आज का पंचाग आपका राशि फल, पितृ पक्ष तृतीया श्राद्ध की विशेष विधि, अन्नंत विभूषित स्वामी अविमुक्तेस्वरानन्द जी महाराज बने उतराम्नाय ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शङ्कराचार्य लाखों श्रध्दालुओं और जनप्रतिनिधियों के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दी बधाई, १८९७ का साराढी़ युद्ध जिसमें २१ सिक्खों ने १० हजार अफगानिस्त आक्रांताओं को मटियामेट कर दिया था

  1. 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
    श्री हरिहरो
    विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

*इन चारों शंकराचार्यो के अतिरिक्त भी शंकराचार्य नाम से घूम रहे हैं वह राजनीतिक समीकरणों के द्वारा इसलिए तैयार किए गए ताकि सनातन धर्म परम्पराओं को विभाजित करने की योजना प्रकारांतर से चलती रहे*

1) *जगन्नाथपुरी गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद जी महाभाग है* 🚩

2) *श्रृंगेरी पीठ के वर्तमान शंकराचार्य श्री भारतीकृष्ण जी महाभाग है* 🚩

3) *ज्योतिष पीठ (बद्रीकाश्रम) के वर्तमान शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज को बनाया गया है* 🚩

4) *द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद जी महाराज को बनाया गया* 🚩🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
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*मंगलवार, १३ सितम्बर २०२२*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:१३
सूर्यास्त: 🌅 ०६:२३
चन्द्रोदय: 🌝 २०:२१
चन्द्रास्त: 🌜०८:४४
अयन🌖दक्षिणायने(उत्तरगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (राक्षस)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि👉तृतीया(१०:३७से चतुर्थी)
नक्षत्र👉रेवती(०६:३६से अश्विनी)
योग👉वृद्धि(०७:३७से ध्रुव)
प्रथम करण👉विष्टि(१०:३७तक
द्वितीय करण👉बव(२२:२५तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 सिंह
चंद्र 🌟 मेष (०६:०५ से)
मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,मार्गी)
बुध🌟कन्या(उदित,पश्चिम,मार्गी)
गुरु🌟मीन (उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 सिंह (उदित, पूर्व)
शनि🌟मकर (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४८ से १२:३७
अमृत काल 👉 २३:३९ से २५:१६
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०६:३६ से ३०:०१
अमृत सिद्धि योग 👉 ०६:३६ से ३०:०१
विजय मुहूर्त 👉 १४:१७ से १५:०६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:१३ से १८:३७
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:२५ से १९:३५
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५० से २४:३६
राहुकाल 👉 १५:१९ से १६:५२
राहुवास 👉 पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०९:०६ से १०:३९
होमाहुति 👉 मंगल
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पाताल (१०:३७ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 मृत्यु (०६:३६ से १०:३७ तक स्वर्ग)
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व ०६:३६ से)
शिववास 👉 क्रीड़ा में (१०:३७ से कैलाश पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – रोग २ – उद्वेग
३ – चर ४ – लाभ
५ – अमृत ६ – काल
७ – शुभ ८ – रोग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – काल २ – लाभ
३ – उद्वेग ४ – शुभ
५ – अमृत ६ – चर
७ – रोग ८ – काल
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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चतुर्थी तिथि का श्राद्ध, अंगारक चतुर्थी व्रत, पंचक समाप्त प्रातः ०६:३५ पर आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०६:३६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
रेवती नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (ची) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम अश्विनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (चू, चे, चो, ला) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
सिंह – २८:०२ से ०६:२१
कन्या – ०६:२१ से ०८:३९
तुला – ०८:३९ से ११:००
वृश्चिक – ११:०० से १३:१९
धनु – १३:१९ से १५:२३
मकर – १५:२३ से १७:०४
कुम्भ – १७:०४ से १८:३०
मीन – १८:३० से १९:५३
मेष – १९:५३ से २१:२७
वृषभ – २१:२७ से २३:२२
मिथुन – २३:२२ से २५:३७
कर्क – २५:३७ से २७:५८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०६:०० से ०६:२१
शुभ मुहूर्त – ०६:२१ से ०६:३६
मृत्यु पञ्चक – ०६:३६ से ०८:३९
अग्नि पञ्चक – ०८:३९ से १०:३७
शुभ मुहूर्त – १०:३७ से ११:००
रज पञ्चक – ११:०० से १३:१९
शुभ मुहूर्त – १३:१९ से १५:२३
चोर पञ्चक – १५:२३ से १७:०४
शुभ मुहूर्त – १७:०४ से १८:३०
रोग पञ्चक – १८:३० से १९:५३
चोर पञ्चक – १९:५३ से २१:२७
शुभ मुहूर्त – २१:२७ से २३:२२
रोग पञ्चक – २३:२२ से २५:३७
शुभ मुहूर्त – २५:३७ से २७:५८
मृत्यु पञ्चक – २७:५८ से ३०:०१
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपका व्यवहार बच्चों जैसा रहेगा अपनी बचकाना हरकतों से नाराज लोगो को भी हंसने पर मजबूर करेंगे। दिन के आरम्भ से मध्यान तक लगभग सभी कार्यो में लापरवाही दिखाएंगे किसी की डांट फटकार सुनने के बाद ही स्वभाव में गंभीरता आएगी। मीठा बोलने वालों से आज विशेष सावधानी बरतें पीठ पीछे आपको हानि पहुँचा सकते है। कार्य व्यवसाय में दोपहर के बाद लाभ की संभावना बनेगी लेकिन टलते टलते संध्या के समय आकस्मिक रूपनसे होगी। धन आज आएगा लेकिन टिकेगा नही रूठो को मनाने अथवा पारिवारिक व्यवहारों पर खर्च करना पड़ेगा। शाम के समय थकान बनने से उत्साह हीनता बढ़ेगी। संचित कोष में कमी आएगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपको आज का दिन सावधानी से बिताने की सलाह है। जाने अनजाने कोई ऐसा काम हो सकता है जिसका भुगतान लंबे समय तक करना पड़ेगा साथ ही किसी प्रियजन से संबंधों में खटास भी बनेगीं। कार्य व्यवसाय से आज जो भी उम्मीद लगाएंगे परिणाम उसके विपरीत ही रहने वाले है इसलिए आर्थिक मामलों में अधिक सतर्कता बरते। उधार लिया धन शीघ्र लौटाने का प्रयास करें अन्यथा मान हानि हो सकती हैं। परिजन का व्यवहार भी अनापेक्षित रहेगा जिससे बात बात पर गुस्सा आएगा आज धैर्य और विवेक का परिचय दें कल से परिस्थिति सुधरने लगेगी। किसी भी प्रकार के जोखिम से बचें हानि ही निश्चित है। यात्रा टालने के प्रयास करे सेहत बिगड़ने की संभावना है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन सामाजिक कार्यो में समर्पित रहेगा आज आप परोपकार एवं स्वार्थ सिद्धि के बीच उलझे रहेंगे अपने नियत कार्यो में फेरबदल कर मित्र परिचितों के आवश्यक कार्यो में समय देना पड़ेगा लेकिन प्रशंशा की जगह आज अपमान हो सकता है विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र पर विपरीत लिंगीय से सावधानीपूर्वक व्यवहार करें लांक्षन लगने की संभावना है। कार्य व्यवसाय में सहकर्मी अथवा अधीनस्थों के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा जिससे लाभ की संभावना भी आज कम ही रहेगी। आत्मनिर्बर होकर जोभी कार्य करेंगे उसमे आरंभिक परेशानी के बाद आकस्मिक लाभ होने की संभावना है। सेहत भी अकस्मात ही नरम होगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन से आप कुछ ना कुछ लाभ अवश्य उठाएंगे आपका निखारा हुआ व्यक्तित्त्व भी कठिन कार्यो को आसान बनाने में सहायता करेगा। जिस भी कार्यो को करेंगे पूर्ण समर्पित भाव से ही करेंगे इसलिये किसी का भी गैरजिम्मेदार व्यवहार पसंद नही करेंगे। आज छोटे भाई बहन को आपसे अथवा आपको उनसे किसी भी रूप में लाभ होने की सम्भवना है। शत्रु पक्ष अपनी ही गलतियों के कारण आपके सामने आने की हिम्मत नही कर पाएंगे। व्यावसायिक स्थल पर आपकी बातों को महत्त्व मिलेगा प्रतिस्पर्धा कम रहने का पूरा लाभ उठाये लेकिन आज अतिआत्मविश्वाश और अहम की भावना से बचे अन्यथा परिणाम विपरीत हो सकते है। आर्थिक अथवा पारिवारिक कारणों से यात्रा करनी पड़ सकती है इसमे सतर्कता बरते।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप धार्मिक कार्यो में अधिक रुचि लेंगे दिन के आरंभिक भाग में व्यस्तता में भी पूजा पाठ के लिये समय निकाल लेंगे दिन का आरंभ ऊर्जावान रहने से शेष भाग में भी मानसिक रूप से शांति बनी रहेगी। मध्यान के बाद स्वभाव में ईर्ष्या आएगी जिससे लोगो मे आपके प्रति हीनभावना बढ़ सकती है लेकिन आपके परोपकारी स्वभाव के चलते लोग छोटी मोटी बातो को अनदेखा करेंगे। कार्य व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे यहाँ लोभ से बचे अन्यथा थोड़े बहुत लाभ से भी वंचित हो जाएंगे। घर मे आज वैचारिक मतभेद रहने के बाद भी आपके कद में वृद्धि होगी। अपच के कारण अन्य शारीरिक समस्या बन सकती है खान पान में संयम बरते।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपका व्यवहार अनाड़ियों जैसा रहेगा सेहत आज लगभग सामान्य बनी रहेगी कार्य क्षेत्र पर अथवा अन्य कारणों से जमा पूंजी खर्च करेंगे। मध्यान तक कि दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी इसके बाद ही थोड़ी स्थिरता आ पाएगी। काम धंधे को लेकर कोई नई संमस्या खड़ी होगी इसका आज निपटारा सम्भव नही जोर जबरदस्ती भी ना करें अन्यथा बात बिगड़ सकती है। आज अपने बलबूते ही कार्य करने का प्रयास करे अन्य के भरोसे बैठकर हानि हो सकती है धन की आमद खर्च से कम रहने के कारण आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा। शादी विवाहादि के कार्य में सहभागिता देनी पड़ेगी। महिलाए आज अपने मन की करेंगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन विपरीत फलदायी रहेगा स्वभाव में रखापन और बात बात पर क्रोध आने से आसपास के लोग आपके साथ व्यवहार करने में असहज अनुभव करेंगे। मध्यान तक ज्यादा आवश्यकता पड़ने पर ही बोले इसके बाद स्वभाव में नरमी आने लगेगी। कार्य क्षेत्र पर कोई भी भला बुरा निर्णय लेने से पहले अवश्य विचार करें शीघ्र ही इसकी पुनरावृति होगी। कार्य व्यवसाय को लेकर भी मध्यान तक कोई न कोई दुविधा लगी रहेगी इसके बाद कहि से आकस्मिक लाभ मिलने पर शान्ति मिलेगी। सहकर्मी अथवा किसी स्वजन पर अनैतिक दबाव ना बनाये अन्यथा स्वयं ही मुसीबत में फसेंगे। पति पत्नी एक दूसरे की भावनाओ को समझे छोटी बातों पर कलह हो सकती है। पेट संबधित संमस्या लगी रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपके लिये किसी बहुप्रतीक्षित कामना की पूर्ति कराएगा लेकिन इसके लिये व्यवहार में मिठास भी रखनी पड़ेगी अन्यथा परिणाम विपरीत भी हो सकते है। दिन के आरंभ से ही किसी जरूरी कार्य को लेकर व्यस्त रहेंगे दोपहर के बाद इसके पूर्ण होने पर राहत मिलेगी। आज किसी सार्वजनिक कार्य को लेकर भी दिनचार्य में बदलाव करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय स्थल पर अनुकूल वातावरण कुछ समय के लिये ही मिलेगा इसका समय रहते लाभ उठाएं अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। धन की आमद आज बिना मेहनत के ही हो जाएगी जिससे स्वभाव में आलस्य रहेगा। महिलाओ का दिमाग बिना मेहनत सफलता मिलने पर सातवे आसमान पर रहेगा। संध्या के समय सेहत थोड़ी नरम रहने पर भी मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिये खर्चीला रहेगा। आपका स्वभाव भी दिखावा पसन्द रहने के कारण आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भाग्य का साथ कम ही मिलेगा मध्यान के बाद लाभ के अवसर मिलेंगे जिन्हें लापरवाही के चलते हाथ से निकाल सकते है। धन की आमद को लेकर आज बेपरवाह रहेंगे फिर भी काम चलाऊ हो ही जायेगी। कोर्ट कचहरी अथवा अन्य सरकारी कार्यो के ऊपर भी खर्च करना पड़ेगा आज जितना हो सके व्यर्थ के खर्च से बचे नही तो बाद में आर्थिक उलझने परेशान करेंगी। नौकरी पेशाओ का अधिकारी वर्ग से अनबन होने की संभावना है जिसका परिणाम बाद में परेशान करेगा जल्दबाजी में कोई निर्णय ना लें। पति-पत्नी में किसी न किसी बात को लेकर मतभेद रहेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आप अधिकांश कार्य बुद्धि विवेक के साथ करेंगे लेकिन स्वार्थ सिद्धि की भावना अधिक रहने के कारण अपना हित साधने के लिये किसी अन्य को परेशानी में डालने में संकोच नही करेंगे। घर अथवा बाहर पिता अथवा किसी वरिष्ठ व्यक्ति का जिद्दी स्वभाव क्रोध दिलाएगा लेकिन ध्यान रखें आज धैर्य रखने पर ही इनसे लाभ और सम्मान मिलेगा। महिलाए के मन मे कोई गुप्त युक्ति लगी रहेगी स्वभाव भी सनकियो जैसा रहने के कारण आस पास के लोगो को पसंद नही आएगा। अचल संपत्ति के कार्यो में आज ढील देना ही बेहतर है सरकारी पचड़ों से स्वयं को दूर रखें। संध्या के समय कही से आकस्मिक धन अथवा शुभ समाचार मिल सकता है। आवश्यक कार्य आज पूरा कर लें इसके बाद कलह क्लेश की भेंट चढ़ेगा। शरीर मे छोटी मोटी व्यादि लगी रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपको किसी ना किसी रूप में धन अथवा अन्य लाभ कराएगा लेकिन आज भी मन मे चल रही कामना पूर्ति होने में कोई व्यवधान अवश्य आएगा। दिन के आरम्भ में आलसी स्वभाव के कारण दिनचार्य धीमी चलेगी लेकिन मध्यान के समय कही से लाभ की संभावना बनने पर कार्य के प्रति गंभीरता आएगी। कार्य क्षेत्र पर पुरानी योजना से लाभ होगा नए कार्यो में भी निवेश कर सकते है निकट भविष्य में लाभ देगा। महिलाओ की मानसिकता आज सुखोपभोग की रहेगी जिस कारण घर के कार्य अस्त व्यस्त होंगे। आज अचल संपत्ति सम्पति संबंधित अधूरे कार्य को प्रथमिकता दे सफलता की संभावना अधिक है। विपरीत लिंगीय के प्रति शीघ्र आकर्षित हो जाएंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज परिस्थियां आपके अनुकूल तो नहीं फिर भी मन को संतोष अवश्य देंगी। सुबह से ही आलस्य प्रमाद में रहेंगे कार्य क्षेत्र को लेकर किसी विशेष सोच में समय खराब होगा मौके की तलाश में रहेंगे परन्तु आज भाग दौड़ से बचने का प्रयास होने वाले लाभ में कमी लाएगा। कार्य क्षेत्र पर मंदी के कारण मन कम ही लगेगा फिर भी संध्या के आसपास कामचलाऊ धन की आमद हो जाएगी। घर मे आपका उदासीन व्यवहार परिजनों को पसंद नही आएगा बड़े बुजुर्गों से मार्गदर्शन के साथ ताने भी सुनने को मिलेंगे। सरकारी क्षेत्र से आज संभावना होने पर भी लाभ नहीं मिल सकेगा। संध्या का समय राहत वाला रहेगा किसी समारोह में सम्मिलित होंगे प्रियजनों से भेंट मन हल्का करेगी।
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पितृ पक्ष तृतीया श्राद्ध की विशेष विधि 
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भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे। पितृ पक्ष का समापन आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा।

जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार दोनों पक्षों (कृष्ण या शुक्ल) तृतीया तिथि हो हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है।

तृतीया तिथि को अभिजित, कुतुप या रोहिणी मुहूर्त में श्राद्ध करते हैं।

तृतीया श्राद्ध को विधिवत रूप से करने से सद्बुद्धि, स्वास्थ और समृद्धि प्राप्त होती है।

इसके बाद पिता से प्रारंभ करके पूर्वजों के जहां तक नाम याद हों वहां तक के पितरों के नामोच्चारण करके स्वधा शब्द से अन्न और जल अर्पित करें। इस दिन भगवान विष्णु और यम की पूजा करें। इसके बाद तर्पण कर्म करें।

पितृ के निमित्त लक्ष्मीपति का ध्यान करके गीता का तीसरा अध्याय का पाठ करें।

पितृ श्राद्ध में कढ़ी, भात, खीर, पुरी और सब्जी का भोग लगाते हैं। पितरों के लिए बनाया गया भोजन रखें और अंगूठे से जल अर्पित करें।

इसके बाद भोजन को गाय, कौवे और फिर कुत्ते और चीटियों को खिलाएं।

तृतीय श्राद्ध में तीन ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। उन्हें शक्कर, वस्त्र, चावल और यथाशक्ति दक्षिणा देकर उन्हें तृप्त करें।

इस दिन गृह कलह न करें, चरखा, मांसाहार, बैंगन, प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तील, मूली, लौकी, काला नमक, सत्तू, जीरा, मसूर की दाल, सरसो का साग, चना आदि वर्जित माना गया है। कोई यदि इनका उपयोग करना है तो पितर नाराज हो जाते हैं। शराब पीना, मांस खाना, श्राद्ध के दौरान मांगलिक कार्य करना, झूठ बोलना और ब्याज का धंधा करने से भी पितृ नाराज हो जाता हैं।
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*ज्योतिष आचार्य पांडुरंगरावशास्त्री*

शङ्करं शंकराचार्यम् केशवं बादरायणम् ।
सूत्रभाष्यकृतौ वन्दे भगवन्तौ पुनः पुनः ।।

उत्तरामनाय ज्योतिर्मठ पीठाधीश्वर अनन्तविभूषित स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज को नवनियुक्त पीठाधीश्वर शंकराचार्य अलंकृत होने पर ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज संस्थान की ओर से कोटि कोटि बधाई। अन्नंत विभूषित स्वामी अविमुक्तेस्वरानन्द जी के ज्योतिष्पीठ का शंकराचार्य बनने पर जहां चमोली जनपद उत्तराखंड और हर्ष की लहर है। जनप्रतिनिधियों ने भी उन्हें बधाई दी है। उतराम्नाय ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शङ्कराचार्य लाखों श्रध्दालुओं और जनप्रतिनिधियों के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दी बधाई दी है। आर एस एस के शोशल मीडिया एप के अनुसार स्वामी अविमुक्तेस्वरानन्द #अखिल_भारतीय_विद्यार्थी_परिषद से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष (संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ) को परमपूज्य द्वारका शारदा पीठ एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर उत्तराम्नाय ज्योतिर्मठ (बद्रीनाथ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य उत्तराधिकारी अनंतश्री विभूषितश्री उत्तराम्नाय ज्योतिर्मठ पीठाधीश्वर स्वामी #श्री_अविमुक्तेश्वरानंद_सरस्वती_जी_महाराज_को_शंकराचार्य__घोषित_किया_गया_है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुसांगिक संगठन है जो व्यक्ति निर्माण की एक अनुपम जीवंत कार्यशाला है।
यहाँ समाज के विविध क्षेत्रों के लिए नेतृत्व कर सकने योग्य युवा शक्ति को गढ़ने का कार्य होता है।
विद्यार्थी परिषद शैक्षिक, राजनीतिक, मीडिया, शोध, रक्षा, प्रशासन, वाणिज्य, प्रबंधन, समाज सेवा, विधि क्षेत्र सहित समाज के विविध क्षेत्रों में प्रतिभाओं को विकसित होने तथा समाज के लिए स्वयं को आत्मार्पित करने का मंच देता आया है। यह चक्र इसी प्रकार अहनिर्श चलायमान रहे।  देश के अनेकों बडे़ जनप्रतिनिधियों ने भी शंकराचार्य अविमुक्तेस्वरानन्द जी महाराज को बधाई दी है।बता दें कि एक वर्ष पूर्व ही स्वामी अविमुक्तेस्वरानन्द जी महाराज का ज्योतिष्पीठ में शंकराचार्य पद की दिशा में पट्टाभिषेक हो चुका था ✍️हरीश मैखुरी 

 

१८९७ का साराढी़ युद्ध जिसमें २१ सिक्खों ने १० हजार अफगानिस्त आक्रांताओं को मटियामेट कर दिया था

इस धरती पर न जाने कितने युद्ध लड़े गए हैं, जिनमें से कुछ को इतिहास में जगह मिली, तो कुछ को नहीं। आज से ठीक 125 साल पहले 12 सितंबर, 1897 को एक ऐसा ही युद्ध हुआ था जिसने इतिहास के पन्नों में अपना नाम हमेशा के लिए अमर कर दिया। यह नाम है सरागढ़ी युद्ध। सारागढ़ी के इस युद्ध को अखंड भारत पर हुआ सबसे बड़ा युद्ध माना जाता है। इस युद्ध में 21 सिखों ने सारागढ़ी किला बचाने के लिए 10 हजार अफगानी सैनिकों को धूल चटी दी थी और उलटे पांव भागने पर मजबूर कर दिया था।

वह 1897 का दौर था जब भारत पर अंग्रेजों का दबदबा बढ़ता जा रहा था। अंग्रेज अफगानिस्तान पर कब्जा करना चाहते थे। वर्ष 1897 तक अंग्रेजों ने अफगानिस्तान पर हमले करना भी शुरू कर दिए थे। उस समय अखंड भारत की सीमाएं अफ़ग़ानिस्तान से मिलती थी और अफ़ग़ान और भारत की सीमा पर ब्रिटिश सेना के कब्ज़े में दो किले गुलिस्तान का किला और लॉकहार्ट का किला थे। इन दोनों किलों के पास ही सारागढ़ी के नाम से एक चौकी हुआ करती थी। यह चौकी दोनों किलों के बीच संचार का जरिया थी। इस चौकी की सुरक्षा की जिम्मेदारी 36वीं सिख रेजिमेंट के पास थी।

सारागढ़ी किले पर बनी आर्मी पोस्ट पर 21 सिख सिपाही तैनात थे। अफगानों को लगा कि इस पोस्ट पर कब्जा करना काफी आसान होगा। लेकिन पोस्ट पर तैनात सिख इतनी बड़ी सेना को देखकर भागे नहीं, उन्होंने आखिरी सांस तक ऐसी लड़ाई लड़ी जिसने अंग्रेजों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। उनके पास ज्यादा हथियार नहीं थे, जब उनके पास गोलियां खत्म हो गई तो उन्होंने तलवारों से ही दुश्मन पर हमला बोल दिया। ऐसा युद्ध हुआ कि उसको देखकर अफगानी तो दूर, अंग्रेज भी कांप उठे।

12 सितंबर, 1897 को सुबह 8 बजे सारागढ़ी किले के संतरी ने दौड़कर अंदर खबर दी कि हज़ारों पठानों का एक लश्कर झंडे और भाले के साथ सारागढ़ी किले की तरफ बढ़ रहा है। उनकी तादाद बहुत बड़ी है। संतरी को फ़ौरन अंदर बुला लिया गया और सैनिकों के नेता हवलदार इशर सिंह ने सिग्नल मैन गुरमुख सिंह को आदेश दिया कि पास के फोर्ट लॉकहार्ट में तैनात अंग्रेज अफसरों को तुरंत इस बारे में बताया जाए और उनसे पूछा जाए कि उनके लिए क्या हुक्म है?

कर्नल हॉटन ने हुक्म दिया, “होल्ड योर पोज़ीशन।” एक घंटे के अंदर किले को हर तरफ से घेर लिया गया और उनका एक सैनिक हाथ में सफ़ेद झंडा लिए क़िले की तरफ़ बढ़ा। उसने चिल्ला कर कहा, “हमारा तुमसे कोई झगड़ा नहीं है, हमारी लड़ाई अंग्रेजों से है। तुम तादाद में बहुत कम हो, मारे जाओगे। हमारे सामने हथियार डाल दो। हम तुम्हारा ख्याल रखेंगे और तुमको यहाँ से सुरक्षित निकल जाने का रास्ता देंगे।”

जवाब में इशर सिंह ने कहा कि, ‘ये अंग्रेज़ों की नहीं महाराजा रणजीत सिंह की जमीन है और हम इसकी आखिरी सांस तक रक्षा करेंगे।’ फिर अचानक ‘बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ का जयकारा सारागढ़ी क़िले में गूंज उठा और फिर शुरू हुई 7 घंटे तक तक चलने वाली वो लड़ाई जिसमें 21 सिखों ने अफगानी सैनिकों का किले के अंदर प्रवेश मुश्किल कर दिया और उन्हें वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।