आज का पंचाग आपका राशि फल, घी संग्रांद, अफ़ग़ानिस्तान में एक झटके में पत्थर युग वापसी

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻मंगलवार, १७ अगस्त २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:५५
सूर्यास्त: 🌅 ०६:५५
चन्द्रोदय: 🌝 १४:३८
चन्द्रास्त: 🌜२५:०२
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 श्रावण
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 दशमी (२७:२० तक)
नक्षत्र 👉 ज्येष्ठा (२५:३५ तक)
योग 👉 वैधृति (२४:०४ तक)
प्रथम करण 👉 तैतिल (१६:२८ तक)
द्वितीय करण 👉 गर (२७:२० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 धनु (२५:३५ से)
मंगल 🌟 सिंह (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 सिंह (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५४ से १२:४७
अमृत काल 👉 १७:१९ से १८:५०
रवियोग 👉 पूरे दिन
विजय मुहूर्त 👉 १४:३२ से १५:२५
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:४३ से १९:०७
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५९ से २४:४३
राहुकाल 👉 १५:३८ से १७:१७
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:०३ से १०:४२
होमाहुति 👉 शुक्र (२५:३५ तक)
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (२५:३५ तक)
अग्निवास 👉 पाताल (२७:२० से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व २५:३५ से)
शिववास 👉 सभा में (२७:२० से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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नवमी तिथि क्षय, मंगल पश्चिम में अस्त १४:११ से आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २५:३५ तक जन्मे शिशुओ का नाम
ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (नो, या, यी, यू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मूल नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश (ये) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क – २७:२६ से ०५:४८
सिंह – ०५:४८ से ०८:०६
कन्या – ०८:०६ से १०:२४
तुला – १०:२४ से १२:४५
वृश्चिक – १२:४५ से १५:०४
धनु – १५:०४ से १७:०८
मकर – १७:०८ से १८:४९
कुम्भ – १८:४९ से २०:१५
मीन – २०:१५ से २१:३८
मेष – २१:३८ से २३:१२
वृषभ – २३:१२ से २५:०७
मिथुन – २५:०७ से २७:२२
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०५:४५ से ०५:४८
शुभ मुहूर्त – ०५:४८ से ०८:०६
मृत्यु पञ्चक – ०८:०६ से १०:२४
अग्नि पञ्चक – १०:२४ से १२:४५
शुभ मुहूर्त – १२:४५ से १५:०४
रज पञ्चक – १५:०४ से १७:०८
शुभ मुहूर्त – १७:०८ से १८:४९
चोर पञ्चक – १८:४९ से २०:१५
शुभ मुहूर्त – २०:१५ से २१:३८
शुभ मुहूर्त – २१:३८ से २३:१२
चोर पञ्चक – २३:१२ से २५:०७
शुभ मुहूर्त – २५:०७ से २५:३५
रोग पञ्चक – २५:३५ से २७:२०
शुभ मुहूर्त – २७:२० से २७:२२
मृत्यु पञ्चक – २७:२२ से २९:४६
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आपका आज का दिन छोटी मोटी उलझनों को छोड़ सामान्य ही रहेगा। व्यवस्तता अधिक रहने से पारिवारिक आवश्यकताओ पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। सेहत की अनदेखी करना आगे भारी पड़ सकता है। धन सम्बंधित कार्य निर्विघ्न पूर्ण होंगे परंतु इसके लिए दिमागी कसरत करनी पड़ेगी। विपरीत लिंगीयो से किसी ग़लतफ़हमी के कारण मतभेद होंगे। धन से अधिक संबंधो को प्राथमिकता दें। मध्याह्न के आसपास सेहत में नरमी आने या दुर्घटना में अकस्मात व्यय होने के योग है सतर्क रहें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपका स्वास्थ्य उत्तम रहने से मानसिक रूप से किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगे। अपनी पुरानी योजनाओं को सिरे चढ़ायेंगे परिस्थितियां भी आपके साथ रहने से कार्यो में सफलता सुनिश्चित रहेगी। व्यवहार में थोड़ा रूखापन रहने से बीच-बीच में व्यवधान भी आएंगे परन्तु इनसे पार पा लेंगे। आज कम् साधन होने पर भी कार्यो को आत्मविश्वास से करेंगे। घरेलु दिनचर्या सामान्य रहेगी। अकस्मात खर्च परेशान कर सकते है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपमें उतावलापन अधिक रहेगा जिसके कारण समस्याएं सुधरने की जगह और गहरी हो सकती है। नए कार्य का आरम्भ आज ना करें। किसी के जमानती भी ना बने। सेहत में उतार चढ़ाव आने से कार्य क्षेत्र पर उदासीनता रहेगी फिर भी खर्च लायक लाभ होने से स्थिति बराबर रहेगी। किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य को करने से पहले परिवार के बुजुर्गो की राय अवश्य लें अन्यथा मुश्किल में पड़ सकते है। पारिवारिक सदस्य के कारण सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है। सन्तानो पर विशेष नजर रखे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपकी आशाओं की पूर्ति कराने वाला रहेगा। दिन भर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। बुद्धि विवेक उत्तम रहने से झगड़ो को टालने के लिए छोटी-मोटी बातों को अनदेखा करेंगे। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेने से संतोष भी रहेगा। आज नए कार्यो अथवा किसी रुकी योजना में निवेश कर सकते है। पैतृक संपत्ति के मामलो में उलझने रहेंगी परन्तु पारिवारिक सदस्यों में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। किसी से बहस ना करें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन का दोपहर तक का समय परेशानी वाला रहेगा। कहीं से कोई भी आशा नहीं दिखने से बेचैन रहेंगे। घर का वातावरण अशान्त रहने से मानसिक स्थिति बिगड़ेगी क्रोध में आकर कोई निर्णय ना ले बाद में पश्चाताप होगा। दोपहर के बाद स्थिति में सुधार आने लगेगा। परिजनों की ही सहायता अथवा मार्गदर्शन से बिगड़े काम बनेंगे। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग मिलने से आर्थिक समस्या सुलझेंगी। खान-पान में संयम बरतें पेट संबंधित शिकायत हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन सभी प्रकार से लाभ देने वाला रहेगा परन्तु आज आपको किसी अच्छे मार्गदर्शक की आवश्यकता पड़ेगी। व्यवहार में गर्मी रहने से घ्र अथवा कार्य क्षेत्र पर बीच-बीच में वातावरण अशान्त भी हो सकता है। सहकर्मियों की लापरवाही भी विवाद का कारण बनेगी परन्तु धन लाभ आज अवश्य होगा। परिजनो की इच्छा पूर्ती करने से घर में सुख शांति रहेगी। लंबी यात्रा यथासंभव टालें स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण परेशानी होने की संभावना है। विरोधी आपसे बच कर रहेंगे।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप मन से संतोषी रहेंगे जिसके कारण दिन का पहला भाग आलस्य के कारण बेकार हो सकता है। लेट-लतीफी के कारण कार्य बिगड़ने की संभावना है। कार्य क्षेत्र पर अधूरे कार्यो को लेकर परेशानी में पड़ सकते है फिर भी धन लाभ के योग है मध्यान के बाद अधिकांश कार्य आपके परिश्रम से सुधरने लगेंगे। रिश्तेदारी के व्यवहार से लाभ होने की सम्भवना है परन्तु पहले खर्च भी करना पड़ेगा। सहकर्मियों से पहले नाराजगी रहेगी बाद में स्थिति सामान्य हो जायेगी। सेहत सामान्य रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन भी आप कार्यो के प्रति लापरवाही दिखाएंगे फलस्वरूप महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहंगे एवं लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है। मौज-शौक के प्रति आज अधिक आकर्षण रहेगा जिसके कारण फिजूल खर्च भी बढ़ेंगे। मध्याह्न के आसपास सरकार की तरफ से कोई परेशान करने वाला समाचार मिल सकता है। यात्रा-पर्यटन की योजना बनेगी इसे लाभ से जोड़कर ना देखें। आर्थिक दृष्टिकोण से आज अन्य के ऊपर निर्भर रहेंगे। चोरी एवं दुर्घटना के योग है सावधानी बरतें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन विपरीत फल देने वाला रहेगा। पूर्व निर्धारित योजनाएं अधूरी या असफल हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर मनमानी के कारण आर्थिक हानि होगी। आज आप बिना विचारे कोई भी कार्य ना करें जल्दबाजी अधिक रहेगी। सरकारी कार्यो में भी विलम्ब होगा। सामाजिक क्षेत्र पर अधिक बोलने से बचें मानहानि का प्रबल योग बन रहे है। विरोधी आज आपकी गलती खोजने के लिए तैयार रहेंगे। स्त्री-संतान से भी संबंधो में कड़वाहट आ सकती है। मानसिक अथवा शारीरिक रूप से नरमी रह सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन अशुभ फलदायी रहेगा। घर एवं बाहर आज विवेक से कार्य करें किसी न किसी रूप में सम्मान तो मिलेगा लेकिन दिनभर आर्थिक समस्याओं को लेकर भविष्य की चिंता सताएगी। परिजन भी आज आपके रूखे व्यवहार के कारण दूरी बना कर रखेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी व्यवहारिकता की कमी के चलते लाभ होते होते हाथ से निकल जाएगा। दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा। छाती में संक्रमण अथवा गले सम्बंधित परेशानी रहेगी। सन्तानो से स्वार्थयुक्त सम्बन्ध रहेंगे। यात्रा के योग बन रहे है संभव हो तो टालें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन कुछ दिनों की तुलना में बेहतर अनुभव करेंगे। कार्यो को लेकर पहले थोड़ा आशंकित रहेंगे परन्तु एक बार सफलता मिलने पर यही क्रम दिन भर बना रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन बेहद खास रहेगा परन्तु उधार के व्यहार आज ना ही करें तो बेहतर रहेगा। नौकरी पेशा जातक आज भी व्यस्तता के चलते घर में आलोचना का शिकार बनेंगे। सामाजिक स्तर पर आपकी छवि निखरेगी लेकिन लोग स्वार्थ पूर्ति के लिये आपका नुकसान भी कर सकते है। स्वास्थ्य थोड़ा नरम रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज भी परिस्थितियां आपकी आशाओं के अनुकूल रहेंगी परन्तु आज किसी विशेष व्यक्ति द्वारा भ्रम की स्थिति बनाने से असमंजस में पड़ सकते है। बिना विचारे कोई भी कार्य ना करें छोटी सी भूल लाभ को हानि में बदल सकती है। संध्या के समय स्वजनों के सहयोग से भ्रम से बाहर निकलेंगे। आर्थिक आयोजन करने के लिए भी यह समय उपयुक्त रहेगा आकस्मिक लाभ होगा। महिला मित्रो के साथ नजदीकियां बढ़ेंगी। सेहत छोटे मोटे विकारों को छोड़ ठीक ही रहेगी। यात्रा फिलहाल टाले।
———————————— 🙏राधे राधे🙏

🌷 जय बद्री विशाल💐 घी सक्रांति का 💐

 

पंडित एसपी पांडे गुरुजी बताते हैं कि घी संक्रांति उत्तराखंड का प्रमुख लोकपर्व है। घी संक्रांति, घी त्यार ,ओलगिया या घ्यू त्यार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की सिंह संक्रांति के मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन से सूर्य भगवान सिंह राशी में विचरण करेंगे।

भगवान सूर्यदेव जिस तिथि को अपनी राशी परिवर्तन करते है। उस तिथि को संक्रांति कहा जाता है। और उत्सव मनाए जाते हैं। उत्तराखंड में मासिक गणना के लिए सौर पंचांग का प्रयोग होता है। प्रत्येक संक्रांति उत्तराखंड में माह का पहला दिन होता है, और उत्तराखंड में पौराणिक रूप से और पारम्परिक रूप से प्रत्येक संक्रांति को लोक पर्व मनाया जाता है। इसीलिए उत्तराखंड में कहीं कही स्थानीय भाषा मे त्यौहार को सग्यान (संक्रांति ) कहते हैं।

घी संक्रांति | घी त्यार | घी सग्यान की पौराणिक मान्यताएं –
उत्तराखंड के सभी लोक पर्वो की तरह घी संक्रांति भी प्रकृति एवं स्वास्थ को समर्पित त्यौहार है। पूजा पाठ करके इस दिन अच्छी फसलों की कामना करते हैं। अच्छे स्वास्थ के लिए,घी एवं पारम्परिक पकवान खाये जाते हैं।

घ्यू त्यार के दिन घी का प्रयोग जरूरी होता है –
उत्तराखंड की लोक मान्यता के अनुसार इस दिन घी खाना जरूरी होता है। कहते हैं, जो इस दिन घी नही खाता उसे अगले जन्म में घोंघा( गनेल) बनना पड़ता है। घी त्यार के दिन खाने के साथ घी का सेवन जरूर किया जाता है, और घी से बने पकवान बनाये जाते हैं। इस दिन सबके सिर में घी रखते हैं। बुजुर्ग लोग जी राये जागी राये के आशीर्वाद के साथ छोटे बच्चों के सिर में घी रखते हैं।

पौराणिक मान्यताओं एवं आयुर्वेद के अनुसार घी संक्रांति के दिन घी का सेवन करने से निम्न लाभ होते है –

घी संक्रांति के दिन घी का सेवन करने से ग्रहों के अशुभ प्रभावों से रक्षा होती है। कहा जाता है, जो इस दिन घ्यू (घी ) का सेवन करते हैं,उनके जीवन मे राहु केतु का अशुभ प्रभाव नही पड़ता है।
घी को शरीर मे लगाने से, बरसाती बीमारियों से त्वचा की रक्षा होती है। सिर में घी रखने से सिर की खुश्की नही होती। मनुष्य को चिंताओ और व्यथाओं से मुक्ति मिलती है। अर्थात सुकून मिलता है। बुद्धि तीव्र होती है।
इसके अलावा शरीर की कई व्याधियां दूर होती हैं। कफ ,पित्त दोष दूर होते है। शरीर बलिष्ठ होता है।
घी त्यार के दिन एक दूसरे को दूध, दही और फल सब्जियों के उपहार (भेंट ) बांटे जाते हैं –
घी संक्रांति या घी त्यार के दिन दूध दही, फल सब्जियों के उपहार एक दूसरे को बाटे जाते हैं। इस परम्परा को उत्तराखंड में ओग देने की परम्परा या ओलग परम्परा कहा जाता है। इसीलिए इस त्यौहार को ओलगिया त्यौहार, ओगी त्यार भी कहा जाता है। यह परम्परा चंद राजाओं के समय से चली आ रही है, उस समय भूमिहीनों को और शासन और समाज मे वरिष्ठ लोगों को उपहार दिए जाते थे। इन उपहारों में काठ के बर्तन ( स्थानीय भाषा मे ठेकी कहते हैं ) में दही या दूध और अरबी के पत्ते और मौसमी सब्जी और फल दिये जाते थे। यही परम्परा आज भी चली आ रही है।

इस दिन अरबी के पत्तों का मुख्यतः प्रयोग किया जाता है। सर्वोत्तम अरबी के पत्ते और मौसमी फल सब्जियां और फल अपने कुल देवताओं को चढ़ाई जाती

घी संक्रांति के दिन उत्तराखंड के पारम्परिक पकवान बनाये जाते हैं –
घी संक्रांति , घी त्यार के दिन उत्तराखंड के पारम्परिक पकवान बनाये जाते हैं। घी संक्रांति के दिन पूरी , बड़े अरबी के पत्तों की सब्जी ,खीर पुए आदि बनाये जाते हैं।इस दिन उत्तराखंड का एक विशेष पकवान बनाया जाता है, जिसे बेड़ू रोटी कहा जाता है। बेड़ू रोटी को आटे में उड़द की दाल पीस कर डाली जाती है

घी संक्रांति

 

घी संक्रान्ति के दिन , बड़े बुजुर्ग अपने से छोटो के सिर में और नवजात बच्चों के तलवो में घी लगाते हुए आशीष वचन जी राये जागी राये बोल कर अपना आशीर्वाद देते हैं। घी संक्रांति की शुभकामनाएं देते हैं।

जी रये जागी रये,

यो दिन यो बार भेंटने रये।

दुब जस फैल जाए,

बेरी जस फली जाईये।

हिमाल में ह्युं छन तक,

गंगा ज्यूँ में पाणी छन तक,

यो दिन और यो मास

भेंटने रये।।

घी त्यौहार उत्तराखंड के प्रमुख लोक पर्वो में प्रसिद्ध त्यौहार है। प्राचीन काल मे संचार के साधन कम होने के कारण , अपनी संस्कृति अपने लोक त्यौहारों के प्रति इतनी जनजागृति नही थी। वर्तमान में डिजिटल युग आने के बाद स्थानीय त्यौहारों के प्रति जनजागृति बढ़ गई है। लोग लोक पर्वों के अपने फोन में बड़े चाव से व्हाट्सप स्टेटस लगाते हैं। लोकपर्वों की शुभकामनाएं भेजते हैं। नई और आधुनिक शिक्षा प्रणाली के तहत बच्चो को घी संक्रांति पर निबंध लिखने का होमवर्क मिलता है, या तो अध्यापक स्कूलों में उत्तराखंड के लोक पर्व पर निबंध या लेख लिखवाते हैं। हमे इसी प्रकार ,अपनी संस्कृति, अपने त्योहारों अपनी परंपरा को सहेजकर आदिकाल तक चलायमान रखना है।

*दीन यानी टाइम मशीन*
अफ़ग़ानिस्तान में एक झटके में पत्थर युग वापिस

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान वापिस आ गये। सबके मन में इसके लिये बाइडन को ले कर आक्रोश है। 75,000 तालिबानी लड़ाकों ने 3 लाख से अधिक की अमरीकी सेना द्वारा ट्रेंड अफ़ग़ानी सेना को पराजित कर दिया। इसके निहितार्थ समझने की जगह बाइडन को कोसा जा रहा है। नये शस्त्रों से लैस 3 लाख से अधिक की सेना पुराने शास्त्रों से लैस 75 हज़ार की संख्या यानी अपने से चौथाई बल के लोगों के सामने ढह कैसे गयी, यह सोचने की जगह एक जवाब न दे सकने वाला निशाना ढूंढ लिया गया है।

यह वैश्विक इतिहास का पाठ पढ़ना ही होगा कि इस्लामी बल दूसरे इस्लामी बल से तभी जी जान से लड़ते हैं जब उनमें कोई भी कोण ग़ैरइस्लामी न हो। अफ़ग़ानिस्तान में जीत में काफ़िर सम्मिलित थे अतः इस्लामी समूहों ने समर्पण कर दिया। अमरीकी समझ चुके थे कि यह तालिबान के सामने तालिबान की वापसी ही होगी। कितनी ट्रेनिंग दे लो ये नहीं बदलने के। ईराक़ ईरान से दशकों लड़ लिया मगर तभी जब दोनों इस्लामी थे। प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय विश्व युद्ध में कई घटनाएँ हुई हैं जब धुरी राष्ट्र की इस्लामी टुकड़ी पर अंग्रेज़ों की फ़ौज की इस्लामी टुकड़ियों ने आक्रमण से इनकार कर दिया।

मुम्बई फ़िल्मों का परोसा गया झूठ पठान बहादुर, ईमानदार, भला (ज़ंजीर देख लें) होता है, खुल गया। पहले भी तालिबान के राज्य पैसे से ख़त्म हुआ था। तब भी गुलबुद्दीन हिकमतयार आदि तालिबान के ग्रुप लीडर्स को अमेरिका ने ख़रीद कर पाला पलटा था।

अब अफ़ग़ानिस्तान में शरिया, पर्दा, औरतों की सुरक्षा यानी पर्दे के उल्लंघन होने पर सार्वजनिक कोड़े लगाना, लड़कियों के स्कूल बंद करना, बच्चियों से निकाह, बुढ़ियों से निकाह, बेटे की वधू अर्थात बहू से निकाह यानी रुसूलल्लाह मुहम्मद की सुन्नत सब लौट रहा है। बरसों से बक्सों में रखे बुर्के वापिस निकाले जा रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर बहुत बड़ी संख्या में लोग अफ़ग़ानिस्तान छोड़ कर भारत आने के लिये जमा हैं। 20 लाख लोग अफ़ग़ानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।

आमिर ख़ान जैसा झूठा-लपाड़ी, उसकी तलाक़शुदा कूतरी, नसीरुद्दीन शाह जैसे जिस जिस गिरामी को भारत में डर लगता रहा है अफ़ग़ानिस्तान लौटने के लिये स्वतंत्र है।

जाओ कमीनो! कुफ़्र-शिर्क की झुलसती धूप छोड़ कर शरिया की छाँव में जाओ

बुरा-नापाक वेज खाना छोड़ कर हलाल गोश्त खाने वालो देश से निकलो

मन करते ही मॉल, पिक्चर हॉल, बाज़ार निकल जाने वालो अब सिर से पैर तक नीले बुर्के में क़ैद रह कर किसी मर्द के साथ होने पर ही बाहर जाने की शर्त निभाने वाले देश दफ़ा होओ

कंजरो! कमीनो! हमारी जान छोड़ो

राष्ट्रवादियों के लिये भी एक सबक़ जब तक इस चिंतन की जड़ पर प्रहार नहीं होगा, इसकी जड़ नहीं कटेगी। क़ुरआन, हदीस, सीरत पढ़िये और समझिये कि पत्थर युग में वापिस धकेले जाने को रोकने का एक मात्र उपाय इस चिंतन से लोगों को बाहर निकालना यानी घर वापसी ही है।

तुफ़ैल चतुर्वेदी