धामी सरकार के चार वर्ष : विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों एवं जनप्रतिनिधियों की संगोष्ठी, छट पर्व का महात्म्य, पिता की 7 पीढ़ी और माता की 5 पीढ़ी तक विवाह संबध ना करने का वैज्ञानिक कारण, आज का पंचाग आप का राशिफल

 धामी सरकार के चार वर्ष के चार वर्ष के कार्यकाल पर विशेषज्ञों की चर्चा 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के कार्यकाल में लिए गए निर्णयों और नीतियों पर विचार-विमर्श कार्यक्रम “धामी सरकार के चार वर्ष: उपलब्धियाँ” शीर्षक से आयोजित किया गया। इस चर्चा में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों एवं जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) प्रदीप जोशी, अध्यक्ष, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) एवं पूर्व अध्यक्ष, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने चार वर्षों में विकास, सुशासन और संवेदनशील प्रशासन का नया अध्याय लिखा है। उन्होंने नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता (UCC) को राज्य और देश के लिए उदाहरण बताया। डॉ. जोशी ने कहा, “जहां युवा अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रहे थे, वहां स्वयं पहुंचकर उनकी बात सुनने वाले धामी जी पहले मुख्यमंत्री हैं।” उन्होंने शिक्षा सुधारों की सराहना करते हुए स्मार्ट क्लास और डिजिटल शिक्षा के विस्तार को धामी सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया।

कालाढुंगी क्षेत्र के विधायक बंशीधर भगत ने कहा कि धामी सरकार के कार्यकाल में राज्य का चहुमुखी विकास हुआ है। उन्होंने मंदिरमाला परियोजना, चारधाम और राज्य की सड़कों का चौड़ीकरण, धर्मांतरण निवारण, सख्त नकल विरोधी कानून, और अवैध अतिक्रमण ध्वस्तीकरण जैसे कार्यों का उल्लेख किया, जिससे राज्य को नया मुकाम और पहचान मिली है।

हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज बिष्ट ने कहा कि धामी सरकार को तीन ऐतिहासिक निर्णयों, समान नागरिक संहिता (UCC), नकल विरोधी कानून, और गैरकानूनी मदरसों के विरुद्ध कार्यवाही, के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन निर्णयों ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” की भावना को सशक्त किया।

प्रो. (डॉ.) धनंजय जोशी, पूर्व कुलपति, दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय, ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में युवाओं में नई ऊर्जा, चेतना और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। उन्होंने कहा, “यह सरकार केवल परंपराओं को आगे नहीं बढ़ा रही, बल्कि नए मार्ग भी बना रही है।”

प्रो. (डॉ.) सतपाल सिंह बिष्ट, कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, ने कहा कि उत्तराखण्ड स्वाभाविक रूप से एक ऑर्गेनिक स्टेट है और अब सिक्किम व मेघालय के बाद देश का तीसरा अग्रणी राज्य बन चुका है। उन्होंने जैविक खेती, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, कंपोजिट एग्रीकल्चर और नवाचारपूर्ण खेती को राज्य के किसानों के लिए दीर्घकालिक लाभ और रोजगार का स्रोत बताया।

प्रो. (डॉ.) नवीन चन्द्र लोहनी, कुलपति, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, ने नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन और डिस्टेंस एजुकेशन में राज्य सरकार के कार्यों की सराहना की। उन्होंने हर जनपद में स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने और उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की स्थापना को ऐतिहासिक कदम बताया, जो स्थानीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित है।

प्रो. (डॉ.) दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकॉस्ट, एवं प्रो. (डॉ.) दीवान सिंह रावत, कुलपति, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, ने वर्चुअल माध्यम से कहा कि अनुसंधान, नवाचार और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राज्य सरकार के नेतृत्व में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, और उत्तराखण्ड अब विज्ञान एवं तकनीक आधारित शासन का मॉडल बन रहा है।

प्रो. (डॉ.) एन. एस. बिष्ट, कुलपति, आम्रपाली विश्वविद्यालय, हल्द्वानी, ने कहा कि धामी सरकार की नीति और नियत स्पष्ट है, और राज्य हर क्षेत्र में नए विकास के आयाम स्थापित कर रहा है।

प्रो. (डॉ.) गोविंद सिंह बिष्ट, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड मीडिया सलाहकार समिति, ने कहा कि सरकार ने धर्मांतरण निवारण कानून, युवा सशक्तिकरण, तीर्थाटन, पर्यटन विकास और फिल्म नीति 2024 जैसे ऐतिहासिक निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति से स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों और पर्यटन स्थलों को नया मंच मिला है, जिससे उत्तराखण्ड “फिल्म डेस्टिनेशन ऑफ इंडिया” के रूप में उभर रहा है।

दिनेश मानसेरा, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड जनसंख्या विश्लेषण समिति, ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में अब तक 9000 एकड़ भूमि से अवैध कब्जा हटाया गया है, जिससे कानून व्यवस्था मजबूत हुई है। उन्होंने “सैन्य धाम” निर्माण और आपदा प्रबंधन में मुख्यमंत्री की सक्रियता का उल्लेख किया, विशेषकर उत्तरकाशी की शिलक्यारा टनल में 41 श्रमिकों के बचाव में उनकी उपस्थिति का उदाहरण दिया।

वक्ताओं ने राज्य में तीर्थाटन मार्गों के चौड़ीकरण, चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन, ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, महिला सशक्तिकरण, MSME प्रोत्साहन, स्टार्टअप योजनाओं और डिजिटल शासन की दिशा में धामी सरकार की उपलब्धियों की सराहना की।

सम्मेलन का आयोजन मदन मोहन सती, मीडिया समन्वयक मा० मुख्यमंत्री द्वारा किया गया अथवा अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। बंशीधर भगत, विधायक कालाढुंगी क्षेत्र, दीपा दरमवाल, अध्यक्ष, जिला पंचायत नैनीताल, गजराज सिंह बिष्ट, मेयर, हल्द्वानी नगर निगम, अनिल कपूर (डब्बू), अध्यक्ष, मंडी समिति हल्द्वानी, प्रताप सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष, दर्जा राज्य मंत्री शंकर कोरंगा, दर्जा राज्य मंत्री दिनेश आर्य, सहित अनेक गणमान्य अतिथि, वक्ता एवं छात्र-छात्राएँ शामिल थे।

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*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_रविवार, २६ अक्टूबर २०२५_*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:३६, सूर्यास्त: 🌅 ०५:४५
चन्द्रोदय: 🌝 १०:४४, चन्द्रास्त: 🌜२०:३९
अयन 🌘 दक्षिणायणे(दक्षिण गोले)
ऋतु: 🌳 हेमन्त
शक सम्वत:👉१९४७(विश्वावसु)
विक्रम सम्वत:👉२०८२(सिद्धार्थी
मास 👉 कार्तिक, पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पञ्चमी (३०:०४से षष्ठी)
नक्षत्र👉ज्येष्ठा (१०:४६ से मूल)
योग 👉 शोभन (०६:४६ सेअतिगण्ड)
प्रथम करण👉 बव (१६:५८ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव(३०:०४ तक)

॥ गोचर ग्रहा: ॥🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 धनु (१०:४६ से)
मंगल🌟तुला(उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध🌟वृश्चिक (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु🌟कर्क (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 कन्या(उदित, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मीन (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 कुम्भ, केतु 🌟 सिंह
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३८ से १२:२३
अमृत काल 👉 ३०:२० से ०८:०७
सर्वार्थ सिद्धि योग 👉 १०:४६ से ३०:२७
रवि योग 👉 ०६:२६ से १०:४६
विजय मुहूर्त 👉 १३:५२ से १४:३७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:३५ से १८:०१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:३५ से १८:५२
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३५ से २४:२७
राहुकाल 👉 १६:११ से १७:३५
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:०१ से १३:२४
दुर्मुहूर्त 👉 १६:०६ से १६:५०
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (१०:४६ तक)
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्र वास 👉 उत्तर (पूर्व १०:४६ से)
शिववास 👉 कैलाश पर (३०:०४ से नन्दी पर)

︎☄चौघड़िया विचार☄🌺💐✍️
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर, ३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ, ७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत, ३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ, ७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
शुभ यात्रा दिशा🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पूर्व (पान का सेवन कर यात्रा करें)
तिथि विशेष🌺💐✍️🚘
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सौभाग्य-ज्ञान-लाभ-पाण्डव पंचमी, गुरू गोविन्द सिंह पुण्य दिवस, विवाहादि मुहूर्त मेष-तुला ल० (सांय ०५:२७ से अंतरात्रि ०६:३० तक) आदि।
आज जन्मे शिशुओं का नामकरण🫵
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आज १०:५६ तक जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (यू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मूल नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ये, यो, भ, भी) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
उदय-लग्न मुहूर्त🌺✍️💐
तुला – २९:४९ से ०८:१०
वृश्चिक – ०८:१० से १०:२९
धनु – १०:२९ से १२:३३
मकर – १२:३३ से १४:१४
कुम्भ – १४:१४ से १५:४०
मीन – १५:४० से १७:०३
मेष – १७:०३ से १८:३७
वृषभ – १८:३७ से २०:३२
मिथुन – २०:३२ से २२:४७
कर्क – २२:४७ से २५:०९+
सिंह – २५:०९+ से २७:२७+
कन्या – २७:२७+ से २९:४५+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०६:२६ से ०८:१०
शुभ मुहूर्त – ०८:१० से १०:२९
चोर पञ्चक – १०:२९ से १०:४६
शुभ मुहूर्त – १०:४६ से १२:३३
रोग पञ्चक – १२:३३ से १४:१४
शुभ मुहूर्त – १४:१४ से १५:४०
मृत्यु पञ्चक – १५:४० से १७:०३
रोग पञ्चक – १७:०३ से १८:३७
शुभ मुहूर्त – १८:३७ से २०:३२
मृत्यु पञ्चक – २०:३२ से २२:४७
अग्नि पञ्चक – २२:४७ से २५:०९+
शुभ मुहूर्त – २५:०९+ से २७:२७+
रज पञ्चक – २७:२७+ से २९:४५+
शुभ मुहूर्त – २९:४५+ से ३०:०४+
चोर पञ्चक – ३०:०४+ से ३०:२७+

आज का राशिफल🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज दिन के पहले भाग में स्फूर्ति की कमी रहेगी। शरीर मे अकड़न सरदर्द की थोड़ी बहुत समस्या रहेगी लेकिन दिन चढ़ते इनमे सुधार आने लगेगा। धार्मिक भावना भी आज अन्य दिनों की तुलना में अधिक रहेगी लेकिन कार्य व्यस्तता के कारण इनके लिये उपयुक्त समय नही दे पाएंगे फिर भी दिन के खाली समय मे किसी न किसी रूप में आध्यात्म से जुड़े रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी नए काम के आने से अतिरिक्त दौड़ धूप होगी लेकिन इसका कोई विशेष लाभ नही उठा पाएंगे फिर भी दैनिक आय संतोषजनक हो ही जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर सरल व्यक्तित्त्व के कारण सम्मान में वृद्धि होगी लेकिन आपकी धीमी कार्यशैली आलोचना भी कराएगी। घरेलू वातावरण भी आज सुखदायक रहेगा भूमि भवन वाहन सुख उत्तम मिलेगा लेकिन पैतृक मामलो में कल जैसा सहयोग आज नही मिल पाने का दुख भी रहेगा। आज किसी पुराने परिचित से भेंट होने पर काफी समय गप्पे मारेंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज दिन के आरंभिक भाग को छोड़ अन्य समय सेहत संबंधित मामलों में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। बीमारी की थोड़ी सी आशंका होने पर ही तुरंत उपचार ले अन्यथा बाद में बढ़ने से ज्यादा परेशानी देखनी पड़ेगी। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर भाई बंधुओ का प्रभाव ज्यादा रहेगा जिससे स्वयं को निम्नतर आकेंगे मन मे ईर्ष्या की भावना भी रहेगी फिर भी अपने हित साधने के लिये किसी की गलत बातो का भी विरोध नही करेंगे। नौकरी पेशाओ को व्यवसायी वर्ग की तुलना में अधिक संघर्ष करना पड़ेगा दिन भर की भाग दौड़ के बाद भी परिणाम निराश करने वाले ही मिलेंगे। धन की आमद तो कही न कहीं से हो जाएगी लेकिन व्यर्थ के खर्च भी साथ रहने से कम ही लगेगी। पारिवारिक वातावरण में ऊबन अनुभव होगी लेकिन ससुराल पक्ष से आकस्मिक लाभ या शुभ समाचार मिल सकते है। यात्रा में विशेष सावधानी बरते वाहनादि से दुर्घटना का भय है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज दिन के पहले भाग में किसी मनोकामना के पूरा ना होने पर क्रोध से भरे रहेंगे जानबूझकर कार्यो में विलंब या खराब भी कर सकते है। मध्यान के समय स्वभाव में जिद्दीपन भी आने से आस पास के लोगो से बैठे बिठाये झगड़ा मोल लेंगे आज आपकी कोई भी कामना भविष्य के लिये लाभदायक ना रहने से परिजन भी इनको टालने के प्रयास करेंगे लेकिन जिद बहस के बाद अपनी बात मनवा ही लेंगे। कार्य क्षेत्र पर आपका व्यवहार घर की तुलना में एकदम विपरीत रहेगा अपना हित साधने के लिए किसी की झूठी तारीफ करने से भी संकोच नही करेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन शुभ रहेगा धन किसी न किसी मार्ग से आप तक अवश्य पहुचेगा लेकिन भविष्य में इसके गलत कार्यो में लगने की संभावना अधिक है। परिवार के सदस्य आपके व्यवहार के एकदम विपरीत शांत होकर आपकी उल्टी सीधी हरकतों को सह लेंगे जिससे टकराव की आशंका नही रहेगी फिर भी पिता से गरमा गर्मी हो सकती है। सेहत आज थोड़े बहुत शारीरिक दर्द को छोड़ लगभग ठीक ही रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज प्रातःकाल में किसी अनिच्छित प्रसंग अथवा कार्य करने पर मन मे ग्लानि होगी फिर भी पारिवारिक दबाव के चलते करना ही पड़ेगा। मध्यान बाद का समय कार्यो में विजय दिलाने वाला रहेगा। पूर्व में की मेहनत का फल धीरे धीरे मिलने से मन को संतोष होगा। आज कार्य क्षेत्र पर कम समय मे अधिक मुनाफा कमाने के प्रलोभन भी मिलेंगे भविष्य को देखते हुए ये लाभदायक ही रहेंगे फिर भी सतर्कता बरते ठगी के शिकार भी हो सकते है। आज आपके अंदर साहस एवं धैर्य की कमी भी रहेगी जिसके चलते अपने दम पर कोई कार्य करने की हिम्मत नही जुटा पाएंगे फिर भी भागीदार एवं सहयोगियों का मार्गदर्शन सही मिलने से धन लाभ अवश्य होगा इसकी गति भले ही धीमी रहे पर संतुष्ट जरूर करेगी। कुटुम्बीजनो की आपसे कुछ महात्त्वकांक्षाये रहेंगी इनको पूर्ण करने का प्रयास करेंगे फिर भी कुछ न कुछ कमी के कारण विरोध देखना पड़ेगा। घर मे स्त्री वर्ग की सेहत चिन्ता बढ़ाएगी खर्च करने पर भी लाभ कम ही होगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपकी दिनचार्य व्यवस्थित रहेगी। व्यावसायिक एवं पारिवारिक कार्यो में बुद्धिमता का परिचय देंगे जिससे गलती होने की संभावना बहुत कम रहेगी। आज कुटुम्बीजन इच्छा पूर्ति के लिये ही मीठा व्यवहार करेंगे। कार्य क्षेत्र और घर मे तालमेल बैठाने में थोड़ी दिक्कत जरूर आएगी घर परिवार का वातावरण प्रतिकूल रहने पर भी मानसिक रूप से विचलित नही होंगे। किसी विषय को लेकर माता पिता के विरोध का सामना करना पडेगा फिर भी कुछ ही देर में जटिल समस्या का समाधान कर प्रशंसा के पात्र बनेंगे। कार्य व्यवसाय में भी आज जोखिम लेने से बचेंगे यह निर्णय आज आपके लिये ठीक ही रहेगा। बाजार का हाल सुस्त रहने के कारण धन फंस सकता है दैनिक उपभोग की वस्तुओ को छोड़ अन्य सभी मे निवेश हानि कराएगा। सुखोपभोग की चाहत आज भी अधिक रहेगी लेकिन इसके लिये बेचैन नही होंगे। भाई बंधु अथवा नौकरों के हाथ हानि होने की संभावना है। त्वचा अथवा गर्दन के ऊपरी भाग में समस्या बन सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज प्रातः काल जल्द ही अपने आवश्यक कार्य पूर्ण करने का प्रयास करे इसके बाद परिस्थिति प्रतिकूल होने लगेगी जो काम आसानी से बन रहे थे वही बाद में खुशामद के बाद भी बनाने में परेशानी आएगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर आज भी आपकी छवि गरिमामय रहेगी लेकिन घर मे कोई नए पुराने विवाद के बढ़ने से मानसिक रूप से विचलित हो सकते है इसका प्रभाव कार्य क्षेत्र पर भी देखने को मिलेगा। उखड़े मन से कार्य करने पर आस पास को लोगो को असहजता होगी। आज स्वयं के व्यवसाय की जगह शेयर सट्टे अथवा पैतृक व्यवसाय से लाभ की सम्भवना अधिक है लेकिन होगा कामचलाऊ ही। पूर्व में किसी सुखोपभोग के लिये अमर्यादित आचरण अथवा अन्य गलत कार्य को लेकर दंडित भी हो सकते है। घर एवं कार्य क्षेत्र के अधिकार आपके पास रहने के बाद भी आपकी चलेगी नही। व्यसन से दूरी रखे सेहत संबंधित समस्या अकस्मात हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज दिन के आरम्भ में आपका स्वभाव उदासीन रहेगा। व्यवहार मे भी रूखापन रहने के कारण दाम्पत्य जीवन मे खटास आएगी बाद में पछताना ना पड़े इसका ध्यान रख दिन का आरंभिक भाग धैर्य से बिताए। मध्यान के समय व्यवसाय अथवा अन्य रोजगार संबंधित कार्य से शुभ समाचार मिलने पर दिमाग ठंडा होगा। किसी नई योजना अथवा पुराना अटका धन अकस्मात मिलने की संभावना है। पिता अथवा घर के वरिष्ठ व्यक्ति का स्वभाव थोड़ा जिद्दी अवश्य रहेगा लेकिन आपको आज इनसे किसी न किसी रूप में लाभ ही मिलने वाला है। पूर्व में बनाये सामाजिक व्यवहार आवश्यकता के समय काम आएंगे लेकिन आपका संकोची स्वभाव मदद में देरी कर सकता है। आज मन की बात निसंकोच होकर कहे। पति पत्नी के बीच घर के किसी सदस्य को लेकर असंतोष दिखेगा फिर भी मामला गंभीर होने से पहले ही शांत हो जाएगा। मूत्राशय स्थान में कोई लंबा रोग होने की संभावना है रक्त एवं कफ संबंधित समस्या भी हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप स्वयं को नियंत्रित कर परिस्थिति अनुसार ढालने का प्रयास करेंगे लेकिन अन्य लोगों से स्वयं की तुलना करने पर मन हीन भावना से ग्रस्त होगा। स्वभाव में अहम की भावना अधिक रहेगी अपनी बात को ऊपर रख किसी की नही चलने देंगे। कार्य व्यवसाय में भी मनमर्जी चलाएंगे कुछ गड़बड़ होने पर आरोप किसी अन्य के सर मढ़ने का प्रयास करेंगे जिससे वातावरण खराब हो सकता है। अन्य लोगो को स्वयं से नगण्य आंकने पर बिना बात शत्रु वृद्धि होगी साथ मे काम निकालने में भी परेशानी आएगी आज धन लाभ पाने के लिये किसी की कटु बाते सुन्नी भी पड़े तो सुनले अन्यथा लाभ को भूल ही जाए। घरेलू वातावरण में गलत फहमियों को जगह ना दे नही तो किसी न किसी की विरोधी प्रतिक्रिया सहने के लिये तैयार रहें। संध्या का समय दिन की तुलना में शांत रहेगा कुछ हांसिल ना होने पर मन मारकर रह जाएंगे गलतियों का आंकलन कर स्वभाव में भी नरमी लाएंगे। शरीर के गुप्त अंगों में समस्या हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिये बीते कुछ दिनों की तुलना में सुधार वाला रहेगा दिन के आरंभिक भाग में धन एवं कुटुम्ब संबंधित उलझनों के कारण आक्रोश में रहेंगे हो सके तो मध्यान तक विवाद से बचने का प्रयास करें किसी परिजन की गलती को पकड़ कर ना बैठे अन्यथा मानसिक संतुलन खराब होने पर दिन का उचित लाभ उठाने से वंचित रह सकते है। नौकरी कारोबार में आज भी विविध अड़चनों का सामना करना पड़ेगा लेकिन आज कोई पूर्व में सोची योजना के सफल होने से भविष्य में लाभ के मार्ग खुलने से राहत मिलेगी। स्वयंजन के सहयोग एवं अपनी बुद्धि विवेक से सरकारी कार्यो में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे सरकारी कर्मचारियों से काम निकालना आसान रहेगा आज लोन अथवा अन्य आर्थिक कार्यो में ढील ना दें अन्यथा बाद में इसका मलाल रहेगा। आज धन की आमद आशा से कम लेकिन भविष्य में होने के मार्ग खुलेंगे। घर मे किसी के व्यर्थ खर्च करने अथवा अनैतिक आचरण को लेकर कहासुनी हो सकती है। परिजन की सेहत को लेकर अतिरिक्त दौड़धूप हो सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन के पूर्वार्ध भाग में सुख शांति यथावत बनी रहेगी लेकिन मध्यान से पहले कोई अशुभ समाचार मिलने से मानसिक बेचैनी बढ़ेगी। आप जिस कार्य को लेकर कई दिन से उम्मीद लगा रहे थे उसके अकस्मात निरस्त होने या आगे बढ़ने से मन मे नकारत्मक भाव आएंगे। दिनचार्य आज व्यवस्थित नही रहेगी जो काम पहले सोचकर बैठे है उसमें बदलाव के चलते अनावश्यक कार्य पहले करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर भी व्यवसाय मन मुताबिक नही रहेगा जहां से धन मिलने की संभावना थी वहां से निराशा मिलने के कारण कई कार्य अधूरे रह सकते है। दिमाग मे धन प्राप्ति को लेकर उटपटांग युक्तियां लगाएंगे फिर भी आमद आज अत्यंत अल्प ही रहेगी। परिवार कुटुम्ब से आर्थिक सहायता मिलने से थोड़ा सब्र आएगा। निवेश भूल कर भी ना करें। परिवार का वातावरण कुछ समय के लिये गमगीन बनेगा। सेहत संबंधित समस्या अकस्मात बनने से ज्यादा परेशानी होगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिये सार्वजनिक क्षेत्र और सामाजिक कार्यो के लिये शुभ रहेगा लेकिन घरेलू मामलों में कुछ न कुछ खटपट लगी रहेगी। दिन के आरम्भ में पूर्वनियोजित कार्यो से लाभ होने के आसार बनेंगे लेकिन टलते टलते मध्यान तक ही हो पायेगा पर जितनी लाभ की संभावना रहेगी उससे कम ही मिल मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर आज वातावरण सहयोगी नही रहेगा सहकर्मी आराम तलबी के कारण आवश्यक कार्यो में भी लापरवाही करेंगे जिससे क्रोध तो आएगा पर स्थिति को भांप शांत ही रहेंगे। घरेलू वातावरण आज समझ से परे रहेगा किसी के हित में बात करना भी परिजन को बुरा लगेगा। पति पत्नी के आपसी विचारों को छोड़ आज घर मे किसी से विचार मेल नही खाएंगे। भाई बंधु भी शत्रु जैसा व्यवहार कर मन को आहत करेंगे किसी के व्यक्तिगत मामले में ना पड़े अन्यथा आत्मसम्मान को ठेस पहुच सकती है। पेट मे गैस कब्ज की परेशानी हो सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
बीते दिनों की तुलना में आज का दिन राहत वाला रहेगा आज भी दिन के आरम्भ में पारिवारिक एवं व्यावसायिक चिंताये रहेंगी लेकिन मध्यान आते आते अनुकूल वातावरण बनने से आपकी मानसिकता एकदम विपरीत हो जाएगी। लेकिन आज मानसिक रूप से चंचलता अधिक रहेगी अनुभव होने के बाद भी हड़बड़ी में कार्य करने पर सफलता संदिग्ध बनेगी। कार्य क्षेत्र पर सहयोग भी आसानी से मिल जाएगा घर के सदस्य भी व्यावसायिक कार्यो में हाथ बटाएंगे लेकिन विचारों में मेल ना खाने पर थोड़ी बहुत बहस हो सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र पर उच्च प्रतिष्ठित लोगो से मेल जोल होने पर आपकी पहचान भी ऐसी ही बनेगी चाहे इसका कोई व्यक्तिगत लाभ ना मिल पाए। अनुभव के आधार पर जरूरत के अनुसार आय बना लेंगे। घरेलू मामलो में आज स्त्री संतान पक्ष की ही अधिक चलेगी। पेट एवं गले संबंधित थोड़ी बहुत समस्या रह सकती है। 

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*🕉️🌞लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा*
*🕉️🌞25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2025*

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*​🕉️🌞छठ पूजा केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह लोक आस्था, शुद्धि, और प्रकृति के प्रति समर्पण का एक महापर्व है। यह भारतीय संस्कृति की अनूठी पहचान है, जो सादगी, पवित्रता और सामाजिक सद्भाव का संदेश देती है।*

*🕉️🌞​छठ पर्व का केंद्र बिंदु सूर्य देव हैं, जिन्हें प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। सूर्य ऊर्जा, स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के प्रतीक हैं। इस पूजा के माध्यम से व्रती सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिनकी कृपा से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। इसके साथ ही, छठी मैया की पूजा भी की जाती है, जिन्हें ब्रह्मा जी की मानस पुत्री या प्रकृति का छठा अंश माना जाता है।*

*🕉️🌞मान्यता है कि छठी मैया संतान की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं। यही कारण है कि यह व्रत संतान प्राप्ति और उनकी मंगल कामना के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।*

*​🕉️🌞इस पर्व की सबसे खास बात इसकी सादगी और पवित्रता है। पूजा में उपयोग होने वाली वस्तुएँ, प्रसाद और अनुष्ठान अत्यधिक पवित्रता और स्वच्छता के साथ किए जाते हैं। प्रसाद मुख्य रूप से गेहूँ, चावल और गुड़ से बनाया जाता है, जिसमें सबसे प्रमुख ठेकुआ है। यह पर्व दिखावे से दूर, प्रकृति के नजदीक, नदी या जल स्रोतों के किनारे मनाया जाता है। व्रती 36 घंटों का निर्जला व्रत रखकर शारीरिक और मानसिक शुद्धि की पराकाष्ठा प्रदर्शित करते हैं।*

*​🕉️🌞छठ पूजा का सबसे गहरा दार्शनिक महत्व इसके संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य में निहित है। डूबते सूर्य को अर्घ्य देना इस बात का प्रतीक है कि हर उदय का एक अस्त निश्चित है; जीवन चक्र में हर गिरावट के बाद पुनः उत्थान होता है। यह हमें जीवन के कठिन समय में भी धैर्य और आशा रखने की शिक्षा देता है। वहीं, उगते सूर्य को अर्घ्य देना एक नई शुरुआत, आशा और ऊर्जा के नव संचार का प्रतीक है। यह कर्म और अनुशासन की भावना को भी दर्शाता है।*

*​🕉️🌞छठ पर्व सामाजिक समरसता और सामुदायिक एकता को भी मजबूत करता है। इस दौरान जात-पात का भेद मिट जाता है। सभी व्रती और श्रद्धालु एक ही घाट पर एक साथ पूजा करते हैं, प्रसाद बाँटते हैं और छठी मैया के लोकगीत गाते हैं। नदी के घाटों की साफ-सफाई और सजावट में पूरा समुदाय मिलकर योगदान करता है, जो सामुदायिक जिम्मेदारी का अद्भुत उदाहरण है।**🕉️🌞छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक जीवन शैली है जो हमें प्रकृति से जुड़ना, स्वच्छता अपनाना, कठिन परिश्रम करना और सभी जीवों के प्रति दयालु होना सिखाती है। यह पर्व हमारे प्राचीन मूल्यों, वैज्ञानिक तथ्यों (जैसे सूर्य से प्राप्त विटामिन-डी का महत्व) और सांस्कृतिक जड़ों को मजबूती से थामे हुए है। यह वास्तव में लोक आस्था का महापर्व है जो हर वर्ष नई ऊर्जा, आशा और स्वास्थ्य का आशीर्वाद लेकर आता है।*

*🕉️🌞छठ पर्व तिथि वार पर्व/अनुष्ठान 2025:*

*🕉️🌞1. पहला दिन 25 अक्टूबर 2025 शनिवार नहाय-खाय*

*🌞🕉️सूर्योदय 06:28 सुबह*

*🌞🕉️सूर्योस्त 05:42 सांयकाल*

*🕉️🌞2. दूसरा दिन 26 अक्टूबर 2025 रविवार लोहंडा और खरना*

*🌞सूर्योदय 06:29 सुबह*

*🌞सूर्योस्त 05:41 सांयकाल*

*🕉️🌞3. तीसरा दिन 27 अक्टूबर 2025 सोमवार षष्ठी – संध्या अर्घ्य*

*🌞सूर्योदय 06:30 सुबह*

*🌞सूर्योस्त 05:40 शाम*

 

*🕉️🌞4. चौथा दिन 28 अक्टूबर 2025 मंगलवार सप्तमी – उषा अर्घ्य और पारण*

 

*🌞सूर्योदय 06:30 सुबह*

*🌞सूर्योस्त 05:39 शाम को समापन होगा।*

*🕉️🌞कुल मिलाकर, छठ पूजा का पर्व 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2025 तक यानी चार दिनों तक मनाया जाएगा।*

🕉️🌞🕉️🌞🕉️🌞🕉️🌞🕉️🌞

छठ पूजा में आम की लकड़ी जलाकर ही खरना प्रसाद क्यों बनाते हैं? जानिए इसका महत्व

छठ पूजा, सूर्यदेव और छठी मैया की भक्ति का अनुपम पर्व, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में विशेष उत्साह से मनाया जाता है। यह चार दिवसीय महापर्व नहाय-खाय से शुरू होकर उदय अर्घ्य तक चलता है। दूसरा दिन ‘खरना’ या ‘लोहंडा’ का है, जहां व्रती गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद बनाते हैं। लेकिन खास बात यह है कि प्रसाद मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर ही बनाया जाता है। खरना प्रसाद बनाने के लिए अन्य लकड़ी का उपयोग वर्जित है। आइए, इस परंपरा के पीछे छिपे महत्व और वैज्ञानिक कारण को समझें।

खरना प्रसाद बनाने की परंपरा

खरना पर व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं। शाम को मिट्टी का नया चूल्हा तैयार किया जाता है, जिसमें पहले कभी कोई भोजन ना पकाया गया हो। चूल्हे को जलाने के लिए आम की सूखी लकड़ी का उपयोग होता है। गुड़, चावल, दूध और घी से बनी खीर पीतल या मिट्टी के बर्तन में पकाई जाती है। इसके साथ गेहूं की पूड़ी या रोटी भी बनाई जाती है। सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रती प्रसाद को ग्रहण करते हैं।

आम की लकड़ी का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, आम की लकड़ी शुद्ध और सात्विक है। छठी मैया को आम का पेड़ प्रिय है, जो समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक है। आम की लकड़ी जलाने से प्रसाद में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जो व्रत के पुण्य को बढ़ाती है। पुरानी परंपरा कहती है कि अन्य लकड़ी (जैसे पीपल या बरगद) का धुआं अशुद्ध होता है, जो मैया को अप्रसन्न कर सकता है। आम की लकड़ी से निकलने वाला धुआं वातावरण को शुद्ध करता है और घर में छठी मैया का आगमन सुनिश्चित करता है। 

खरना का महत्व – खरना छठ का दूसरा चरण है, जो 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत करता है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती अन्न-जल त्याग देते हैं। मान्यता है कि खरना पर बनी खीर मैया का आशीर्वाद है, जो संतान सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि देती है। परिवार के सदस्यों को प्रसाद बांटने से घर में एकता और सुख आता है। 2025 में 25 अक्टूबर को नहाय-खाय, 26 अक्टूबर को खरना, 27 अक्टूबर का संध्या अर्घ्य और 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य है।

छठ पूजा में आम की लकड़ी से खरना प्रसाद बनाना शुद्धता, स्वास्थ्य और आस्था का प्रतीक है। यह परंपरा सदियों पुरानी है, जो प्रकृति संरक्षण को भी सिखाती है।

 लाभ पंचमी आज

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लाभ पंचमी के दिन व्यवसाय से जुड़े लोग मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से बहीखातों और लेखा-जोखा आदि की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से साधक के सौभाग्य में वृद्धि होती है और उसे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। इतना ही नहीं, दिन को किसी नए काम की शुरुआत के लिए शुभ माना गया है।

लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त

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कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 26 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त 3 बजकर 48 मिटन पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 27 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 4 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस बार लाभ पंचमी रविवार, 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त – सुबह 6 बजकर 29 मिनट से सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक

लाभ पंचमी का महत्व=======

लाभ पंचमी का पर्व दीपावली के पांचवें पड़ता है। यह तिथि व्यवसायी लोगों के लिए खास महत्व रखती है। नई दुकान, व्यवसाय या फैक्ट्री शुरु करने के लिए इस दिन को अत्यंत शुभ माना गया है। इसी के साथ लाभ पंचमी पर नए खाता-बही का शुभारंभ करना भी काफी शुभ माना गया है।

इस दिन नए बहीखातों पर शुभ-लाभ और स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर उनका उद्घाटन भी किया जाता है। कई साधक इस दिन पर व्रत भी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे आगामी वर्ष में व्यापार में वृद्धि के योग बनते हैं। साथ ही लाभ पंचमी की पूजा से व्यापार में उन्नति, सौभाग्य, परिवार में सुख-शांति और सभी प्रकार के कष्टों के निवारण होता है।

लाभ पंचमी की पूजा विधि

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लाभ पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पूजा स्थल पर भगवान गणेश, शिव जी और देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। गणेश जी को चंदन, सिंदूर, फूल और दूर्वा आदि अर्पित करें। भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरे के फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें। लक्ष्मी जी की पूजा में हलवा और पूड़ी का भोग लगाएं और समृद्धि व सफलता की प्रार्थना करें। अंत में आरती करें और सभी लोगों में पूजा का प्रसाद बांटें।

धन और सौभाग्य का दिन है लाभ पंचमी

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लाभ पंचमी का नाम ‘लाभ’ यानी आर्थिक और भौतिक फायदा और ‘पंचमी’ यानी पांचवीं तिथि से मिलकर बना है। यह पर्व दीपावली उत्सव का समापन करता है और समृद्धि, सौभाग्य और ज्ञान की प्राप्ति का प्रतीक है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा से जीवन में आर्थिक स्थिरता, बाधा-मुक्ति और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

इस श्लोक (‘लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः।’) के मुताबिक जिनके हृदय में भगवान निवास करते हैं, उन्हें सदा लाभ और विजय प्राप्त होती है। गुजरात में लाभ पंचमी को गुजराती नववर्ष का पहला कार्यदिवस माना जाता है। इस दिन दीपावली के बाद बंद दुकानें और व्यवसाय दोबारा खोले जाते हैं। व्यापारी खाता-बही पर ‘श्री’, ‘स्वास्तिक’ और ‘ॐ’ अंकित कर पूजन करते हैं, ताकि वर्ष भर लाभ और समृद्धि बनी रहे।

पिता की ओर से 7 पीढ़ी और माता की तरफ से 5 पीढ़ी छोड़ कर विवाह करने का वैज्ञानिक विधान है।_मूल्यवान हिंदू परंपराएँ !_

*गुणसूत्र, जीन और संबंध*

1. पति और पत्नी – पहली पीढ़ी
2. बच्चे (भाई-बहन) – दूसरी पीढ़ी – वे माता-पिता से 50%-50% गुणसूत्र लेते हैं, इसलिए 50% जीन साझा करते हैं
3. तीसरी पीढ़ी – पोते-पोतियों में दादा-दादी (पहली पीढ़ी) के 25% जीन साझा होते हैं
4. चौथी पीढ़ी में 12.5% जीन साझा होते हैं
5. पाँचवीं पीढ़ी में 6.25% जीन साझा होते हैं
6. छठी पीढ़ी में 3.125% जीन साझा होते हैं
7. सातवीं पीढ़ी में 1.56% जीन साझा होते हैं
8. आठवीं पीढ़ी में पहली पीढ़ी के <1% जीन साझा होते हैं

हिंदू परंपरा के अनुसार, मूल (पहली पीढ़ी) से शुरू करके पारिवारिक संबंध (चचेरे भाई/भतीजावाद) सातवीं पीढ़ी तक गिने जाते हैं। इसलिए परिवार में विवाह को सातवीं पीढ़ी तक प्रोत्साहित नहीं किया जाता है क्योंकि बच्चों में जन्मजात बीमारी होने की संभावना होती है (गैर-प्रभावी जीन के प्रभावी होने के कारण)

आठवीं पीढ़ी से इसे परिवार (भाऊबंदकी) नहीं माना जाता है *और इसीलिए पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों (सात जन्म) का माना जाता है*

तीन पीढ़ियों को सपिण्ड (शाब्दिक अर्थ एक ही चावल के पिंड से – ऐसा इसलिए है क्योंकि चावल का एक पिंड तीन निकटतम पूर्वजों को चढ़ाया जाता है) कहा जाता है और चौथी से सातवीं तक वे सपिण्ड नहीं बल्कि भाऊबंदकी कहलाते हैं। (हममें से कुछ लोगों को याद होगा कि पंडित हमें कुछ पूजा करते समय पिछली तीन पीढ़ियों के नाम लेने के लिए कहते हैं)

सात पीढ़ियों के बाद रिश्ता परिवार का नहीं बल्कि एक ही वंश (गोत्र) का माना जाता है

ऊपर दी गई जानकारी कुछ ऐसी परंपराओं के पीछे के तर्क को समझने में मदद करती है जो बहुत आम हैं लेकिन शायद ही कभी समझी जाती हैं।

हमें अपनी पारंपरिक मान्यताओं और तर्क के बारे में पता होना चाहिए।