अशोक कुमार ने संभाला डीजीपी उत्तराखण्ड का दायित्व, बोले अपराधियों के लिए उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं

हरीश मैखुरी

अशोक कुमार IPS ने संभाला उत्तराखण्ड प्रदेश का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का दायित्व। इस महत्वपूर्ण अवसर पर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि ‘मेरा प्रयास रहेगा राज्य में ऐसी पुलिस व्यवस्था स्थापित करना जिससे अपराधियों में कानून का भय हो और सज्जन लोग स्वयं को सुरक्षित और सम्मानित अनुभव करें।

उन्होंने कहा उत्तराखंड में देश की सबसे स्मार्ट और हाईटेक पुलिस सिस्टम पर तेजी से कार्य चल रहा है, अब अपराधियों के लिए राज्य में कोई स्थान नहीं है, मेरी ओर से पुलिस कर्मियों के सम्मान व सुरक्षा हेतु एक संदेश भी जारी किया है, जिसमें पुलिस के सम्बंध में मेरी परिकल्पना स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।

अशोक कुमार प्रयोग धर्मी और संभावनाओं भरे अधिकारी हैं  उम्मीद की जा रही है कि उनके नेतृत्व में  राज्य में पुलिस व्यवस्था न केवल  चुस्त-दुरुस्त होगी अपराधियों में भी  पुलिस का  भय बना रहेगा अशोक कुमार का अभी उत्तराखंड में लंबा कार्यकाल है पदभार ग्रहण करने पर उनको शिक्षामंत्री अरविंद पांडे सहित अधिकांश माननीयों ने पदभार संभालने पर बधाई दी है। breakinguttarakhand.com की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।💐🎉🌸🌺

पुलिस महानिदेशक के रूप में कमान संभालते ही डीजीपी अशोक कुमार फाम में आ गये हैं उन्होंने अपनी मुख्य टीम में दो आईपीएस अधिकारियों प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया है। जेल आईजी और लॉ एंड ऑर्डर सहित अभिसूचना तंत्र की कमान संभाल रहे महानिरीक्षक एपी अंशुमान को पुलिस मुख्यालय का प्रमुख मीडिया प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। उनके सहयोग के लिए उप महानिरीक्षक आईपीएस नीलेश आनंद भरणे को उप प्रवक्ता मुख्यालय नियुक्त किया गया है। हालांकि, दोनों ही अधिकारी अपने वर्तमान पदभार के साथ-साथ अतिरिक्त पद की जिम्मेदारी का भी अलग से निर्वहन करेंगे।

डीजीपी कुमार द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक जया बलूनी को भी अपनी प्रमुख सहयोगी टीम में शामिल किया गया है। जया बलूनी वर्तमान में अपराध व कानून व्यवस्था मुख्यालय के कार्य की जिम्मेदारी निभा रही हैं। ऐसे में वह भी पुलिस महानिदेशक के सहायक के तौर पर अतिरिक्त दायित्वों का भी निर्वहन करेंगी।

डीजीपी कुमार ने कहा कि जनता की सेवा और न्याय दिलाने के लिए पुलिस को संविधान से वर्दी, शस्त्र और कानूनी कार्रवाई (एफआईआर और गिरफ्तारी) जैसे तीन महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए हैं।

यह तीनों अधिकार गरीबों की सहायता, पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हैं। इनका सदुपयोग हर हाल में किया जाना अब सुनिश्चित किया गया है। अगर ऐसा नहीं होता तो जांच उपरांत आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हालांकि, दूसरी तरफ अच्छा कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा।

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस को संविधान से 3 तरह के अधिकार मिले हैं। जिनके अंतर्गत पुलिस को हर हाल में अपराधियों पर शिकंजा कसना होगा। इसके लिए स्मार्ट पुलिसिंग की व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है, जिससे अपराधियों के अंदर खौफ पैदा हो और जनता के प्रति विश्वास और मित्रता की भावना।यही नहीं डीजीपी अशोक कुमार द्वारा पदभार ग्रहण करते ही पुलिस मुख्यालय में आईजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में “पुलिसजन समाधान समिति” का गठन किया है। और घटना का अनावरण पूरी सटीकता से तत्परता से यथा समय हो इस हेतु प्रयास किए जायेंगे। 

  उत्तराखंड पुलिस को हर स्तर पर सुव्यवस्थित और स्मार्ट पुलिसिंग बनाने को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पोस्टमॉर्टम को ऑनलाइन करने की भी तैयारी की जा रही है। ताकि किसी भी घटना में पोस्टमॉर्टम सार्वजनिक ना होने के कारण कई तरह की न्याय प्रक्रिया में बाधाएं ना आएं।

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस को स्मार्ट व हाईटेक करने की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

इसके लिए गठित की गई समितियां लगातार इसकी संभावनाओं को तलाशेंगी। आधुनिक हथियार, वाहनों, साइबर एक्सपर्ट, आईटी की नई टेक्नोलॉजी और फॉरेंसिक तकनीक जैसे सभी तरह के महत्वपूर्ण विषयों पर उत्तराखंड पुलिस के आधुनिकीकरण पर लगातार जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट यह रहेगा कि उत्तराखंड पुलिस देश की सबसे स्मार्ट पुलिसिंग की सूची में आए।

उत्तराखंड राज्य में पहाड़ी और दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में तैनात पुलिस की समस्या को देखते हुए उनके तैनाती का कार्यकाल घटाने पर भी डीजीपी अशोक कुमार ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मैदानी क्षेत्र में किसी इंस्पेक्टर का कार्यकाल (Tenure) 16 वर्ष का तय रहता है, उसको पहाड़ में घटाकर 10 से 12 वर्ष किया जाना आवश्यक है।

वहीं, जिस सब इंस्पेक्टर का मैदानी क्षेत्र में 8 साल का कार्यकाल है, उसकी तुलना में पहाड़ी इलाके में तैनात सब इंस्पेक्टर का कार्यकाल 4 से 6 वर्ष किया जा सकता है। कुल मिलाकर डीजीपी अच्छी पुलिसिंग स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। यह लीक से हटकर है।