
उत्तराखंड के डीजीपी Ashok Kumar IPS, DGP ने देहरादून की अपराध एवं कानून व्यवस्था के सम्बन्ध में जनपद के समस्त अधिकारीगणों, प्रभारियों के साथ विचार विमर्श कर प्रभावी दिशा-निर्देश दिये हैं जिनमें मुख्य रूप से
🔹 सामान्य आम जन पर पुलिस का विश्वास बढे तथा अपराधियों पर पुलिस का डर बैठै। अपराधियों को पुलिस का डर होना चाहिये, जनपद में कोई भी अपराधी प्रवेश करने की हिम्मत न करें, यदि प्रवेश करता है तो जनपद से बाहर न जाने पाये। इसके अतिरिक्त श्रीमान पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा सभी थाना प्रभारियों के विचार तथा उनकी समस्याएं सुनी, जिसका उसी मध्य निस्तारण भी किया गया ।
🔹 अपराध की प्रकृति की पूर्ण जानकारी करते हुए किसी भी दशा में हल्की धाराओं में अभियोग पंजीकृत न करते हुए बडी धाराओं में अभियोग पंजीकृत करें। जिससे किसी भी दशा में अभियुक्त को हल्की धाराओं का लाभ न मिलने पाये।
🔹 विवेचना में 07 साल तक की सजा के अपराधों में भी अभियुक्तों से कड़ी पूछताछ अवश्य की जाए।
🔹 02 माह अभियान चलाकर वांछित, इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की जाए। वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित किया जाए तथा इनाम की धनराशि बढाई जाए।
🔹 गैंगस्टरों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही करते हुए उनकी अवैध सम्पत्ति को सीज करने की कार्यवाही की जाए।
🔹 प्रत्येक पुलिस अधिकारी तत्परता से काम करें, अपराध के पीछे नहीं बल्कि अपराधियों का पीछा कर उन्हें संगीन धाराओं में निरूद्ध करें।
🔹 पुलिस उपाधीक्षक से नीचे कोई भी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी किसी भी अपराध से सम्बन्धित किसी प्रकार की मीडिया बाइट न दें, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की सहमति से ही विवेचक मीडिया बाइट दें। क्योंकि विवेचना लीक होने से अपराधी उसका दुरुपयोग कर सकते हैं।
🔹 सभी पुलिस अधिकारी शिकायतकर्ता को ध्यान से सुनें, उनकी समस्या का समाधान करें। शिकायतकर्ता को अपनी समस्या के लिए अधिकारियों के पास भटकना न पडे।
🔹 अपराधों और नशे में लिप्त व्यक्तियों की संलिप्तता अधिक पाई जा रही है, इसलिये नशे के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करें।
🔹 किसी भी स्थान पर जाम लगने पर इसकी जानकारी सोशल मीडिया, अन्य स्त्रोत के माध्यम से आम जनता को पंहुचाये जिससे आम जनता को अनावश्यक जाम का सामना न करना पड़े।
उत्तराखंड पुलिस के ये कदम निश्चित रूप से अपराधियों पर नियंत्रण की दिशा में प्रभावी होंगे। लेकिन जिस तरह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में पुलिस द्वारा अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही और उनका एनकाउंटर किया जा रहा है उससे पश्चिम उत्तर प्रदेश के अपराधियों ने उत्तराखंड के तराई वाले शहरों को अपनी गतिविधियों का ठिकाना बना रहे हैं। उसके लिए उत्तराखंड की पुलिस को भी जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए अपराधियों पर न केवल कड़ी कार्यवाही करनी होगी बल्कि उत्तर प्रदेश की भांति ही उनका एनकाउंटर भी करना होगा तभी उत्तराखंड को अपराध मुक्त किया जा सकता है ✍️ हरीश मैखुरी