आज का पंचाग आपका राशि फल, मनोकामना सिद्धि हेतु यज्ञ की विधि

आज तारीख 14/7/2022 श्रावण मास का प्रथम दिन जिन सज्जनों के मुखारविंद “ॐ नमः शिवाय” निकलेगा उनकी और उनके परिवार की रक्षा स्वयं महाकाल करेंगे।। श्रावण की बधाई एवं शुभकामनाएं 
🔱🕉️नमः शिवाय 🕉️🔱

यज्ञ क्या है, और क्यो है, इसका महत्व?????

भगवद्गीता के अनुसार परमात्मा के निमित्त किया कोई भी कार्य यज्ञ कहा जाता है।

हमारी प्राचीन संस्कृति को अगर एक ही शब्द में समेटना हो तो वह है यज्ञ। ‘यज्ञ’ शब्द संस्कृत की यज् धातु से बना हुआ है जिसका अर्थ होता है दान, देवपूजन एवं संगतिकरण।

भारतीय संस्कृति में यज्ञ का व्यापक अर्थ है, यज्ञ मात्र अग्निहोत्र को ही नहीं कहते हैं वरन् परमार्थ परायण कार्य भी यज्ञ है। यज्ञ स्वयं के लिए नहीं किया जाता है बल्कि सम्पूर्ण विश्व के कल्याण के लिए किया जाता है।

यज्ञ का प्रचलन वैदिक युग से है, वेदों में यज्ञ की विस्तार से चर्चा की गयी है, बिना यज्ञ के वेदों का उपयोग कहां होगा और वेदों के बिना यज्ञ कार्य भी कैसे पूर्ण हो सकता है।

अस्तु यज्ञ और वेदों का अन्योन्याश्रय संबंध है।जिस प्रकार मिट्टी में मिला अन्न कण सौ गुना हो जाता है, उसी प्रकार अग्नि से मिला पदार्थ लाख गुना हो जाता है। अग्नि के सम्पर्क में कोई भी द्रव्य आने पर वह सूक्ष्मीभूत होकर पूरे वातावरण में फैल जाता है और अपने गुण से लोगों को प्रभावित करता है।

इसको इस तरह समझ सकते हैं कि जैसे लाल मिर्च को अग्नि में डालने पर वह अपने गुण से लोगों को प्रताडित करती है इसी तर सामग्री में उपस्थित स्वास्थ्यवर्धक औषधियां जब यज्ञाग्नि के सम्पर्क में आती है तब वह अपना औषधीय प्रभाव व्यक्ति के स्थूल व सूक्ष्म शरीर पर दिखाती है और व्यक्ति स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता चला जाता है।

मनुष्य के शरीर में स्नायु संस्थान, श्वसन संस्थान, पाचन संस्थान, प्रजनन संस्थान, मूत्र संस्थान, कंकाल संस्थान, रक्तवह संस्थान आदि सहित अन्य अंग होते हैं उपरिलिखित हवन सामग्री में इन सभी संस्थानों व शरीर के सभी अंगों को स्वास्थ्य प्रदान करने वाली औषधियां मिश्रित हैं।

यह औषधियां जब यज्ञाग्नि के सम्पर्क में आती हैं तब सूक्ष्मीभूत होकर वातावरण में व्याप्त हो जाती हैं जब मनुष्य इस वातावरण में सांस लेता है तो यह सभी औषधियां अपने-अपने गुणों के अनुसार हमारे शरीर को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं।

इसके अलावा हमारे मनरूपी सूक्ष्म शरीर को भी स्वस्थ रखती हैं।यज्ञ की महिमा अनन्त है। यज्ञ से आयु, आरोग्यता, तेजस्विता, विद्या, यश, पराक्रम, वंशवृद्धि, धन-धन्यादि, सभी प्रकार का राज-भोग, ऐश्वर्य, लौकिक एवं पारलौकिक वस्तुओं की प्राप्ति होती है।

प्राचीन काल से लेकर अब तक रुद्रयज्ञ, सूर्ययज्ञ, गणेशयज्ञ, लक्ष्मीयज्ञ, श्रीयज्ञ, लक्षचंडी भागवत यज्ञ, विष्णुयज्ञ, ग्रह-शांति यज्ञ, पुत्रेष्टि, शत्रुंजय, राजसूय, ज्योतिष्टोम, अश्वमेध, वर्षायज्ञ, सोमयज्ञ, गायत्री यज्ञ इत्यादि अनेक प्रकार के यज्ञ होते चले आ रहे हैं।

हमारा शास्त्र, इतिहास, यज्ञ के अनेक चमत्कारों से भरा पड़ा है। जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी सोलह-संस्कार यज्ञ से ही प्रारंभ होते हैं एवं यज्ञ में ही समाप्त हो जाते हैं।

क्योंकि यज्ञ करने से व्यष्टि नहीं अपितु समष्टि का कल्याण होता है। अब इस बात को वैज्ञानिक मानने लगे हैं कि यज्ञ करने से वायुमंडल एवं पर्यावरण में शुद्धता आती है।

संक्रामक रोग नष्ट होते हैं तथा समय पर वर्षा होती है। यज्ञ करने से सहबन्धुत्व की सद्भावना के साथ विकास में शांति स्थापित होती है।यज्ञ को वेदों में ‘कामधेनु’ कहा गया है अर्थात् मनुष्य के समस्त अभावों एवं बाधाओं को दूर करने वाला। ‘यजुर्वेद’ में कहा गया है कि जो यज्ञ को त्यागता है उसे परमात्मा त्याग देता है।

यज्ञ के द्वारा ही साधारण मनुष्य देव-योनि प्राप्त करते हैं और स्वर्ग के अधिकारी बनते हैं। यज्ञ को सर्व कामना पूर्ण करने वाली कामधेनु और स्वर्ग की सीढ़ी कहा गया है। इतना ही नहीं यज्ञ के जरिए आत्म-साक्षात्कार और ईश्वर प्राप्ति भी संभव है।यज्ञ भारतीय संस्कृति का आदि प्रतीक है।

शास्त्रों में गायत्री को माता और यज्ञ को पिता माना गया है। कहते हैं इन्हीं दोनों के संयोग से मनुष्य का दूसरा यानी आध्यात्मिक जन्म होता है जिसे द्विजत्व कहा गया है। एक जन्म तो वह है जिसे इंसान शरीर के रूप में माता-पिता के जरिए लेता है। यह तो सभी को मिलता है लेकिन आत्मिक रूपांतरण द्वारा आध्यात्मिक जन्म यानी दूसरा जन्म किसी किसी को ही मिलता है।

शारीरिक जन्म तो संसार में आने का बहाना मात्र है लेकिन वास्तविक जन्म तो वही है जब इंसान अपनी अंत: प्रज्ञा से जागता है, जिसका एक माध्यम है ‘यज्ञ’।यज्ञ की पहचान है ‘अग्नि’ या यूं कहें ‘अग्नि’, यज्ञ का अहम हिस्सा है जो कि प्रतीक है शक्ति की, ऊर्जा की, सदा ऊपर उठने की।

शास्त्रों में अग्नि को ईश्वर भी कहा गया है इसी अग्नि में ताप भी छिपा है तो भाप भी छिपी है। यही अग्नि जलाती भी है तो प्रकाश भी देती है। इसी अग्नि के माध्यम से जल भी बनता है और जल मात्र मानव जीवन के लिए ही नहीं बल्कि पूरी प्रकृति के लिए वरदान है, अमृत है।

इसीलिए अग्नि इतनी पूजनीय है।एक प्रकार से अग्नि ही ईश्वर है तभी तो अग्नि इतनी पूजनीय है। यही कारण है कि हर धर्म एवं सम्प्रदाय में अग्नि का इतना महत्व है तथा उसे किसी न किसी रूप में जलाया व पूजा जाता है। और यज्ञ भी एक तरह की पूजा है।

यदि यज्ञ में जलती अग्नि ईश्वर है तो अग्नि का मुख ईश्वर का मुख है। यज्ञ में कुछ भी आहुति करने का अर्थ है परमात्मा को भोजन कराना। इसलिए अग्नि को जो कुछ खिलाया जाता है वह सही अर्थों में ब्राहृभोज है। जिस तरह भगवान सबको खिलाता है उसी तरह यज्ञ के जरिए इंसान भगवान को खिलाता है।यज्ञ परमात्मा तक पहुंचने का सोपान है।

उसका सान्निध्य पाने का माध्यम है। यज्ञ में प्रकट अग्नि साक्षात् भगवान है। इसीलिए यज्ञ में अग्नि को प्रज्वलित करने के लिए तथा उसे बनाए रखने के लिए यज्ञ या हवन सामग्री का भी विशेष स्थान है। यह सामग्री न केवल भगवान के भोजन का हिस्सा बनती है बल्कि इससे उठने वाला धुआं वायुमंडल को शुद्ध करता है।

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻गुरुवार, १४ जुलाई २०२२🌻

 

सूर्योदय: 🌄 ०५:३४

सूर्यास्त: 🌅 ०७:१२

चन्द्रोदय: 🌝 २०:१८

चन्द्रास्त: 🌜०५:३६

अयन 🌖 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)

ऋतु: ⛈️ वर्षा 

शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)

मास 👉 श्रावण 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 प्रतिपदा (२०:१६ से द्वितीया)

नक्षत्र 👉 उत्तराषाढ (२०:१८ से श्रवण)

योग 👉 वैधृति (०८:२८ से विष्कुम्भ, २८:१७ से प्रीति)

प्रथम करण 👉 बालव (१०:१० तक)

द्वितीय 👉 कौलव (२०:१६ तक)

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️

॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 मिथुन 

चंद्र 🌟 मकर

मंगल 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मिथुन (अस्त, पूर्व, मार्गी)

गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 वृष (उदित, पूर्व, वक्री)

शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

शुभाशुभ मुहूर्त विचार

⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

〰〰〰〰〰〰〰

अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:५०

अमृत काल 👉 १४:४२ से १६:०६

विजय मुहूर्त 👉 १४:४२ से १५:३७

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०६ से १९:३०

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२० से २०:२१

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०३ से २४:४३

राहुकाल 👉 १४:०७ से १५:५१

राहुवास 👉 दक्षिण

यमगण्ड 👉 ०५:२५ से ०७:०९

होमाहुति 👉 चन्द्र (२०:१८ तक)

दिशाशूल 👉 दक्षिण

अग्निवास 👉 पाताल (२०:१६ से पृथ्वी)

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 गौरी के साथ (२०:१६ से सभा में)

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

☄चौघड़िया विचार☄

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️

॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – शुभ २ – रोग

३ – उद्वेग ४ – चर

५ – लाभ ६ – अमृत

७ – काल ८ – शुभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – अमृत २ – चर

३ – रोग ४ – काल

५ – लाभ ६ – उद्वेग

७ – शुभ ८ – अमृत

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

दक्षिण-पूर्व (दही का सेवन कर यात्रा करें)

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️〰️〰️〰️

तिथि विशेष

🗓📆🗓📆

〰️〰️〰️〰️

श्रावण कृष्ण पक्ष आरम्भ, अशुन्य शयन व्रत आरम्भ, (विवाह मुहूर्त हिमाचल, हरियाणा, पंजाब एवं जम्मू कश्मीर प्रांतो के लिए) सिंह-मकर ल. प्रातः ०९:४७ से रात्रि ०८:१७ तक, नींवखुदाई एवं गृहारम्भ+गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः १०:५० से दोप. १२:३३ तक, व्यवसाय आरम्भ+वाहन क्रय-विक्रय+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः १०:५० से दोपहर ०३:५७ तक आदि।

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️

आज २०:१८ तक जन्मे शिशुओ का नाम 

उत्तराषाढ नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (भो, ज, जी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशु का नाम श्रवण नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (खी, खू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

उदय-लग्न मुहूर्त

मिथुन – २७:२६ से ०५:४१

कर्क – ०५:४१ से ०८:०२

सिंह – ०८:०२ से १०:२१

कन्या – १०:२१ से १२:३९

तुला – १२:३९ से १५:००

वृश्चिक – १५:०० से १७:१९

धनु – १७:१९ से १९:२३

मकर – १९:२३ से २१:०४

कुम्भ – २१:०४ से २२:३०

मीन – २२:३० से २३:५३

मेष – २३:५३ से २५:२७

वृषभ – २५:२७ से २७:२२

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:२५ से ०५:४१

मृत्यु पञ्चक – ०५:४१ से ०८:०२

अग्नि पञ्चक – ०८:०२ से १०:२१

शुभ मुहूर्त – १०:२१ से १२:३९

रज पञ्चक – १२:३९ से १५:००

शुभ मुहूर्त – १५:०० से १७:१९

चोर पञ्चक – १७:१९ से १९:२३

शुभ मुहूर्त – १९:२३ से २०:१६

रोग पञ्चक – २०:१६ से २०:१८

शुभ मुहूर्त – २०:१८ से २१:०४

मृत्यु पञ्चक – २१:०४ से २२:३०

अग्नि पञ्चक – २२:३० से २३:५३

शुभ मुहूर्त – २३:५३ से २५:२७

मृत्यु पञ्चक – २५:२७ से २७:२२

अग्नि पञ्चक – २७:२२ से २९:२६

〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

〰️〰️〰️〰️〰️〰️

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन आनंददायक रहेगा। आज आप लगभग प्रत्येक क्षेत्र पर सफल रहेंगे। सफलता के पीछे परिजनों का भी विशेष योगदान रहेगा फिर भी आज स्वार्थ की मनोवृत्ति अधिक रहने से किसी का अहसान नहीं मानेंगे। महिला मित्रो से ज्यादा नजदीकी के कारण समाज में निंदा हो सकती है। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन बेहतर सिद्ध होगा। व्यापारियों के लिए आज का दिन कुछ ख़ास करेगा। मनोरंजन के साथ-साथ तामसी वृतियो में वृद्धि होगी। घर का वातावरण सामान्यतः शांत ही रहेगा फिर भी रंग में भंग ना पड़े इसका ध्यान रखे। 

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आपके अपने ही बनते कार्यो में अड़चन डाल सकते है जिससे नया विवाद खड़ा होगा। धन को लेकर किसी से मामूली विवाद गंभीर रूप धारण कर सकता है इसलिए धन सम्बंधित मामलो को प्राथमिकता से निपटाएं। कार्य व्यवसाय में धन लाभ होते होते आगे के लिए टलेगा। खर्च यथावत बने रहने से आर्थिक समस्या बनेगी। अनावश्यक विषयो की चर्चा से दूरी बना कर रखे अन्यथा हास्य के पात्र बन सकते है। सामाजिक क्षेत्र पर स्वयं को बड़ा दिखाना भविष्य में मुसीबत खड़ी करेगा। परिजनों के लिए समय निकालें।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन आपको मिश्रित फलदायी रहेगा। दिन के पूर्वार्ध में शारीरिक रूप से असमर्थ रहेंगे आलस्य अधिक रहने से उत्साह की कमी रहेगी। परिवार में भी गर्मागर्मी का वातावरण रहने से असहजता होगी। परन्तु मध्यान तक स्थिति सुधरने लगेगी अपना उत्तरदायित्व समझेंगे किसी विशिष्ट व्यक्ति के मार्गदर्शन से कार्य क्षेत्र पर लाभ के अनुबंध मिलेंगे। सेहत भी धीरे-धीरे सामान्य हो जायेगी। सहकर्मियों का साथ मिलने से कार्य निश्चित अवधि में पूर्ण कर लेंगे। संध्या के समय धन लाभ होगा मनोरंजन पर खर्च भी रहेगा।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आपका आज दिन का पहला भाग थोड़ा उतार चढ़ाव वाला रहेगा। संबंधो में चाह कर भी मधुरता नहीं रख पाएंगे। परिजनों से बात-बात पर मतभेद बनेंगे। गलतफहमियां भी आज अधिक परेशान करेंगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से अधिक ध्यान देना पड़ेगा। अन्यथा आपके हिस्से का लाभ कोई अन्य व्यक्ति ले सकता हैं। दीपाहर बाद लाभ कमाने के अवसर जरूर मिलेंगे लेकिन इसके लिए किसी की मान गुहार करनी पड़ेगी। लंबी यात्रा की योजना स्थगित करनी पड़ सकती है। पारिवारिक खर्च अधिक बढ़ने से थोड़ी परेशानी होगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज आपके मन के विचार थोड़ी-थोड़ी देर में बदलते रहेंगे जिससे कोई भी ठोस निर्णय लेने में दिक्कत आएगी। परन्तु फिर भी आज आपका ध्यान सुख के साधनों की हर हाल में वृद्धि करने में रहेगा। अनैतिक साधनो से लाभ पाने के प्रलोभन भी मिल सकते है परन्तु इनसे बच कर रहे भविष्य की हानि से भी बचेंगे। लाभ के कई अवसर मिलेंगे परन्तु अनिर्णय की स्थिति के कारण इनका पूर्ण लाभ नहीं ले पाएंगे। अधिकांश कार्य आगे के लिए टलेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर आपकी छवि धनवानों जैसी रहेगी फिर भी आडंबर से दूर रहें।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से बेहतर अनुभव करेंगे। दिन के आरम्भ में किसी इच्छित कार्य के बनने से मन में उत्साह बढेगा। व्यवहार में भी मधुरता रहने से आसानी से अपने कार्य निकाल सकेंगे। थोड़ी बहुत स्वार्थ सिद्धि की भावना भी रहेगी। घर में अथवा कार्य क्षेत्र पर बड़बोलापन व्यर्थ की समस्या खड़ी ना करे इसलिए सोच समझ कर ही अपनी बात रखे अथवा मौन ही रहें। दोपहर के बाद कार्यो में बाधा आने लगेगी। सरकारी अथवा पुरानी योजनाओं में धन फंस सकता है। लेन देन करते समय सावधानी रखें। परिवार में आपसी मतभेद उभर सकते है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आपको संयमित व्यवहार करने की सलाह है। स्वाभाव में उग्रता रहने से स्वयं जनों से मन दुःख के प्रसंग बन सकते है। आपके कार्य करने का तरीका किसी अन्य के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। बिना बात बोलने अथवा सलाह देने के कारण सम्मान में कमी आएगी। कार्य परिश्रम के बाद भी अधरे रहेंगे। धन आवश्यकता के समय नहीं मिलने पर निराशा होगी। भाग-दौड़ करने के बाद किसी से अल्प मात्रा में मदद मिल जायेगी। परिजनों के विपरीत व्यवहार की अनदेखी करना ही बेहतर रहेगा। आध्यात्म से जुड़े शांति मिलेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन कार्य क्षेत्र के साथ साथ घरेलु कार्य अधिक रहने से व्यस्तता बढ़ेगी। मध्यान का समय धन लाभ के अवसर भी मिलेंगे परन्तु आशा के अनुसार सफलता नहीं मिल पाएगी। घर में सजावट एवं बदलाव लाने के लिए समय एवं धन खर्च होगा। सन्तानो की जिद के चलते थोड़े असहज रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा कम रहने का पूरा लाभ मिल सकेगा। प्रतिष्ठा को लेकर आज आप अधिक संवेदनशील रहेंगे। अविवाहितो को विवाह के प्रस्ताव मिलेंगे। नौकरी पेशा जातको को थोड़ी परेशानी रहेगी। संध्या का समय एकांत वास में बिताना पसंद करेंगे।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आप अपने ही गैरजिम्मेदार व्यवहार के कारण कष्ट उठाएंगे। कार्यो में लापरवाही भी अधिक रहेगी। हर कार्य में शक करने के कारण परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर तनातनी हो सकती है। व्यवसाय आशा के विपरीत रहेगा। धन लाभ आज मुश्किल से ही हो पायेगा। किसी दूर रहने वाले रिश्तेदार से दुःखद समाचार मिलेगा। परिवार में किसी की बीमारी पर खर्च होगा। सरकारी कार्यो के पीछे व्यर्थ की भाग दौड़ करनी पड़ेगी। सेहत का विशेष ध्यान रखें।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आपकी अपेक्षाओं के अनुसार रहेगा। सामाजिक एवं पारिवारिक क्षेत्र पर आज आप भाग्यशाली माने जाएंगे। आपके अधिकांश कार्य सरलता से बनते चले जाएंगे। जायदाद सम्बंधित कार्यो को आज करना शुभ रहेगा। सरकार की तरफ से लाभदायक समाचार मिल सकता है। विदेश सम्बंधित कार्यो में भी सफलता सुनिश्चित रहेगी। धार्मिक क्षेत्र पर योगदान के लिए सम्मानित किए जाएंगे। परिवार में भी आज आपको विशेष स्नेह एव सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा। धन लाभ में थोड़ा विलम्ब हो सकता है।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज आपको किसी ना किसी कारण मानसिक क्लेश बना रहेगा। प्रत्येक कार्य को देख-भाल कर ही करेंगे फिर भी सफलता निश्चित नहीं रहेगी। सरकारी दखल बढ़ने से कार्य क्षेत्र पर दवाब रहेगा। हाथ लिए अनुबंध समय पर पूर्ण करने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा। आज आप किसी को भी खुश करने में असफल रहेंगे। काम का बोझ अधिक रहने के कारण स्वभाव में चिड़चिड़ाहट रहेगी जिससे प्रियजनों से दूरी बढ़ना संभव है। आज आप पुराने कार्यो को पूर्ण करने पर अधिक ध्यान दे इसके बाद ही नए कार्य हाथ लें। परिजनों की बात मानने में ही भलाई है।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज घर एवं सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचारों को पसंद किया जाएगा। अनजान लोग भी आपकी बातों से प्रभावित होंगे नए मित्र एवं जनसंपर्क बनेंगे। सेहत भी आज अच्छी रहेगी परन्तु मध्यान के बाद दर्द की शिकायत रह सकती है। कार्य क्षेत्र पर अपने बल पर कार्य करेंगे। आज किसी से मदद अथवा शिफारिश नहीं लेंगे। पुराने रुके हुए कार्यो में आश्चर्यजनक रूप से गति आएगी। धन लाभ भी आकस्मिक ही होगा। बीच-बीच में मनोरंजन के अवसर मिलने से मन हल्का रहेगा। परिजन सहयोग करेंगे।

〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰〰 🙏राधे राधे🙏