पद्म पुराण में माता-पिता की महिमा, जानकी मंदिर जहां हुआ था माता सीता का स्वयंवर, ऋषिकेश में आपरेशन मर्यादा के अंतर्गत धरे गये हुड़दंगी

पद्म पुराण में माता-पिता की महिमा पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परमं तपः। पितरि प्रीतिमापन्ने प्रीयन्ते सर्वदेवताः॥ पितरौ यस्य तृप्यन्ति सेवया च गुणेन च।

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