सतयुग में स्वयंभभुव मनु महाराज के समय ना आज की जैसे देश थे ना वर्ण एवं उप जातियां थी ना आज के जैसे राजनीति दल थे ना जैन थे ना बौद्ध थे ना ईसाई थे ना इस्लाम था और नहीं इस धरा धाम के लिए कोई विधि विधान था तब उस युग में इस धरा धाम की व्यवस्थाओं के के संचालन के लिए प्राकृतिक संरक्षण के अनुरूप कुछ विधि विधान अस्तित्व में आये जिसे मनुस्मृति कहा गया।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की वेद और स्मृतियों में जो उल्लिखित है वह सदैव वर्तमान रहता है क्यों कि वह सार्वभौमिक सार्वकालिक ऋषिमुनियों का विज्ञान सम्मत अनुसंधान है जो केवल धराधाम ही नहीं अपितु समूचे ब्रह्मांड के कल्याण के लिए है।
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- इसका अर्थ है, समस्त आकाश में और अंतरिक्ष में शांति हो.
- इस मंत्र में यह प्रार्थना की गई है कि पृथ्वी, जल, औषध, वनस्पति, विश्व, देवतागण, ब्रह्म, और सभी जगह शांति हो.
- यह मंत्र यजुर्वेद में मिलता है मनुस्मृति में भी इसका आख्यान है।
- इसका अर्थ है, समस्त आकाश में और अंतरिक्ष में शांति हो.
- इस मंत्र का उच्चारण करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
- इस मंत्र का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और शांति बनी रहती है.
- इस मंत्र का जाप पूजा या यज्ञ से पहले या बाद में किया जा सकता है.
- विशेषज्ञों के मुताबिक, सुबह के समय शांति मंत्र का जाप करना चाहिए.
- इस मंत्र का जाप करने से मन शांत रहता है और नकारात्मकता दूर होती है.
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‼️ 🕉️ ‼️🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
📜««« *आज का पञ्चांग* »»»📜
कलियुगाब्द……………………5126
विक्रम संवत्…………………..2081
शक संवत्………………………1946
रवि…………………………दक्षिणायन
मास…………………………………पौष
पक्ष……………………………….शुक्ल
तिथी………………………….प्रतिपदा
रात्रि 03.20 पर्यंत पश्चात द्वितीया
सूर्योदय…….प्रातः 07.07.00 पर
सूर्यास्त……..संध्या 05.53.18 पर
सूर्य राशि………………………….धनु
चन्द्र राशि…………………………धनु
गुरु राशि………………………..वृषभ
नक्षत्र……………………….पूर्वाषाढ़ा
रात्रि 11.53 पर्यंत पश्चात उत्तराषाढ़ा
योग………………………………..ध्रुव
संध्या 06.52 पर्यंत पश्चात व्याघात
करण………………………..किस्तुघं
दोप 03.39 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु………………….(सहस्य) हेमंत
*दिन…………………….मंगलवार*
*🇮🇳 राष्ट्रीय सौर पौष, दिनांक १०*
*शके १९४६ ( सहस्य मास ) !*
*🇬🇧 आंग्ल मतानुसार दिनांक*
*३१ दिसम्बर सन् २०२४ ईस्वी !*
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.48 से 12.30 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
दोप 02.44 से 04.02 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*धनु* 06:02:17 08:08:00
*मकर* 08:08:00 09:54:58
*कुम्भ* 09:54:58 11:28:32
*मीन* 11:28:32 12:59:45
*मेष* 12:59:45 14:40:29
*वृषभ* 14:40:29 16:39:09
*मिथुन* 16:39:09 18:52:51
*कर्क* 18:52:51 21:09:01
*सिंह* 21:09:01 23:20:50
*कन्या* 23:20:50 25:31:29
*तुला* 25:31:29 27:46:07
*वृश्चिक* 27:46:07 30:02:17
🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक………………..4
🔯 शुभ रंग………………..लाल
✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 09.33 से 10.51 तक चंचल
प्रात: 10.51 से 12.08 तक लाभ
दोप. 12.08 से 01.26 तक अमृत
दोप. 02.43 से 04.01 तक शुभ
रात्रि 07.01 से 08.43 तक लाभ ।
📿 *आज का मंत्र* :-
॥ ॐ आंजनेय नमः॥
📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (एकादशोऽध्यायः – विश्वरूपदर्शनयोग:) -*
न तु मां शक्यसे द्रष्टुमनेनैव स्वचक्षुषा ।
दिव्यं ददामि ते चक्षुः पश्य मे योगमैश्वरम् ॥११- ८॥
अर्थात :
परन्तु मुझको तू इन अपने प्राकृत नेत्रों द्वारा देखने में निःसंदेह समर्थ नहीं है, इसी से मैं तुझे दिव्य अर्थात अलौकिक चक्षु देता हूँ, इससे तू मेरी ईश्वरीय योग शक्ति को देख॥8॥
🍃 *आरोग्यं :*-
*नीम की पत्तियां :-*
1. नीम की पत्तियों को चबाकर खाने से शरीर में मौजूद रक्त शुद्ध हो जाता है।
2.नीम की दातुन करने से दांत मजबूत होने के साथ-साथ दांतों में चमक आ जाती है और मसूढ़े में भी सूजन नहीं होती।
3.नीम की वल्कल का लेप किसी भी घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है।
4.नीम की पत्तियों को पानी में उबाल उस पानी से नहाने से त्वचा संबंधी रोगों से निजात मिलती है।
5.नीम से तैयार तेल की मालिश करना भी लाभकारी होता है।
. ⚜ *आज का राशिफल* ⚜
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
आज रोजगार में अच्छी वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य हो जाने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद से बचें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज रोजगार में अच्छी वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य हो जाने से प्रसन्नता रहेगी। निवेश लाभदायक रहेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद से बचें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
धन के बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लंबी यात्रा हो सकती है। लाभ होगा। नए अनुबंध हो सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। रुके कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रशंसा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रमाद न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य कर पाएंगे। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। कार्य पूर्ण होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जोखिम न लें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
तीर्थदर्शन हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण व लाभदायक रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। शेयर मार्केट में जोखिम न लें। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें।
💁♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
शत्रुओं का पराभव होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। कोई बड़ा कार्य करने की योजना बन सकती है। कार्यसिद्धि होगी। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए सुनहरा मौका साबित हो सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार में वृद्धि के योग हैं। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। धन के संबंध में मित्रों की सहायता कर पाएंगे।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
मेहनत का फल पूरा नहीं मिलेगा। स्वास्थ्य खराब हो सकता है। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पारिवारिक मांगलिक कार्य हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।
🏹 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
व्यापार में लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। दूर से शोक संदेश मिल सकता है। बाहरी विवाद को बढ़ावा न दें। किसी के उकसाने में न आएं। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
*राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
मेहनत सफल रहेगी। बिगड़े काम बनेंगे। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने के अवसर मिलेंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धनार्जन होगा।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
आज पुराने साथी व रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। बाहरी क्षेत्र में नए मित्र बनेंगे। व्यापार में अच्छी खबर मिलेगी। घर में प्रसन्नता रहेगी। कार्यों में गति आएगी। विवेक का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। मित्रों के सहयोग से किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी।
☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या ०७.०० बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें !*
*☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ☯*
. *‼️🕉️ हं हनुमते नमः‼️*
. *‼️ शुभम भवतु ‼️*
. *‼️ जयतु भारती ‼️*
. 🚩🇮🇳‼️ *भारत माता की जय* ‼️🇮🇳🚩
#सरदार_पटेलजी की जब मृत्यु हुई तो एक घंटे बाद तत्कालीन-प्रधानमंत्री जवाहरलाल-नेहरूआ ने एक घोषणा की।
– घोषणा के तुरन्त बाद उसी दिन एक आदेश जारी किया गया, उस आदेश के दो बिन्दु थे। पहला यह था, की सरदार-पटेल को दी गयी सरकारी-कार उसी वक्त वापिस लिया जाय और दूसरा बिन्दु था की गृह मंत्रालय के वे सचिव/अधिकारी जो सरदार-पटेल के अन्तिम संस्कार में बम्बई जाना चाहते हैं, वो अपने खर्चे पर जायें।
लेकिन तत्कालीन गृह सचिव वी.पी मेनन ने प्रधानमंत्री नेहरु के इस पत्र का जिक्र ही अपनी अकस्मात बुलाई बैठक में नहीं किया और सभी अधिकारियों को बिना बताये अपने खर्चे पर बम्बई भेज दिया।
उसके बाद नेहरु ने कैबिनेट की तरफ से तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेन्द्र प्रसाद को सलाह भेजवाया की वे सरदार-पटेल के अंतिम-संस्कार में भाग न लें। लेकिन राजेंद्र-प्रसाद ने कैबिनेट की सलाह को दरकिनार करते हुए अंतिम-संस्कार में जाने का निर्णय लिया। लेकिन जब यह बात नेहरु को पता चली तो उन्होंने वहां पर सी. राजगोपालाचारी को भी भेज दिया और सरकारी स्मारक पत्र पढने के लिये राष्ट्रपति के बजाय उनको पत्र सौप दिया।
इसके बाद कांग्रेस के अन्दर यह मांग उठी की इतने बङे नेता के याद में सरकार को कुछ करना चाहिए और उनका ‘स्मारक’ बनना चाहिए तो नेहरु ने पहले तो विरोध किया फिर बाद में कुछ करने की हामी भरी।
कुछ दिनों बाद नेहरु ने कहा की सरदार-पटेल किसानों के नेता थे, इसलिये सरदार-पटेल जैसे महान और दिग्गज नेता के नाम पर हम गावों में कुआँ खोदेंगे। यह योजना कब शुरु हुई और कब बन्द हो गयी किसी को पता भी नहीं चल पाया।
उसके बाद कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव में नेहरु के खिलाफ सरदार-पटेल के नाम को रखने वाले पुराने और दिग्गज कांग्रेसी नेता पुरुषोत्तम दास टंडन को पार्टी से बाहर कर दिया।
ये सब बाते बरबस ही याद दिलानी पङती हैं जब कांग्रेसियों को सरदार-पटेल का नाम जपते देखता हूं.. “कांग्रेस ईस्ट इंडिया कंपनी” जो हिंदु के साथ हिंदी और हिंदु-संस्कृति को समाप्त करने का काम ७० वर्षों से गुपचुप तरीके से कर रही है।