बिगब्रेकिंग – पौड़ी के पावों क्षेत्र में गुलदार ने पांच वर्ष के पीयूष को बनाया शिकार, गोपेश्वर नगरपालिका क्षेत्र में दो बाघों का आतंक

✍️हरीश मैखुरी 

समूचा उत्तराखंड इन दिनों बाघों के हमले से दहशत में है। गोपेश्वर नगरपालिका क्षेत्र में इन दिनों दो बाघों ने आतंक मचा रखा है। लोगों को ये दो बाघ नगरपालिका क्षेत्र में जहां तहां दिख रहे हैं। मवेशियों को भी क्षति पंहुचा रहे हैं।

नगर पालिका की एक जन प्रतिनिधि श्रीमती उषा रावत ने कहा कि ” गोपेश्वर पपडियाणा गाँव पठियालधार , नर्सिंग कालेज,पोखरी बेन्ड तीन दिन से दो बाघ घूम रहे. गाँव वाले बडे दहशत में है बाघ शाम को जल्दी गाँव की तरफ प्रवेश कर रहा और सुबह सात बजे तक बेखोफ घूम रहा मैरा चहलकदमी और गाँव वासियों से निवेदन है सतर्क रहे और वन विभाग से निवेदन है इनको पकड कर कहीं ऐसी जगह रखे जहाँ किसी को नुकसान न हो कहीं कोई अप्रिय घटना न हो समय से पहले कार्वाही करने की कृपा करें बच्चों को बाहर न जाने दें जब तक बाघ पकड में न आये सब सचेत रहे

शिवा डिमरी ने जानकारी दी कि “कल हमारे यहाँ भी प्रेम भाइ के खच्चर को बाग ने मार डाला, जबकि वह समूह मैं बांधे गये थे,सतर्क रहना बहुत आवश्यक है” 

अनिल रतूड़ी का कहना है कि “विभाग तब जागते हैं जब कोई अनहोनी घटना घट जाती है ,वन विभाग को समय रहते पिंजड़ा लगा कर बाघों को नगरपालिका परिक्षेत्र से उठा कर उनके प्राकृतिक आवासों में छोड़ना चाहिए। 

वहीं एक दुखद समाचार आज पौड़ी जनपद के पावों आया है वहां निसणी गांव में गुलदार ने पांच वर्षीय पीयूष को उस समय मार डाला जब वह खेल कर शाम छ बजे अपने घर आ रहा था। सूचना मिलने पर पावों पुलिस चौकी के दीपक पंवार व रविन्द्र भट्ट ने शव को पोस्टमार्टम के लिए पौड़ी भेज दिया है। पीयूष की अकाल मृत्यु से निसणी गांव में मातम पसर गया है। इस घटना पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मेरी संवेदनाएं पीतल पीड़ित परिवार के साथ हैं स्थानीय लोगों ने तत्काल आदमखोर गुलदार को मारने की मांग की हैउत्तराखंड में लगातार गुलदारों का आतंक सुर्खियों में है. अब बागेश्वर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. एक गुलदार यहां रात के अंधेरे में एक घर में घुस गया और एक बुज़ुर्ग महिला को घर से घसीटते हुए अपने जबड़ों में दबाकर जंगल की तरफ ले गया. गांव के खेतों में सुबह वृद्धा का छिन्न भिन्न शव मिलने से पूरे इलाके में दहशत फैल गई। इससे पहले पौड़ी ज़िले से ऐसी ही दिल दहलाने वाली खबर आई कि पांच साल के नन्हे से बच्चे को घात लगाकर गुलदार ने अपना शिकार बनाया। बाद में इस बच्चे का शव भी जंगल के मुहाने पर मिला। 

पहले बागेश्वर की घटना की बात करें तो यह शुक्रवार की रात की घटना बताई जा रही है, जब एक 70 वर्षीय वृद्धा गांगुली देवी अपने घर में सोने की तैयारी कर रही थी. तभी एक गुलदार घर के भीतर आकर गांगुली देवी पर झपटा और उसे घर के अंदर से घसीटते हुए जंगल की तरफ ले गया. बागेश्वर के अशू बोहाला गांव की इस घटना की जानकारी लोगों को सुबह तब हुई, जब खेतों की तरफ जाने पर उन्हें शव दिखाई दिया. शव मिलते ही लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। गांगुली देवी घर में अकेली रहती थी. अब आसपास के तमाम गांवों में दहशत का माहौल है और वन विभाग की टीम गुलदार को खोजने के लिए योजना बना रही है। 

इससे ठीक एक दिन पहले पौड़ी ज़िले के पैठाणी गांव में एक 5 वर्ष के एक बच्चे को गुलदार ने निवाला बना लिया था गुरुवार देर शाम जब बच्चा अपनी मां के साथ गौशाला में गया था, तभी घात लगाए गुलदार ने हमला कर दिया और उसे उठाकर जंगल की ओर ले गया. रात भर ढूंढने के बाद शुक्रवार सुबह बच्चे का अधखाया शव जंगल में मिला. घटना के बाद से परिवार में मातम है, तो पूरे इलाके में दहशत बनी हुई है केंकि इलाके मेंं पिछले कुछ दिनों से गुलदार की मूवमेंट लगातार बनी हुई है। 

ध्यान देने योग्य बात यह है कि उत्तराखंड के पौड़ी ज़िले में ही दो तीन दिन पहले एक गुलदार को घर में घुसते हुए देखा गया था इस गुलदार ने घर में घुसकर दो महिलाओं पर हमला किया था और उसके बाद भागने के दौर एक तार में अटकने से गुलदार की संदिग्ध मौत भी हो गई थी. इस घटना के बाद पौड़ी के साथ ही उत्तराखंड के अन्य ज़िलों में भी गुलदार के आतंक से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में भय का वातावरण है। 

हरिद्वार में भी इसी सप्ताह एक गुलदार ने आवासीय कॉलोनी में घुसकर पालतू कुत्ते को निवाला बना लिया। राजाजी टाइगर रिजर्व से सटी बिल्केश्वर कॉलोनी की ये घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. वीडियो में दिखाई दिया कि गुलदार ने पहले कुत्ते को अपने पंजों में जकड़ा फिर उसे अपने मुंह में दबाकर वहां से ले भागा।

जुलाई माह में पौड़ी जिले के बड़ेथ गांव में बृहस्पतिवार रात घर के आंगन में खेल रहे पांच साल के बच्चे को गुलदार उठा ले गया। रातभर तलाशी अभियान चला लेकिन घने कोहरे व अंधेरा की वजह से बच्चे का पता नहीं चल पाया। सुबह करीब साढ़े छह बजे बच्चे का शव गांव से एक किमी दूर जंगल में मिला। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई दिनों से गुलदार की दहशत बनी हुई थी लेकिन वन विभाग ने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया।

बीते 25 सितंबर की रात को भी पाटीसैन के निकटवर्ती गांव बडियार एवं तोक गांव मवाणा गांव में गुलदार ने राजेंद्र सिंह की 21 बकरियां व बडियार निवासी बालम सिंह असवाल की 30 मुर्गियां को निवाला बना दिया था। वन विभाग ने 26 की शाम को गांव में पिंजरा लगा दिया।