आज का पंचाग आपका राशि फल, शिखा का महत्त्व विदेशी जान गए हिन्दू भूल गए, चूल्हे की रोटी सौ रोगों की एक दवा

🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹
*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७९ || शक-सम्वत् १९४४ || याम्यायन् || नल नाम संवत्सर || हेमन्त ऋतु || मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष || तिथि नवमी पूर्वाह्न ९:३८ तक उपरान्त दशमी || भृगु वासर || मार्गशीर्ष सौर ०३ प्रविष्ठ || तदनुसार १८ नवम्बर २०२२ ई० || नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी (भग) || सिंहस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐

​ ​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
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*शुक्रवार, १८ नवम्बर २०२२*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:४६
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२३
चन्द्रोदय: 🌝 २५:४७
चन्द्रास्त: 🌜१४:०६
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🌳 हेमंत
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 मार्गशीर्ष
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि👉नवमी(०९:३३से दशमी)
नक्षत्र 👉 पूर्वाफाल्गुनी
(२३:०८ से उत्तराफाल्गुनी)
योग 👉 वैधृति (२५:१२ से
विष्कुम्भ)
प्रथम करण👉गर(०९:३३ तक
द्वितीय करण 👉 वणिज
(२२:०६ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 वृश्चिक
चंद्र 🌟 कन्या (२९:२८ से)
मंगल 🌟 वृष
(उदित, पश्चिम, वक्री)
बुध 🌟 वृश्चिक
(अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन
(उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (अस्त, पूर्व)
शनि 🌟 मकर
(उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४१ से १२:२३
अमृत काल 👉 १६:१६ से १७:५९
विजय मुहूर्त 👉 १३:४८ से १४:३०
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:०९ से १७:३३
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:१९ से १८:४०
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३५ से २४:२९
राहुकाल 👉 १०:४२ से १२:०२
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:४१ से १६:००
होमाहुति 👉 राहु
दिशाशूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉 उत्तर (२३:०८ से)
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 मृत्यु (२९:२९ से पाताल)
चन्द्रवास 👉 पूर्व (दक्षिण २९:२९ से)
शिववास 👉 सभा में (०९:३३ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २३:०८ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (टा, टी, टू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (टे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
वृश्चिक – ३०:४१ से ०९:००
धनु – ०९:०० से ११:०३
मकर – ११:०३ से १२:४५
कुम्भ – १२:४५ से १४:१०
मीन – १४:१० से १५:३४
मेष – १५:३४ से १७:०८
वृषभ – १७:०८ से १९:०२
मिथुन – १९:०२ से २१:१७
कर्क – २१:१७ से २३:३९
सिंह – २३:३९ से २५:५८
कन्या – २५:५८ से २८:१६
तुला – २८:१६ से ३०:३७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०६:४४ से ०९:००
शुभ मुहूर्त – ०९:०० से ०९:३३
चोर पञ्चक – ०९:३३ से ११:०३
शुभ मुहूर्त – ११:०३ से १२:४५
रोग पञ्चक – १२:४५ से १४:१०
शुभ मुहूर्त – १४:१० से १५:३४
शुभ मुहूर्त – १५:३४ से १७:०८
रोग पञ्चक – १७:०८ से १९:०२
शुभ मुहूर्त – १९:०२ से २१:१७
मृत्यु पञ्चक – २१:१७ से २३:०८
अग्नि पञ्चक – २३:०८ से २३:३९
शुभ मुहूर्त – २३:३९ से २५:५८
रज पञ्चक – २५:५८ से २८:१६
शुभ मुहूर्त – २८:१६ से ३०:३७
चोर पञ्चक – ३०:३७ से ३०:४४
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आप प्रत्येक कार्यो में आवश्यकता से कुछ अधिक दिमाग लगाएंगे स्वयं को लेकर भ्रम की स्थिति में रहेंगे हद से ज्यादा आत्मविश्वास भी हानि का कारण बन सकता है। कार्य व्यवसाय में आज कार्यो को स्वाभाविक ही होने दें सहकर्मियों के कार्यो में टांग अड़ाना भारी पड़ेगा। व्यवसाय नए प्रयोग आज ना करें हानि हो सकती है। सेहत में उतार चढ़ाव बना रहेगा हाथ पैरों में शिथिलता आएगी। आज किसी भी प्रकार के जोखिम वाले कार्य से बचें। परिजनों के लिए थोड़ा समय अवश्य निकालें इससे घर मे शांति बनी रहेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपका आज का दिन प्रतिकूल फलदायी रहेगा। आपको आज किसी की भलाई करने पर भी बदले में बुराई ही मिलेगी। बिना मांगे किसी को सलाह ना दें एवं ना ही किसी के व्यक्तिगत कार्यो में दख़ल दें सम्मान हानि हो सकती है। दिन के अधिकांश समय घरेलू उलझनों के कारण मानसिक रूप से विचलित रहेंगे। भले बुरे का विवेक कम ही रहेगा। व्यवसाय में भी असफलता मिलने पर मन अनैतिक साधनों से कमाई की ओर आकर्षित होगा लेकिन इससे स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है। धैर्य से आज का दिन व्यतीत करें। धन को ज्यादा महत्त्व ना दें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपका ध्यान कार्य क्षेत्र पर कम ही रहेगा फलस्वरूप लाभ की आशा भी छोड़नी पड़ेगी। परन्तु फिर भी आज आकस्मिक रूप से धन की आमद होने से आप स्वयं भी आश्चर्य चकित रह जाएगे। भोग विलास की प्रवृति में अधिक समय देंगे। सामाजिक कार्यो की अनदेखी करने से व्यवहारों में कमी आएगी। गृहस्थ सुख उत्तम बना रहेगा। रिश्तेदारी में उपहारों का आदान प्रदान होगा। अविवाहित अथवा बेरोजगारों के लिए परिस्थिति सहायक बनेगी। यात्रा में चोटादि का भय है सतर्क रहें।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आप निश्चिन्त होकर बिताएंगे कार्य स्थल पर आज व्यवसाय कुछ खास नही रहेगा फिर भी आत्मसंतोष की भावना रहने से मन विचलित नही होगा। समस्त कार्यो में अधिक प्रयास के बाद ही सफलता मिलेगी इसलिए आज के दिन अतिमहत्त्वपूर्ण कार्यो को टालना ही बेहतर रहेगा। आय की अपेक्षा व्यय अधिक होगा परन्तु आवश्यक कार्यो पर ही खर्च करेंगे। मध्यान के बाद लाभ के सौदे हाथ लगेंगे निकट भविष्य में इनसे धन लाभ होगा। घरेलू वातावरण किसी सदस्य के गलत आचरण के कारण कुछ समय के लिए अशांत बनेगा। बुजुर्गो की नाराजगी झेलनी पड़ेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपके अंदर चंचलता अधिक रहेगी। मन किसी एक निर्णय पर नही टिकने से लाभ के अवसर हाथ से निकल सकते है। आज आप किसी पर भी जल्दी से विश्वास नही करेंगे। घर के सदस्यों को भी शक की दृष्टि से देखने पर माहौल खराब होगा। पूजा पाठ में श्रद्धा रहेगी फिर भी मन इधर उधर भटकने से एकाग्रता नही रहेगी। नौकरी पेशा जातक कामो में लापरवाही दिखाने पर अपमानित हो सकते है। काम चलाने लायक आर्थिक लाभ संध्या के आसपास हो जाएगा। पारिवारिक सदस्यों को आज संतुष्ट नही कर पाएंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आप अपनी ही किसी गलती से हानि कराएंगे। अपने निर्णय पर नही टिकने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र अथवा परिवार में आपकी आलोचना होगी। कार्य स्थल पर भी अधिकांश समय अस्त-व्यस्त कार्यो को सुधारने में बीतेगा। धन लाभ के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ेगा फिर भी आशाजनक नही होगा। कार्यो का विस्तार एवं निवेश आज ना करें। संभव हो तो यात्रा भी टालें वाहन चलाते समय सावधानी रखें चोट लगने का भय है। परिवारके आवश्यकता पूर्ति में देरी होने से कलह होगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपको धन के साथ ही सम्मान भी दिलाएगा। समाज के उच्च प्रतिष्ठित लोगो से जान-पहचान बढ़ेगी भविष्य में इसका लाभ भी अवश्य मिलेगा। आज लोगो की खातिरदारी पर खर्च भी करना पड़ेगा। कार्य-व्यवसाय में भी आकस्मिक वृद्धि होने से आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी। आज आप सांसारिक कार्यो में अधिक रुचि लेंगे। मनोरंजन के अवसर भी मिलेंगे। प्रेम प्रसंगों में निकटता आएगी। अविवाहितों के लिए योग्य रिश्ते आएंगे। आज आप जिस भी कार्य का प्रयास करेंगे देर अबेर उसमे सफल अवश्य होंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन शांति से बीतेगा। आज कार्यो के आरम्भ में ज्यादा काम देख कर घबराहट होगी परन्तु थोड़े परिश्रम के बाद सफलता मिल जाएगी। व्यवसायी लोगो को सरकारी सहायता मिलने की संभावना आज अधिक है अन्य सरकार संबंधित कार्य भी सहज पूर्ण होंगे। आर्थिक लेन देन भी आज निर्विघ्न चलते रहंगे धन संबंधित मामलों में आपकी छवि ईमानदार वाली बनेगी। घरेलू वातावरण में छोटी मोटी उलझने रहने पर भी परस्पर एकता दिखेगी। आज किसी के बहकावे में ना आये।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपके अंदर नई चेतना जागृत होगी। धर्म-कर्म का प्रचार-प्रसार करने में रुचि लेंगे किसी तीर्थ स्थान पर यात्रा की योजना भी बन सकती है। व्यवसाय में थोड़ी परेशानी के बाद निर्वाह योग्य आय हो जाएगी लेकिन आज सहकर्मियों का प्रति सकारात्मक सोच रखें अन्यथा मतभेद भी हो सकते है। नौकरी पेशा जातको को अतिरिक्त कार्य मिलने से कुछ समय के लिए परेशानी रहेगी। घर के सदस्य इच्छा पूर्ति के लिए जिद करेंगे जिसे पूर्ण करने पर खर्च होगा। दूर स्थान की यात्रा में आ रही बाधा शांत होगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए हानिकारक रहेगा। सेहत में प्रातः काल से ही गिरावट बनेगा जिसका प्रभाव समस्त दिनचार्य पर पड़ेगा। अधिकतर कार्य मजबूरी में करने पड़ेंगे। व्यवसायी वर्ग किसी सौदे के निरस्त होने अथवा कार्यो में त्रुटि रहने से निराश होंगे। सरकारी एवं सम्पति संबंधित मामलों में उलझने बढ़ेंगी इन्हें यथा सम्भव आज ना करें। आज किसी पर भी बिना विचार किये विश्वास ना करें किसी अपरिचित द्वारा धोखा हो सकता है। दाम्पत्य में खर्च करने पर भी शांति स्थापित करने में असफल रहेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए उन्नति कारक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आशानुकूल सहयोगी वातावरण मिलने से सुव्यवस्था बनाने में सफल रहेंगे इसका फल धन लाभ के रूप में अवश्य मिलेगा। आज आपके पास किसी आशा से आया कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नही जाएगा। कार्य क्षेत्र के साथ ही परोपकार पर भी ध्यान देंगे सामाजिक कार्यो में समय कम दे पाएंगे फिर भी आर्थिक सहयोग करने से मान बढ़ेगा। प्रतिस्पर्धी आपके आगे टिक नही सकेंगे। गृहस्थ में आपके निर्णयों को सम्मान मिलेगा पारिवारिक सदस्यों को आपकी आवश्यकता भी रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिये लाभ के साथ ही खर्च वाला भी रहेगा। व्यवसायी वर्ग आज संबंधों से ज्यादा धन को अधिक महत्त्व देंगे धन लाभ आवश्यकता से अधिक होगा लेकिन संबंधों में खटास आएगी। घर की अपेक्षा बाहर के लोग आप पर अधिक विश्वास करेंगे। लेकिन रोजगार संबंधित कार्य स्वयं के बल पर ही करने होंगे। दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर खर्च होगा महिलाये आज ज्यादा खर्चीली रहेंगी जिससे घर का बजट प्रभावित हो सकता है। घर के बुजुर्ग पुरानी बीमारी के कारण परेशान रहेंगे। आत्मसंतोष की कमी रहेगी।
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#शिखा_बन्धन (#चोटी) रखने का महत्त्व
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शिखा का महत्त्व विदेशी जान गए हिन्दू भूल गए।
हिन्दू धर्म का छोटे से छोटा सिध्दांत, छोटी-से-छोटी बात भी अपनी जगह पूर्ण और कल्याणकारी हैं। छोटी सी शिखा अर्थात् चोटी भी कल्याण, विकास का साधन बनकर अपनी पूर्णता व आवश्यकता को दर्शाती हैं। शिखा का त्याग करना मानो अपने कल्याणका त्याग करना हैं। जैसे घङी के छोटे पुर्जे कीजगह बडा पुर्जा काम नहीं कर सकता क्योंकि भले वह छोटा हैं परन्तु उसकी अपनी महत्ता है।

शिखा न रखने से हम जिस लाभ से वंचित रह जाते हैं, उसकी पूर्ति अन्य किसी साधन से नहीं हो सकती।

‘हरिवंश पुराण’ में एक कथा आती है हैहय व तालजंघ वंश के राजाओं ने शक, यवन, काम्बोज पारद आदि राजाओं को साथ लेकर राजा बाहू का राज्य छीन लिया। राजा बाहु अपनी पत्नी के साथ वन में चला गया। वहाँ राजा की मृत्यु हो गयी। महर्षिऔर्व ने उसकी गर्भवती पत्नी की रक्षा की और उसे अपने आश्रम में ले आये। वहाँ उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जो आगे चलकर राजा सगर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। राजासगर ने महर्षि और्व से शस्त्र और शास्त्र विद्या सीखीं। समय पाकर राजा सगरने हैहयों को मार डाला और फिर शक, यवन, काम्बोज, पारद, आदि राजाओं को भी मारने का निश्चय किया। ये शक, यवन आदि राजा महर्षि वसिष्ठ की शरण में चले गये। महर्षि वसिष्ठ ने उन्हें कुछ शर्तों पर उन्हें अभयदान दे दिया। और सगर को आज्ञा दी कि वे उनको न मारे। राजा सगर अपनी प्रतिज्ञा भी नहीं छोङ सकते थे और महर्षि वसिष्ठ जी की आज्ञा भी नहीं टाल सकते थे। अत: उन्होंने उन राजाओं का सिर शिखा सहित मुँडवाकर उनकों छोङ दिया।

प्राचीन काल में किसीकी शिखा काट देना मृत्युदण्ड के समान माना जाता था। बङे दुख की बात हैं कि आज हिन्दु लोग अपने हाथों से अपनी शिखा काट रहे है। यह गुलामी की पहचान हैं।

शिखा हिन्दुत्व की पहचान हैं। यह आपके धर्म और संस्कृतिकी रक्षक हैं। शिखा के विशेष महत्व के कारण ही हिन्दुओं ने यवन शासन के दौरान अपनी शिखा की रक्षा के लिए सिर कटवा दिये पर शिखा नहीं कटवायी।

डा॰ हाय्वमन कहते है ”मैने कई वर्ष भारत में रहकर भारतीय संस्कृति का अध्ययन किया हैं, यहाँ के निवासी बहुत काल से चोटी रखते हैं , जिसका वर्णन वेदों में भी मिलता हैं। दक्षिण भारत में तो आधे सिर पर ‘गोखुर’ के समान चोटी रखते हैं । उनकी बुध्दि की विलक्षणता देखकर मैं अत्यंत प्रभावित हुआ हुँ। अवश्य ही बौध्दिक विकास में चोटी बड़ी सहायता देती हैं। सिर पर चोटी रखना बढा लाभदायक हैं। मेरा तो हिन्दु धर्म में अगाध विश्वास हैं और मैं चोटी रखने का कायल हो गया हूँ ।

“प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा॰ आई॰ ई क्लार्क एम॰ डी ने कहा हैं ” मैंने जबसे इस विज्ञान की खोज की हैं तब से मुझे विश्वास हो गया हैं कि हिन्दुओं का हर एक नियम विज्ञान से परिपूर्ण हैं। चोटी रखना हिन्दू धर्म ही नहीं, सुषुम्ना के केद्रों की रक्षा के लिये ऋषि-मुनियों की खोज का विलक्षण चमत्कार हैं।

“इसी प्रकार पाश्चात्य विद्वान मि॰ अर्ल थामस लिखते हैं की “सुषुम्ना की रक्षा हिन्दु लोग चोटी रखकर करते हैं जबकि अन्य देशों में लोग सिर पर लम्बे बाल रखकर या हैट पहनकर करते हैं। इन सब में चोटी रखना सबसे लाभकारी हैं। किसी भी प्रकार से सुषुम्ना की रक्षा करना जरुरी हैं।

“वास्तव में मानव-शरीर को प्रकृति ने इतना सबल बनाया हैं की वह बड़े से बड़े आघात को भी सहन करके रह जाता हैं परन्तु शरीर में कुछ ऐसे भी स्थान हैं जिन पर आघात होने से मनुष्य की तत्काल मृत्यु हो सकती हैं। इन्हें मर्म-स्थान कहाजाता हैं।

शिखा के अधोभाग में भी मर्म-स्थान होता हैं, जिसके लिये सुश्रुताचार्य ने लिखा है मस्तकाभ्यन्तरोपरिष्टात् शिरासन्धि सन्निपातो।

रोमावर्तोऽधिपतिस्तत्रपि सद्यो मरणम्।
अर्थात् मस्तक के भीतर ऊपर जहाँ बालों का आवर्त(भँवर) होता हैं, वहाँ संपूर्ण नाङियों व संधियों का मेल हैं, उसे ‘अधिपतिमर्म’ कहा जाता हैं। यहाँ चोट लगने से तत्काल मृत्यु हो जाती हैं(सुश्रुत संहिता शारीरस्थानम् : ६.२८)

सुषुम्ना के मूल स्थान को ‘मस्तुलिंग’ कहते हैं। मस्तिष्क के साथ ज्ञानेन्द्रियों कान, नाक, जीभ, आँख आदि का संबंध हैं और कामेन्द्रियों – हाथ, पैर, गुदा, इन्द्रिय आदि का संबंध मस्तुलिंग से हैं मस्तिष्क व मस्तुलिंग जितने सामर्थ्यवान होते हैं उतनी ही ज्ञानेन्द्रियों और कामेन्द्रियों – की शक्ति बढती हैं। मस्तिष्क ठंडक चाहता हैं और मस्तुलिंग गर्मी मस्तिष्क को ठंडक पहुँचाने के लिये क्षौर कर्म करवाना और मस्तुलिंग को गर्मी पहुँचाने के लिये गोखुरके परिमाण के बाल रखना आवश्यक होता है।

बालकुचालक हैं, अत: चोटी के लम्बे बाल बाहर की अनावश्यक गर्मी या ठंडक से मस्तुलिंग की रक्षा करते हैं।

#शिखा_रखने_के_अन्य_लाभ
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१ शिखा रखने तथा इसके नियमों का यथावत् पालन करने से सद्‌बुद्धि , सद्‌विचारादि की प्राप्ति होती हैं।

२ आत्मशक्ति प्रबल बनती हैं।

३ मनुष्य धार्मिक , सात्विक व संयमी बना रहता हैं।

४ लौकिक – पारलौकिक कार्यों मे सफलता मिलती हैं।

५सभी देवी देवता मनुष्य की रक्षा करते हैं।

६ सुषुम्ना रक्षा से मनुष्य स्वस्थ, बलिष्ठ, तेजस्वी और दीर्घायु होता हैं।

७ नेत्र्ज्योति सुरक्षित रहती हैं।

इस प्रकार धार्मिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक सभी दृष्टियों से शिखा की महत्ता स्पष्ट होती हैं। परंतु आज हिन्दू लोग पाश्चात्योंके चक्कर में पड़कर फैशनेबल दिखने की होड़ में शिखा नहीं रखते व अपने ही हाथों अपनी संस्कृति का त्याग कर डालते हैं।

लोग हँसी उड़ाये, पागल कहे तो सब सह लो पर धर्म का त्याग मत करो। मनुष्य मात्र का कल्याण चाहने वाली अपनी हिन्दू संस्कृति नष्ट हो रही हैं। हिन्दु स्वयं ही अपनी संस्कृति का नाश करेगा तो रक्षा कौन करेगा।

वेद में भी शिखा रखने का विधान कई स्थानों पर मिलता है,देखिये।

शिखिभ्यः स्वाहा (अथर्ववेद १९-२२-१५)

अर्थ👉 चोटी धारण करने वालों का कल्याण हो।

यशसेश्रियै शिखा।-(यजु० १९-९२)
अर्थ 👉 यश और लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सिर पर शिखा धारण करें।

याज्ञिकैंगौर्दांणि मार्जनि गोक्षुर्वच्च शिखा। (यजुर्वेदीय कठशाखा)

अर्थात्👉 सिर पर यज्ञाधिकार प्राप्त को गौ के खुर के बराबर(गाय के जन्में बछड़े के खुर के बराबर) स्थान में चोटी रखनी चाहिये।

जय हरि हर🚩🚩

भारतीय रसोई के चूल्हे की राख में ऐसा क्या था कि, वह पुराने जमाने का Hand Sanitizer थी …?

उस समय आज की भांति अल्कोहल युक्त Hand Sanitizer नहीं हुआ करते थे, तथा साबुन भी दुर्लभ वस्तुओं की श्रेणी आता था। उस समय हाथ धोने के लिए जो सर्वसुलभ वस्तु थी, वह थी चूल्हे की राख। जो बनती थी लकड़ी तथा गोबर के कण्डों के जलाये जाने से। चूल्हे की राख का रासायनिक संगठन है ही कुछ ऐसा ।

आइये चूल्हे की राख का वैज्ञानिक विश्लेषण करें। इस राख में वो सभी तत्व पाए जाते हैं, वे पौधों में भी उपलब्ध होते हैं। इसके सभी Major तथा Minor Elements पौधे या तो मिट्टी से ग्रहण करते हैं या फिर वातावरण से। इसमें सबसे अधिक मात्रा में होता है Calcium.

 

इसके अलावा होता है Potassium, Aluminium, Magnesium, Iron, Phosphorus, Manganese, Sodium तथा Nitrogen. कुछ मात्रा में Zinc, Boron, Copper, Lead, Chromium, Nickel, Molybdenum, Arsenic, Cadmium, Mercury तथा Selenium भी होता है ।

राख में मौजूद Calcium तथा Potassium के कारण इसकी ph क्षमता ९.० से १३.५ तक होती है। इसी ph के कारण जब कोई व्यक्ति हाथ में राख लेकर तथा उस पर थोड़ा पानी डालकर रगड़ता है तो यह बिल्कुल वही माहौल पैदा करती है जो साबुन रगड़ने पर होता है।

 

जिसका परिणाम होता है जीवाणुओं और विषाणुओं का विनाश । आइये, अब मनन करें सनातन धर्म के उस तथ्य पर जिसे अब सारा संसार अपनाने पर विवश है। सनातन में मृत देह को जलाने और फिर राख को बहते पानी में अर्पित करने का प्रावधान है। मृत व्यक्ति की देह की राख को पानी में मिलाने से वह पंचतत्वों में समाहित हो जाती है ।

मृत देह को अग्नि तत्व के हवाले करते समय उसके साथ लकड़ियाँ और उपले भी जलाये जाते हैं और अंततः जो राख पैदा होती है उसे जल में प्रवाहित किया जाता है । जल में प्रवाहित की गई राख जल के लिए डिसइंफैकटैण्ट का काम करती है ।

 

इस राख के कारण मोस्ट प्रोबेबिल नम्बर ऑफ कोलीफॉर्म (MPN) में कमी आ जाती है और साथ ही डिजोल्वड ऑक्सीजन (DO) की मात्रा में भी बढ़ोत्तरी होती है। वैज्ञानिक अध्ययनों में यह स्पष्ट हो चुका है कि गाय के गोबर से बनी राख डिसइन्फैक्शन के लिए एक एकोफ़्रेंडली विकल्प है…

जिसका उपयोग सीवेज वाटर ट्रीटमैंट (STP) के लिए भी किया जा सकता है। सनातन का हर क्रिया कलाप विशुद्ध वैज्ञानिक अवधारणा पर आधारित है। इसलिए सनातन अपनाइए स्वस्थ रहिये ।

आपने देखा होगा कि नागा साधु अपने शरीर पर धूनी की राख मलते हैं जो कि उन्हें शुद्ध रखती है साथ ही साथ भीषण ठंडक से भी बचाये रखती है ।

जय सनातन धर्म की…!🚩🚩