सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर के लिए अपमानजनक बयान देने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को फटकार लगाई
कोर्ट ने कहा है कि अगर वह इस तरह के बयान देंगे तो उस पर वह खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करेगा. हालांकि, कोर्ट ने राहुल को अंतरिम राहत देते हुए लखनऊ की एसीजेएम कोर्ट से जारी समन पर रोक लगा दी है.
सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि ‘महात्मा गांधी भी अंग्रेज वायसराय को भेजे पत्र में स्वयं को ‘आपका निष्ठावान सेवक’ लिखते थे. क्या उसके चलते कोई उन्हें भी अंग्रेजों का नौकर कह देगा? हाई कोर्ट के कई जज भी अपने पत्राचार में खुद को सेवक लिख देते हैं. क्या ऐसा लिखने भर से कोई नौकर हो जाता है?
कोर्ट ने राहुल को आगाह करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान सहन नहीं किया जाएगा. जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई, उन्हें अपमानित नहीं करना चाहिए.
इसी मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महात्मा गांधी द्वारा ब्रिटिश लार्ड और वायसराय को लिखे हुए 12 पत्र दिखाकर राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि…..
क्या आपके मुवक्किल राहुल गांधी को यह बात पता है कि महात्मा गांधी अंग्रेज वायसराय को लिखे अपने हर पत्र में नीचे “योर फेथफुल सर्वेंट” (आपका वफादार नौकर) लिखते थे ….
अब महात्मा गांधी को क्या कहा जाए??
राहुल गांधी की बोलती बंद,…..
वीर सावरकर को माफीवीर गद्दार कहने के मानहानि मुकदमे में जब जज ने कहा
मात्र चिट्ठी के आधार पर यदि ये शब्द कहे है तो
महात्मा गांधी द्वारा ब्रिटिश लार्ड और वायसराय को लिखे हुए 12 पत्र दिखाकर राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि…..
क्या आपके मुवक्किल राहुल गांधी को यह बात पता है कि
महात्मा गांधी अंग्रेज वायसराय को लिखे अपने हर पत्र में नीचे “योर फैदफुल सर्वेंट” (आपका वफादार नौकर)लिखते थे ….
तो महात्मा गांधी को क्या अंग्रेजों का नौकर माना जाए और फिर ये भी तो देश के साथ गद्दार हुआ
इतना सुनते ही मनु सिंघवी की बोलती हुई बंद
पर बात सही ये यदि ये 12 पत्र सही है तो गांधी निश्चित गद्दार था अंग्रेजों का एजेंट था ये कोर्ट सर्टिफाइड हो गया??