उत्तराखंड के प्रवासियों को लाने के लिए 50 लाख एडवांस रेल भाड़ा जमा, सरकार कृतसंकल्प – मुख्यमंत्री

*08 मई की रात तक 23794 प्रवासी पहुंचे उत्तराखण्ड*

*राज्य सरकार ने ट्रेन के लिए 50 लाख रूपए एडवांस जमा कराया*

08 मई की सांय तक विभिन्न राज्यों से 23794 प्रवासियों को उत्तराखण्ड लाया जा चुका है। इनमें हरियाणा से 11482, चण्डीगढ़ से 4838, उत्तर प्रदेश से 3526, राजस्थान से 2409, दिल्ली से 482, पंजाब से 327, गुजरात से 319 और अन्य राज्यों से 411 लोगों का लाया गया है। शनिवार को मीडिया सेंटर, सचिवालय में प्रेस ब्रीफिंग में सचिव श्री शैलेश बगोली ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक अन्य राज्यों से उत्तराखण्ड आने के लिए 179615 लोगों ने आनलाईन पंजीकरण कराया है। उत्तराखण्ड के एक जनपद से दूसरे जनपद में जाने वालों की कुल संख्या 34886 है। उत्तराखण्ड से अन्य राज्यों को जाने के लिए 21717 लोगों ने आनलाईन पंजीकरण कराया है। इनमें से 6378 लोगों को भेजा जा चुका है। श्री बगोली ने कहा कि बाहर से प्रवासियों को लाने की प्रक्रिया नियोजित तरीके से होती है। इसमें जिलों में एक दिन में कितने लोगों की व्यवस्था हो सकती है, उसके आधार पर टाईमटेबल बनाया जाता है। उसी के आधार पर लोगों को लाया जा सकता है। जिन लोगों ने भी आने के लिए पंजीकरण कराया है, उन सभी को लाने के लिए राज्य सरकार व्यवस्थाएं कर रही हैं। परंतु इसमें मेडिकल जांच, सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारेंटाईन आदि तमाम तरह की सावधानियां भी बरतनी हैं।    
स्चिव श्री शैलेश बगोली ने कहा कि सूरत, अहमदाबाद, पुणे, बैंगलोर आदि स्थानों से प्रवासियों को लाने के लिए ट्रेन के लिए भी बात हुई हैं। राजस्थान से भी टेªन की बात चल रही है। उत्तराखण्ड के प्रवासी लोगों को लाने के लिए टेªन, बस का व्यय उत्तराखण्ड सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। रेलवे के पास 50 लाख रूपए एडवांस के तौर पर जमा भी कर दिया गया है। अभी तक 8 ट्रेन का अनुरोध किया हुआ है। इसका प्लान किया जा रहा है। कतिपय मीडिया में एक निश्चित दिनांक को ट्रेन चलने की खबर के बारे में पूछे जाने पर श्री बगोली ने बताया कि यह समाचार सही नहीं है। अभी कोई तिथि तय नहीं हुई है। जल्द ही रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकार से समन्वय कर ट्रेन से प्रवासियों को लाने का भी टाईमटेबल बना दिया जाएगा। जैसे ही तिथि तय हो जाएगी, संबंधित प्रवासियों को एसएमएस के माघ्यम से सूचित कर दिया जाएगा।
निदेशक, एनएचएम श्री युगल किशोर पंत ने बताया कि कोविड-19 के संबंध में आज 221 सेम्पल की रिपोर्ट आई है, इनमें से 04 पाॅजिटिव केस हैं। ये चारों लोग ऊधमसिंहनगर की सीमा पर पुलिस द्वारा पकड़े गए थे। पकड़ते ही उन्हें संस्थागत क्वारेंटाईन रखा गया था। इनमें 02 महाराष्ट्र, 01 गुजरात व 01 हरियाणा से आ रहे थे। श्री पंत ने बताया कि राज्य में पाॅजिटिव केस की दर 0.76 प्रतिशत है। रिकवरी रेट 69 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। हमारे यहां औसत रिकवरी टाईम 16 दिन है। हमारी फेटैलिटी (मृत्यु) रेट 1.49 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय दर 3.32 है। आज 04 पाॅजिटीव केस आने से हमारी डबलिंग रेट 38 दिन है। देश की डबलिंग रेट 10.9 है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को हिल-मेल द्वारा आयोजित ई-रैबार कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लाकडाउन के दृष्टिगत उत्तराखंड के प्रवासी लोग काफी प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के लोग देश के कोने-कोने में अच्छी नौकरी में है। सबसे ज्यादा प्रभावित होस्पीटेलिटी का क्षेत्र हुवा है। उस क्षेत्र में कई लोग ऐसे है जो होटलों में ही रहते हैं, होटलों द्वारा ही उनका खाना हो पाता है, राज्य सरकार उनको दो वक्त का खाना तो मुहैया करा रही है परन्तु वही काफी नही होता, उनमें डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है, उन्हें घर आने की जल्दी हो रही है। अतः यह डर भी है कि कही कोई गलत कदम न उठाये। इसलिए हमने फैसला लिया है कि हम सबको सतर्कता के साथ एवं मेडिकल शर्तो को पूरा करते हुए उनके घर वापस लायेंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में पर्याप्त क्षमता है। हरिद्वार शहर में प्रतिदिन हम काफी लोगों को ठीक तरह से मेडिकल चेक करके उनको घर तक पहुंचा सकते हैं। रहने की कोई दिक्कत नही है, हमारे पास कई धर्मशालाए है। बड़े-बड़े होटल है जिनको राज्य सरकार ने कोविड के तहत एक्वायर किया हुवा है। अगर कोई अपने खर्चे से भी रहना चाहता है तो उसके लिए भी हमने अलग से व्यवस्था की हुवी है। इसकी तरह हल्द्वानी एवं उधम सिंह नगर है जहां हमारे पास पर्याप्त व्यवस्थाये हैं। हम यह पूर्ण कोशिश कर रहे हैं कि जितने लोग भी हम लाएं उनका ठीक तरीके से मेडिकल चेक अप करने के पश्चात ही उनको उनके घरों तक भेजें। 

उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में आईसीयू एवं वैंटीलेटर की कमी थी परन्तु आज हमारे 11 जिलों में आईसीयू उपलब्ध हैं, वेंटिलेटर हो गए हैं और अगले सप्ताह तक जो हमारे दो जनपद रह गए हैं वहां वेंटिलेटर व आईसीयू भी उपलब्ध हो जाएंगे। कोविड-19 हेतु हमने अलग से अस्पताल चिन्हित किए हुए हैं। हम यह भी जानते हैं कि अभी लाखों प्रवासी लोगों ने उत्तराखंड आना है। उनमें से कई लोग इनफेक्टेड हो सकते हैं उनके लिए अभी से हम तैयारी कर रहे हैं। अभी तक हमारे राज्य में कहीं भी वेंटिलेटर व ऑक्सीजन की जरूरत नही पड़ी है, लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि अगर आवश्यकता पड़े तो हम पूरी व्यवस्था के साथ तैयार हैं। हमारे पास सारी व्यवस्थाएं हैं इसी वजह से हमने यह निर्णय लिया है कि हम अपने प्रवासी भाईयों एवं बहनो को वापस लायेंगे, क्योंकि हम अपने लोगों को सड़कों पर नहीं छोड़ सकते। हमने अपने ग्राम प्रधानों को विशेष अधिकार दिए है। गांव में अगर यदि कोई उनकी बात नहीं मानता है जिनको कोरेंटिन किया गया है तो आपदा प्रबंधन के तहत उसके विरुद्ध कार्यवाही की जा सकती है। गांव में अगर किसी के पास खाने की व्यवस्था नहीं है तो हमने प्रधान को यह अधिकार दिया है कि वह इसकी व्यवस्था करें जिसका खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। हमने सब का ख्याल रखा है। हम देवभूमि के लोग है हम यह चाहते हैं कि यहां कोई तकलीफ से ना रहे। राज्य सरकार से जो भी मदद होगी वह हम कर रहे हैं। 

ई-रैबार कार्यक्रम में भूतपूर्व सीएमडी (एयर इंडिया) श्री अश्विनी लोहानी, एयर मार्शल एम एस बुटोला, गीतकार एवं सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी, पूर्व प्रमुख, एनटीआरओ एवं रॉ श्री आलोक जोशी, निदेशक, एफटीआईआई श्री भूपेंद्र कैंथोला, वरिष्ठ पत्रकार श्री अनुराग पुनेठा एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री मनजीत सिंह नेगी उपस्थित थे।