बिगब्रेकिंग – 10000 मीटर वाकिंग रेस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्डन गर्ल मानसी नेगी ने जीता गोल्ड मैडल, बनाया नया राष्ट्रीय कीर्तिमान

चमोली की गोल्डन गर्ल का वाकिंग रेस में नया राष्ट्रीय कीर्तिमान 

असम के गुवाहाटी में 11-15 नवंबर को आयोजित 37’वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता के अंतर्गत आज तीसरे दिन अंडर-20 के अन्तर्गत 10000 मीटर वाक रेस प्रतियोगिता में उत्तराखंड की गोल्डन गर्ल मानसी नेगी ने नया नेशनल रिकॉर्ड (राष्ट्रीय कीर्तिमान) बनाकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। एक बार फिर से मानसी ने उत्तराखंड को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया है।

मानसी ने 47:30.94 मिनट में 10000 मी की वाॅक रेस पूरी कर नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया है। दूसरे स्थान पर हरियाणा की रचना और तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र की सेजल अनिल सिंह रही।

लाखों सैल्यूट मानसी, यूँ ही आगे बढते रहो और चमोली, उत्तराखंड और देश का नाम उजागर करते रहो। चमोली की बिटिया मानसी नेगी को ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज संस्थान की ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं* 

उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने मानसी नेगी को बधाई देते हुए कहा “गुवाहाटी असम में चल रही 37वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 10 किमी रेस वॉक प्रतियोगिता में नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर, स्वर्ण पदक जीतने पर देवभूमि की बेटी मानसी नेगी को हार्दिक बधाई।
आपकी इस जीत से हमारी अन्य बेटियां भी प्रेरणा लेंगी।
आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएं”

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली निवासी मानसी नेगी को 37वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 10 कि.मी. रेस वॉक प्रतिस्पर्धा में नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम करते हुए स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी है एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

गोपेश्वर के नैग्वाड़ स्थित कन्या जूनियर हाइस्कूल में दसवीं की छात्रा मानसी नेगी चमोली के दशोली ब्लाक के दूरस्थ गांव मजोठी की रहने वाली है। मानसी के पिता लखपत सिंह नेगी की 2016 में मृत्यु हो चुकी है। मानसी की मां शकुंतला देवी गांव में ही खेती मजदूरी कर बेटी को आगे बढ़ने का उत्साह देती रही। यही कारण है कि बहुत अभावों में भी उसके अंदर कुछ अलग करने की ललक सदैव बनी रही। इससे पहले उसने तीन हजार मीटर वाक रेस में प्रथम स्थान प्राप्त कर चमोली ही नहीं बल्कि उत्तराखंड का भी नाम उजागर किया है। मानसी की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा तीन तक अलकनंदा पब्लिक स्कूल मजोठी में हुई। इस स्कूल के बंद हो जाने के कारण उसने आठवीं तक की पढ़ाई नेशनल पब्लिक स्कूल व नवीं से कन्या हाइस्कूल नैग्वाड़ में की है। मानसी का कहना है कि यदि इसी भांति सही मार्गदर्शन व आगे बढ़ने के लिए संसाधन मिले तो वह ओलम्पिक में देश का नाम कर सकती है। वह इस सफलता का श्रेय अपनी मां अपने कोच अनूप बिष्ट अपने गुरूओं श्रीमती लता झिंकवाण, श्रीमती कुसुम मैखुरी आदि गुरुजनों को देती हैं और कहती है कि उनके विद्यालय में सभी ने उसे बहुत उत्साहित किया। पहाड़ की सुपुत्री  मानसी नेगी को ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज संस्थान की ओर से बधाई और शुभकामनाएं*