पंचायती राज पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सतपाल महाराज की बड़ी तैयारी गांव में आयोजित होगी कैबिनेट, ग्राम पंचायतों को दी बड़ी सौगात

आज सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को सीमा पर बसे भारत के प्रथम गांवों के सुनियोजित विकास के लिए ‘‘मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना’’, गांवों में स्वच्छता हेतु ‘मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र’ योजना की शुरुआत करने हेतु निर्देशित किया।

ग्राम पंचायत के विकास हेतु ‘मुख्यमंत्री चौपाल’ व कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें ग्राम विकास से संबंधित प्रस्ताव रखे जाएंगे। हमारे गांवों में धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक आधार पर कुछ दिवस विशेष महत्व रखते हैं, जिन्हें चिन्हित कर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

ग्राम्य विकास को अभूतपूर्व गति देकर 2025 तक ‘आदर्श गांव’ के संकल्प की पूर्ति की दिशा में हमारी सरकार द्वारा प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।

*मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना शुरू की जाएगी*

*प्रत्येक गांव में एक पर्यावरण मित्र (स्वच्छक) की तैनाती की जाएगी*

*गांव में आयोजित होगी कैबिनेट, ग्रामीण विकास को होगी समर्पित*

*ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री चौपाल’ शुरू की जाएगी*

*पंचायती राज विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिये निर्देश*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड के ऐसे गांव जो भारत के प्रथम गांव हैं, उनके सुनियोजित विकास के लिए ‘‘मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना’’ शुरू की जायेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने माणा में आयोजित कार्यक्रम में सीमाओं पर स्थित गांवो को अंतिम गांव की बजाय प्रथम गांव कहा था। ये गांव देश के प्रथम गांव के साथ प्रहरी भी हैं। हमारी पहली प्राथमिकता इन गांवों का सुनियोजित विकास होना चाहिए।

 

गांवों में स्वच्छता के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र’ योजना शुरू की जायेगी। जिसमें प्रत्येक गांव में एक पर्यावरण मित्र (स्वच्छक) की तैनाती की जायेगी। ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री चौपाल’ शुरू की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं किसी गांव में जाकर चौपाल में प्रतिभाग करेंगे। “मुख्य सेवक चौपाल” में मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम भी करेंगे।

सचिवालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गांवों में धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक आधार पर कुछ दिवस वहां के लिए विशेष महत्व के होते हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांवों में इन विशेष दिवसों को चिन्हित कर उत्साह के साथ कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। ग्राम सभा का स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इनमें उन गांवों के बाहर रहने वाले प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जाए। उच्चाधिकारी भी इनमें प्रतिभाग करें। ग्राम पंचायतों का सुनियोजित विकास हो इसके लिए चौपाल लगाई जाए। चौपाल में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए एवं अधिकारी भी चौपालों में प्रतिभाग करें। इसके लिए ग्राम सभावार रोस्टर भी बनाया जाए। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा इन चौपालों दिये जाने वाले सुझावों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए गांवों के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि असली भारत गांवों में बसता है। राज्य के समग्र विकास के लिए गांवों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के विकास के लिए किसी गांव में एक कैबिनेट बैठक भी आयोजित की जाए, जिसमें गांवों के विकास से संबंधित प्रस्ताव हों।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा। तब तक गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में क्या प्रभावी प्रयास किये जा सकते हैं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए हर गांवों के लिए मास्टर प्लान बनाया जाए। अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का आम जन तक विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। सरकार की नई योजनाओं की आम जन को जानकारी हो इसके लिए गांवों में योजनाओं की जानकारी के लिए बोर्ड लगाये जायें। सभी विभाग अपने स्तर से भी सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास से संबंधित अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेस को अपनाया जा सकता है।

कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि गांवों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। ग्राम प्रधानों को आपदा निधि के लिए दस-दस हजार रूपये की निधि प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। गांवों में चाल-खाल बनाने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।

*महाराज ने कहा ग्राम प्रधानों को आपदा निधि से दी जाये 10-10 हजार रुपए की धनराशि*

सतपाल महाराज ने कहा कि वार्षिक चरित्र प्रविष्टि पर मंतव्य अंकल हेतु शासनादेश को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। 

बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने अनेक महत्वपूर्ण विषयों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करवाया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित चतुर्थ तल पर मुख्यमंत्री कार्यालय सभागार में गुरुवार को पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने पंचायतों के सशक्तिकरण से संबंधित संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों से संबंधित कार्य, दायित्व, निधि, कार्मिक का पंचायतों में हस्तान्तरण हेतु उच्च स्तर पर निर्णय लेने और पंचायती राज विभाग एवं संबंधित विभागों के स्तर से अनेक महत्वपूर्ण विषयों और सुझावों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करवाया।

पंचायत मंत्री सतपाल महाराज ने बैठक में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से *ग्राम प्रधानों को आपदा निधि (त्वरित सहायता) के लिए 10-10 हजार रुपए की राशि आपदा निधि से दिए जाने का भी सुझाव दिया* जिस पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति व्यक्ति की है।

उन्होने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के शासनादेश 16 फरवरी 2005 के क्रम में *अध्यक्ष जिला पंचायत द्वारा मुख्य विकास अधिकारी तथा प्रमुख क्षेत्र पंचायत द्वारा खंड विकास अधिकारी की वार्षिक चरित्र प्रविष्टि पर मंतव्य अंकन को लागू किया जाना अति आवश्यक है इसलिए शासनादेश का प्रभावी ढंग से अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए।*

उन्होंने भारत सरकार के 73वें संविधान संशोधन के अनुच्छेद 243-ग में संशोधन के बाबत अध्यक्ष जिला पंचायत एवं प्रमुख क्षेत्र पंचायत के निर्वाचन में राज्य विधान मंडल को ग्राम प्रधान नगर निगम की भांति प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष निर्वाचन के विकल्प के संबंध में उच्च स्तर पर निर्णय लेते हुए इसे विधानमंडल दल से पास करवाने की भी बात कही।

श्री महाराज ने मुख्यमंत्री घोषणा के तहत त्रिस्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों के मानदेय के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं के निराकरण के साथ साथ जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत सृजित परिसंपत्तियों को पंचायतों में हस्तान्तरण से पूर्व ग्राम प्रधान, पेयजल विभाग के कार्मिक एवं जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी की संयुक्त टीम के सत्यापन के उपरांत परिसंपत्तियों के हस्तान्तरण की कार्यवाही पर विचार किए जाने का भी अनुरोध किया।

पंचायत मंत्री ने पंचायत घरों के निर्माण हेतु 20 लाख के बजट का प्रावधान किए जाने, त्रिस्तरीय पंचायतों के पदाधिकारियों को अनुमन्य मानदेय राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत विकास कार्यों से ना होकर अधिष्ठान मद में अलग से बजट का प्रावधान किए जाने को भी कहा। पंचायत भवन एवं सरकारी भवन निर्माण के लिए ग्राम पंचायत की भूमि के उपयोग का भी उनके द्वारा उनके मुख्यमंत्री को सुझाव दिया गया

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री नितेश झा, निदेशक पंचायतीराज श्री बंशीधर तिवारी, अपर सचिव श्री ओंकार सिंह एवं पंचायतीराज विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।