आज का पंचाग आपका राशि फल, दशरथ जी के जन्म की कथा, बागेश्वर बाबा ने इंग्लैंड में निकाली कोहिनूर की पर्ची, हीरे की वापसी पर अंग्रेजों के सामने कह दी ये बड़ी बात। 

*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

             *आज का पञ्चाङ्ग*

*_मंगलवार, ०१ अगस्त २०२३_*

सूर्योदय: 🌄 ०५:५५

सूर्यास्त: 🌅 ०७:११

चन्द्रोदय: 🌝 १९:१५

चन्द्रास्त: 🌜❌️❌️

अयन 🌖 दक्षिणायणे

(उत्तरगोलीय)

ऋतु: ⛈️ वर्षा

शक सम्वत:👉१९४५(शोभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०८०(पिंगल)

मास 👉श्रावण(प्रथम, अधिक)

पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉 पूर्णिमा (००:०१

से प्रतिपदा)

नक्षत्र 👉 उत्तराषाढ

(१६:०३ से श्रवण)

योग 👉 प्रीति (१८:५३ से

आयुष्मान)

प्रथम करण👉विष्टि(१३:५७ तक)

द्वितीय करण👉बव(००:०१ तक)

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 कर्क

चंद्र 🌟 मकर

मंगल🌟सिंह(उदित,पश्चिम,मार्गी)

बुध🌟सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)

गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शुक्र🌟सिंह (उदित, पश्चिम)

शनि 🌟 कुम्भ

(उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

शुभाशुभ मुहूर्त विचार

⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५६ से १२:५०

अमृत काल 👉 १०:२६ से ११:५०

विजय मुहूर्त 👉 १४:३९ से १५:३३

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:११ से १९:३२

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:११ से २०:१३

निशिता मुहूर्त 👉 ००:०२ से ००:४४

ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:१२ से ०४:५४

प्रातः सन्ध्या 👉 ०४:३३ से ०५:३५

राहुकाल 👉 १५:४७ से १७:२९

राहुवास 👉 पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०८:५९ से १०:४१

होमाहुति 👉 चन्द्र

दिशाशूल 👉 उत्तर

अग्निवास 👉 पृथ्वी

भद्रावास 👉 पाताल (१३:५७ तक)

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 श्मशान में (००:०१ से गौरी के साथ)

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

☄चौघड़िया विचार☄

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – रोग २ – उद्वेग

३ – चर ४ – लाभ

५ – अमृत ६ – काल

७ – शुभ ८ – रोग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – काल २ – लाभ

३ – उद्वेग ४ – शुभ

५ – अमृत ६ – चर

७ – रोग ८ – काल

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

दक्षिण-पूर्व (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें)

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

तिथि विशेष

🗓📆🗓📆

*〰〰〰〰〰〰*

चतुर्दशी तिथि क्षय, श्रावण अधिक मास पूर्णिमा, श्रीसत्यनारायण व्रत, लोकमान्य गंगाधर तिलक एवं चंद्रशेखर आजाद पुण्य दिवस आदि ।

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

आज १६:०३ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराषाढ नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (भो, ज, जी) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम श्रवण नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (खी, खू) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

उदय-लग्न मुहूर्त

कर्क – ०४:३१ से ०६:५२

सिंह – ०६:५२ से ०९:११

कन्या – ०९:११ से ११:२९

तुला – ११:२९ से १३:५०

वृश्चिक – १३:५० से १६:०९

धनु – १६:०९ से १८:१३

मकर – १८:१३ से १९:५४

कुम्भ – १९:५४ से २१:२०

मीन – २१:२० से २२:४३

मेष – २२:४३ से ००:१७

वृषभ – ००:१७ से ०२:१२

मिथुन – ०२:१२ से ०४:२७

*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*

पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:३५ से ०६:५२

रोग पञ्चक – ०६:५२ से ०९:११

शुभ मुहूर्त – ०९:११ से ११:२९

मृत्यु पञ्चक – ११:२९ से १३:५०

अग्नि पञ्चक – १३:५० से १६:०३

शुभ मुहूर्त – १६:०३ से १६:०९

रज पञ्चक – १६:०९ से १८:१३

शुभ मुहूर्त – १८:१३ से १९:५४

चोर पञ्चक – १९:५४ से २१:२०

शुभ मुहूर्त – २१:२० से २२:४३

शुभ मुहूर्त – २२:४३ से ००:०१

चोर पञ्चक – ००:०१से ००:१७

शुभ मुहूर्त – ००:१७ से ०२:१२

रोग पञ्चक – ०२:१२ से ०४:२७

शुभ मुहूर्त – ०४:२७ से ०५:३६

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन अधिकांश कार्यो में सफलता दायक रहेगा जिनकार्यो में असफल रहेंगे उनकी वजह केवल आलस्य और असहयोग ही रहेगा। कार्य व्यवसाय आरम्भ में धीमा रहेगा लेकिन मध्यान से अकस्मात उछाल आएगा धन की आमद भी आशाजनक रहेगी। आज वैसे तो व्यवहारिक ही रहेंगे लेकिन स्वार्थ सिद्धि के लिये किसी अन्य का नुकसान करने से भी नही चूकेंगे। धर्म कर्म में केवल खाना पूर्ति करेंगे। अन्य लोगो से होड़ न करें वरना आगे आर्थिक समस्या खड़ी हो सकती है। परिजन खर्चो के खर्च परेशानी में डालेंगे। घर मे पुत्र अथवा पौत्र की सेहत खराब होगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन कुछ राहत भरा रहेगा। दिन के आरंभ में शरीर मे दर्द अथवा अन्य छोटी मोटी समस्या रहेगी लेकिन धीरे धीरे सुधार आने लगेगा। कार्य क्षेत्र पर व्यस्तता बढ़ेगी इसकी तुलना में सुविधा कम रहने से परेशानी होगी फिर भी पुराने व्यवहारों की सहायता से आर्थिक मार्ग खुलेंगे धन आज एक से अधिक स्त्रोत्रों से मिलेगा आकस्मिक लाभ की संभावना भी है। फिर भी ध्यान रखे जल्दबाजी में किया गलत निवेश हानि भी करा सकता है। परिवार में पिता अथवा भाई बंधुओ के कारण मानसिक क्लेश रहेगा। मतभेद बढ़ने की संभावना है मौन रहकर शांति पाई जा सकती है। मूत्र विकार हो सकता है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज दिन के आरंभ से ही किसी अनिष्ट की आशंका भयभीत रखेगी महिलाए विशेष कर इससे प्रभावित रहेंगी। दिन का आरंभ सामान्य रहेगा लेकिन कुछ समय बाद ही किसी पुरानी बात को लेकर परिजन में झगड़ा होने की संभावना है। संबंधों के बीच आज गलतफहमियां ना पाले अन्यथा नोकझोंक लंबी खिंच सकती है। कार्य व्यवसाय पहले की तुलना में बेहतर रहेगा धन एवं सुविधा मिलने के बाद भी मन असंतोष की भावना से ग्रस्त रहेगा। नौकरी वाले लोग आज ज्यादा बोझ लेने के पक्ष में नही रहेगे। संध्या बाद पर्यटन मनोरंजन की योजना बनेगी मानसिक बोझ भी कम होगा। सरदर्द अथवा अन्य शारीरिक अंगों में खिंचाव दर्द की शिकायत होगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन सामान्य से उत्तम रहेगा। दिन के आरंभ से ही व्यस्तता रहेगी। कार्य क्षेत्र के साथ रिश्तेदारी में उपस्थित होने के लिये दिनचर्या में फेरबदल करेंगे। काम-धंधा बेहतर रूप से चलेगा पूर्व में जो भी कामना अधूरी रह गयी थी आज मध्यान तक उनके पूर्ण होने की भी सम्भवना है। लेकिन आज किसी से लेन देन को लेकर विवाद भी हो सकता है। क्रोध से बचे अन्यथा व्यापारिक संबंध खराब होने पर आगे के लिये दुखदायी रहेगा। धन लाभ मध्यान के आस पास अवश्य होगा इसके बाद का समय खर्चीला ही रहेगा। सरकारी कार्य आज ना करें समय और धन व्यर्थ होगा। पारिवारिक स्थिति संतोषजनक रहेगी लेकिन आपस मे जिद बहस भी होगी। सेहत को संभाले जोड़ो में दर्द की शिकायत रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज दिन का आरंभ कुछ खास नही रहेगा लेकिन कार्यो के प्रति गंभीर अवश्य रहेंगे इसका परिणाम मध्यान बाद से देखने को मिलेगा। दिन के आरंभ में कार्य क्षेत्र पर अनुकूल वातावरण ना मिलने के बाद भी स्वयं के बल पर कार्य करेंगे पहले निराश होना पड़ेगा लेकिन धर्य रखने पर संध्या के आस पास धन लाभ के योग बनने लगेंगे। अधिकारी वर्ग से भी आर्थिक आयोजन पूर्ण करने में ज्यादा मशक्कत नही करनी पड़ेगी। घर का उदासीन वातावरण भी दोपहर बाद से बदलने लगेगा महिलाए बच्चे मन इच्छित कार्य होने से प्रसन्न रहेंगे। जोड़ो में दर्द अथवा नसों में खिंचाव जैसी समस्या हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज दिन का पूर्वार्ध शुभ फलदायी रहेगा सामाजिक क्षेत्र पर मान बढ़ेगा लेकिन मध्यान बाद परिस्थितिया विपरीत होने लगेंगी अतिआवश्यक कार्य विशेष कर धन संबंधित कार्य इससे पहले पूर्ण करले अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर दिन के पूर्वार्ध में लाभ की संभावना बनेगी लेकिन टलते टलते मध्यान तक पहुच जाएगी लाभ होगा लेकिन उम्मीद से कम होने पर निराश होंगे। आज लापरवाही करने पर आपको मिलने वाला सौदा किसी प्रतिद्वन्दी को मिल सकता है सतर्क रहें। दोपहर बाद कुछ कार्यो में हानि होगी लेकिन घबराये नही जोखिम के बिना आज लाभ कमाना संभव नही। सेहत और परिवार में कुछ ना कुछ कमी लगी रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज दिन के आधे भाग में किसी से बेवजह उलझने से बचे मध्यान तक मानसिक रूप से असंतुष्ट रहेंगे अपनी नाकामी का क्रोध परिजन अथवा सहकर्मी के ऊपर उतारने से वातावरण अशान्त बनेगा लेकिन मध्यान बाद से बुद्धि विवेक जाग्रत होगा अपनी गलती का मन मे पश्चाताप भी करेंगे लेकिन स्वभाव में अकड़ रहने के कारण क्षमा नही मांगेंगे। कार्य व्यवसाय मध्यान के बाद एकदम से गति पकड़ेगा फिर भी पूर्व में बिगाड़े संबंधों का नुकसान आज किसी न किसी रूप में भरना ही पड़ेगा। धन लाभ काम चलाऊ होगा घर मे पहले की अपेक्षा शांति रहेगी फिर भी वाणी पर सनयं रखना आवश्यक है। सेहत ठीक रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज मध्यान तक का समय सामान्य रहेगा इसके बाद किसी सोचे कार्य को लेकर व्यस्त हो जाएंगे। मन मे यात्रा की योजना भी लगी रहेगी टालते हुए भी लेकिन अकस्मात ही करनी पड़ेगी। कार्य व्यवसाय में उतारचढ़ाव लगा रहेगा दोपहर बाद कुछ समय के लिये स्थिरता आएगी धन लाभ हिने पर दिन भर की पूर्ति कर लेंगे। सहकर्मी मनमाना व्यवहार करेंगे जिससे अधिकांश कार्य स्वय के बल पर ही करने पड़ेंगे। धन संबंधित समस्या कुछ हद तक सुलझेगी उधारी के व्यवहार ना चाहकर भी बनाने पड़ेंगे। परिवार में आंतरिक मतभेद रहेंगे लेकिन दर्शाएंगे नही। सेहत में थोड़ा बहुत विकार आएगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज दिन के आरंभ में जो स्थिति रहेगी मध्यान बाद इससे एकदम विपरीत हो जाएगी। दिन का आरंभ शुभ समाचार से होगा लेकिन सेहत में गिरावट अनुभव होगी। आवश्यक कार्य समय रहते करले मध्यान बाद कार्य व्यवसाय की स्थित अनुकूल रहने पर भी शारीरिक रूप से मेहनत नही कर सकेंगे अन्य लोगो के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। धन की आमद आज निश्चित रूप से होगी पर घरेलु एवं व्यर्थ के खर्च अकस्मात आने से बचत नही कर सकेंगे। घर मे किसी न किसी के बीमार होने से वातावरण अस्त व्यस्त रहेगा। यात्रा अंत समय मे निरस्त करनी पड़ेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा लेकिन मध्यान से पहले कोई महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें यात्रा भी संभव हो तो टाले। दोपहर के बाद मानसिक चंचलता के बाद भी कुछ कार्य मन के अनुसार पूर्ण होने पर राहत मिलेगी। कार्य व्यवसाय से भी आज धन लाभ की आशा रख सकते है। लोग आर्थिक मामले टालने के प्रयास करेंगे फिर भी धर्य धारण करें आने वाला समय हर तरह से अनुकूल रहेगा। धन को लेकर किसी से बहस में ना पड़े आज स्वाभाविक रूप से ही आवश्यकता अनुसार हो जाएगा। पारिवार के सदस्य आपसे किसी मनोकामना पूर्ति की आस लागये रहेंगे उनसे निराश नही करेंगे। सेहत में सुधार रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन मानसिक उलझनों में खराब होगा दिन के पहले भाग में लाभ की संभावनाएं बनेंगी लेकिन आलस और निर्णय लेने में देरी के कारण धन लाभ होते होते हाथ से निकलने की संभावना है। मध्यान के बाद स्थिति में थोड़ा बदलाव आने लगेगा। पूर्वार्ध की तुलना में कार्य क्षेत्र पर लाभ के अधिक अवसर तो मिलेंगे लेकिन प्रतिस्पर्धा भी बढ़ने के कारण जोड़ तोड़ की नीति अपनानी पड़ेगी। धन लाभ होगा लेकिन आशा से कम ही। पारिवारिक वातावरण किसी बहुप्रतीक्षित कार्य का टालमटोल करने पर खराब हो सकता है। सुख सुविधा मिलेगी लेकिन व्यवहारिकता की कमी भी रहेगी। मस्तिष संबंधित विकार अथवा चोटादि का भय है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन अत्यंत शुभ रहेगा आज आप अपने आचरण में सुधार लाएंगे इसके सार्वजिक क्षेत्र से वाहवाही मिलेगी स्वयं के साथ परिजनों का मान भी बढायेंगे लेकिन मित्र मंडली में ज्यादा समय ना बैठे अन्यथा परिणाम इसके एक दम विपरीत हो सकते है। सरकारी संबंधित कार्य आज ना करें व्यर्थ भागदौड़ के बाद भी सफलता संदिग्ध ही रहेगी। व्यावसायिक क्षेत्र से नाम और दाम दोनो मिलेगा धन लाभ के लिये आज ज्यादा इंतजार नही करना पड़ेगा। भविष्य के लिये भी संचय कर पाएंगे। घर मे किसी न किसी से बहस होगी विवेक से काम लें क्रोध को छोड़ सेहत सामान्य रहेगी।

*!! “दशरथ जी के जन्म की कथा” !!*

*महाराज दशरथ का जन्म एक बहुत ही अद्भुत घटना है पौराणिक धर्म ग्रंथों के आधार पर बताया जाता है कि एक बार राजा अज दोपहर की वंदना कर रहे थे !*

*उस समय लंकापति रावण उनसे युद्ध करने के लिए आया और दूर से उनकी वंदना करना देख रहा था राजा अज ने भगवान शिव की वंदना की और जल आगे अर्पित करने की जगह पीछे फेंक दिया !*

यह देखकर रावण को बड़ा आश्चर्य हुआ और वह युद्ध करने से पहले राजा अज के सामने पहुंचा तथा पूछने लगा कि हमेशा वंदना करने के पश्चात जल का अभिषेक आगे किया जाता है न कि पीछे, इसके पीछे क्या कारण है राजा अज ने कहा जब मैं आंखें बंद करके ध्यान मुद्रा में भगवान शिव की अर्चना कर रहा था तभी मुझे यहां से एक योजन दूर जंगल में एक गाय घास चरती हुई दिखी और मैंने देखा कि एक सिंह उस पर आक्रमण करने वाला है तभी मैंने गाय की रक्षा के लिए जल का अभिषेक पीछे की तरफ किया !

रावण को यह बात सुनकर बड़ा ही आश्चर्य हुआ !

रावण ऐक योजन दूर वहाँ गया और उसने देखा कि एक गाय हरी घास चर रही है जबकि शेर के पेट में कई वाण लगे है अब रावण को विश्वास हो गया कि जिस महापुरुष के जल से ही बाण बन जाते है और बिना किसी लक्ष्य साधन के लक्ष्य बेधन हो जाता है ऐसे वीर पुरुष को जीतना बड़ा ही असंभव है और वह उनसे बिना युद्ध किए ही लंका लौट जाता है !

एक बार राजा अज जंगल में भ्रमण करने के लिए गए थे तो उन्हें एक बहुत ही सुंदर सरोवर दिखाई दिया उस सरोवर में एक कमल का फूल था जो अति सुंदर प्रतीत हो रहा था !

उस कमल को प्राप्त करने के लिए राजा अज सरोवर में चले गए किंतु यह क्या राजा अज जितना भी उस कमल के पास जाते वह कमल उनसे उतना ही दूर हो जाता और राजा अज उस कमल को नहीं पकड़ पाया ! अंततः आकाशवाणी हुई कि हे राजन आप नि:संतान है आप इस कमल के योग्य नहीं है इस भविष्यवाणी ने राजा अज के हृदय में एक भयंकर घात किया था !

राजा अज अपने महल में लौट आए और चिंता ग्रस्त रहने लगे क्योंकि उन्हें संतान नही थी जबकि वह भगवान शिव के परम भक्त थे !

भगवान शिव ने उनकी इस चिंता को ध्यान में लिया और उन्होंने धर्मराज को बुलाया और कहा तुम किसी ब्राह्मण को अयोध्या नगरी पहुँचाओ जिससे राजा अज को संतान की प्राप्ति के आसार हो !

दूर पार एक गरीब ब्राह्मण और ब्राह्मणी सरयू नदी के किनारे कुटिया बनाकर रहते थे !

एक दिन वे ब्राह्मण राजा अज के दरबार में गए और उनसे अपनी दुर्दशा का जिक्र कर भिक्षा मांगने लगे !

राजा अज ने अपने खजाने में से उन्हें सोने की अशर्फियां देनी चाही लेकिन ब्राह्मण नहीं कहते हुए मना कर दिया कि यह प्रजा का है आप अपने पास जो है उसे दीजिए तब राजा अज ने अपने गले का हार उतारा और ब्राह्मण को देने लगे किंतु ब्राह्मण ने मना कर दिया कि यह भी प्रजा की ही संपत्ति है !

इस प्रकार राजा अज को बड़ा दुख हुआ कि आज एक गरीब ब्राह्मण उनके दरबार से खाली हाथ जा रहा है तब राजा अज शाम को एक मजदूर का बेश बनाते हैं और नगर में किसी काम के लिए निकल जाते है !

चलते -चलते वह एक लौहार के यहाँ पहुंचते है और अपना परिचय बिना बताए ही वहां विनय कर काम करने लग जाते हैं पूरी रात को हथौड़े से लोहे का काम करते हैं जिसके बदले में उन्हें सुबह एक टका मिलता है !

राजा एक टका लेकर ब्राह्मण के घर पहुंचते हैं लेकिन वहां ब्राह्मण नहीं था उन्होंने वह एक टका ब्राह्मण की पत्नी को दे दिया और कहा कि इसे ब्राह्मण को दे देना !

जब ब्राह्मण आया तो ब्राह्मण की पत्नी ने वह टका ब्राह्मण को दिया और ब्राह्मण ने उस टका को जमीन पर फेंक दिया तभी एक आश्चर्यजनक घटना हुई ब्राह्मण ने जहां टका फेंका था वहां गड्ढा हो गया ब्राह्मण ने उस गढ्ढे को और खोदा तो उसमें से सोने का एक रथ निकला तथा आसमान में चला गया इसके पश्चात ब्राह्मण ने और खोदा तो दूसरा सोने का रथ निकला और आसमान की तरफ चला गया इसी प्रकार से नौ सोने के रथ निकले और आसमान की तरफ चले गए और जब दसवाँ रथ निकला तो उस पर एक बालक था और वह रथ जमीन पर आकर ठहर गया !

ब्राह्मण उस बालक को लेकर राजा अज के दरबार में पहुंचे और कहा राजन – इस पुत्र को स्वीकार कीजिए यह आपका ही पुत्र है जो एक टका से उत्पन्न हुआ है तथा इसके साथ में सोने के नौ रथ निकले जो आसमान में चले गए जबकि यह बालक दसवें रथ पर निकला इसलिए यह रथ तथा पुत्र आपका है इस प्रकार से दशरथ जी का जन्म हुआ था !

*महाराज दशरथ का असली नाम मनु था और ये दसों दिशाओं में अपना रथ लेकर जा सकते थे इसीलिए दशरथ नाम से प्रसिद्ध हुये !!*🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️

बागेश्वर बाबा ने इंग्लैंड में निकाली कोहिनूर की पर्ची, हीरे की वापसी पर अंग्रेजों के सामने कह दी ये बड़ी बात। 

लंदन 27 जुलाई। बाबा बागेश्वर ने अंग्रेजों की धरती इंग्लैंड में कोहिनूर हीरे का जिक्र कर दिया, जिसकी चर्चा हमेशा होती रहती है और भारत वापसी की बातें भी की जाती रही हैं। 

मगर भक्तों के बीच बैठे अंग्रेजों के सामने बाबा ने कुछ ऐसा कहा जो अब सुर्खियां बटोर रहा है. बाबा बागेश्वर इन दिनों सात समंदर पार इंग्लैंड में हैं और वहीं से उन्होंने कोहिनूर की पर्ची निकाल दी है. रामकथा में बाबा ने जैसे ही कोहिनूर का जिक्र किया तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा. बाबा बागेश्वर ने अंग्रेजों की धरती पर अंग्रेजों के सामने कोहिनूर भारत ले जाने की बात कही तो वहां मौजूद हिंदुस्तानियों की सीना गर्व से चौड़ा हो गया.

‘चिंता मत करो कोहिनूर लेकर आएंगे’

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सामने हमारे जैसे बैठे हैं. बगल में अति VIP, इस तरफ और भी VIP और कुर्सियों पर बैठे हैं. कथा सुन रहे हैं टकटकी लगाकर. कुछ लोग तो कल कह रहे थे फोन लगाकर गुरु जी कब आओगे भारत? मैंने एक सज्जन से कह दिया हमको तो अब यहीं अच्छा लगने लगा. बोले कब आओगे? हमने कहा चिंता मत करो कोहिनूर लेकर आएंगे। 

इंग्लैंड में दिखा बाबा का मनभावन दृश्य 

जान लें कि इंग्लैंड के अलग-अलग शहरों में बागेश्वर धाम सरकार अपना दरबार लगा रहे हैं और उसी दरबार के जरिए वो दुनिया में सनातन का डंका बजाने की भी कवायद में हैं. बाबा बागेश्वर अपनी बात बेबाकी से कहते हैं. लोगों को उनका इतिहास, वर्तमान और भविष्य सब बता देते हैं. इंग्लैंड में भी बाबा का वही मनभावन दृश्य देखने को मिल रहा है.

बागेश्वर बाबा ने दिया कोहिनूर का उद्धरण 

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री देश के अलग-अलग राज्यों में दरबार लगाने के बाद अब विदेशी धरती पर पर्चियां निकाल रहे हैं. उनकी कोशिश भारत और भारतीय संस्कृति की पताका जगह-जगह फहराने की है. ये सब बातें अपनी जगह हैं लेकिन बाबा बागेश्वर ने जिस कोहिनूर का जिक्र किया उसका इतिहास बेहद पुराना है। 

गौरतलब है कि कोहिनूर हीरा करीब 800 साल पहले आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में मौजूद गोलकुंडा की खदान से निकाला गया था जो आज भी दुनिया का सबसे बड़ा हीरा है. शुरुआत में इसका कुल वजन 793 कैरेट था. हालांकि, इसके बाद से इस हीरे को कई बार तराशा गया और इसका मूल रूप 105.6 कैरेट का है. कहा जाता है कि ये हीरा जमीन से सिर्फ 13 फीट की गहराई पर मिला था.

गोलकुंडा की खदान से निकलने के बाद इस हीरे के पहले मालिक काकतिय राजवंश थे. 1850 में अंग्रेज इसे अपने साथ इंग्लैंड लेकर गए तब से वहीं है. भारत इस पर अपना दावा करता रहा है और इसे वापस लाने की कोशिश भी लगातार हो रही है।