दाल भात शब्जी सलाद और हरी शब्जी की कैंसर चिकित्सा पद्धति ने मचाया तहलका

हरीश मैखुरी

निर्जला एकादशी व्रत से कैंसर ठीक होता है क्योंकि यह इम्यूनोलाजी रैगुलेट करता है। प्रकृति ने यदि मनुष्य के लिए कुछ समस्याएं भी हैं  तो उनका समाधान भी अपने पास ही रखा है। भारत में  रोग प्रतिरोधी प्रणाली पर आयुर्वेदिक चिकित्सा का  सदियों पुराना इतिहास है  हमारी चिकित्सा प्रणाली में सीधे रोग पर वार करने की बजाय, रोग पैदा ही ना हो ऐसी प्रतिरक्षा प्रणाली व प्रतिरक्षा शारीरिक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया जाता रहा है। इसमें सात्विक भोजन प्राकृतिक चिकित्सा पंचकर्म योग आदि सम्मिलित हैं । हालमें  विश्व प्रसिद्ध “नेचर पत्रिका” में “एक बहुत बड़े सैमपल आधारित शोध से पता चला है कि दुनियां ? में सबसेे अच्छा भोजन दाल भात रोटी सब्जी और विशेषकर भारत में बनने वाली हरी पत्तियों की सब्जी, छिलके वाली मोटी दालें और उबले हुए भोजन खाने सर्व श्रेष्ठ हैं यह जैनेटिकली भी हमारी  पीढ़ियों के लिए  एक रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर देता है जबकि पाश्चात्य भोजन  पिज्जा बर्गर  और चाइनीज आइटम  या डिब्बाबंद जंक फूड कैंसर कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करते हैं और यह हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर देता है” और इससे न केवल बर्गर खाने वाली पीढ़ी बल्कि उसके भविष्य की पीढ़ी भी जेनेटिकली लो इम्यून सिस्टम की होगी। यानी पिज़्ज़ा बर्गर जैसे पाश्चात्य फूड खाकर हम न केवल अपने शरीर को कमजोर और खत्म कर रहे हैं बल्कि एक पूरी भविष्य की पीढ़ी चैन भी कमजोर प्रतिरक्षा शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली वाली पैदा करेंगे। इसे हम एक तरह से सदियों पुरानी भारतीय दाल भात शब्जी सलाद और हरी शब्जी की चिकित्सा पद्धति का तहलका कह सकते हैं। जो कि हमारे दैनिक जीवन का रोज का हिस्सा है। Cancer treatment of Dal Bhat Shabji Salad and Green Shabji created panic

डॉ. स्वामी ज्ञानवत्सल ऑन्कोलॉजी विभाग (कैंसर) में एम्स में कार्यरत हैं। उनके व्याख्यान के एक वायरल वीडियो जिसमें कहा गया है कि कैंसर के उपरांत उपचार में  ऑपरेशन कीमोथेरेपी रेडियोथेरेपी इलेक्ट्रो मैग्नेटिक थेरेपी के बाद  अब जो सबसे नई थेरेपी आई है वह है इम्यूनो थेरेपी और इम्यून सिस्टम बढ़ाने के लिए निर्जला व्रत सर्वश्रेष्ठ है यानी यदि हम 10 से 20 घंटे कुछ भी ना खाएं ना पिएं तो हम साल भर के लिए अपनी डब्ल्यूबीसी कोशिकाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं उन्होंने इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण निर्जला एकादशी व्रत को दिया। 

TATA मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. राजेन्द्र ए. बडवे ने जोर देकर कहा कि *एक कप में 2 से 3 पतले नारियल के फाक काटें, गर्म पानी डालें, यह “क्षारीय पानी” बन जाएगा, हर दिन पिएं, यह किसी के लिए भी अच्छा है। *गर्म नारियल ~ केवल कैंसर कोशिकाओं को मारता है! और आपको जीवन भर कैंसर से बचा सकता है *

* गर्म नारियल पानी एक कैंसर-रोधी पदार्थ छोड़ता है, जो चिकित्सा क्षेत्र में कैंसर के प्रभावी उपचार में नवीनतम प्रगति है। *

गर्म नारियल के रस का अल्सर और ट्यूमर पर प्रभाव पड़ता है। सभी प्रकार के कैंसर को रोकने के लिए साबित। *

* नारियल के अर्क के साथ इस प्रकार का उपचार केवल घातक कोशिकाओं को नष्ट करता है, यह स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करता है। *

इसके अलावा, नारियल के रस में अमीनो एसिड और नारियल पॉलीफेनोल * उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं, प्रभावी रूप से गहरी शिरा घनास्त्रता को रोक सकते हैं, रक्त परिसंचरण को समायोजित कर सकते हैं और रक्त के थक्कों को कम कर सकते हैं। *

उसी प्रकार loquat (लोकाट या लुकाट) के पत्तों  enefits – पत्ता इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए, गुर्दे साफ, यूरिक एसिड को हटा कर रक्तचाप को विनियमित करने में सहायता करता है। मधुमेह के नियंत्रण में सुधार करता है क्योंकि यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है। हमारे लिवर को डिटॉक्सीफाई करता है और हमें विषाक्त पदार्थों से खुद को मुक्त करने में मदद करता है। पित्ती या बेचैनी के मामले में त्वचा कीटाणुरहित प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता में सुधार करता है। किडनी को साफ करता है और यूरिक एसिड को हटाता हैै। 

अमरूद के पत्ते भी आपके दांत और आंत दोनों को मजबूत करते हैं अमरूद के पत्ते कृमि नाशक होते हैं हैं जो पेट के कीड़े मार देते हैं  इन पत्तों को भी  चटनी बनाकर खाने के साथ लें या उबालकर उसका काढ़ा पिया जा सकता है।

   हमें अपने घर के आंगन में  तुलसी जरूर लगानी चाहिए तुलसी की सुगंध से घर के 1 कोस की आस पास कृमि व जरासीम नष्ट हो जाते हैं यानी बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। तुलसी के पत्तों का चटनी बनाने में या चाय दाल मीठे भोजन आदि प्रयोग किया जा सकता है। तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन इम्यून सिस्टम को पुष्ट – बूस्ट करके हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह हमारे डब्ल्यूबीसी को  बहुत उन्नत बनाता है जिससे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली  बढ़ती है।