*स्त्रष्टा स्वयंभूर्भुवनत्रयस्य* *त्राता हरीशो हरते पिनाकी।* *एकस्त्रिधा ऋग्युजु: सामपूर्ति* *तस्मै नमः श्रीरविनंदनाय।।* अर्थ:-
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*स्त्रष्टा स्वयंभूर्भुवनत्रयस्य* *त्राता हरीशो हरते पिनाकी।* *एकस्त्रिधा ऋग्युजु: सामपूर्ति* *तस्मै नमः श्रीरविनंदनाय।।* अर्थ:-
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