आज का पंचाग आपका राशि फल, अपने कुलदेवता इष्ट देवता और उनके प्रसाद के बारे में अवश्य जानकारी रखें क्यों कि वे आपके सुरक्षा चक्र हैं

आज का पञ्चाङ्ग🗓
शुक्रवार, २२ अप्रैल २०२२

सूर्योदय: 🌄 ०५:५३
सूर्यास्त: 🌅 ०६:४३
चन्द्रोदय: 🌝 २५:०५
चन्द्रास्त: 🌜१०:१५
अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय
ऋतु: 🌞 ग्रीष्म
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (नल)
मास 👉 वैशाख
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 षष्ठी (०८:४२ तक)
नक्षत्र 👉 पूर्वाषाढ (२०:१४ तक)
योग 👉 शिव (०७:१२ तक)
प्रथम करण 👉 वणिज (०८:४२ तक)
द्वितीय करण 👉 विष्टि (१९:३२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
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सूर्य 🌟 मेष
चंद्र 🌟 मकर (२५:५२ से)
मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मेष (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४९ से १२:४२
अमृत काल 👉 १५:४६ से १७:१५
रवि योग 👉 ०५:४३ से २०:१४
विजय मुहूर्त 👉 १४:२६ से १५:१९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३५ से १८:५९
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:४८ से १९:५४
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५३ से २४:३७
राहुकाल 👉 १०:३७ से १२:१६
राहु वास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:३२ से १७:१०
होमाहुति 👉 गुरु
दिशा शूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 पृथ्वी (०८:४२ तक)
भद्रावास 👉 पाताल (०८:४२ से १९:३२)
चन्द्र वास 👉 पूर्व (दक्षिण २५:५३ से)
शिववास 👉 भोजन में (०८:४२ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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विवाह मुहूर्त वृश्चिक-मीन लग्न रात्रि ०८:३३ से प्रातः ०५:३६ तक, गृह प्रवेश+विद्या एवं अक्षर आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०६:०० से प्रातः १०:४९ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २०:१४ तक जन्मे शिशुओ का नाम
पूर्वाषाढ नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (धा, फा, ढा) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराषाढ नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (भे, भो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मेष – २९:२३ से ०६:५७
वृषभ – ०६:५७ से ०८:५२
मिथुन – ०८:५२ से ११:०७
कर्क – ११:०७ से १३:२९
सिंह – १३:२९ से १५:४७
कन्या – १५:४७ से १८:०५
तुला – १८:०५ से २०:२६
वृश्चिक – २०:२६ से २२:४५
धनु – २२:४५ से २४:४९
मकर – २४:४९ से २६:३०
कुम्भ – २६:३० से २७:५६
मीन – २७:५६ से २९:१९
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:४३ से ०६:५७
रज पञ्चक – ०६:५७ से ०८:४२
शुभ मुहूर्त – ०८:४२ से ०८:५२
चोर पञ्चक – ०८:५२ से ११:०७
शुभ मुहूर्त – ११:०७ से १३:२९
रोग पञ्चक – १३:२९ से १५:४७
शुभ मुहूर्त – १५:४७ से १८:०५
मृत्यु पञ्चक – १८:०५ से २०:१४
अग्नि पञ्चक – २०:१४ से २०:२६
शुभ मुहूर्त – २०:२६ से २२:४५
रज पञ्चक – २२:४५ से २४:४९
शुभ मुहूर्त – २४:४९ से २६:३०
चोर पञ्चक – २६:३० से २७:५६
शुभ मुहूर्त – २७:५६ से २९:१९
शुभ मुहूर्त – २९:१९ से २९:४२
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपके लिए शांतिदायक रहेगा। ईश्वरीय आराधना भजन-पूजन में निष्ठा रहने से मानसिक रूप से विचलित नही होंगे। कार्य व्यवसाय भी पहले की अपेक्षा बेहतर चलेगा परन्तु धन की आमद होने में कुछ ना कुछ विघ्न अवश्य आएंगे। सहकर्मी भी मनमानी करेंगे जिससे कार्य विलम्ब से पूर्ण होंगे बीच मे कहासुनी होने की भी संभावना है। कार्य क्षेत्र की अपेक्षा आज घर का वातावरण व्यस्त होने पर भी शांति की अनुभूति कराएगा। धार्मिक यात्रा के प्रसंग उपस्थित होंगे। संध्या का समय थकान रहने से आराम में बिताना पसंद करेंगे। स्त्री संतान का सुख सामान्य रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज भी दिन विपरीत फल देने वाला रहेगा। स्वयं अथवा किसी पारिवारिक सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर चिंता रहेगी दवाओं पर खर्च बढ़ेगा। कार्य क्षेत्र पर भी परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेगा नए कार्य के आरम्भ के विचार को टालना पड सकता है। सरकारी कार्यो में भी धन खर्च होने से आर्थिक कारणों से चिंता रहेगी परन्तु मध्यान के आस-पास थोड़े धन की आमद होने से दैनिक कार्य चलते रहेंगे। परिवार में तालमेल बना रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज भी परिस्थितियां आपके अनुकूल रहने से लाभ के कई अवसर मिलेंगे परन्तु अज्ञान की स्थिति अथवा गलत सलाह के कारण लाभ होना संदिग्ध ही रहेगा। बहुप्रतीक्षित अतिमहत्त्वपूर्ण कार्य पूरा होगा। धन लाभ रुक-रुक कर होता रहेगा। घर में सुख के साधनों की वृद्धि होगी इसपर अधिक खर्च भी रहेगा। नए सम्बन्ध बनने से अतिरिक्त आय के मार्ग भी खुलेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति से आज पीछे नहीं हटेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपका आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। कार्यो की असफलता अथवा किसी महत्त्वपूर्ण अनुबंध के निरस्त होने से स्वभाव में चिड़चिड़ा पन आ सकता है। वाणी का रूखापन कार्य क्षेत्र एवं घर का वातावरण बिगाड़ेगा। विवेक से कार्य करें दोपहर के बाद किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति से सहयोग मिलने की संभावना है। धन नाश होने के प्रबल योग है इसका भी ध्यान रखें गलत जगह निवेश हो सकता है। स्वास्थ्य में भी उतार चढ़ाव बना रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपकी महात्त्वकांक्षाओ की पूर्ती में अड़चने आने से हताश हो सकते है। फिर भी भले-बुरे का विवेक रहने से मानसिक रूप से परेशान नहीं होंगे। कार्य क्षेत्र पर अधिकारी एवं सहकर्मी सहयोग करेंगे निश्चित समय से पहले कार्य पूर्ण कर घरेलु कार्यो में व्यस्त रहेंगे। धार्मिक गतिविधियों में भी सक्रियता दिखाएँगे। आज आप किसी भी प्रकार के अनैतिक कार्यो से खुद को दूर रखने का हर संभव प्रयास करेंगे जिससे सम्मान के पात्र बनेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन का पूर्वार्ध नयी उलझने लाएगा। हठी प्रवृति रहने से व्यापार में हानि एवं प्रियजनों से दूरी बढ़ सकती है। महत्त्वपूर्ण कार्य को अनुभवियों के परामर्श के बाद ही करें अन्यथा थोड़े समय के लिए टाल दें। नौकरों के व्यवहार से भी परेशानी हो सकती है। दोपहर के बाद स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आने लगेगी। आपके लिए निर्णय सफल होने से प्रातः जो आपसे विपरीत व्यवहार कर रहे थे वो भी स्वार्थ सिद्धि करने लगेंगे। आकस्मिक धन लाभ होने से राहत मिलेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिए सौभाग्य में वृद्धि करने वाला रहेगा। परिवार में सुख शांति रहेगी कार्य व्यवसाय में भी कई दिन से चल रही योजना के सफल होने पर उत्साह का वातावरण बनेगा। धन लाभ आज आकस्मिक और आशाजनक ही होगा। भविष्य की योजनाओ के साथ पारिवारिक आवश्यकता की पूर्ति पर भी खर्च होगा। आज मीठा बोलने वालों से दूरी बना कर रहें अन्यथा जेब ढीली करनी पड़ेगी। महिलाये घरेलू कार्यो से ऊबन अनुभव करेंगी फिर भी जिम्मेदारी समय पर पूर्ण कर लेंगी। मित्र रिश्तेदारों के ऊपर खर्च करना पड़ेगा इनसे लाभ भी होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन धन की कमी रहने पर भी खुश रहने का सफल प्रयास करेंगे। परिजनों से भावनात्मक सम्बन्ध रहने से मन को शान्ति मिलेगी। परन्तु आज प्रेम प्रसंगों से दूरी बनाना ही बेहतर रहेगा अन्यथा धन और पारिवारिक मान हानि हो सकती है। किसी मांगलिक आयोजन में जाने के कारण अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा फिर भी आनंददायक वातावरण मिलने से खर्च व्यर्थ नहीं लगेगा। स्त्री पक्ष से विशेष निकटता रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन का प्रारंभिक भाग सुख-शांति से बितायेंगे। मन खुश रहने से आसपास का वातावरण भी हास्यमय बनाएंगे। मित्र प्रियजनों के साथ भविष्य की योजनाओं पर खुल कर विचार करेंगे। परन्तु दोपहर के समय स्थिति एक दम उलट हो जायेगी। किसी मनोकामना के अपूर्ण रहने से ठेस पहुंचेगी इससे उबरने में भी थोड़ा समय लगेगा। आज स्वभाव में ज्यादा खुलापन भी ना रखें मन का भेद अन्य को देने से हानि भी हो सकती है। परिजनों से लाभ होने की संभावना है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको प्रत्येक कार्य में सावधानी रखने की सलाह है। जल्दबाजी में लिए गए निर्णय के कारण धन के साथ सम्मान की भी हानि हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर अप्रिय घटनाओं के कारण दुविधा की स्थिति बनेगी। किसी पारिवारिक सदस्य के गलत आचरण से मन दुखी रहेगा मन में गलत विचार की भरमार रहने से सेहत पर बुरा असर पड़ेगा। सर अथवा अन्य शारीरिक अंग निष्क्रिय होते अनुभव होंगे। धैर्य से समय बिताएं।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज भी दिन का अधिकांश समय शांति से व्यतीत होगा। थोड़ी आर्थिक परेशानियां रह सकती है परंतु मानसिक रूप से दृढ़ रहेंगे। जिस भी कार्य को करने की ठानेंगे उसे हानि-लाभ की परवाह किये बिना पूर्ण करके छोड़ेंगे। कार्य क्षेत्र पर अन्य व्यक्ति की दखलंदाजी से थोड़ी परेशानी एवं बहस हो सकती है। सामूहिक आयोजन में सम्मिलित होने का अवसर भी मिलेगा। बाहर की अपेक्षा घर में समय बिताना पसंद करेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन का पूर्वार्ध आशा से अधिक शुभ रहेगा। आज के दिन आकस्मिक घटनाएं अधिक घटित होंगी चाहे वो आर्थिक या पारिवारिक हों। नौकरी पेशा जातको को भी मेहनत का फल मिलेगा सम्मान में वृद्धि के साथ आय के मार्ग खुलेंगे। बेरोजगारों को थोड़ा प्रयास करने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है। खर्च भी अचानक होने से थोड़ी असहजता रहेगी परन्तु स्थिति पूर्ण रूप से आपके नियंत्रण में ही रहेगी। भाग्योन्नति के योग बनेगा। 

गुरू तेगबहादुर के४०० वें प्रकाश पर्व पर कल रात्रि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल दुर्ग दिल्ली से देश को संबोधित कर एक नया कीर्तिमान बनाया 

कौन_है_आपके_कुलदेवी, #कुलदेवता और क्या है इनका महत्व, कैसे करें पहचान, और पूजा ???*

*हिन्दू पारिवारिक व्यवस्था में कुलदेवता या कुलदेवी का स्थान हमेशा से रहा है।
हमारे पूर्वजो ने अपने वंश- परिवार की नकारात्मक उर्जाओ और उनसे उत्पन्न बाधाओं से रक्षा करने के लिए एक पारलौकिक शक्ति का कुलदेवी के रूप में चुनाव किया और उन्हें पूजना शुरू किया। यह शक्ति उस वंश की उन्नति में नकारात्मक ऊर्जा को बाधाएं और विघ्न उत्पन करने से रोकती थी। और उस कुलदेवी का पूजन उस वंश में पीढ़ी दर पीढ़ी परंपरा बन गया।
▪️हमारे सुरक्षा कवच हैं कुलदेवी / कुलदेवता,…
कुल देवता या देवी हमारे वह सुरक्षा आवरण हैं जो किसी भी बाहरी बाधा, नकारात्मक ऊर्जा के परिवार में अथवा व्यक्ति पर प्रवेश से पहले सर्वप्रथम उससे संघर्ष करते हैं और उसे रोकते हैं, यह पारिवारिक संस्कारो और नैतिक आचरण के प्रति भी समय समय पर सचेत करते रहते हैं,
 यदि हम इनकी उपेक्षा करें, तो किसी भी पूजा या साधना का फल उस ईष्ट देव तक नहीं पहुँचता, क्योकि सेतु कार्य करना बंद कर देता है, बाहरी बाधाये,अभिचार आदि, नकारात्मक ऊर्जा बिना बाधा व्यक्ति तक पहुँचने लगती है, कभी कभी व्यक्ति या परिवारों द्वारा दी जा रही ईष्ट की पूजा कोई अन्य बाहरी वायव्य शक्ति लेने लगती है, अर्थात पूजा न ईष्ट तक जाती है न उसका लाभ मिलता है, ऐसा कुलदेवता की निर्लिप्तता अथवा उनके शक्तिहीन होने से होता है।
▪️कुलदेवी की उपेक्षा के मुख्य कारण,..
आधुनिकता की अंधी दौड़ में समय के साथ परिवारों के एक दुसरे स्थानों पर स्थानांतरित होने, धर्म परिवर्तन करने, आक्रान्ताओं के भय से विस्थापित होने, जानकार व्यक्ति के असमय मृत होने, विजातीयता पनपने, 
इसके पीछे के कारण को न समझ पाने आदि के कारण बहुत से परिवार अपने कुल देवता/देवी को भूल गए अथवा उन्हें मालूम ही नहीं रहा कि उनके कुल देवता/देवी कौन हैं या किस प्रकार उनकी पूजा की जाती है, इनमे पीढ़ियों से शहरों में रहने वाले परिवार अधिक हैं, कुछ स्वयंभू आधुनिक मानने वाले और हर बात में वैज्ञानिकता खोजने वालों ने भी अपने ज्ञान के गर्व में अथवा अपनी वर्तमान अच्छी स्थिति के गर्व में इन्हें छोड़ दिया या इनपर ध्यान नहीं दिया ।
▪️पूजा ना होने पर बाधाओं के कारण,….
कुलदेवी कभी भी अपने उपासकों का अनिष्ट नहीं करती। कुलदेवियों की पूजा ना करने पर उत्पन्न बाधाओं का कारण कुलदेवी नहीं अपितु हमारे सुरक्षा चक्र का टूटना है।
जब हम इनकी उपासना बंद कर देते हैं तब कुलदेवी तब कुछ वर्षों तक तो कोई प्रभाव ज्ञात नहीं होता, किन्तु उसके बाद जब सुरक्षा चक्र हटता है तो परिवार में दुर्घटनाओं, नकारात्मकता ऊर्जा “वायव्य” बाधाओं का बेरोक-टोक प्रवेश शुरू हो जाता है, उन्नति रुकने लगती है, पीढ़िया अपेक्षित उन्नति नहीं कर पाती, संस्कारों का भय, नैतिक पतन, कलह, उपद्रव, अशांति शुरू हो जाती हैं, व्यक्ति कारण खोजने का प्रयास करता है कारण जल्दी नहीं पता चलता क्योंकि व्यक्ति की ग्रह स्थितियों से इनका बहुत मतलब नहीं होता है।
अतः ज्योतिष आदि से इन्हें पकड़ना मुश्किल होता है, भाग्य कुछ कहता है और व्यक्ति के साथ कुछ और घटता है। कुलदेवता या देवी सम्बन्धित व्यक्ति के पारिवारिक संस्कारों के प्रति संवेदनशील होते हैं और पूजा पद्धति, उलटफेर, विधर्मीय क्रियाओं अथवा पूजाओं से रुष्ट हो सकते हैं।
सामान्यतया इनकी पूजा वर्ष में एक बार अथवा दो बार निश्चित समय पर होती है। शादी-विवाह संतानोत्पत्ति आदि होने पर इन्हें विशिष्ट पूजाएँ भी दी जाती हैं, यदि यह सब बंद हो जाए तो या तो यह मूकदर्शक हो जाते हैं,
और परिवार बिना किसी सुरक्षा आवरण के पारलौकिक शक्तियों के लिए खुल जाता है। जिन नकारात्मक शक्तियों को कुलदेवी रोके रखती हैं, सुरक्षा चक्र के अभाव में वे सभी शक्तियां घर में प्रवेश कर परेशानियां उत्पन्न करती हैं। परिवार में विभिन्न तरह की परेशानियां शुरू हो जाती है। 
अतः प्रत्येक व्यक्ति परिवार को अपने कुलदेवता या देवी को जानना चाहिए तथा यथायोग्य उन्हें पूजा प्रदान करनी चाहिए, जिससे परिवार की सुरक्षा-उन्नति होती रहे । यदि आप नहीं जानते कि आपकी कुलदेवी कौन है तो पूजा के लिए यह विधि कर सकते हैं –
▪️#कौन हैं आपके कुलदेवता /देवी ,……
● यह एक प्रभावी प्रयोग है जिससे यह जाना जा सकता है की आपके कुलदेवता कौन है यह एक साधारण किन्तु प्रभावी प्रयोग है जिससे आप अपने कुलदेवता अथवा देवी को जान सकते हैं |
 प्रयोग को मंगलवार से शुरू करें और
              11 मंगलवार तक करते रहें |
● मंगलवार को सुबह स्नान आदि से स्वच्छ पवित्र हो अपने देवी देवता की पूजा करें |फिर एक साबुत सुपारी लेकर उसे अपना कुलदेवता/देवी मानकर स्नान आदि करवाकर ,उस पर मौली लपेटकर किसी पात्र में स्थापित करें,
● इसके बाद आप अपनी भाषा में उनसे अनुरोध करें की “हे कुल देवता में आपको जानना चाहता हूँ मेरे परिवार से आपका विस्मरण हो गया है हमारी गलतियों को क्षमा करते हुए हमें अपनी जानकारी दें इस हेतु में आपका यहाँ आह्वान करता हूँ आप यहाँ स्थान ग्रहण करें और मेरी पूजा ग्रहण करते हुए अपने बारे में हमें बताएं इसके बाद उस सुपारी का पंचोपचार पूजन करें,
● अब रोज रात को उस सुपारी से प्रार्थना करें की हे कुल देवता/देवी में आपको जानना चाहता हूँ कृपा कर स्वप्न में मार्गदर्शन दीजिये,
● फिर सुपारी को तकिये के नीचे रखकर सो जाइए |सुबह उठाकर पुनः उसे पूजा स्थान पर स्थापित कर पंचोपचार पूजन करें,
● यह क्रम प्रथम मंगलवार से 11 मंगलवार तक जारी रखें हर मंगलवार को व्रत रखें इस अवधि के दौरान शुद्धता पवित्रता व ब्रह्मचर्य का विशेष ध्यान रखें ,यहाँ तक की बिस्तर और सोने का स्थान तक शुद्ध और पवित्र रखें,
● ब्रह्मचर्य के साथ साथ मांस-मदिरा से पूर्ण परहेज रखें | इस प्रयोग की अवधि के अन्दर आपको स्वप्न में आपके कुलदेवता/देवी की जानकारी मिल जायेगी अगर खुद न समझ सकें तो योग्य जानकार से स्वप्न विश्लेषण करवाकर जान सकते हैं,
.इस तरह वर्षों से भूली हुई कुलदेवता की समस्या हल हो जाएगी और पूजा देने पर आपके परिवार की बहुत सी समस्याएं समाप्त हो जायेंगी,….
▪️कुछ अन्य उपयोगी सुझाव,……..
जीवन की बहुत समस्याओ से हम बच सकते हे यदि कुछ और बातों पर हम अमल करे और अपनी जन्म कुंडली में बुरे ग्रहो से भी मुक्त हो सकते है,
🔸1, किसी भी ख़ुशी के मौके पर व होली,दीपावली व दशहरे, शादी,जन्मदिन,पर्व आदि पर घर में पूर्ण स्वच्छता से भोजन तैयार करें और दो थाली भोजन एक में भगवान् का भोग लगाएं और दूसरी थाली से अपने पितरों का भोग लगाकर उचित दक्षिणा के साथ किसी सात्विक ब्राह्मण को दे । 
🔸2 अपने रस्म रिवाज अनुसार इन्ही अवसरों पर अपने कुल के देवी देवता का श्रद्धा पूर्वक पूजन और भोग सामग्री आदि दे।
🔸3 अपने बुजुगों का कभी भी अपमान न करे बल्कि उनकी सेवा करे।
🔸4 भूल से भी सर्प और कुत्ता जीव जंतुओं को ना मारे।
🔸5 माह में एक बार परिवार सहित गऊ शाला में जाकर अपने हाथ से चारा पानी आदि दे।
🔸6 गरीब और जरुरत मंद वृद्ध मजदूर कोड़ी दिव्यांग आदि लोगों की मदद करे।
🔸 7 दिल से प्रभु को जितना समय हो याद करे और विचारवान बने चिंतन करे भजन सुमिरन करे।
🔸8 अपनी पुरानी कुल परंपरा रस्म रिवाजो व जो बुजुर्गों द्वारा चली आ रही है उनका श्रद्धा पूर्वक पालन करे।
 ✍️ बहुत से उत्पाद हमारी परंपरा के विपरित हैं उदाहरण के लिए कंपनी बिक जाने के बाद हल्दीराम के उत्पाद हलाल सर्टीफाइड हैं व सात्विक भी नहीं और भारतीय संस्कृति के मानने वालों के खाने योग्य भी नहीं, जिन प्रोडक्ट पर हिन्दी देवनागरी में लिखा ना हो, हलाल सर्टिफाईड हो उनके प्रयोग से बचने में ही सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का बचाव है। जय हिंद जय श्री राम। 🙏