उतर प्रदेश में गुंडागर्दी समाप्त, ईद के अवसर पर कहीं सड़कों पर नहीं पढ़ी गयी नमाज – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

देश के अनेक क्षेत्रों में कल ईद मनाई गई, यूपी में भी इस अवसर पर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई थी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा व्यवस्था पर बयान दिया और कहा कि, ‘यूपी में अब गुंडागर्दी समाप्त हो चुकी है, यूपी की सड़कों पर आज कहीं भी नमाज नहीं पढ़ी गई.’ योगी ने कहा, “आज अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती होने के साथ-साथ ईद भी है, इसलिए मैं चाहकर भी गंगोत्री नहीं जा सका मुझसे बेहतर आस्था को कौन समझ सकता है, लेकिन आस्था की अभिव्यक्ति किसी को दिक्कत देकर नहीं की जानी चाहिए”

     बता दें कि कल ही अक्षय तृतीया के दिन अपने व्यस्त समय में भी योगी आदित्यनाथ जी उत्तराखंड अपने पैतृक गांव पंचूर पंहुचे उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने अपने गांव के बचों को चाकलेट भी दिए और कहा कि देवभूमि की सीमाओं से भारी पलायन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।  इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ की मूर्ति का भी अनावरण किया गया। उन्होंने कहा कि वे गंगोत्री भी जाना चाहते थे। लेकिन उत्तर प्रदेश में आम जनमानस का सुरक्षा दायित्व भी अति महत्वपूर्ण है जिसके चलते उन्होंने मां गंगोत्री का यात्रा दायित्व भी भगवान पर की ईच्छा पर ही छोड़ दिया है। 

शिष्य अपने उच्च स्थान करने के बाद भी अपने गुरूजनों के दिये हुए आदर्श को नहीं भूलता है, और उन्हें सदैव स्मरण करता रहता है। ऐसे ही योग्य शिष्य योगी आदित्यनाथ भी हैं, जो अपने गुरूजनों का मुख्यमंत्री और भारत के उभरते नायक हैं, उन्होंने अपने गॉव में आकर अपने सन्यायी गुरू ब्रहमालीन योगी अवैद्यनाथ की मूर्ति का अनावरण करने के अवसर पर उन्होंने अपने गुरूजी को स्मरण करते हुए वह भावुक हो गये। उसके बाद उन्होनें अपने बेसिक से लेकर हाई स्कूल में पढाने वाले अपने गुरूजनों को सम्मानित किया।

योगी आदित्यनाथ को पढाने वाले गुरूजनों ने बताया कि उनके लिए विशेष निमन्त्रण भिजवाया गया था। उन्होनें यह कभी भी कल्पना नहीं कि थी कि मुख्यमंत्री उन्हें इस तरह सम्मानित करेंगे। योगी आदित्यनाथ की प्राईमरी शिक्षा अपने गॉव के समीप ठांगर प्राथमिक विद्यालय में हुई, उन्हें पढाने वाले शिक्षक राजेन्द्र सिंह रावत जोकि मूल निवासी लखवाड़ गॉव के हैं के द्वारा शिक्षा दीक्षा दी गयी। आम बालक की तरह उन्हें शिक्षा दी गयी, आज जब उनके शिष्य देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यामंत्री आदित्यनाथ ने जब सम्मानित किया तो वह भावुक हो गये, और स्वयं को गर्वानित अनुभव किया।