आज का पंचाग आपका राशि फल, रक्षाबंधन के पर्व पर सर्वोत्तम राखी रोली और मौलि है पकवान और मिष्ठान भी घर में बनायें अपनी संस्कृति और अपनों के लिए समय निकालें

‌༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻​​श्री हरिहरौ**विजयतेतराम**सुप्रभातम*

           *आज का पञ्चाङ्ग*

   *_सोमवार, १९ अगस्त २०२४_*

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सूर्योदय: 🌄 ०५:५६, सूर्यास्त: 🌅 ०६:५३

चन्द्रोदय: 🌝 १८:५४, चन्द्रास्त: 🌜❌❌❌

अयन 🌖 दक्षिणायणे(उत्तरगोलीय)

ऋतु: ⛈️ वर्षा शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)

विक्रम सम्वत: 👉२०८१ (काल)

मास 👉 श्रावण, पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉 पूर्णिमा (२३:५५ से प्रतिपदा)

नक्षत्र 👉 श्रवण (०८:१० से, धनिष्ठा)

योग 👉 शोभन (२४:४७ से अतिगण्ड)

प्रथम करण👉विष्टि(१३:३२तक

द्वितीय करण👉बव(२३:५५तक

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 सिंह, चंद्र 🌟 कुम्भ (१८:५६ से)

मंगल 🌟 वृष (उदित, पूर्व, मार्गी)

बुध 🌟 सिंह(अस्त,पश्चिम,वक्री)

गुरु 🌟 वृष(अस्त,पश्चिम,मार्गी)

शुक्र 🌟 सिंह (अस्त, पूर्व, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या  

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५४ से १२:४६

अमृत काल 👉 २०:२४ से २१:५०

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:४६ से ०८:१०

रवि योग 👉 ०५:४६ से ०८:१०

विजय मुहूर्त 👉 १४:३१ से १५:२४

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:५४ से १९:१६

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:५४ से १९:५९

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५९ से २४:४२

राहुकाल 👉 ०७:२५ से ०९:०३

राहु वास 👉 उत्तर-पश्चिम

यमगण्ड 👉 १०:४२ से १२:२०

होमाहुति 👉 चन्द्र

दिशा शूल 👉 पूर्व

अग्निवास 👉 पाताल (२३:५५ से पृथ्वी)

भद्रावास 👉 पाताल (१३:३२ तक)

चन्द्र वास 👉 दक्षिण (पश्चिम १९:०० से) 

शिववास 👉 श्मशान में (२३:५५ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – अमृत २ – काल

३ – शुभ ४ – रोग

५ – उद्वेग ६ – चर

७ – लाभ ८ – अमृतशुभ

७ – अमृत ८ – चर

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पश्चिम-दक्षिण (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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श्रावण मास पंचम सोमवार व्रत, रक्षाबंधन के (१३:३२) के बाद, श्री हयग्रीव अवतार जन्मोत्सव, श्री सत्यनारायण (पूर्णिमा) व्रत, पंचक आरम्भ १८:५६ से, अथर्व-ऋगवेदीय श्रावणी उपाकर्म, कजरी पर्व, कोकिला व्रत समाप्त, विवाहादि मुहूर्त (हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा आदि प्रांतों के लिये) वृश्चिक-वृष ल० (दोपहर ०१:३१ से मध्य रात्रि (०२:४७), कर्क ल० (अंतरात्रि ०३:११ से ०५:४० तक), नींव खुदाई एवं गृहआरम्भ मुहूर्त (आग्नेय कोण)+गृह प्रवेश मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:१६ से १०:५१ तक, वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:०४ से १२:५५ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ०८:१० तक जन्मे शिशुओ का नाम                     

श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (खो) नामाक्षर से तथा इसके बाद २९:४५ तक जन्मे शिशुओ का नाम धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ग, गी, गू, गे) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (गो) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

सिंह – २९:३९ से ०७:५८

कन्या – ०७:५८ से १०:१६

तुला – १०:१६ से १२:३६

वृश्चिक – १२:३६ से १४:५६

धनु – १४:५६ से १६:५९

मकर – १६:५९ से १८:४०

कुम्भ – १८:४० से २०:०६

मीन – २०:०६ से २१:३०

मेष – २१:३० से २३:०३

वृषभ – २३:०३ से २४:५८+

मिथुन – २४:५८+ से २७:१३+

कर्क – २७:१३+ से २९:३५+

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पञ्चक रहित मुहूर्त

रोग पञ्चक – ०५:४६ से ०७:५८

शुभ मुहूर्त – ०७:५८ से ०८:१०

मृत्यु पञ्चक – ०८:१० से १०:१६

अग्नि पञ्चक – १०:१६ से १२:३६

शुभ मुहूर्त – १२:३६ से १४:५६

रज पञ्चक – १४:५६ से १६:५९

शुभ मुहूर्त – १६:५९ से १८:४०

चोर पञ्चक – १८:४० से २०:०६

शुभ मुहूर्त – २०:०६ से २१:३०

शुभ मुहूर्त – २१:३० से २३:०३

चोर पञ्चक – २३:०३ से २३:५५

शुभ मुहूर्त – २३:५५ से २४:५८+

रोग पञ्चक – २४:५८+ से २७:१३+

शुभ मुहूर्त – २७:१३+ से २९:३५+

शुभ मुहूर्त – २९:३५+ से २९:४५+

मृत्यु पञ्चक – २९:४५+ से २९:४७+

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आज का राशिफल

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन मिश्रित फल देने वाला रहेगा। दिन के आरंभ में थोड़ी सुस्ती रहने के कारण कार्यो में विलंब होगा। कार्यो में भी अधिक परिश्रम के बाद ही सफलता मिलेगी। महिलाओं को भी घरेलू कार्यो के लिए दौड़-धूप करनी पड़ेगी फिर भी लोग आपके कार्यो में नुक्स निकालेंगे। व्यवसाय से थोड़े इंतजार के बाद आवश्यकता अनुसार धन लाभ हो जाएगा। मध्यान के बाद कार्यो से उबन होने पर मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे। आर्थिक रूप से परिस्तिथि अनुकूल ना होने पर भी खर्च करने के कारण धन की कमी बनेगी। धार्मिक क्षेत्र की लघु यात्रा हो सकती है। उदर शूल की संभावना है।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन आप सभी कार्यो को देख परख कर ही करेंगे फिर भी कार्य सफलता में विलंब अथवा कार्य हानि होगी। मन के नकारात्मक भाव शारीरिक एवं मानसिक रूप से विचलित करेंगे। आपके अंदर विवेकि भरा रहेगा भले-बुरे का पूर्व ज्ञान भी कर सकेंगे इसके बावजूद मन अनैतिक कार्यो में भटक सकता है। प्रतिकूल स्वास्थ्य कार्यो में विघ्न डालेगा। सामाजिक क्षेत्र एवं घर मे धैर्य का परिचय दें किसी की बातों पर शीघ्र प्रतिक्रिया माहौल खराब करेगी मामूली बाते भी दिल को चुभेगी। महिला वर्ग अतिआत्मविश्वास की भावना से ग्रस्त रहेंगी जिससे मान भंग के प्रसंग बन सकते है।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन सुख शान्ति से बितायेंगे लेकिन स्वभाव में ईर्ष्या की भावना रहेगी अन्य लोगो के कामो में मीन मेख निकालने से विवाद भी हो सकता है। कार्य व्यवसाय में मध्यान तक का परिश्रम संध्या के बाद फल देने लगेगा आज आकस्मिक रूप से किसी शुभ समाचार की प्राप्ति उत्साहित करेगी धन लाभ भी निश्चित समय पर ना होकर आकस्मिक ही होगा। अधिकारियों का स्वभाव आज संदिग्ध रहेगा सतर्क रहें। धार्मिक कार्यो के लिए कम ही समय निकाल पाएंगे। सरकारी कार्यो में ढील ना दे अन्यथा बाद में लंबित रहेंगे। प्रेम प्रसंगों में नजदीकियां बढ़ेंगी। संताने संध्या के समय अपने व्यवहार से परेशान करेंगी। 

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आपको शारीरिक रूप से अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आकस्मिक दुर्घटना अथवा अन्य कारणों से शारीरिक कष्ट पहुँच सकता है। हाथ पैरों में भी शिथिलता रहेगी जिससे दैनिक कार्य कुछ प्रभावित होंगे। व्यावसायिक कार्यो में भी आज दौड़ धूप अधिक रहेगी इसका उचित लाभ विलंब से ही मिल सकेगा। पारिवारिक वातावरण आज अधिक भावुक रहेगा। घर के सदस्य आपसी परेशानी को समझेंगे फिर भी अधिक बोलने की आदत से बचें। आर्थिक रूप से दिन उत्तम रहने के कारण आकस्मिक खर्च विचलित नही कर सकेंगे। स्त्री सुख मिलेगा।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आप धैर्य धारण करने पर उम्मीद से अधिक लाभ कमा सकते है। आपकी दिनचर्या भी धीमी ही रहेगी प्रत्येक कार्य धीमी गति से करेंगे जिस कारण लोगो से आलोचना सुननी पड़ेगी। आज आप यथार्थ को छोड़ काल्पनिक दुनिया मे अधिक रहेंगे जिस वजह से लोग आपकी हंसी उड़ाएंगे। आज आय की अपेक्षा व्यय अधिक रहेगा घरेलू सुख के साधन एवं मौज शौक पर केवल दिखावे के लिए खर्च करेंगे जिससे बाद में आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। घर मे किसी ना किसी से रूठना मनना चलता रहेगा फिर भी शान्ति भंग नही होगी। महिलाओ में आत्मबल अधिक रहेगा आलस्य के कारण प्रदर्शित नही कर सकेंगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन धन-धान्य वृद्धि कारक रहेगा। विरोधी भी नतमस्तक रहेंगे आज आप महत्त्वपूर्ण घरेलु अथवा व्यावसायिक निर्णय लेंगे। स्वतंत्र विचार रहने से लोगो के मन की बात आसानी से जान लेंगे। व्यवहार कुशलता से नए लाभदायक संबंध बनाएंगे। शेयर अथवा अन्य जोखिम के कार्यो में निवेश

का शीघ्र फल मिलेगा। कई दिनों से निरस्त यात्रा आज बेमन से करनी पड़ सकती है। मित्र रिश्तेदारो से नजदीकियां बढ़ेंगी। घरेलू वातावरण सामान्य रहेगा फिर भी महिलाओं की आवश्यकता का विशेष ध्यान रखें अन्यथा बेवजह कलह के प्रसंग बन सकते है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आप स्वयं को अन्य लोगो से श्रेष्ठ आंकेंगे मनमाना व्यवहार करने से आस पास रहने वालों को असुविधा होगी व्यर्थ की बहस भी होगी। घर एवं बाहर आज संतुलित व्यवहार रखें लोग आपकी सही बातों को भी गलत बना कर विवाद खड़ा करेंगे। सेहत आज ठीक रहेगी लेकिन कलह-क्लेश के कारण मानसिक रूप से बेचैन रहेंगे। जिस भी कार्य का मन बनाएंगे उसमे कोई ना कोई व्यवधान आने से मन खिन्न होगा। धन संबंधित लेन-देन में स्पष्टता रखें लिख कर ही करें भूल होने की आशंका है। आकस्मिक यात्रा हो सकती है। जोड़ तोड़ की नीति से धन लाभ होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आप ना चाहकर भी व्यर्थ के झगड़ो में पड़ेंगे सेहत में भी उतार-चढ़ाव लगा रहेने से कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था फैलेगी। छाती में संक्रमण अथवा मासपेशियो में खिंचाव आने से पीड़ा होगी। जिम्मेदारी ठीक से नही संभालने पर बड़े लोग नाराज होंगे। धन लाभ की उम्मीद नही होने पर भी अचानक होने से आश्चर्यचकित होंगे। फिर भी खर्च आय की तुलना में अधिक ही रहेंगे। घर अथवा रिश्तेदारी मे पूजा पाठ के आयोजन में भाग ले सकते है। महिलाये जल्दबाजी में गलत निर्णय लेने से परेशान हो सकती है। लंबी यात्रा आज ना करें ठंडे प्रदार्थो से परहेज रखें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आपका आज का दिन आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा बेहतर रहेगा। आज जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे देर-अबेर उससे धन प्राप्ति होकर ही रहेगी। नए कार्य अनुबंध अथवा व्यवसाय की शुरुआत आज करना शुभ रहेगा परन्तु अधूरे कार्यो में ढील ना दें हानि भी हो सकती है। भविष्य के लिए आज संचय भी कर सकेंगे। गृहस्थ में आज कुछ ना कुछ कारण से भाग-दौड़ लगी रहेगी। महिलाये अतिरिक्त कार्य आने से असहज रहेंगी स्वभाव भी चिड़चिड़ा रहेगा। व्यर्थ में किसी से बहस ना करें सरकारी कार्य मे उलझन बढ़ेगी आज निरस्त रखें। महिला वर्ग आज विशेष खर्चीली सिद्ध होंगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आप मन ही मन आंनदित रहेंगे। लापरवाही व्यवहार में रहने से दिन में कई बार कलह का कारण बनेगी। असंयमित दिनचर्या के कारण शारीरिक रूप से भी थकान एवं अस्वस्थ्यता अनुभव होगी। आज आप किसी भी एक निर्णय पर नही टिकेंगे अपनी बातों से पलटने के कारण व्यावसायिक स्थल एवं गृहस्थ में झगड़े होने की संभावना है। मौज शौक को कार्यो से ज्यादा महत्त्व देने के कारण हानि हो सकती है। धन संबंधित योजनाए मन मे चलती रहेंगी वर्जित कार्यो से शीघ्र पैसा कमाने का प्रयास भी करेंगे परन्तु सफलता में संदेह रहेगा। आज महिला वर्ग अधिक चंचल रहेंगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज आपको किसी भी कार्य में मध्यान के बाद असुविधा नही होगी व्यावसायिक स्थल पर भी कार्य सरलता से चलने लगेंगे। पूर्व की गलतियों से मार्गदर्शन मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। उधार की वसूली कर सकेंगे। सरकारी अथवा पैतृक कार्यो को आज पूर्ण करने का प्रयास करे लाभदायक रहेगा। घर के बुजुर्गो से किसी बात पर मतभेद खड़ा होगा पर कुछ समय मे स्थिति सामान्य भी हो जाएगी। सामाजिक आयोजनों में भाग लेंगे। आपकी कार्य कुशलता की घर को छोड़ सर्वत्र प्रशंशा होगी। महिलाये स्वभाव से थोड़ी जिद्दी फिर भी गृहस्थ के लिए सहायक रहेंगी। 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन आपको सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान दिलाएगा परन्तु घरेलू माहौल किसी गलतफहमी के कारण खराब होगा फिर भी स्थिति आज हर प्रकार से आपके पकड़ में रहेगी। शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रहेगा आज की दिनचर्या से लाभ पाने के लिए आलस्य से बचना अधिक आवश्यक है। व्यवसायी वर्ग भगीदारो से पुरानी खट-पट भुला कर नए सिरे से कार्य करने का प्रयास करेंगे इसमें सफल भी रहेंगे। सहकर्मी भी आपके व्यवहार से प्रसन्न रहेंगे जिससे अपने कार्य निश्चित अवधि में पूर्ण कर सकेंगे। दोपहर के बाद किसी शुभसमाचार की प्राप्ति हर्षित करेगी। महिलाये शारीरिक कमजोरी महसूस करेंगी।

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*भद्रा तो भद्र है अभद्र तो आडंबर है 

रक्षासूत्र बांधने का चलन वैदिक सभ्यता से है, तब ऋषि मुनि अपने यज्ञों और अनुसंधानों की रक्षा के लिये अपने राजा को रक्षासूत्र बांध कर रक्षा का वचन लेते थे ।

पौराणिक कथाओं में देवासुर संग्राम के समय इन्द्र की पत्नी द्वारा इन्द्र को रक्षासूत्र बांधने का जिक्र है , वहीं लक्ष्मी द्वारा बंधक विष्णु को छुड़ाने के लिये राजा बलि को रक्षासूत्र बांध कर भाई बनाने की सर्वाधिक लोकप्रिय कथा है ।

तो महाभारत में युधिष्ठिर द्वारा अपने सैनिकों को रक्षासूत्र बांधने के जिक्र के साथ ही कृष्ण की कटी उंगली पर द्रौपदी द्वारा अपनी साड़ी के पल्लू से चीर फाड़ कर बांधने का जिक्र है, जिसे रक्षासूत्र के रुप में मानने की लोकमान्यता है ।

संयोग से दो घटनाएं श्रावण पूर्णिमा के दिन की हैं। लक्ष्मी और राजा बलि की कथा के ज्यादा प्रचलित होने के कारण ये भाई बहन के त्योहार के रुप में स्थापित हो गया ।

ये त्योहार दो व्यक्तियों का व्यक्तिगत त्योहार हैं, जिसका कर्मकांड के पाखंडों से कोई लेना देना नहीं है । रक्षाबंधन का त्योहार ज्योतिष गणना के अनुसार मनाया जाता है, कर्मकांड के अनुसार नहीं ।

इसलिए भाई बहन जब चाहें तब मनाऐं, रही बात भद्रा की तो भद्रा है क्या यह समझिये ।

भारतीय कालगणना पंचांग के 5 प्रमुख अंग होते हैं।

ये हैं- तिथि, वार, योग, नक्षत्र और करण।

इनमें करण एक महत्वपूर्ण अंग होता है। यह तिथि का आधा भाग होता है। करण की संख्या 11 होती है।

ये चर और अचर में बांटे गए हैं। चर करण में बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज और विष्टि गिने जाते हैं।

अचर करण में शकुनि, चतुष्पद, नाग और किंस्तुघ्न होते हैं। इन 11 करणों में 7वें करण विष्टि का नाम ही भद्रा है।

यह सदैव गतिशील होती है। पंचांग शुद्धि में भद्रा का खास महत्व होता है। भद्रा अशुभ होती है ऐसा किसी भी ज्योतिष गणना में नहीं समझाया गया है।

हिन्दू पोंगापंथियों के पाखंडों और फरेब में न फंसें , 19 अगस्त को आप जब चाहें तब राखी पहनें, आनंद और उल्लास से मनायें रक्षाबंधन ।

पाखंडों का नाश हो , प्यार प्रेम की जय हो !

यह चित्र नेपाल का है जहां पुरोहित अपने यजमान को रक्षा सूत्र बांधकर श्रावणी पूर्णिमा पर्व मनाते हैं । यही इस पर्व का प्राचीनतम इतिहास भी है . पुरोहित ब्राह्मण अपने यजमानों को रक्षा सूत्र बांधकर   धर्म और राष्ट्र की रक्षा का वचन लेते थे||
 
 अकबर के भरे दरबार में प्रतिबंध के बाद भी राणा शक्ति सिंह ने ब्राह्मण से रक्षा सूत्र बंधवा कर मुगलों की धर्मांधता का उत्तर दिया था !!
 
..लेकिन दुर्भाग्य से भारत में यह पर्व अपने आदर्शों से भटक कर भाई ~ बहन का त्योहार मात्र बन कर रह गया है ।  त्योहारों में आ रहे इन प्रदूषणों को दूर करना चाहिए !!
 
>> भारत में ब्राह्मण अब भिक्षुक नौकर या  ब्यापारी  बन कर रह गए हैं सामान्य तौर पर ब्राह्मण तथा सनातन समाज अपने मूल कर्तव्यों से दूर हो गया है।
तदैव लगनं सुदिनं तदैव: ताराबलं चन्द्रबलं तदैव: लक्ष्मी पते ते युग: स्मरामि: अर्थात ब्राहमण जब गणेश जी और विष्णु पते शब्द का उच्चारण कर शुभ कार्य करदें उसी समय शुभलगन और शुभ मुहूर्त हो जाता है। उसे तारा बल और चन्द्रबल भी मिल जाता है। पहले ब्राहमण अपने यजमानों की रक्षा के लिए उनके घर जा कर रक्षा सूत्र मौलि बांधते थे और अपने यजमान को जनेऊ भी देते थे, बहिन भी जब भाई को गणेश जी और भगवान विष्णु का नाम लेकर राखी बाँधे वही शुभ लगन हो जाता है। लेकिन अब बहने भाई को बहुत मूल्यवान राखी बांधने लगी हैं। और घर के पकवान छोड़ कर कैडबरी की महिनों सड़ी हुई मिठाई स्टैटस सिंबल हो गयी। 
 
विशेष.. आप भी अपने आचार्य पुरोहित से रक्षासूत्र  अवश्य बंधवाइए .. आचार्य और यजमान की परम्परा को पुनः आगे बढ़ाइए..!! भाई बहिन से तो राखी बंधवाते ही है फिर भी इस पर विचार अवश्य कीजिए।।
जिन स्नेहीजनों के क्षेत्र में यह परम्परा आज भी है वे साधुवाद के पात्र हैं।।
  ❗जय महादेव❗
 ⭕प्रश्न नहीं स्वाध्याय करें‼️
 
हम ने क्या खो दिया इस बदलाव को पाते पाते.…
#रक्षाबंधन पर कृपया ध्यान दें 👀
बहनें 200 से 1500/- की राखियाँ ख़रीद कर भाईयों काे बॉंधती हैं ! जबकि राखी एक तीन रंग की माेली धागे सें प्रारंम्भ हुआ त्याेहार था, जिसकाे राखियाँ बनाने वाले उत्पादक 2000/- की राखी तक ले गये हैं !
आप हम देखते हैं कि यह एक भावनाओं का त्याेहार हैं !
बहनें लंम्बी दूरी सें भाई काे राखी बांधने व सम्मान पाने व भाई के परिवार को खुशियां देने आती हैं !
राखी बांधनें का मतलब है भाई, तुम दीर्घायु हों और मेरी बुरे समय में रक्षा करना !
परन्तु आज के दौर में बहनें भी इस होड में लगी हैं कि मेरी राखी सब से महंगी हो ताकि उसकी भाभीयां ये ताना ना मारें कि ननद तो ऐसी राखी लावे की पूछो मत, पर क्या वह महंगी राखी दिखावा बनकर नहीं रह गई ?
 
 रक्षाबंन्धन पर भाई भी अपनी बहनाें काे उपहार रूप में काेई चीज व नगद देते हैं !
लेकिन आजकल 50% ऐसा हाेता हमने देखा हैं कि बहन की राखी लागत भी उपहार में नहीं निकलती हैं ! इसलिए हम कुछ ज़्यादा बहन काे देने की सोचते हैं, हमने इस चकाचौंध की जीवनशैली के कारण भाई-बहन के प्यार को पैसे के तराजू मे ही रख दिया !
सभी भाइयों काे प्रण करना चाहिये कि हम सिर्फ बहन सें माेली धागा ही बंधवायेगें और मिठाई में सिर्फ गुड ! और जाे देना हैं बहन काे वह देते रहेंगे !
 
आप हम देखते हैं, कि राखियाँ हम सब 2-4 घंटे या सायं तक ही बाँधे रख पा रहे हैं और बहन का सैकडों रूपया उस राखी पर लगा धन था ! जाे कुछ ही घंटे में स्क्रेप हाे गया !
 
कृपया सुधार करके अपनें पुरानें माेली धागा या रेशम की सुन्दर गुँथी राखी बाँधे ताे आपका (भाई ) साल भर भी बांधे रखेगा !
और यह बहन के लिए गर्व की बात होगी
 
निवेदन – इसको सकारात्मक लेंवे और युद्ध स्तर पर इसको समाज में प्रचलन में लाकर इसका परिवार सहित पालन करें, वहीं भाई बहन के प्यार को पैसे के तराजू में ना तोलें.। जितना संभव हो रक्षाबंधन के पर्व पर सर्वोत्तम राखी रोली और मौलि है पकवान और मिष्ठान भी घर में बनायें अपनी संस्कृति और अपनों के लिए समय निकालें तदैव लगनं सुदिनं तदैव: ताराबलं चन्द्रबलं तदैव: लक्ष्मी पते ते युग: स्मरामि: अर्थात ब्राहमण जब गणेश जी और विष्णु पते शब्द का उच्चारण कर शुभ कार्य करदें उसी समय शुभलगन और शुभ मुहूर्त हो जाता है। उसे तारा बल और चन्द्रबल भी मिल जाता है। पहले ब्राहमण अपने यजमानों की रक्षा के लिए उनके घर जा कर रक्षा सूत्र मौलि बांधते थे और अपने यजमान को जनेऊ भी देते थे, बहिन भी जब भाई को गणेश जी और भगवान विष्णु का नाम लेकर राखी बाँधे वही शुभ लगन हो जाता है। लेकिन अब बहने भाई को बहुत मूल्यवान राखी बांधने लगी हैं। और घर के पकवान छोड़ कर कैडबरी की महिनों सड़ी हुई मिठाई स्टैटस सिंबल हो गयी।