आज का पंचाग आपका राशि फल, सृष्टि का नव वर्ष आरंभ आज से, गो पालन करें कुत्ता पालन वर्जित है

आप सभी को सत्य सनातन धर्म संस्कृति संसार के नववर्ष गुड़ी-पड़वा ( 2 अप्रैल शनिवार ) की बहुत-बहुत बधाइयां।  यही समस्त सृष्टि का नववर्ष है शदी पूर्व तक इसे भारतीय नव वर्ष कहा जाता था अब मात्र हिंदू नव वर्ष कह कर इसकी महिमा सीमित करने का उपक्रम भी रचा जा रहा है। वास्तव में यह समूची सृष्टि का नव वर्ष है। पहले इस सृष्टि में केवल सनातन धर्म संस्कृति थी और शेष कुछ पशुपालक कबीले थे जो पशुवत जीवन जीते थे जहां धर्म संस्कृति धर्म शास्त्र रीति नीति (वैज्ञानिक जीवन जीने की पद्धति) कुछ नहीं थे, धर्म संस्कृति तो आज भी नहीं हैं। महाराजा विक्रमादित्य ने अपने राज में नयी पद्धति से इसका आरंभ किया इसलिए हम उनके काल से आधुनिक गणना करते हुए इसे विक्रम संवत कहते हैं। अन्यथा हमार सृसृष्टि गणना तो ‘अष्टाविंसतितमें कलयुगे’ यानी अड़तीस नील वर्षों का इतिहास हम त्रिसंध्या अंगुलियों पर जपते रहे हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, हिन्दू नव वर्ष, नव संवत्सर विक्रमी संवत 2079 और चैत्र बासंतिक नवरात्र की सभी देश, प्रदेश और क्षेत्र वासियों को बधाई एवं शुभकामाएं।

 

💐💐रिद्धि दे, सिद्धि दे,

वंश में वृद्धि दे, 

ह्रदय में ज्ञान दे,

चित्त में ध्यान दे, 

अभय वरदान दे,

दुःख को दूर कर, 

सुख भरपूर कर, 

आशा को संपूर्ण कर,

सज्जन जो हित दे, 

कुटुंब में प्रीत दे,

जग में जीत दे, 

माया दे, साया दे, 

और निरोगी काया दे,

मान-सम्मान दे, 

सुख समृद्धि और ज्ञान दे,

शान्ति दे, शक्ति दे, 

भक्ति भरपूर दें…”🚩🍁

 

नवरात्रों के लिए सजा माँ पर्णखंडेश्वर (गढ़ी भवानी) का मंदिर…!!!

पैनखंडा क्षेत्र की आराध्य माँ पर्णखंडेश्वर (गढ़ी भवानी) का मंदिर सज चुका है। कल से बासंतिक नवरात्रे प्रराम्भ हो रहे है। गढ़ी भवानी के दर्शन और पूजा अर्चना करने से मनोकामना पूर्ण होती है और क्षेत्र में माँ गढ़ी भवानी को शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है। दूर-दूर से श्रद्धालु माँ भगवती के दर्शन करने वर्षभर आते है।

🚩 नव सवंत्सर 2079 चैत्र प्रतिपदा गुड़ी-पड़वा की आप सभी को शुभकामनाएं।

🚩चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा ही समस्त सनातन धर्म संस्कृति का वर्षारंभ दिवस है,क्योंकि यह सृष्टि की उत्पत्ति का पहला दिन है । इस दिन प्रजापति देवता की तरंगें पृथ्वी पर अधिक आती हैं।

 

🚩 इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। भगवान विष्णु जी का प्रथम अवतार भी इसी दिन हुआ था। नवरात्र की शुरुआत इसी दिन से होती है। जिसमें हिन्दू उपवास एवं पवित्र रहकर नववर्ष की शुरूआत करते हैं।

 

🚩चैत्र प्रतिपदा गुड़ी-पड़वा के दिन भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था।

 

🚩चैत्र प्रतिपदा गुड़ी-पड़वा के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डॉ. हेडगेवारजी का जन्मदिन मनाया जाता हैं।

 

🚩 सिंधी समाज का मुख्य त्यौहार चेटीचंड महोत्सव भी आज से ही प्रारम्भ होता है। भगवान वरुण अवतार झूलेलाल जी का अवतरण दिवस भी आज ही के दिन हुआ था।

 

🚩सनातनी श्री स्वामी दयानंद जी ने आर्य समाज की स्थापना आज ही के दिन की थी।

 

🚩सतयुग का प्रारम्भ भी आज के दिन ही हुआ था।

 

🚩धर्मराज युधिष्ठिर संवत का प्रारम्भ भी आज ही के दिन हुआ था।

 

🚩आज के दिन ही राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक हुआ था और फिर विक्रम सवंत्सर प्रारम्भ हुआ।

 

🚩 ऐसा कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य के राज्य में कभी भी सूर्य नही होता था अस्त – विक्रमादित्य अपने ज्ञान और वीरता के लिए थे प्रसिद्ध ।

 

🚩राजा विक्रमादित्य के राज्य में प्रजा सुखी और सम्पन्न रहती थी,राजा विक्रमादित्य के राज्य में कभी किसी के साथ भी अन्याय नही होता था,बल्कि तुरन्त सभी के साथ न्याय होता था,पर आज देखो तो सालों निकल जाते है , पर न्याय नही मिल पाता है,मिलती है तो सिर्फ तारीख।

 

🚩चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ इसी दिन से होता है,सुखी-स्वस्थ जीवन के लिए और जीवन में आने वाले विघ्नों के निवारण के लिए और शक्ति प्राप्ति के लिए नवरात्रि व्रत किया जाता है।

या देवी सर्वभूतेषु मां शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

चैत्र नवरात्र, नव संवत्सर, सनातन/हिंदू नव वर्ष मंगलमय हो

✍🏻चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. इसी दिन से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत मानी गई है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 2 अप्रैल को शनिवार के दिन यानी कल पड़ रही है. हिंदू कैलेंडर चंद्र वर्ष पर आधारित माना गया है जिसमें एक साल में 354 दिन होते हैं. ये कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे है, 2022+57= 2079. इस ​तरह 2 अप्रैल को विक्रम संवत 2079 की शुरुआत होगी. हेमाद्रि के ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और इसी दिन सूर्य देव पहली बार उदय हुए थे. 2 अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले विक्रम संवत 2079 के राजा शनिदेव हैं और मंत्री गुरु हैं. 

*घट स्थापना या कलश स्थापना मुहूर्त*

वैसे तो पूरे दिन किसी भी समय घटस्थापना कर सकते हैं लेकिन प्रातःकाल में 6.17 बजे से 8.29 तक और दोपहर में 12 बजकर 00 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक कलश स्थापना अच्छा मुहूर्त है। 

 

इस नव संवत्सर में राजा का पद शनिदेव को एवं मंत्री का पद देव गुरु वृहस्पति को प्राप्त हो रहा है। यह संवत्सर साधारण एवं शुभ फलप्रदायक होगा। जनता एवं समाज में सौम्यता, स्थिरता बनी रहेगी, राजनीतिक दलों सहित समस्त संस्थाओं द्वारा किया गया कार्य-योजना जनता के हित में होगा, प्रमादी नामक इस संवत्सर के राजा शनिदेव है, अतः आम जन मानस के सहयोगी संवत्सर के रूप इस संवत्सर की गणना की जाएगी। शासन तंत्र अपना कार्य कर पाने में सफल होगा और धार्मिक क्रिया कलापों में सामान्य वृद्धि होगी।

🌞 *नूतन वर्ष 2079 प्रारंभ* 🌞
*🙏🏻शम शनिश्चराय नमः 🙏🏻*
*पुण्य लाभ के लिए इस पंचांग को औरों को भी अवश्य भेजिए🙏🏻🙏🏻*
🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक – 02 अप्रैल 2022*
⛅ *दिन – शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2079 (गुजरात – 2078)*
⛅ *शक संवत -1944*
⛅ *अयन – उत्तरायण*
⛅ *ऋतु – वसंत ऋतु*
⛅ *मास – चैत्र*
⛅ *पक्ष – शुक्ल*
⛅ *तिथि – प्रतिपदा सुबह 11:58 तक तत्पश्चात द्वितीया*
⛅ *नक्षत्र – रेवती सुबह 11:21 तक तत्पश्चात अश्विनी*
⛅ *योग – इन्द्र सुबह 08:31 तक तत्पश्चात वैधृति*
⛅ *राहुकाल – सुबह 09:37 से सुबह 11:10 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:32*
⛅ *सूर्यास्त – 18:52*
⛅ *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – राष्ट्रीय चैत्री नूतन वर्ष वि, सं, 2079 प्रारंभ, गुड़ी पड़वा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), शालीवाहन शक 1944 प्रारंभ, ध्वजारोहण, चैत्री- वासंती नवरात्र प्रारंभ, चेटीचंड,चंद्र- दर्शन हेडगेवार जयंती (ति.अ.)*
💥 *विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *वर्ष में ४ नवरात्रियाँ होती हैं* 🌷

🙏🏻 *साल में ४ नवरात्रियाँ होती हैं, जिनमे से २ नवरात्रियाँ गुप्त होती हैं -*
➡ *माघ शुक्ल पक्ष की प्रथम ९ तिथियाँ*
➡ *चैत्र मास की रामनवमी के समय आती हैं वो ९ तिथियाँ इस साल 02 अप्रैल 2022 शनिवार से शुरू होगी।*
➡ *आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष के ९ दिन*
➡ *अश्विन महिने की दशहरे के पहले आनेवाली ९ तिथियाँ*
🙏🏻 *’ नवरात्रियों में उपवास करते, हैं तो एक मंत्र जप करें ……..ये मंत्र वेद व्यास जी भगवान ने कहा है ….इससे श्रेष्ट अर्थ की प्राप्ति हो जाती है……दरिद्रता दूर हो जाती है । “ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं ऐं कमल वसिन्ये स्वाहा”*
🙏🏻 *- Sureshanandji – Bhivani 23rd June 2010*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *नवरात्रि के दिनों में जप करने का मंत्र* 🌷
👉🏻 *नवरात्रि के दिनों में ‘ ॐ श्रीं ॐ ‘ का जप करें ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *चेटीचंड* 🌷
🙏🏻 *02 अप्रैल 2022 शनिवार को चेटीचंड पर्व है । उस दिन शाम को आकाश में चन्द्रमा दिखे दूज का चाँद शुक्ल पक्ष का, चैत्र सुद दूज ।*
🌙 *तो उस दिन रात को चंद्रमा को अर्घ्य दें … कि मेरा मन शांत रहे, भक्ति में लगे, गुरु चरणों में लगे ऐसा भी करें और*
🌙 *”ॐ बालचन्द्रमसे नमः |” ” ॐ बालचन्द्रमसे नमः|” ” ॐ बालचन्द्रमसे नमः | ” ऐसा बोलते हुए अर्घ्य दें । और मेरा मन गुरु भक्ति में लगे, गुरु चरणों में लगे ऐसा शुभ संकल्प करें ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *विद्यार्थी के लिए* 🌷
🔥 *नवरात्रि के दिनों में खीर की २१ या ५१ आहुति गायत्री मंत्र बोलते हुए दें । इससे विद्यार्थी को बड़ा लाभ होगा।*

🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *चैत्र मास के नवरात्र का आरंभ 02 अप्रैल, शनिवार से हो रहा है। नवरात्रि में रोज देवी को अलग-अलग भोग लगाने से तथा बाद में इन चीजों का दान करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। जानिए नवरात्रि में किस तिथि को देवी को क्या भोग लगाएं-*
🙏🏻 *प्रतिपदा तिथि (नवरात्र के पहले दिन) पर माता को घी का ।भोग लगाएं ।इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा शरीर निरोगी होता है ।*
👉🏻 शेष कल………..
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंतिक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार वासंतिक नवरात्रि का प्रारंभ 02 अप्रैल, शनिवार से हो रहा है, धर्म ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में हर तिथि पर माता के एक विशेष रूप का पूजन करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती हैं । जानिए नवरात्रि में किस दिन देवी के कौन से स्वरूप की पूजा करें-*
🌷 *हिमालय की पुत्री हैं मां शैलपुत्री* 🌷
*चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, देवी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता, आधार व स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन योगीजन अपनी शक्ति मूलाधार में स्थित करते हैं व योग साधना करते हैं।*
🙏🏻 *हमारे जीवन प्रबंधन में दृढ़ता, स्थिरता व आधार का महत्व सर्वप्रथम है। इसलिए इस दिन हमें अपने स्थायित्व व शक्तिमान होने के लिए माता शैलपुत्री से प्रार्थना करनी चाहिए। शैलपुत्री की आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। हिमालय की पुत्री होने से यह देवी प्रकृति स्वरूपा भी हैं । स्त्रियों के लिए उनकी पूजा करना ही श्रेष्ठ और मंगलकारी है।*
👉🏻 शेष कल…….
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आप लाभ-हानि की परवाह नही करेंगे। सामाजिक एवं पारिवारिक क्षेत्र पर आज आप भाग्यशाली माने जाएंगे। आपके अधिकांश कार्य सरलता से बनते चले जाएंगे। जायदाद सम्बंधित कार्यो को आज करना शुभ रहेगा। सरकार की तरफ से लाभदायक समाचार मिल सकता है। विदेश सम्बंधित कार्यो में भी सफलता सुनिश्चित रहेगी। धार्मिक क्षेत्र पर योगदान के लिए सम्मानित किए जाएंगे। परिवार में भी आज आपको विशेष स्नेह एव सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा। धन लाभ के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज आप किसी के बहकावे अथवा प्रलोभन में ना आये संवेदनशीलता अधिक रहने से आँख बंद करके किसी भी कार्य के लिए सहमति ना दें अन्यथा भारी हानि हो सकती है। पैतृक सम्पति सम्बंधित मामले उलझने से पारिवारिक वातावरण बिगड़ेगा। सरकारी कार्य भेंट पूजा के बिना करना संभव नहीं रहेगा। पुराने मित्रों से आकस्मिक भेंट आनंदित करेगी। कार्य क्षेत्र अधिक सतर्क रहें चोरी अथवा अन्य कारणों से नुक्सान हो सकता है। पारिवारिक समस्याओं की लापरवाही करने से स्थिति विकट हो सकती है। धार्मिक अनुष्ठानों पर खर्च करेंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन सामान्य से अधिक शुभ फल देने वाला रहेगा। सामाजिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र पर अपनी प्रतिभा दिखाने का सुअवसर मिलेगा फिर भी इससे आर्थिक लाभ की आशा ना रखे सम्बन्ध प्रगाढ़ होंगे। धन लाभ के लिए आज थोड़ा अधिक बौद्धिक एवं शारीरिक परिश्रम करना पड़ेगा। धार्मिक कार्यो में भी सहभागिता देंगे। मध्यान के समय कार्य व्यवसाय में गति रहने से व्यस्तता रहेगी। शारीरिक रूप से थका हुआ अनुभव होगा। परिजनो की इच्छा पूर्ती पर खर्च करेंगे। गृहस्थ सुख सामान्य रहेगा। ऊपरी आय की भी संभावना है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपको सरकारी कार्यो से आकस्मिक लाभ होगा। पिता से संबंध बेहतर होने का लाभ मिलेगा। घर में मांगलिक कार्य के कारण अथवा अन्य घरेलु कार्यो में अधिक व्यस्त रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी आशा के अनुरूप व्यवसाय होने से धन लाभ होगा। सुख के ऊपर फिजूल खर्च भी अधिक रहेंगे। घर में मेहमानों के आने से चहल-पहल रहेगी। आज किसी के ऊपर अतिविश्वास ना करें। अतिक्रोध बने बनाये कार्य को चौपट कर सकता है ध्यान रहे। आय के नविन साधनों की प्राप्ति होगी। घर में आनंद का वातावरण रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन सेहत में थोड़ी गिरावट रह सकती है। परंतु बाकि सब कार्य एवं व्यवहार यथावत चलते रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर थोड़े समय में ही अधिक लाभ मिल जाएगा। समय निकाल कर पर्यटन की योजना बनाएंगे। पौरिणीक धार्मिक स्थलों की यात्रा हो सकती है। परिवार में भी आज भावनात्मकता अधिक रहने से एक दूसरे के विचारों की कद्र करेंगे। उगाही करने पर उधारी की वापसी हो सकेगी। संध्या के बाद स्थिति में परिवर्तन आने से क्रोध एवं नकारात्मक भावनाएं बढ़ेंगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आपका आज का दिन शारीरिक रूप से अशुभ रहेगा। प्रातः काल से ही आँख में जलन अथवा अंगों में दर्द रहने से निष्क्रियता रहेगी। कार्यो में उत्साहहीनता रहने के कारण पूर्व निर्धारित योजनाएं टालनी पड़ सकती है। व्यवसायिक स्थल पर प्रतिस्पर्धा के कारण टकराव की स्थिति बनेगी। आज के दिन शालीनता के साथ व्यवहार करना फायदेमंद रहेगा। अधिक क्रोध एवं ईर्ष्या की प्रवृति धन के साथ-साथ प्रियजनों से आपसी व्यवहार बिगाड़ेगी। भाग्योन्नति में बाधाएं आएँगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप पिछले कुछ दिनों की अपेक्षा बेहतर स्वास्थ्य अनुभव करेंगे। बड़े लोगो से व्यवहारिक ज्ञान मिलेगा। आज कुछ अलग करने का प्रयास करेंगे इसमें कुछ हद तक सफल भी रहेंगे परन्तु धन अथवा अन्य कारण से बाधा आएगी। सामाजिक कार्यो के प्रति रूचि लेने से प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। बड़बोलेपन के कारण मान हानि हो सकती है संयमित व्यवहार करें। किसी परिजन अथवा सहकर्मी का विपरीत व्यवहार रंग में भंग का कार्य करेगा क्रोध में आकर कोई गलत हरकत ना करें। संध्या के समय धन लाभ होने से आयवश्यक कार्य पूर्ण कर पाएंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आपके कार्यो में लचरता रहेगी। किसी भी निर्णय पर ज्यादा देर नही टिकेंगे। आप अपने ही गैरजिम्मेदार व्यवहार के कारण कष्ट उठाएंगे। कार्यो में लापरवाही भी अधिक रहेगी। हर कार्य में शक करने के कारण परिवार अथवा कार्य क्षेत्र पर तनातनी हो सकती है। व्यवसाय विपरीत रहने से धन लाभ आज मुश्किल से ही हो पायेगा। किसी दूर रहने वाले रिश्तेदार से सुखद समाचार मिलेगा। परिवार में किसी की बीमारी पर खर्च होगा। सरकारी कार्यो के पीछे व्यर्थ की भाग दौड़ करनी पड़ेगी। सेहत का विशेष ध्यान रखें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आपको आज का दिन मिश्रित फल देगा। दिन के पूर्वार्ध में पूर्व में बनाई योजनाये सही दिशा में आगे बढ़ेगी परन्तु कुछ समय बाद किसी के विरोध अथवा अन्य कारणों से इनमे बदलाव करना पड़ेगा। आयवश्यक कार्यो में विलम्ब होने से निराशा होगी। यात्रा की में भी विघ्न आने से स्थगित करनी पड़ सकती है। पारिवारिक वातावरण स्वार्थ पर आधारित रहेगा। स्त्री एवं संतान के मध्य तालमेल बनाना मुश्किल खड़ी करेगा। धन लाभ के लिए आज अधिक बौद्धिक परिश्रम करना पड़ेगा। खर्च आय से अधिक रहेंगे। सन्तानो से कष्ट होगा।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपका आज का दिन भी थोड़ा उतार चढ़ाव वाला रहेगा। संबंधो में चाह कर भी मधुरता नहीं रख पाएंगे। परिजनों से बात-बात पर मतभेद बनेंगे। गलतफहमियां भी आज अधिक परेशान करेंगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से अधिक ध्यान देना पड़ेगा। आज आपके हिस्से का लाभ कोई अन्य व्यक्ति ले सकता है। संभावित अनुबंध निरस्त होने से मन भारी रहेगा। धन लाभ के लिए किसी की मान गुहार करनी पड़ेगी फिर भी काम चलाऊ प्राप्ति हो जाएगी। लंबी यात्रा की योजना स्थगित करनी पड़ सकती है। पारिवारिक खर्च अधिक बढ़ने से परेशानी होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन खर्च विशेष रहेंगे लेकिन धन लाभ के अवसर भी मिलने से तालमेल बना रहेगा। कार्य क्षेत्र के साथ साथ घरेलु कार्य अधिक रहने से व्यस्तता बढ़ेगी। मध्यान के समय धन लाभ के अवसर भी मिलेंगे परन्तु आशा के अनुसार सफलता नहीं मिल पाएगी। घर में सजावट एवं बदलाव लाने के लिए समय एवं धन खर्च होगा। सन्तानो की जिद के चलते थोड़े असहज रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा अधिक रहने का लाभ नही उठा पाएंगे। प्रतिष्ठा को लेकर आज आप अधिक संवेदनशील रहेंगे। नौकरी पेशा जातको को थोड़ी परेशानी रहेगी। संध्या का समय एकांत वास में बिताना पसंद करेंगे।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपका दिन आनंद से बीतेगा दिन के पूर्वार्ध में कार्य व्यवसाय बेहतर चलेगा इसमें व्यस्तता भी अधिक रहेगी मध्यान से पहले का समय घरेलू आवश्यकताओ की पूर्ति करने में बीतेगा। आज विपरीत लिंगीय आकर्षण से बच कर रहे अन्यथा धन एवं मान हानि भी होगी। सन्तानो के ऊपर आज गर्व होगा। लेकिन आपके किसी गलत आचरण के कारण सम्मान को ठेस पहुच सकती है। धन लाभ प्रचुर मात्रा में होगा परन्तु घरेलु खर्च अधिक रहने से बचत मुश्किल से ही कर पाएंगे। पुराने मित्रों एवं संबंधियों से मिलने पर खुशी होगी।
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻🚩🚩 *” ll जय श्री राम ll “* 🚩🚩
〰〰〰🙏राधे राधे🙏〰〰〰

 

कुत्ते के साथ क्रीड़ा करने वालों को श्राद्ध कर्म करने का अधिकार नही रहता, ऐसा “मनुस्मृति” कहती है, और भी कई “शास्त्रों” द्वारा कुत्ता पालना निषेध बताया गया है।

यदि कुत्ता यज्ञ को देख ले तो यज्ञ “अपवित्र” हो जाता है, कुत्ते के सामने भोजन तो कभी नही करना चाहिए, यदि कुत्ते का स्पर्श हो जाए तो कपड़ों सहित स्नान का विधान है।

 

एक बात मैंने ऑब्सर्व की है, जब मनुष्य कुत्ता – बिल्ली पाल लेता है, तो धीरे धीरे मनुष्य का उनमें अति मोह हो जाता है, कुत्ता अपने मालिक को इतनी “प्रेम” भरी निगाहों से देखता है, कि मालिक का उसमें मोह हुए बिना रहता नहीं! 

 

महाराज भरत का हिरण के साथ मोह था, अंतकाल में उन्हें हिरण का “स्मरण” हो आया, तो उन्हें हिरण का “जन्म” लेना पड़ा था, तो कुत्ता – बिल्ली पालने वालों के साथ भी ऐसा संभव है।

 

वैसे अधिकतर देखा जाता है कि जिन घरों में कुत्ता होता है, वहाँ आहार की शुचिता नही रह जाती, कई बार देखा जाता है, सब्जी काटते समय कुत्ता अपना “मुँह” एकदम सब्जी के पास लेकर आ जाता है, उसे सूंघता है, कई बार खा भी लेता है, और वही सब्जी घरों में बन जाती है।

 

सब्जी बनाते समय रसोई में आ जाता है, फ्रिज खोलते समय फ्रिज के पास आ जाता है।

 

कई बार देखा है खाना खाते समय कुत्ता पास बैठा होता है, उसी “हाथ” से कुत्ते को खिलाते हैं, उसी हाथ से खुद खाते हैं।🤢

 

अगर ऐसा न भी हो, तब भी, कोई भी कुत्ता हो, उसके बाल झड़ते ही झड़ते हैं, और वही बाल भोजन में भी जाते ही जाते हैं।

 

कुल मिला कर कुत्ता पालने पर आहार की शुचिता भंग हुए बिना नही रह पाती है।

 

कुत्ता पालने वाले उसे गले लगाते हैं और चूमते है, सो शारीरिक शौच भंग होता ही होता है।

 

भैरव जी का वाहन कुत्ता है? तो, इससे क्या होता है! ऐसे तो शिव जी गले में सांप भी है, गणेश जी वाहन चूहा है, तो सांप और चूहा पालने लगोगे!

 

शास्त्रों में लिखा है कि कुत्ते को रोटी दूध आदि डालना ग्रह शांति में सहायक होता है, लेकिन कुत्ते का स्थान तो घर की ड्योढ़ी तक ही कहा गया है।

 

सनातन धर्म में किसी भी प्राणी से द्वेष नही है, सबके प्रति दया का भाव है, लेकिन मर्यादा भी है। इसलिए कुत्ता नहीं गाय पालें गो माता में समस्त कष्टों के निवारण की असीम शक्ति है।. गो पालन से पीढ़ियों का उद्घार होता है महा राजा दिलीप इसके जीते जागते उदाहरण हैं गो सेवा से जिनकी पीढ़ी में भगवान राम ने अवतार लिया।