आज का पंचाग आपका राशि फल, विश्व का सबसे विशाल स्फटिक श्रीयन्त्र ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) उत्तराखंड में स्थापित 

*मुखो पवित्रं यदि रामनामं।*
*हृदय पवित्रं यदि ब्रह्म ज्ञानं।।*
*चरणौ पवित्रं यदि तीर्थ गमनं।*
*हस्तौ पवित्रं यदि पुण्य दानं।।*

*“राम नाम से मुँह पवित्र होता है,*
*ब्रह्मज्ञान से ह्रदय पवित्र होता है,*
*तीर्थ गमन से चरण पवित्र होते है,*
*और दान पुण्य से हाथ पवित्र होते है।🙏*

. ‼️ 🕉️ ‼️

    🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩

📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜

कलियुगाब्द……………………5123

विक्रम संवत्…………………..2078

शक संवत्……………………..1943

रवि………………………….उत्तरायण

मास………………………………चैत्र

पक्ष……………………………..कृष्ण

तिथी…………………………त्रयोदशी

दोप 01.22 पर्यंत पश्चात चतुर्दशी

सूर्योदय………..प्रातः 06.21.03 पर

सूर्यास्त………..संध्या 06.41.45 पर

सूर्य राशि………………………..मीन

चन्द्र राशि………………………कुम्भ

गुरु राशि……………………….कुम्भ

नक्षत्र……………………….शतभिषा

प्रातः 10.41 पर्यंत पश्चात पूर्वाभाद्रपद

योग……………………………..शुभ

दोप 12.55 पर्यंत पश्चात शुक्ल

करण………………………….वणिज

दोप 01.22 पर्यंत पश्चात विष्टि

ऋतु…………………………….बसंत

*दिन……………………….बुधवार*

 

*🇮🇳 राष्ट्रीय सौर चैत्र, दिनांक ०९*

*युगाब्द ( मधुमास ) !*

 

*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*

*३० मार्च सन् २०२२ ईस्वी !*

 

👁‍🗨 *राहुकाल* :-

दोपहर 12.31 से 02.02 तक ।

 

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*मीन*

05:38:42 07:09:37

*मेष*

07:09:37 08:50:32

*वृषभ*

08:50:32 10:49:10

*मिथुन*

10:49:10 13:02:52

*कर्क*

13:02:52 15:19:02

*सिंह*

15:19:02 17:30:51

*कन्या*

17:30:51 19:41:30

*तुला*

19:41:30 21:56:08

*वृश्चिक*

21:56:08 24:12:18

*धनु*

24:12:18 26:17:56

*मकर*

26:17:56 28:05:04

*कुम्भ*

28:05:04 29:38:42

 

 

🚦 *दिशाशूल* :-

उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

 

☸ शुभ अंक……………………..3

🔯 शुभ रंग……………………..हरा

 

💮 *चौघडिया :-*

प्रात: 07.55 से 09.27 तक अमृत

प्रात: 10.59 से 12.30 तक शुभ

दोप 03.33 से 05.05 तक चंचल

सायं 05.05 से 06.36 तक लाभ

रात्रि 08.05 से 09.33 तक शुभ ।

 

📿 *आज का मंत्र* :-

|| ॐ गजमुखाय नम: ||

 

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

दानेन प्राप्यते स्वर्गो दानेन सुखमश्नुते ।

इहामुत्र च दानेन पूज्यो भवति मानवः ॥

अर्थात :

दान से स्वर्ग प्राप्त होता है, दान से ही सुख मिलता है । इस लोक और परलोक में इन्सान दान से ही पूज्य बनता है ।

 

🍃 *आरोग्यं :*-

-विषाक्त भोजन (फूड प्वाइजनिंग) के लिए घरेलू उपचार -*

 

*5. लहसुन -*

लहसुन अपने मजबूत एंटीवायरल, जीवाणुरोधी और एंटीफंगल गुणों के कारण खाद्य विषाक्तता से लड़ने में भी बहुत प्रभावी है। यह दस्त और पेट दर्द जैसे लक्षणों को भी राहत देता है। पानी के साथ एक ताजा लहसुन खाइए। आपको विषाक्त भोजन से राहत मिलेगी। यदि आप लहसुन की गंध सहन कर सकते हैं, तो आप लहसुन के रस का भी प्रयास कर सकते हैं।

 

. ⚜ *आज का राशिफल* ⚜

 

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*

*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*

व्यवसाय-व्यापार मनोनुकूल चलेगा। आय बनी रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा, सावधानी रखें। बुरी खबर मिल सकती है। भागदौड़ अधिक रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। मेहनत अधिक होगी। लाभ में कमी रह सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

 

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*

पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। आनंद के साथ समय व्यतीत होगा। मनपसंद व्यंजनों का लाभ मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। किसी व्यक्ति से बहस हो सकती है। आशंका-कुशंका से बाधा होगी।

 

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*

*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*

ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। शारीरिक कष्ट संभव है। भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। विवेक से कार्य करें।

 

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*

यात्रा लाभदायक रहेगी। राजकीय सहयोग मिलेगा। सरकारी कामों में सहूलियत होगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर में सुख-शांति रहेंगे। कारोबारी अनुबंध हो सकते हैं। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों से सहयोग मिलेगा। झंझटों में न पड़ें।

 

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*

सामाजिक कार्य करने का मन लगेगा। मान-सम्मान मिलेगा। मेहनत का फल मिलेगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शत्रु तथा ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधानी आवश्यक है। समय की अनुकूलता है।

 

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*

*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*

पुरानी संगी-साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग मिलेगा। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जल्दबाजी न करें।

 

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*

यात्रा लाभदायक रहेगी। संतान पक्ष से बुरी खबर मिल सकती है। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में प्रशंसा मिलेगी। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। नए उपक्रम प्रारंभ करने संबंधी योजना बनेगी।

 

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*

चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। किसी व्यक्ति विशेष से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। दौड़धूप रहेगी। नकारात्मकता हावी रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

 

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*

दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। फालतू खर्च पर नियंत्रण नहीं रहेगा। हल्की मजाक करने से बचें। अपेक्षित काम में विलंब होगा। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम से काम रखें। लाभ के अवसर मिलेंगे। विवेक का प्रयोग करें। आय में वृद्धि होगी।

 

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*

बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। उत्साह रहेगा।

 

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*

सामाजिक कार्य करने में मन लगेगा। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड से लाभ होगा। आय में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें।

 

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*

*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*

चोट व रोग से कष्ट हो सकता है। बेचैनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। परिवार तथा मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।

 

. *🚩 🎪 ‼️ 🕉️ गं गणपतये नमः ‼️ 🎪 🚩*

 

*☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ☯*

 

*‼️ शुभम भवतु ‼️*

*‼️ जयतु भारती ‼️*

 

🚩 🇮🇳 ‼️ *भारत माता की जय* ‼️ 🇮🇳

विश्व का सबसे विशाल स्फटिक श्रीयन्त्र 

          ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) उत्तराखंड में स्थापित 
      
      पूज्यपाद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर द्वारा दिव्य स्फटिक मणि से निर्मित श्रीयन्त्र ज्योतिष्पीठ में उनके उत्तराधिकारी एवं दण्डी संन्यासी शिष्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज के करकमलों से स्थापित। 
        आदि शंकराचार्य भगवत्पाद द्वारा स्थापित चतुराम्नाय पीठों में से अन्यतम श्री ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय के उत्तराखण्ड क्षेत्र में स्थापित होने से प्रदेश आध्यात्मिक उन्नति में एक और मील का पत्थर साबित होगा। यह समस्त सनातनधर्मियों के लिए गौरव का विषय है।
     पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के अथक प्रयासों से पूरे उत्तर भारत में श्रीविद्या साधना को जन-जन में लोकप्रिय बनाने का सतत प्रयास जारी है। और उनके आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। दुर्लभ स्फटिक मणि से निर्मित श्रीयन्त्र का वजन 500 किलोग्राम एवं ऊॅचाई 4 फीट की है । शास्त्रों में उल्लखित है कि स्फटिक मणि से निर्मित श्रीयन्त्र के दर्शन-पूजन से मनुष्य के समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। 
       चमोली मंगलम् के लिए होगी नवरात्रि में विशेष पूजा-अर्चना
          ज्योतिर्मठ प्रवास में पूज्य स्वामिश्रीः ने चमोली मंगलम् कार्यक्रम की घोषणा की और क्षेत्रवासियों ने भी इस विषय पर अपने विचार प्रकट कर सुझाव और स्वीकृति दी थी। इस चैत्र नवरात्रि में चमोली सहित पूरे उत्तराखण्ड के मंगल के लिए ज्योतिर्मठ परिसर में स्थापित भगवती श्रीदेव्यम्बा की विशेष पूजा अर्चना की जायेगी।
 *आयोजित होगा एक हजार कन्याओं का पूजन*
नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। पूज्य स्वामिश्रीः के दिशा निर्देशन में ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद के तत्वावधान में सहस्र कन्या पूजन का आयोजन प्रतापदा से दशमी पर्यन्त किया जाएगा। इस हेतु ज्योतिर्मठ की महिला मण्डली ने सभी गाॅव की कन्याओं से सम्पर्क कर उन सबको विशेष आमन्त्रण दिया है ।
इस अवसर पर उपस्थित रहे बद्रीनाथ मन्दिर के धर्माधिकारी भुवनचन्द्र उनियाल , वरिष्ठ अधिवक्ता मुरलीधर शर्मा , वेदवेदांग के प्राचार्य अरविन्द प्रकाश पंत, वेदपाठी कुशलानन्द बहुगुणा , ज्योतिषाचार्य रामदयाल मैदुली , वेदाचार्य वाणीविलास डिमरी , जोशी जी, श्रवणानन्द ब्रह्मचारी, विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी , शिवानन्द उनियाल, महिमानन्द उनियाल , जगदीश उनियाल आदि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे ।