चीन का वो हश्र किया गया है जिसका उसने अंदाजा भी नहीं लगाया था

भारतीय सेना ने मारे चीन के 63 से 112 सैनिक, कई चीनी लापता, 150 भी पार कर सकता है आंकड़ा।

चीन का वो हश्र किया गया है जिसका उसने अंदाजा भी नहीं लगाया था, लद्दाख के गलवान वैली में चीन ने भारतीय सेना पर हमला किया, पर उसका भारतीय सेना ने जो जवाब दिया है उसके बाद चीन के होश उड़ चुके हैं, चीन को इस झड़प के बाद अपने सैनिकों और भारतीय सैनिकों की ताकत का भी अंदाजा लग गया इसी कारण चीन की मीडिया से लेकर उसका विदेश मंत्रालय शांति की मांग कर रहा है। भारतीय सेना ने चीन के 63 से लेकर 112 सैनिक मारे है, कई चीनी सैनिक लापता है और मरने वाले चीनियों का आंकड़ा 150 को भी पार कर सकता है, चीन में लाशों के ढेर लग चुके है, स्तिथि इतनी ख़राब है की चीन ने सीमा पर कई स्पेशल हेलीकाप्टर लगाये ताकि वो घायलों और मरने वालो की लाशों को उठा सके
चीन से अब जानकारियां निकलकर सामने आने लगी है, पहले चीन की मीडिया ने स्वीकार करना शुरू कर दिया की चीनी भी मारे गए है पर हम आंकड़े नहीं बताएँगे, फिर कुछ चीनियों ने 5 के मरने और 11 के घायल होने का आंकड़ा दिया, फिर भारतीय सेना के सूत्रों ने 43 चीनियों के मरने का आंकड़ा दिया और कईयों के घायल होने की बात स्वीकारी, और अब चीन के अन्दर से आंकड़ा 63 का सामने आ रहा है
Harry Chen PhD@PhdParody

*update*
My source said 63 confirmed dead by the end of the day, many deaths occurred later due to exposure and complications. https://twitter.com/PhdParody/status/1272935740897402882 …Harry Chen PhD@PhdParodyInside source confirms 8 dead, one officer and 45 wounded severely (*updated from 5 dead Chinese soldiers, one is an officer and 11 wounded) in the latest clash with Indian troops. #China news outlets are afraid to report heavier casualties than india.#Ladakh #chinaindiaborder1,9308:45 AM – Jun 17, 2020Twitter Ads info and privacy1,247 people are talking about thisचीन के ही हैरी चेन ने बताया है की चीन की मीडिया और सरकार आंकड़े इसलिए नहीं बता रही है क्यूंकि आंकड़े भारत के मुकाबले बहुत ज्यादा है, किरकिरी होने के डर से आंकड़े नहीं बताये जा रहे
ये भी जानकारी सामने आ रही है की चीन के 2 कर्नल रैंक के अफसर भी मारे गए है और ये भी बात सामने आ रही है की एक तो ब्रिगेडियर था, हालाँकि अभी इन बातों की पुष्टि नहीं हो सकी है पर 63 का आंकड़ा अब चीन के अन्दर से ही सामने आया है
कई चीनी सैनिक लापता है और कई घायल है और चीन के अन्दर से ही कई लोग 112 का भी आंकड़ा दे रहे है, हालाँकि इसकी पुष्टि होना भी अभी बाकी है, 63 की पुष्टि तो खुद चीन के लोग ही कर रहे है, कई चीनी लापता है और मरने वाले चीनियों का आंकड़ा 150 को भी पार कर सकता है न्यूज लाईन लाईफ के एक ट्वीटर पर ग्लवान घाटी में मारे गए चीनी जवानो की उक्त सूचि दी गयी है। 

गलवान घाटी से 70 km दूरी पर #कोरमकोर हाइवे गुजरता है। यह अकेला मार्ग है जो चीन को पाकिस्तान से जोड़ता है। यही वह मार्ग है जिसपर चीन पाकिस्तान की #महत्वाकांक्षी योजना #CPEC चल रही है।
यही सिल्ट रूट का भी मार्ग है जिस पर चीन 60 देशों के साथ काम कर रहा है। इसका सामरिक महत्व समझा जा सकता है। यह पूरा क्षेत्र अक्साई चीन और गिलगित का है। जिसे भारत अपना हिस्सा मानता है। समझौते के अनुसार चीन और भारत यहां कोई निर्माण कार्य नहीं करेंगे।
लेकिन 1962 के बाद से चीन निर्माण करता रहा , उसने सड़क , हवाई पट्टी , बैंकर आदि का निर्माण कर लिया। भारत ने कभी भी इस पर प्रभावी आपत्ति नहीं कि। सत्ता बदलने के बाद मोदी सरकार चाहती है। वह भी गलवान घाटी में सड़क , बैंकरों का निर्माण करें। इसके लिये झारखंड से मजदूर लाये गये और निर्माण कार्य शुरू हुआ।
लेकिन चीन ने आपत्ति ही नहीं किया बल्कि अपनी सेना को आगे भेज दिया। चीन वुहान समझौते का हवाला देकर पूछता है भारत निर्माण क्यो कर रहा है ? भारत का उत्तर है तुमनें जितना निर्माण किया है! उतना अधिकार तो मेरा भी है। भारत लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के बाद , गोलवान घाटी में अपनी सेना के लिये निर्माण करना चाहता है। जिससे उसका गिलगित और POK पर दावा मजबूत हो सके। आने वाले समय में सिल्ट रूट और CPEC को नियंत्रित कर सके।
भारतीय सेना पहाड़ों पर लड़ने के लिये सबसे प्रशिक्षित सेना है ।यह चीन भी मानता है लेकिन गोलवान घाटी बहुत सकरी है! चीन निर्माण कर चुका है, हम नहीं। पूर्वर्ती सरकारें इतनी आत्ममुग्ध थी कि उन्होंने न तो निर्माण किया न ही चीन के निर्माण पर गहरी आपत्ति कि । यह तो समझ भी आता है जब कश्मीर को लेकर दुविधा में थे तो POK , गिलगित कि क्या सोचते।
आज युवराज जी ट्वीट से प्रश्न कर रहें है! पता नहीं किस दुर्भाग्य के क्षणों में नेहरू परिवार सत्ता पर कब्जा कर लिया। सतही तौर पर देखें तो लगता है भारत आक्रमक है। वह हर जगह अपना दावा प्रस्तुत कर रहा है जो उसका हिस्सा है।
भारत अब मानसिक रुप से तैयार है ।कुछ बलिदान, कुछ रक्त देना पड़े तो क्या लेकिन हम अपनी भूमि पर अधिकार भी जतायेंगे उसके लिये योजनाबद्ध तैयारी भी करेंगें।।
प्रिय बंधुओ, मानता हुँ बड़ा दर्द हुआ है पर बलिदान के बिना कोई लक्ष्य नहीं पाया जाता, हम कश्मीर मे एक दो करके हजारों सैनिकों को बलिदान कर चुके हैं पर अब निर्णायक समय आ चुका है, सरकार को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करने की बजाय उनका साथ दें, क्योंकि सूचना व भावनात्मक युद्ध आपके सैनिकों की जीत या हार तय कर सकता है! अमेरिका , इजराइल , ब्रिटेन ,ऑस्ट्रेलिया सबके सॅटॅलाइट पल पल की खबर दे रहे हैं भारत को । अब की बार चीन को उसकी औकात पता चल जाएगी। #शहीद हुये वीर #सैनिकों को #श्रद्धांजलि