ग्राम प्रधान इमानदार हैं तो एसआईटी से परेशानी काहे की?

ग्राम प्रधान इमानदार हैं तो एसआईटी से परेशानी काहे की? परन्तु आधार कार्ड और एकाउंट पलायन कर चुके गांव वालों का और काम विदेशी नेपालियों के हवाले, वो भी 100 रुपये का काम 20 रुपये में, और बाकी जो योजना कागज में ही बनी उसका तो हिसाब निसाब ही नहीं , तो डरने की बात है भाई। और जो कमीशन उपर तक पंहुचा उसका हिसाब कौन देगा? आधे से अधिक प्रधान आयेंगे लपेटे में, यही डर सता रहा है ना? डरने की कोई बात नहीं, अब तक की रिसर्च बताती हैं कि जांच होती रहती है, लेकिन आंच नहीं आयेगी, संभावित जांच ग्राम पंचायत के तमाम फर्जी मस्टरोलों को पक्का करने के लिए ही है।