हेमकुंड साहिब की हवाई सेवा के टेंडर में गड़बड़झाला

हेमकुंड साहिब की हवाई सेवा के टेंडर में गड़बड़झाला। Hemkund sahib’s air service tender mess. 

दीपक फरस्वाण 

हेमकुंड साहिब के लिये हवाई सेवा की टेंडर में जबरदस्त गड़बड़झाला है। पिछले आठ वर्षों से एक ही हेली कम्पनी को हेमकुंड साहिब हवाई सेवा का टेंडर मिलने से यूकाडा की भूमिका सवालों के घेरे में है। यूकाडा लगातार न सिर्फ एक ही कम्पनी को टेंडर दे रही है बल्कि टेंडर प्रक्रिया के बगैर उस कम्पनी को हवाई सेवा संचालन के अस्थायी परमिट जारी किये जा रहे हैं।

पुलना से हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के लिये यात्रियों को लगभग 15 किलोमीटर पैदल सफर तय करना होता है। यात्रियों की सुविधा के लिये वर्ष 2012 से गोविन्दघाट से कांजिला (घांघरिया) तक हवाई सेवा शुरू की गई थी। उस वक्त इस हवाई सेवा का परमिट डेक्कन नाम की हेली कम्पनी को जारी किया गया। उसके बाद से यह हवाई हर यात्रा सीजन में जारी रहती है, लेकिन इसका टेंडर हर बार डेक्कन कम्पनी के नाम ही जारी किया जाता है। पिछले आठ साल से एक ही कम्पनी के नाम टेंडर होने से डेक्कन कम्पनी मनमानी पर उतारू है, जिसका खामियाजा यात्रियों को भी उठाना पड़ता है। कहा जा रहा है उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के अधिकारियों से मिलीभगत के चलते डेक्कन कम्पनी हर बार हेमकुंड साहिब के टेंडर अपने नाम करवा रही है।

क्यों जारी किये गये अस्थायी परमिट ?

अबकी बार हेमकुंड साहिब के कपाट बीते 25 मई को खोले गये। उसकी दिन से हेमकुण्ड साहिब मार्ग पर हवाई सेवा शुरू कर दी गई। इसके लिये टेंडर प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया गया। अस्थायी परमिट देकर डेक्कन से हवाई सेवा शुरू करवा दी गई। पहले यह परमिट दो जून, फिर तीन जून और फिर चार जून तक के लिये जारी किया गया। यानि एक-एक दिन के लिये परमिट की मियाद बढ़ाई गई। इस बार की टेंडर प्रक्रिया अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है

‘हेमकुंड साहिब मार्ग पर हवाई सेवा के लिये टेंडर प्रक्रिया गतिमान है, जो शीघ्र की पूरी कर ली जायेगी। इससे ज्यादा मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं कहना’।

_ जी. सत्तैया, मुख्य अभियंता (ऑपरेशन), यूकाडा।