छत की मुंडेर पर जलाते हैं।

ग्यारहवां दीया घर की छत पर जलते हैं।

बारहवां दीया घर की खिड़की के पास जलाते हैं।

तेरहवां दीया- घर की सीढ़ियों पर जलाते हैं या बरामदे में।

चौदहवां दीया रसोई में या जहां पानी रखा जाता है वहां जलाकर रखते हैं।

*🚩यम का दीपक :-* कई घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीया जला कर पूरे घर में घुमाता है और फिर उसे घर से बाहर ले जाकर कहीं दूर रख कर आता है। घर के अन्य सदस्य अंदर रहते हैं और इस दीये को नहीं देखते। यह दीया यम का दीया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घुमा कर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां घर से बाहर चली जाती हैं।

*🚩पुराने दीये को जलाएं :-* इस दिन जल्दी उठकर अच्छे से स्नान किया जाता है और रात्रि में इस दिन यम पूजा हेतु दीपक जलाए जाते हैं। इस दिन एक पुराने दीपक में सरसों का तेल व पांच अन्न के दाने डालकर इसे घर की नाली की ओर जलाकर रखा जाता है। यह दीपक यम दीपक कहलाता है। इसी दिन यम की पूजा करने के बाद शाम को दहलीज पर उनके निमित्त दीप जलाएं जाते हैं जिससे अकाल मृत्यु नहीं होती है।*🚩हरिऊँ🚩*
🕉🔱🕉 ✍️ आचार्य पांडुरंगराव शास्त्री*

*मुख्यमंत्री ने कुम्हार मंडी क्षेत्र का किया भ्रमण, कुम्हारों से भेंट की ।*

*मुख्यमंत्री ने मिट्टी के दिये क्रय कर किया डिजिटल माध्यम से भुगतान।*

*भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाला देशः मुख्यमंत्री*

*‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को आत्मसात कर स्थानीय उत्पादों के क्रय की भी की अपील।*

*दीपावली का पर्व बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक: मुख्यमंत्री*

         मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कुम्हार मंडी क्षेत्र का भ्रमण कर दीपावली के अवसर पर मिट्टी के दिये व अन्य सामान तैयार करने वाले कुम्हारों से मिले तथा उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी मिट्टी के दिये क्रय कर सभी से मिट्टी के दिये क्रय करने तथा दीपावली पर मिट्टी के दिये जलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मिट्टी के दिये दीपावली के पर्व को पावनता प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के घरों में दीपावली पर जलने वाले दिये कुम्हारों की खुशहाली तथा आर्थिक समृद्धि का भी माध्यम बनते हैं। 

       मुख्यमंत्री ने क्रय किये गये दियों का डिजिटल माध्यम से भुगतान करते हुए, उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन देश में तेजी से बढ़ा है। भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाला देश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने डिजिटलाईजेशन के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। कुछ वर्षों में यूपीआई तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था और आदतों का हिस्सा बन गया है। यह डिजिटल भारत की नींव है, यह अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाने का माध्यम है।

         मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दीपावली पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए स्थानीय उत्पादों के प्रचार एवं प्रसार को हम सभी अधिक से अधिक बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की पूर्ति में भी अपना योगदान दे सकते हैं इससे हमारे पारम्परिक उत्पादों को भी पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में लोग यदि स्थानीय उत्पादों के क्रय पर ध्यान दे तो हमारा देश भी आर्थिक रूप से मजबूत बनेगा तथा स्थानीय उत्पादकों का बनोबल भी बढ़ेगा।

        मुख्यमंत्री ने सुख, समृद्धि और संपन्नता के प्रतीक दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुये कहा कि माँ लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश जी के आशीर्वाद से सभी के जीवन में सुख समृद्धि, शांति एवं आरोग्य का संचार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली का पर्व मर्यादा एवं सद्भावना का भी संदेश देता है। दीपों का यह त्योहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के पश्चात वापस अयोध्या आने से भी जुड़ा है। दीपावली का पर्व बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दीपावली का यह पर्व हम सबके जीवन को प्रकाशमय करने के साथ हम सबके जीवन में धन, ऐश्वर्य और सम्पन्नता लेकर आये, इसकी भी उन्होंने कामना की है।