।। *🕉* ।।🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
📜««« *आज का पंचांग* »»»🌞🚩
कलियुगाब्द…………………..5126
विक्रम संवत्………………….2081
शक संवत्…………………….1946
मास……………………………….पौष
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी…………………………..चतुर्थी
रात्रि 11.38 पर्यंत पश्चात पंचमी
रवि……………………….दक्षिणायन
सूर्योदय…….प्रातः 07.08.29 पर
सूर्यास्त……..संध्या 05.55.10 पर
सूर्य राशि…………………………धनु
चन्द्र राशि………………………मकर
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र………………………….धनिष्ठा
रात्रि 10.12 पर्यंत पश्चात शतभिषा
योग……………………………….वज्र
दोप 12.31 पर्यंत पश्चात सिद्धि
करण…………………………वणिज
दोप 12.24 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु………………..(सहस्य) हेमंत
दिन…………………………शुक्रवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
03 जनवरी सन 2025 ईस्वी ।
☸ शुभ अंक…………………..3
🔯 शुभ रंग……………आसमानी
👁🗨 *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 12.09 से 12.52 तक ।
👁🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 11.11 से 12.31 तक ।
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।
🌞 *उदय लग्न तालिका -*
*धनु* 05:50:28 07:55:50
*मकर* 07:55:50 09:43:11
*कुम्भ* 09:43:11 11:16:43
*मीन* 11:16:43 12:47:55
*मेष* 12:47:55 14:28:40
*वृषभ* 14:28:40 16:27:19
*मिथुन* 16:27:19 18:41:01
*कर्क* 18:41:01 20:57:11
*सिंह* 20:57:11 23:09:00
*कन्या* 23:09:00 25:19:40
*तुला* 25:19:40 27:34:18
*वृश्चिक* 27:34:18 29:50:28
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.30 से 09.50 तक लाभ
प्रात: 09.50 से 11.10 तक अमृत
दोप. 12.30 से 01.50 तक शुभ
सायं 04.30 से 05.49 तक चंचल
रात्रि 09.10 से 10.50 तक लाभ ।
📿 *आज का मंत्रः*॥ ॐ केशवाय नम: ॥
📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (एकादशोऽध्यायः – विश्वरूपदर्शनयोग:) -*
दिवि सूर्यसहस्रस्य भवेद्युगपदुत्थिता ।
यदि भाः सदृशी सा स्याद्भासस्तस्य महात्मनः ॥११- १२॥ अर्थात :
आकाश में हजार सूर्यों के एक साथ उदय होने से उत्पन्न जो प्रकाश हो, वह भी उस विश्व रूप परमात्मा के प्रकाश के सदृश कदाचित् ही हो॥12॥ 🍃 *आरोग्यं :-*
किडनी के रोगों को दूर करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपायों की मदद लेना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसे ही कुछ खास उपाय :-
1. बेकिंग सोडा :-
किडनी के रोगों से बचने के लिए सोडियम बाइकार्बोनेट का सेवन फायदेमंद होता है। इसके सेवन से किडनी के रोगों की गति को कम किया जा सकता है। बेकिंग सोडा की मदद से रक्त में होने वाली एसिडिटी की समस्या खत्म हो जाती है जो कि किडनी की समस्याओं के मुख्य कारणों में से एक है।
2. नमक की मात्रा कम लें :-
किडनी की समस्या से ग्रस्त लोगों को अपने आहार पर खास ध्यान देना चाहिए। खाने में नमक व प्रोटीन की मात्रा कम रखनी चाहिए जिससे किडनी पर कम दबाव पड़ता है। इसके अलावा फासफोरस और पौटेशियम युक्त आहार से भी दूर ही रहना चाहिए।
3. सब्जियों का रस :-
किडनी की समस्या होने पर गाजर, खीरा, पत्तागोभी तथा लौकी के रस पीना चाहिए। इससे किडनी के रोगों से उबरने में मदद मिलती है और किडनी स्वस्थ रहती है। इसके अलावा तरबूज तथा आलू का रस भी गुर्दे के रोग को ठीक करने के लिए सही होता है इसलिए पीड़ित रोगी को इसके रस का सेवन सुबह शाम करना चाहिए।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
आज कम प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझकर निवेश करें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसगंति से हानि होगी।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
आज के काम कल पर नहीं टालें। व्यापार में अपने विवेक का प्रयोग करें, तभी धनलाभ होगा। दुष्टजनों से सावधान रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कहीं से बुरी खबर मिल सकती है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
आज जल्दबाजी में किसी भी प्रकार का धन का लेन-देन न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फालतू खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। घर में रखी कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। आज माता या जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खर्च होगा। घर में वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। चिंता तथा तनाव में अचानक वृद्धि होगी। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। समय नेष्ट है। नकारात्मकता बनी रहेगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
कारोबारियों को धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। शत्रु शांत रहेंगे।
👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
आज नई कार्य योजना बनेगी, जिसका लाभ आगामी समय में मिलेगा। कार्यशैली में परिवर्तन करना पड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे। संतान पक्ष से स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। छात्र वर्ग अध्ययन संबंधी कड़ा कदम उठाएंगे।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
आज माता को थकान व कमजोरी रह सकती है। उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
आज वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। प्रेम-प्रसंग में हड़बड़ी न करें। युवक-युवती विशेष सावधानी बरतें। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। आय में निश्चितता रहेगी। घर में किसी बात पर विवाद हो सकता है। नकारात्मकता बनी रहेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
व्यापारिक कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा, धनलाभ में वृद्धि होगी। प्रॉपर्टी संबंधी कानूनी बाधा संभव है। आज विरोधी सक्रिय रहेंगे। नौकरीपेशा को किसी भी तरह की धन या शारीरिक हानि सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
आज स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। प्रॉपर्टी के काम बड़ा लाभ दे सकते हैं। कार्यस्थल पर कोई ऐसा कार्य न करें जिससे अपमान हो। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधनों पर व्यय होगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
अपनी कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
आज के दिन धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। जल्दबाजी से काम में बाधा उत्पन्न होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। बनते कामों में देरी होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩।।
ढिबर्या कुम्मर -गढ़वाली नाम।। गोक्षुर या #गोखुरू
कोई विरला ही होगा जो इस कुम्मर से परिचित नही होगा मालिनी घाटी में बहुत होता है भेड़ पर अत्यधिक चिपकता है यह कांड इसलिए इसे हमारे यँहा इसे ढिबरया कांड कहते है ।
#संखाहुली या #छोटा #गोखरू) वानस्पतिक नाम: #जैन्थियम #स्ट्रूमेरियम (Xanthium strumarium) Synonyms: Xanthium indicum. कुल #एस्टेरेसी (Asteraceae: Sunflower family) से संबंधित है। इसे अंग्रेजी में Common Cocklebur, broad bur, burdock datura, clotbur, rough cockleburr, हिन्दी में छोटा धतूरा, छोटा गोखुरू, घाघरा, संखाहुली, बनओकरा, शंकेश्वर तथा संस्कृत में अरिष्ट, मेध्य, सर्पक्षी, भूलग्न, चाँद, कम्बुमालिनी, कीति, शंखकुसुम, शंखमालिनी कहते हैं। यह वर्ष वार्षिक झाड़ी वाला पौधा भारत में प्रायः सभी स्थानों उत्पन्न होता है। बचपन में इसके कंटकी फल ऊनी कपड़े खासकर स्वेटर पर चिपकाने का खेल खूब खेला था और पशुओं पर भी यदा-कदा दिख जाते हैं। इसके पत्ते एक के पश्चात् एक लगते हैं। ये करीब 4 इंच लम्बे, डंठलयुक्त और हृदयाकृति के होते हैं। इसके पत्तों को दोनों तरफ रुएँ होते हैं । इसके फूल डाली के सिरे पर लगते हैं। इसका बीजकोष अण्डाकृति, चपटा और मुलायम होता है। पुष्पन अगस्त से सितंबर में होता है।
#संखाहुली के औषधीय गुण: आयुर्वेदिक मतानुसार यह वनस्पति तीक्ष्ण, कसेली, विरेचक, मज्जावर्धक, कृमिनाशक, शीतल, विषनाशक, धातुपरिवर्तक, पौष्टिक; पाचक, ज्वरनिवारक, क्षुधावर्धक, स्वरशोधक, कान्तिवर्द्धक और स्मरणशक्ति को जागृत करने वाली होती है। यह धवलरोग, पित, मृगी, ज्वर और जहरीले जानवरों के डंक पर लाभदायक होती है। बच्चों के दांत निकलने के समय की तकलीफों में भी यह उपयोगी होती है। शंकेश्वर पसीना लानेवाला, लारवर्धक, कुछ मूत्रल, शामक और शोषनाशक होता है। यह दुनिया के कई देशों में उपयोग में लिया जाता है। मलेरिया ज्वर और जीर्णज्वर में इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर दिया जाता है। चेचक की बीमारी में दाह को कम करने के लिये और दोनों को अच्छी तरह से बाहर निकाल देने के लिये इसका उपयोग किया जाता हैं। इसकी जड़ का रस नासूर, फोड़े और दुष्ट व्रणों के ऊपर लगाने के काम में लिया जाता है। गंडमाला और दाद को मिटाने में सहायक है। सुश्रुत के मतानुसार यह वनस्पति सर्पदंश में दूसरी ओषधियों के साथ उपयोग में ली जाती है मगर केस और महस्कर के मतानुसार यह वनस्पति सर्प विष में निरुपयोगी होती है। यह वनस्पति विच्छू के विष पर भी यह उपयोगी मानी जाती है। इस पौधे को मलेरिया, गठिया, रोगग्रस्त गुर्दे, तपेदिक के लंबे समय तक चलने वाले मामलों के इलाज में उपयोगी माना जाता है और इसका उपयोग धतूरा स्ट्रैमोनियम के लिए एक मिलावट के रूप में किया जाता है। जेन्थियम स्ट्रुमरियम के फलों में एनोडीन, जीवाणुरोधी, एंटीफंगल, एंटीमिरियल, एंटीह्यूमैटिक, एंटीस्पास्मोडिक, एंटीट्यूसिव, साइटोटॉक्सिक, हाइपोग्लाइसेमिक जैसे गुण होते हैं। वे आंतरिक राइनाइटिस, साइनसिसिस, कैटरस, गठिया, संधिशोथ, कब्ज, दस्त, और कुष्ठ के उपचार में आंतरिक रूप से उपयोग किया जाता है। जड़ का काढ़ा उच्च बुखार के उपचार में इस्तेमाल किया गया है और महिलाओं को प्रसव के बाद स्वस्थ होने में मदद करने के लिए और स्थानीय लोगों द्वारा मूत्राशय की शिकायतों के उपचार में बीज के काढ़े का उपयोग किया जाता है। जेथियम स्ट्रूमेरियम के सूखे पत्ते टैनिन का एक स्रोत हैं। जेन्थियम स्ट्रूमेरियम चरने वाले जानवरों के लिए जहरीला है। गोखुरू के पत्ते डंठल जड़ और फल ला कर घर में ओखली उर्ख्याली में कूटू पीस छान कर पाउडर बनाओ सुबह शाम भोजन से पहले एक एक चम्मच लेने से उक्त रोगों में लाभ होता है। (The dried leaves of Xanthium strumarium are a source of tannin. Xanthium strumarium is poisonous to grazing animals.)
टिहरी/02 जनवरी, 2025
**मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सिद्धपीठ माँ सुरकण्डा मन्दिर, पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।**
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को प्रसिद्ध सिद्धपीठ सुरकंडा देवी मंदिर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने मां सुरकंडा देवी के दर्शन कर विधिवत पूजा अर्चना कर देश प्रदेश की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की तथा मंदिर की परिक्रमा भी की।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के साथ बातचीत कर उनसे यात्रा के संबंध में जानकारी ली। श्रद्धालु अपने बीच मुख्यमंत्री को देखकर काफी खुश नजर आए तथा उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली। मुख्यमंत्री ने स्थानीय दुकानदारों से वार्ता कर उनका हाल चाल जाना। मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्वयं सहायता महिला समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित स्थानीय सामग्री की खरीददारी भी की।
मुख्यमंत्री ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में शीतकालीन यात्रा प्रारंभ की गई है। जिसमें श्रद्धालु काफी संख्या में आ रहे हैं। उत्तराखण्ड देवभूमि है। राज्य के हर मन्दिर का अपना अलग महत्व है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों को शीतकालीन यात्रा हेतु तैयार किया जा रहा है और अधिकांश स्थलों पर तैयारियां पूर्ण कर ली गई है, जिनका असर आज इस श्रद्धालुओं की संख्या को देखकर लगाया जा सकता है।
इस दौरान एसएसपी आयुष अग्रवाल, एडीएम ए.के. पाण्डेय, एएसपी जे. आर. जोशी सहित अन्य गणमान्य एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।