झारखंड में करीब एक करोड़ आदिवासियों का हो चुका धर्मांतरण¡

एक आंकड़े के मुताबिक झारखंड में करीब एक करोड़ आदिवासियों का धर्मान्तरण कर चुका है चर्च, चर्च ने आदिवासियों से उनकी संस्कृति से छुड़ा कर उन्हें क्रॉस और बाइबल थमा दी है, सूत्रों के अनुसार चर्च ने सेकड़ों NGO के माध्यम से इस षड्यंत्र को अंजाम देते हैं, बीजेपी ने झारखंड में इन्हीं NGO की गर्दन मरोड़ दी थी, ऐसे सभी NGO के लाइसेंस रद्द कर उनकी गहन जांचे शुरू कर दी थी। इधर संघ और अन्य संगठनों ने मिलकर अनेक गाँवों की घर वापसी शुरु भी कर दी थी। इसीलिए इस चुनाव में इस्लामिक संगठनों और इसाई संगठनों ने बीजेपी के विरूद्ध अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। क्योंकि बीजेपी उसके रास्ते का बहुत बड़ा रोड़ा बनी हुई थी। इसके लिए चर्च ने अपने लाखों धर्मान्तरित लोगों को गांव गांव जाकर बीजेपी के विरोध में वोट करने का केम्पेन चलाया, एक तरफ चर्च के दूसरी तरफ मदरसों के फतवे तीसरी तरफ सेकुलर और नक्शल बामपंथियों का षडयंत्र कुल मिलाकर चारों तरफ से जाल बिछाया गया था झारखंड से बीजेपी को हटाने के लिए। चिंतन इस बात पर होना चाहिए कि हिन्दू भी इन षडयंत्र कारियों के दांव को समझ नहीं पाया और व्यक्तिगत स्वार्थ टिकिट वितरण स्थानीय मुद्दों को लेकर वो भी उसी काम मे लग गया जो प्लांनिग चर्च, इस्लामिक ऐजेन्डे, नक्सली समर्थकों की थी। अगले पांच सालों में चर्च झारखण्ड में नंगा नाच कर सकते हैं, घर वापसी छोड़ो समझा जा रहा है कि अब सरकारी संसाधनों से ही धर्मांतरण होगा एक करोड़ का ये आंकड़ा आने वाले पांच वर्षों में कहा तक जाता है ये समय बताएगा, नकशलियों का कहर भी जारी रहेगा।

झारखण्ड में भाजपा की सत्ता जाते ही नक्सलवाद अपना तांडव मचाने लगे,
माइंस में लगे करोड़ों की मशीनों को फूंका।

जो भी हो चूक बहुत बड़ी कर दी है झारखंड ने। (साभार)