मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ के कुमौड़ में स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ कर प्रदेश वासियों की सुख-समृद्धि हेतु प्रार्थना की, तिब्बती पुनर्वास नीति बनाने हेतु अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने दिए निर्देश

 पिथौरागढ 10 अक्टूबर 2023- प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ के कुमौड़ में स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया तथा भजन कीर्तन में प्रतिभाग किया! उन्होंने बजरंगबली हनुमान से जनपद सहित प्रदेश की खुशहाली व सुख शान्ति की मंगल कामना की! उन्होंने मंदिर परिसर में उपस्थित संत गणों एवं भक्तगणों से बातचीत की तथा उनकी कुशलक्षेम पूछी!

      इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद अजय टम्टा, जिलाधिकारी रीना जोशी, गणमान्य व्यक्ति गिरीश जोशी आदि उपस्थित रहे!

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*एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने तिब्बती पुनर्वास नीति के संबंध में बैठक ली*

*राज्य सरकार के सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर तिब्बती पुनर्वास नीति पर अपनी आख्या अथवा अनापत्ति प्रेषित करने के निर्देश*

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में तिब्बती पुनर्वास नीति के संबंध में बैठक के दौरान राज्य सरकार के सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर तिब्बती पुनर्वास नीति पर अपनी आख्या अथवा अनापत्ति प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य में निवास कर रहे तिब्बती नागरिकों को मिल सके इसके लिए तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित किया जाना आवश्यक है। बैठक के दौरान उत्तराखण्ड में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने शासन को जन्म प्रमाण पत्र बनने में आ रही दिक्कतें, भूमि स्वामित्व विवाद, आवास, सड़क, पेयजल का ना मिलना जैसी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने राज्य में तिब्बती संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन से सहायता की अपेक्षा की है।

बैठक में विशेष सचिव गृह विभाग सुश्री रिद्धिम अग्रवाल, सुश्री निवेदिता कुकरेती, निदेशक संस्कृति सुश्री बीना भट्ट, सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून श्री प्रत्यूष सिंह, अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सेन्ट्रल तिब्बतन वेलफेयर ऐसोसिएशन के पदाधिकारी एवं देहरादून में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।