चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर लोनिवि की समीक्षा बैठक* मार्गों के नवनिर्माण में नवीनतम तकनीक का प्रयोग करें: महाराज

*चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर लोनिवि की समीक्षा बैठक* मार्गों के नवनिर्माण में नवीनतम तकनीक का प्रयोग करें: महाराज*

देहरादून। चारधाम यात्रा को देखते हुए लोक निर्माण विभाग के सभी अधिकारियों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जहां-जहां भी सड़क धंस रही है और भूस्खलन की शिकायत मिल रही है उसकी रोकथाम के साथ-साथ पल-पल की रिपोर्ट सरकार को दी जाए।

उक्त बात प्रदेश के लोक निर्माण,
पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, पर्यटन, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ यमुना कॉलोनी स्थित प्रमुख अभियंता कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और वर्चुअल जुड़े जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा सुचारू एवं निर्बाध रूप से प्रारंभ होने से पूर्व समय से सभी तैयारियां कर ली जाएं।

समीक्षा बैठक के दौरान लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को पर्वतीय जनपदों में सड़कों के अवरुद्ध होने तथा उनके बेहतर रखरखाव के लिए बेलदार ओं की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि उनकी तत्काल नियुक्ति की जाए और विभाग में रिक्त चल रहे पदों को तत्काल भरा जाए।

श्री महाराज ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त मार्ग और पुलों के पुनर्निर्माण का कार्य शीघ्रता से किया जाना चाहिए। बैठक में जोशीमठ मैं हुए भू-धसाव, मारवाडी और हेलंग बाईपास के विषय में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा पर जितने भी बाईपास है उन्हें भी पूरी तरीके से दुरुस्त कर लिया जाए।

लोनिवि मंत्री श्री महाराज ने मार्गों के नवनिर्माण में विस्फोटक इत्यादि का प्रयोग न करते हुए नवीनतम तकनीक का प्रयोग करने की भी अधिकारियों को सलाह दी। उन्होने पी०एम०जी०एस०वाई० से लोक निर्माण विभाग को हस्तान्तरित मार्गों के अनुरक्षण के लिए तत्काल धनराशि आवंटित कर प्राथमिकता के आधार पर अनुरक्षण कार्य किये जाने के भी आदेश दिए।

श्री महाराज ने मार्गों को गढ्ढामुक्त बनाये जाने एवं त्वरित गति से अनुरक्षण कार्य किये जाने हेतु गुजरात राज्य की तर्ज पर मोबाइल एप बनाये जाने की सम्भावनायें तलाशे जाने हेतु भी सलाह दी गयी।

बैठक में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, अपर सचिव विनीत कुमार, प्रमुख अभियंता अयाज अहमद,
मुख्य अभियन्ताओं, अधिशासी अभियन्ताओं सहित अपर सचिव, आपदा एवं समस्त जनपदों के जिलाधिकारी, विभागीय अधिकारियों द्वारा वर्चुयल माध्यम से प्रतिभाग किया गया।
breakinguttarakhand.com

जोशीमठ में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं** 

  *पानी का डिस्चार्ज घटकर 170 एलपीएम हुआ* 

  *अग्रिम राहत के तौर पर 3.50 करोड़ रूपये की धनराशि 233 प्रभावित भू स्वामियों को वितरित की गई* 

 *प्रभावित 105 किरायेदारों को 52.50 लाख रुपए की धनराशि तत्काल राहत के तौर पर वितरित की गई*

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की जानकारी देते हुए शनिवार को बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.50 करोड़ रूपये की धनराशि 233 प्रभावित भूस्वामियों को वितरित कर दी गई है | 105 प्रभावित किरायेदारों को 52.50 लाख की धनराशि तत्काल राहत के रूप में वितरित की गई है |

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 170 एलपीएम हो गया है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है | उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 248 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 900 है। 41 प्रभावित परिवार रिश्तेदारों या किराए के घरों में चले गए हैं |