*प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’*
‘प्राकृतिक आपदाओं के कारण कुछ दिन चिंता से भरे रहे’।
‘बाढ़ और बारिश से लोगों को परेशानी हुई’।
‘पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं हुईं’।
‘देशवासियों ने सामूहिक प्रयास की ताकत दिखाई’
‘आपदा से निपटने में सामर्थ्य, संसाधनों की भूमिका अहम’
‘NDRF के जवानों ने अच्छा काम किया’।
’60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में रौनक बढ़ गई’।
‘जल संरक्षण के लिए नए-नए प्रयास हो रहे हैं’।
‘सभी पेड़ लगाने और पानी बचाने की कोशिश करें’।
‘यूपी में 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बना’।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चमोली जनपद की भोज पर लिखी महिलाओं की चिठ्ठी उल्लेख मन की बात कार्यक्रम में किया मोदी ने कहा कि उन्हें यह पत्र चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं ने लिखा है। ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में उन्हें भोजपत्र पर एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी। यह उपहार पाकर वे बहुत अभिभूत हो गये। क्योंकि हमारे यहाँ प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं। महाभारत भी इसी भोजपत्र पर लिखा गया था। लेकिन आज, देवभूमि की ये महिलाएं, इस भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियाँ और स्मृति चिन्ह बना रही हैं। माणा गांव की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने उनके इस अभिनव प्रयास की सराहना की थी। उन्होंने देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा स्थानीय उत्पाद खरीदें। हांलाकि although इसका बहुत असर हुआ है। आज, भोजपत्र के उत्पादों को यहाँ आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं। भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने के लिए लोगों को प्रेरणा मिलती है।हांलाकि although प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केंटिंग की अच्छी व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण भी दे रही है। क्योंकि because प्रधानमंत्री ने पिछले साल अक्टूबर में माणा से देशभर के श्रद्धालुओं से अपील की थी कि अपनी धार्मिक यात्रा का 05 प्रतिशत खर्चा स्थानीय उत्पादों पर जरूर करें। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो रही है और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल रहा है।