आज का पंचाग आपका राशि फल, लाल किले का वास्तविक नाम “लाल कोट” है जिसे महाराज अनंगपाल द्वितीय ने 1060 ईस्वी में बनाया गया था!, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के समय ट्रैफिक डाइवर्ट होने व इंटरनेट सेवा संबंधित सोशल मीडिया में भ्रामक मैसेज प्रसारित करने पर देहरादून पुलिस द्वारा प्राथमिकी पंजीकृत

*🌞सुप्रभातम🌞**जय महाकाल*

*🇮🇳भारत माता की जय🇮🇳*

आज का सुविचार

    *सबसे बढ़िया दवा “हँसी”*

    *सबसे बड़ी सम्पत्ति “बुद्धि “*

    *सबसे अच्छा हथियार “धैर्य”*

    *सबसे अच्छी सुरक्षा “विश्वास”*

     *और आनंद की बात यह है कि*

     *”ये सब नि:शुल्क हैं ….!!”

 *।। ॐ ।।*
🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग*»»»📜
कलियुगाब्द……………………5125
विक्रम संवत्…………………..2080
शक संवत्……………………..1945
रवि………………………..दक्षिणायण
मास………………………….मार्गशीर्ष
पक्ष……………………………..कृष्ण
तिथी……………………………नवमी
रात्रि 03.02 पर्यंत पश्चात दशमी
सूर्योदय (इंदौर)….प्रातः 06.53.25 पर
सूर्यास्त (इंदौर)…संध्या 05.42.02 पर
सूर्य राशि………………………वृश्चिक
चन्द्र राशि………………………..सिंह
गुरु राशि………………………….मेष
नक्षत्र………………….उत्तराफाल्गुनी
दुसरे दिन प्रातः 06.22 पर्यंत पश्चात हस्त
योग……………………………..प्रीती
रात्रि 11.26 पर्यंत पश्चात आयुष्मान
करण…………………………..तैतिल
दोप 01.51 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु………………………(सह:) हेमंत
दिन……………………………बुधवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
06 दिसम्बर सन 2023 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.17 से 01.37 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*वृश्चिक*
05:31:33 07:48:08
*धनु*
07:48:08 09:53:20
*मकर*
09:53:20 11:40:27
*कुम्भ*
11:40:27 13:13:59
*मीन*
13:13:59 14:45:11
*मेष*
14:45:11 16:25:56
*वृषभ*
16:25:56 18:24:35
*मिथुन*
18:24:35 20:38:17
*कर्क*
20:38:17 22:54:27
*सिंह*
22:54:27 25:06:15
*कन्या*
25:06:15 27:16:55
*तुला*
27:16:55 29:31:33

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक……………………..6
🔯 शुभ रंग……………………..हरा

💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 08.16 से 09.36 तक अमृत
प्रात: 10.56 से 12.16 तक शुभ
दोप 02.56 से 04.16 तक चंचल
सायं 04.16 से 05.36 तक लाभ
रात्रि 07.16 से 08.56 तक शुभ ।

📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ हृषीकेशाय नम: ॥

📯 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (चतुर्थोऽध्यायः – ज्ञानकर्मसंन्यासयोगः) -*
जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः।
त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन॥४-९॥
अर्थात :
हे अर्जुन! जो मनुष्य मेरे जन्म और कर्म को तत्त्व से दिव्य जान लेता है, वह शरीर त्याग कर फिर जन्म नहीं लेता, किन्तु मुझे ही प्राप्त होता है॥9॥

🍃 *आरोग्यं :*-
*पाचन को ठीक करने के उपाय -*

*5. खाना चबाकर खाएं -*
पाचन को ठीक करने के लिए आप खाने को अच्छे तरीके से चबाकर खाएं। जब आप भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाते हैं, तो यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। इससे खाना पचने में दिक्कत नहीं आती है। इसलिए अपने भोजन को ठीक से और धीरे-धीरे चबाएं। भोजन खत्म करने की जल्दी में न रहें क्योंकि इससे अपचन हो सकता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। बुरे लोगों से दूर रहें। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शुभ समय। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। परिवार का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ बढ़ेगा। दूर से सुखद सूचना मिल सकती है। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बड़ा काम करने का मन बनेगा।

👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय बढ़ेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नए मित्र बनेंगे। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बन सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। आय बनी रहेगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। थकान महसूस होगी। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय भावना में बहकर न करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
रुका हुआ पैसा मिलने का योग है। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रशंसा प्राप्त होगी। समय अनुकूल है। मित्रों के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। परिवार तथा मित्रों के साथ कोई मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। आलस्य त्यागकर प्रयास करें।

🙎🏻‍♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
योजना फलीभूत होगी। व्यापार में मनोनुकूल लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्‍य उत्तम रहेगा। शुभ समय। कारोबार में वृद्धि पर विचार हो सकता है। नौकरी में अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन सहायता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति में बाधाएं दूर होंगी। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा की आयोजना हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय हो सकता है। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ विवाद हो सकता है। मानसिक क्लेश होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। नौकरी में चैन रहेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। विरोध होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार ठीक चलेगा। लोगों से अधिक अपेक्षा न करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में कमी हो सकती है। भूमि, भवन, दुकान, शोरूम व फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें। बनते कामों में देरी होगी। दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा।

🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। जल्दबाजी से काम में बाधा उत्पन्न होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

 *जामा मस्जिद और लाल किले का रहस्य*

लालकिला शाहजहाँ के जन्म से सैकड़ों वर्ष पहले “महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय” द्वारा दिल्ली को बसाने के क्रम में ही बनाया गया था जो कि महाभारत के अभिमन्यु के वंशज तथा महाराज पृथ्वीराज चौहान के नाना जी थे।

इतिहास के अनुसार लाल किले का वास्तविक नाम “लाल कोट” है।

“लाल कोट” को जिसे महाराज अनंगपाल द्वितीय द्वारा सन 1060 ईस्वी में दिल्ली शहर को बसाने के क्रम में ही बनवाया गया था जबकि शाहजहाँ का जन्म ही उसके सैकड़ों वर्ष बाद 1592 ईस्वी में हुआ है। इसके पूरे साक्ष्य “प्रथवीराज रासोसे” ग्रन्थ में मिलते हैं।

लाल कोट जिसे लोग लाल किले के नाम से जानते हैं:

किले के मुख्य द्वार पर बाहर हाथी की मूर्ति अंकित है जबकि इस्लाम मूर्ति के विरोधी होते हैं और राजपूत राजा लोग हाथियों के प्रेम के लिए विख्यात थे। इसके अलावा लाल किले के महल मे लगे सुअर (वराह) के मुह वाले चार नल अभी भी हैं यह भी इस्लाम विरोधी प्रतीक चिन्ह है।लेख के लिए 8527524513 को सेवकर मिस्डकॉल करें!

महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय माँ भद्र काली के उपासक थे तथा भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी यमनोत्री उनकी कुल देवी थी। इन्ही के लिये उन्होने अपने आवास “लाल कोट” (लाल किला) के निकट ही सामने भगवा पत्थर (हिंदुओं का पवित्र रंग) से भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था तथा प्रत्येक राजउत्सव उसी परिसर में हुआ करते थे।

यहाँ की इमारतों में उपस्थित अष्टदलीय पुष्प, जंजीर, घंटियां, आदि के लक्षण वहां हिंदू धर्म चिन्हों के रूप में आज भी मौजूद हैं। हिंदुओं के मंदिर हिंदू सन्यासियों के भगवा रंग के अनुरूप भगवा पत्थरों (लाल पत्थर) से बनाए जाते थे जबकि मुसलमानों के इमारतें सफेद चूने से बनी होती थी और उन पर हरा रंग का प्रयोग किया जाता था।

दिल्ली के जामा मस्जिद में कोई भी मुस्लिम प्रतीक चिन्ह निर्माण काल से प्रयोग नहीं हुआ था बल्कि इस मस्जिद की बनावट इसके आकार वास्तु आदि हिंदुओं के भव्य मंदिर के अनुरुप है।

शाहजहां 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठा तो वह चाहता था कि खुदा का दरबार उसके दरबार से ऊंचा हो। खुदा के घर का फर्श उसके तख्त और ताज से ऊपर हो।

इसीलिए उसने महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय स्थापित माँ भद्र काली तथा भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी यमनोत्री जो कि महाराज अनंगपाल कुल देवी थी, उसे तुड़वा कर मंदिर से जुड़ी हुई भोजला नामक छोटी सी पहाड़ी जहां महाराज अनंगपाल राजकीय उत्सव के समय उत्सव देखने आने वालों के घोड़े बांधते थे उसे भी मस्जिद परिसर में मिलाने के लिये चुना और 6 अक्टूबर 1650 को मस्जिद को बनाने का काम शुरू हो गया।

मस्जिद बनाने के लिए 5000 मजदूरों ने छह साल तक काम किया।

आखिरकार दस लाख के खर्च करके और हजारों टन नया पत्थर की मदद से माँ भद्र काली मंदिर के स्थान पर ये आलीशान मस्जिद बनवाई गयी। 80 मीटर लंबी और 27 मीटर चौड़ी इस मस्जिद में तीन गुंबद बनाए गए। साथ ही दोनों तरफ 41 फीट उंची मीनारे तामीर की गईं। इस मस्जिद में एक साथ 25 हजार लोग नमाज अदा कर सकते हैं।

इस बेजोड़ मस्जिद का नाम भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी “यमनोत्री” के नाम के कारण मुसलमान “य” की जगह “ज” शब्द का उच्चारण करते हैं अत: मस्जिद ए जहांनुमा रखा गया। जिसे फिर लोगों ने जामा मस्जिद कहना शुरू कर दिया।

मस्जिद के तैयार होते ही उज्बेकिस्तान के एक छोटे से शहर बुखारा के सैय्यद अब्दुल गफूर शाह को दिल्ली लाकर उन्हें यहाँ का इमाम घोषित किया गया और 24 जुलाई 1656 को जामा मस्जिद में पहली बार नमाज अदा की गई।

इस नमाज में शाहजहां समेत सभी दरबारियों और दिल्ली के अवाम ने हिस्सा लिया। नमाज के बाद मुगल बादशाह ने इमाम अब्दुल गफूर को इमाम ए सल्तनत की पदवी दी और ये ऐलान भी किया कि उनका खानदान ही इस मस्जिद की इमामत करेंगे।

उस दिन के बाद से आजतक दिल्ली की जामा मस्जिद में इमामत का सिलसिला बुखारी खानदान के नाम हो गया। सैय्यद अब्दुल गफूर के बाद सय्यद अब्दुल शकूर इमाम बने। इसके बाद सैय्यद अब्दुल रहीम, सैय्यद अब्दुल गफूर, सैय्यद अब्दुल रहमान, सैय्यद अब्दुल करीम, सैय्यद मीर जीवान शाह, सैय्यद मीर अहमद अली, सैय्यद मोहम्मद शाह, सैय्यद अहमद बुखारी और सैय्यद हमीद बुखारी इमाम बने।

एक वक्त ऐसा भी था जब 1857 के बाद अंग्रेजों ने जामा मस्जिद में नमाज पर पाबंदी लगा दी और मस्जिद में अंग्रेजी फौज के घोड़े बांधे जाने लगे।

आखिरकार 1864 में मस्जिद को दोबारा नमाजियों के लिए खोल दिया गया। नमाजियों के साथ साथ दुनिया के कई जाने माने लोगों ने जामा मस्जिद की जमीन पर सजदा अदा किया है।

चाहे वो सऊदी अरब के बादशाह हों या फिर मिस्त्र के नासिर। कभी ईरान के शाह पहलवी तो कभी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्नो, सबने यहां सजदा किया।

लेकिन इनमें से कोई भी यह नहीं जानता था कि जामा मस्जिद वास्तव में महाराज अनंगपाल तोमर द्वितीय स्थापित माँ भद्र काली तथा भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी यमनोत्री का मंदिर था जिसे शाहजहां ने तुड़वा कर जामा मस्जिद बनवाया था। (साभार) 

*देहरादून में आयोजित किये जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के सम्बन्ध में सोशल मीडिया पर कुछ अराजक तत्वों द्वारा एक भ्रामक मैसेज प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान आगामी 10 दिसम्बर 2023 तक देहरादून में इन्टरनेट सेवाएं बाधित होने की सूचना प्रसारित की जा रही है।*
  *उक्त मैसेज पूर्णत: भ्रामक है तथा ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान किसी भी टेलीकॉम कंपनी कोई भी सेवाएं बाधित नहीं की जा रही हैं। दून पुलिस द्वारा उक्त भ्रामक सूचना को प्रसारित करने वाले अराजक तत्वों के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर कडी कार्यवाही की जा रही है।* 
  *अत: आम-जनमानस से अनुरोध है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही इस प्रकार की किसी भी भ्रामक सूचना को प्रचारित-प्रसारित करें।*
*एसएसपी देहरादून*