आज का पंचाग आपका राशि फल, आज है गुरू पूर्णिमा, धर्म विमुख कराने की गहरी शाजिस से ही धर्मांतरण का धन्धा और अधर्म का राज बढ़ता है

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, २४ जुलाई २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:४२
सूर्यास्त: 🌅 ०७:०९
चन्द्रोदय: 🌝 १९:५०
चन्द्रास्त: 🌜❌❌❌
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आषाढ़
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पूर्णिमा (०८:०६ तक)
नक्षत्र 👉 उत्तराषाढ (१२:४० तक)
योग 👉 विष्कम्भ (०६:१२ तक)
प्रथम करण 👉 बव (०८:०६ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (१८:५५ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 मकर
मंगल 🌟 सिंह (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 कर्क (अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५६ से १२:५१
अमृत काल 👉 ०६:४४ से ०८:१३, २५:३० से २७:००
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 १२:४० से २९:३१
विजय मुहूर्त 👉 १४:४१ से १५:३६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०२ से १९:२६
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०३ से २४:४४
राहुकाल 👉 ०८:५७ से १०:४०
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:०६ से १५:४९
होमाहुति 👉 चन्द्र
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 श्मशान में (०८:०६ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (वाय विन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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गुरुपूर्णिमा पर्व, व्यास आदि ऋषि पूजन,
विवाहदी मुहूर्त (पंजाब, हिमाचल, कश्मीर, हरियाण आदि के लिये) कर्क-तुला लग्न प्रातः ०५:५१ से दोपहर १२:४० तक, नीवखुदाई एवं गृहारम्भ+गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः ०७:३० से ०८:०६ तक, उद्योग-मशीनरी आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०८:१५ से ०९:११ तक, भूमि-भवन क्रय-विक्रय मुहूर्त १२:३३ से ०५:३७ तक, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त १२:३३ १२:४० तक, वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त १२:३३ ०५:३७ तक, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:३० से ०९:११ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १२:४० तक जन्मे शिशुओ का नाम
उत्तराषाढ़ नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ज, जी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम श्रवण नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश (खी, खू, खे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क – २९:०० से ०७:२२
सिंह – ०७:२२ से ०९:४१
कन्या – ०९:४१ से ११:५९
तुला – ११:५९ से १४:२०
वृश्चिक – १४:२० से १६:३९
धनु – १६:३९ से १८:४२
मकर – १८:४२ से २०:२४
कुम्भ – २०:२४ से २१:४९
मीन – २१:४९ से २३:१३
मेष – २३:१३ से २४:४७
वृषभ – २४:४७ से २६:४१
मिथुन – २६:४१ से २८:५६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०५:३१ से ०७:२२
शुभ मुहूर्त – ०७:२२ से ०८:०६
रज पञ्चक – ०८:०६ से ०९:४१
शुभ मुहूर्त – ०९:४१ से ११:५९
चोर पञ्चक – ११:५९ से १२:४०
शुभ मुहूर्त – १२:४० से १४:२०
रोग पञ्चक – १४:२० से १६:३९
शुभ मुहूर्त – १६:३९ से १८:४२
मृत्यु पञ्चक – १८:४२ से २०:२४
अग्नि पञ्चक – २०:२४ से २१:४९
शुभ मुहूर्त – २१:४९ से २३:१३
मृत्यु पञ्चक – २३:१३ से २४:४७
अग्नि पञ्चक – २४:४७ से २६:४१
शुभ मुहूर्त – २६:४१ से २८:५६
रज पञ्चक – २८:५६ से २९:३१
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपके लिए आशाजनक रहेगा। आज विशेषकर के दिनों से उलझे पैतृक कार्य एवं विदेश सम्बंधित मामलो में अधिक सफल होने की सम्भवना है। व्यवसायी वर्ग आज आलस्य से भरे रहेंगे कार्य क्षेत्र पर मन मारकर कार्य करेंगे लेकिन इनको आयत-निर्यात से अच्छा लाभ हो सकता है। आज विदेश जाने के इच्छुक व्यक्ति के लिए आगे के मार्ग प्रशस्त होंगे। बाहरी लोगो का सहयोगात्मक वातावरण से आत्मविश्वाश बढेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। घर मे आज किसी सदस्य की शंकालु प्रवृति कुछ समय के लिये अशान्ति फैलाएगी। मनोरंजन पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहेगा। आज आपकी परोपकार की भावना फलीभूत होगी पूर्व में किसी की सहायता करने का फल प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप में अवश्य मिलेगा। वैसे तो आज आप ज्यादा काम करने के पक्ष में नही रहेंगे फिर भी जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे वसमे अन्य की तुलना में कम समय मे अधिक लाभ कमा लेंगे प्रत्येक क्षेत्र से आज आपको आशाजनक मिलेगा। व्यापार एवं नौकरी में आत्मविश्वाश के साथ कार्य करेंगे। परंतु आज किसी भी प्रकार के सरकारी दस्तावेज ना करवाये। पत्नी एवं पुत्र का पूर्ण सहयोग मिलेगा लेकिन इनकी किसी बड़ी मनोकामना पूर्ति में अधिक धन खर्च करना पड़ेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आपका आज का दिन सेहत के दृष्टिकोण से हानिकारक रहेगा दिन के पहके भाग में शरीर मव शिथिलता अनुभव करेंगे अत्यधिक कार्य बोझ के कारण सेहत बिगड़ सकती है। नेत्र एवं रक्त सम्बंधित रोग की आशंका है। आज आर्थिक हो या व्यवहारिक किसी भी कार्य मे जोखिम लेने से बचे खासकर आज किसी की जमानत भूल कर भी ना ले अन्यथा बदनामी होने का भय है। किसी परिचित से धोखा मिलने की भी सम्भवना है। उधार संबंधित आर्थिक लेन-देन से बचें। कोर्ट-कचहरी के कार्यो को आज ना करें। आज पूँजी निवेश के कार्यो में हानि हो सकती है। परिजनों को भी आज मन का भेद ना दें।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिए अनुकूलता से भरा रहेगा। आज जो कार्य आपको कठिन नजर आ रहे थे वे भी आपके प्रत्येक कार्य आसानी से पूर्ण होते जाएंगे। आर्थिक रूप से दिन प्रसन्नता दायक रहेगा अकस्मात धन की आमद होने पर भविष्य के लिए बचत कर पाएंगे। कार्यालय तथा व्यावसायिक आज कम ही समय दे पाएंगे फिर भी यहाँ का सहयोगी वातावरण मिलने से अधूरे कार्य कुछ विलंब से पूर्ण हो जाएंगे। परिजन भी कई दिनों के बाद आपके कार्य की सभी प्रशंशा करेंगे। बुजुर्गो का आशीर्वाद मिलेगा। संध्या बाद स्वास्थ्य संबंधित छोटी मोटी शिकायत रह सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिए मध्यम फलदायी रहेगा। मध्यान तक का समय आलस्य में रहने के कारण किसी भी कार्य को लेकर गंभीर नही रहेंगे आज नौकरी व्यवसाय में लाभ के लिए थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है इसका फल थोड़ी विलम्ब से ही पर अवश्य मिलेगा। नौकरी-व्यवसाय में परिवर्तन का विचार भी मन में उठ सकता है। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन निराशाजनक रहेगा धन की आमद के हिसाब से खर्च दुगना होगा। परिवारजनों के साथ बैठकर पुराने महत्वपूर्ण विषयो पर चर्चा करेंगे लेकिन आज कोई निष्कर्ष निकलना मुश्किल ही है। धर्म कर्म में आस्था बढ़ेगी धार्मिक पर्यटन भी करेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपको मिश्रित फल देगा। आज प्रातः से ही किसी कार्य को लेकर दुविधा में फंसे रहेंगे खास कर आज किसी मनोकामना पूर्ति के लिये असमंजस की स्थिति में रहेंगे पूर्ति करने पर किसी के नाराज होने का भय सताएगा। किसी आसपडोसी अथवा स्वजनं से झड़प होने पर मन की एकाग्रता भंग होने से निर्णय शक्ति की कमी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज मन कम ही लगेगा लाभ के अवसर हाथ से ना निकले इसका ध्यान रखे। आज आपका मुह पर बोलना व्यर्थ के झगडे करा सकता है। परिवार में भी आज वातावरण अशान्त रहेगा बड़े निर्णय सोच समझ कर ही लें। खर्च अधिक रहने की संभावना है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आपका आज का दिन प्रतिकूल रहेगा। आज प्रातः किसी के साथ वाद-विवाद होने की संभावना है विवाद गंभीर रूप ना ले इसका ध्यान रखे क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है अन्यथा प्रतिष्ठा की हानि होने के योग है। कार्य क्षेत्र पर लाभ की जगह उलझने बढ़ने से मेहनत करने से कतराएंगे। आज सरकार विरोधी निषेधात्मक कार्यो से बचे। आर्थिक लाभ आज ना के बराबर होगा ऊपर से आकस्मिक खर्च बढ़ने से हताशा होगी। फिजूल खर्च से आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। तीखे एवं मादक पदार्थ के सेवन से बचें उदर सम्बंधित रोग हो सकते है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपको कई शुभ फल प्रदान करेगा। नए कार्य में निवेश करने के लिए आज का दिन अनुकूल रहेगा लेकिन नए कार्य का आरम्भ आज ना करें अन्यथा हानि हो सकती है। आज शेयर मार्किट में निवेश भविष्य के लिए लाभदायी रहेगा। आज भाई-बंधुओं अथवा सांझेदार के साथ व्यापार एवं घर के महत्त्वपूर्ण विषयो पर चर्चा होगी लेकिन आपका सनकी स्वभाव बनती बात को बीच मे बिगाड़ सकता है। परिवार में किसी मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन अथवा इसकी रूप रेखा बनेगी। सेहत की पहले ही जांच करा लें आने वाले दिनों में गड़बड़ हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। आज व्यापार में आय एवं खर्च बराबर रहने से बचत नहीं कर पाएंगे स्वभाव से संतोषी रहने के कारण आप ज्यादा झंझट वाले कार्यो में पड़ना पसंद भी नही करेंगे लेकिन आज थोड़े परिश्रम में अधिक लाभ कमा सकते है इसके लिये आलस्य एवं लापरवाही स्वभाव से निकालनी होगी। कार्य क्षेत्र पर महत्त्वपूर्ण सौदे हाथ से ना निकल जाए इसका ध्यान रखे। दोपर के बाद मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे इसपर खर्च भी होगा। परिवार में किसी बात को लेकर व्यर्थ बहस हो सकती है। किसी पुरानी बीमारी के फिर से उभरने पर तकलीफ हो सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आपका आज का दिन अशुभ फलदायी रहेगा आज आपमे अंदरूनी तौर पर बुद्धि विवेक भरा रहेगा लेकिन इसे व्यवहार में नही उतार पाएंगे स्वभाव भी आज मौज शौक पूर्ण कराने को तैयार रहेगा। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुरूप ही लाभ होगा इसलिए व्यर्थ के कार्यो में पड़कर समय खराब करने से बचे मध्यान के बाद आकस्मिक खर्च परेशान करेंगे। धन की उगाही के कारण विवाद हो सकता है। पारिवारिक सदस्यों के साथ भी वाणी की कटुता के कारण विवाद की स्थिति बन सकती है। लंबी यात्रा की योजना बनेगी लेकिन यथा संभव बचे अन्यथा बीमार पड़ सकते है। शरीर के अंगों में दर्द की शिकायत रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए विपरीत फलदायक रहेगा। पूर्व में जिन कार्यो से लाभ की संभावना देख रहे थे उनके निरस्त होने अथवा किसी अन्य कारण से हानि होने के प्रबल योग है आज किसी भी नए कार्य का आरंभ ना करें आर्थिक विषयक पूर्व निर्धारित कार्यो को भी आज टालना ही बेहतर रहेगा। बनते कार्यो में विघ्न आने से बौखलाहट की स्थिति बनेगी। आपकी वाणी एवं व्यवहार से आज किसी का दिल दुखी ना हो इसका ध्यान रखें आकस्मिक क्रोध से बचे अन्यथा स्नेहीजनों से संबंधों में कटुता आएगी। स्वयं अथवा किसी प्रेमीजन की बीमारी पर आकस्मिक खर्च हो सकता है। आज किसी भी बात में अपनी प्रतिक्रिया देने से पहले ठीक से जांच लें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपके आज के दिन का अधिकांश समय सामाजिक गतिविधियों में व्यतीत होगा। स्वभाव में परोपकार की भावना रहने से किसी के कार्य को जल्दी से मना नही कर पाएंगे जिससे अपने ही कार्यो में विलंब होगा। व्यापार सामान्य रहेगा धन की आमद खर्च अनुसार हो जाएगी लेकिन आज फिजूल खर्चो में अधिकता आएगी जिससे बजट प्रभावित होगा। दान-पुण्य के अवसर आएंगे। किसी पुराने मित्र से भेंट होने पर पुरानी यादें ताजा होंगी। संध्या के समय रमणीय-पर्यटक स्थल पर भोजन एवं मनोरंजन रोमांचित करेगा। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति करेंगे।
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〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

देशभर में 24 जुलाई को आषाढ़-गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा स्नान व दान बेहद शुभ फलकारी माना जाता है। मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को ही वेदों के रचयिचा महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास के जन्म पर सदियों से गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन की परंपरा चली आ रही है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। हिंदू धर्म में कुल पुराणों की संख्या 18 है। इन सभी के रचयिता महर्षि वेदव्यास हैं।

धर्म विमुख कराने की गहन शाजिस से ही धर्मांतरण का धन्धा और अधर्म का राज बढ़ता है
*🚩हमारे देश के हिन्दू युवा बड़ी तेजी से नास्तिक क्यों बनते जा रहे हैं ? इसका मुख्य कारण क्या है ? उनकी हिन्दू धर्म की प्रगति में क्यों कोई विशेष रूचि नहीं दिखती ?*
*🚩यह बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है । भारत के महानगरों से लेकर छोटे गांवों तक यह समस्या दिख रही है। इस प्रश्न के उत्तर में हिन्दू समाज का हित छिपा है। अगर इसका समाधान किया जाये तो भारत भूमि को संसार का आध्यात्मिक गुरु बनने से दोबारा कोई नहीं रोक सकता।*
*🚩वैसे तो हिन्दू युवाओं के नास्तिक बनने व धर्मविमुख बनने के अनेक कारण है पर मुख्य पांच कारण है जो आपको बता रहे हैं-*
 
*🚩1. हिन्दू धर्म गुरुओं के प्रति आस्था का अभाव और उनकी उपेक्षा*
*पाठ्यक्रम से वेद पुराण ज्योतिष व्याकरण आदि विषयों को हटाया गया जिस कारण हिन्दू समाज के युवा पाश्चात्य संस्कृति के आकर्षण के कारण अपने ही हिन्दू धर्म गुरुओं के प्रति आस्था नहीं रख पाते हैं और उनकी उपेक्षा कर देते हैं इसके कारण युवाओं में ईसाई धर्मान्तरण, लव जिहाद, नशा, भोगवाद, चरित्रहीनता, नास्तिकता, अपने धर्मग्रंथों के प्रति अरुचि आदि समस्याएं दिख रही हैं । इन समस्याओं के निवारण पर कई हिंदू धर्मगुरु ध्यान भी देते हैं। पर युवा उनकी तरफ ध्यान नही देते हैं । कुछ धर्मगुरुओं की तो हिंदू धर्म के बचाव के लिए कोई योजना बनी हुई नहीं होती जो दिशा निर्देश कर सके लेकिन कोई धर्मगुरु दिशा निर्देश करते है तो उनको षड़यंत्र तहत जेल भेजा जाता है जैसे कि शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, हिंदू संत आसाराम बापू, स्वामी असीमानंद आदि…।*
*🚩2. दूसरा कारण मीडिया में हिन्दू धर्मगुरुओं को नकारात्मक रूप से प्रदर्शित करना है-*
*मीडिया की भूमिका भी इस समस्या को बढ़ाने में बहुत हद तक जिम्मेदार है। संत आशाराम बापू, शंकराचार्यजी को जेल भेजना, नित्यानंदजी की अश्लील सीडी, निर्मल बाबा और राधे माँ जैसे धर्मगुरुओं को मीडिया प्राइम टाइम, ब्रेकिंग न्यूज़, पैनल डिबेट आदि में घंटों, बार-बार, अनेक दिनों तक दिखाता है । जबकि मुस्लिम मौलवियों और ईसाई पादरियों के मदरसे में यौन शोषण, बलात्कार, मुस्लिम कब्रों पर अन्धविश्वास, चर्च में समलैंगिकता एवं ननों का शोषण, प्रार्थना से चंगाई आदि अन्धविश्वास आदि पर कभी कोई चर्चा नहीं दिखाता। इसके ठीक विपरीत मीडिया वाले ईसाई पादरियों को शांत, समझदार, शिक्षित, बुद्धिजीवी के रूप में प्रदर्शित करते हैं। मुस्लिम मौलवियों को शांति का दूत और मानवता का पैगाम देने वाले के रूप में मीडिया में दिखाया जाता है। मीडिया के इस दोहरे मापदंड के कारण हिन्दू युवाओं में हिन्दू धर्म और धर्मगुरुओं के प्रति एक अरुचि की भावना बढ़ने लगती हैं।*
 
*🚩ईसाई और मुस्लिम पंथ के प्रति उनके मन में श्रद्धाभाव पनपने लगता हैं। इसका दूरगामी परिणाम अत्यंत चिंताजनक है। क्योंकि ये पंथ वैज्ञानिक नहीं अंध विश्वास पर स्थापित हैं। हिन्दू युवा आज गौरक्षा, संस्कृत, वेद, धर्मान्तरण जैसे विषयों पर सकल हिन्दू समाज के साथ खड़े नहीं दीखते। क्योंकि उनकी सोच विकृत हो चुकी है। वे केवल नाममात्र के हिन्दू बचे हैं। हिन्दू समाज जब भी विधर्मियों के विरोध में कोई कदम उठाता है तो हिन्दू परिवारों के युवा हिंदुओं का साथ देने के स्थान पर विधर्मियों के साथ अधिक खड़े दिखाई देते हैं। हम उन्हें साम्यवादी, नास्तिक, भोगवादी, cool dude कहकर अपना पिंड छुड़ा लेते है। मगर यह बहुत विकराल समस्या है जो तेजी से बढ़ रही है। इस समस्या को खाद देने का कार्य निश्चित रूप से मीडिया ने किया है।*
*🚩3. हिन्दू विरोधी ताकतों द्वारा प्रचंड प्रचार है-*
*भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश होगा जहाँ पर इस देश के बहुसंख्यक हिंदुओं से अधिक अधिकार अल्पसंख्यक के नाम पर मुसलमानों और ईसाईयों को मिले हुए हैं। इसका मुख्य कारण जातिवाद, प्रांतवाद, भाषावाद आदि के नाम पर आपस में लड़ना है। इस आपसी मतभेद का फायदा अन्य लोग उठाते है। एक मुश्त वोट डाल कर पहले सत्ता को अपना पक्षधर बनाया गया। फिर अपने हित में सरकारी नियम बनाये गए। इस सुनियोजित सोच का परिणाम यह निकला कि सरकारी तंत्र से लेकर अन्य क्षेत्रों में विधर्मियों को मनाने , उनकी उचित-अनुचित मांगों को मानने की एक प्रकार से होड़ ही लग गई। परिणाम की हिंदुओं के देश में हिंदुओंके अराध्य, परंपरा, मान्यताओं पर तो कोई भी टिका-टिप्पणी आसानी से कर सकता है। जबकि अन्य विधर्मियों पर कोई टिप्पणी कर दे तो उसे सजा देने के लिए सभी संगठित हो जाते है। इस संगठित शक्ति, विदेशी पैसे के बल पर हिंदुओं के प्रति नकारात्मक माहौल देश में बनाया जा रहा है। ईसाई धर्मान्तरण सही और शुद्धि/घर वापसी को गलत बताया जा रहा है। मांसाहार को सही और गौरक्षा को गलत बताया जा रहा है। बाइबिल/क़ुरान को सही और वेद-गीता को पुरानी सोच बताया जा रहा है। विदेशी आक्रांता गौरी-गजनी को महान और आर्यों को विदेशी बताया जा रहा है। इस षड़यंत्र का मुख्य उद्देश्य हिन्दू युवाओं को भ्रमित करना और नास्तिक बनाना है। इससे हिन्दू युवाओं अपने प्राचीन इतिहास पर गर्व करने के स्थान पर शर्म करने लगे। ऐसा उन्हें प्रतीत करवाया जाता है। हिन्दू समाज के विरुद्ध इस प्रचंड प्रचार के प्रतिकार में हिंदुओं के पास न कोई योजना है और न कोई नीति है।*
*🚩4. हिंदुओं में संगठन का अभाव-*
*हिन्दू समाज में संगठन का अभाव होना एक बड़ी समस्या है। इसका मुख्य कारण एक धार्मिक ग्रन्थ वेद, एक भाषा हिंदी, एक संस्कृति वैदिक संस्कृति और एक अराध्य ईश्वर में विश्वास न होना है। जब तक हिन्दू समाज इन विषयों पर एक नहीं होगा तब तक एकता स्थापित नहीं हो सकती। यही संगठन के अभाव का मूल कारण है। स्वामी दयानंद ने अपने अनुभव से भारत का भ्रमण कर हिंदुओं की धार्मिक अवनति की समस्या के मूल बीमारी की पहचान की और उस बीमारी की चिकित्सा भी बताई। मगर हिन्दू समाज उनकी बात को अपनाने के स्थान पर एक नासमझ बालक के समान उन्हीं का विरोध करने लग गया। इसका परिणाम अत्यंत वीभित्स निकला। मुझे यह कहते हुए दुःख होता है कि जिन हिंदुओं के पूर्वजों ने मुस्लिम आक्रांताओं को लड़ते हुए युद्ध में यमलोक पहुँचा दिया था उन्हीं वीर पूर्वजों की मूर्ख संतान आज अपनी कायरता का प्रदर्शन उन्हीं मुसलमानों की कब्रों पर सर पटक कर करती हैं। राम और कृष्ण की नामलेवा संतान आज उन्हें छोड़कर कब्रों पर सर पटकती है। चमत्कार की कुछ काल्पनिक कहानियाँऔर मीडिया मार्केटिंग के अतिरिक्त कब्रो में कुछ नहीं दिखता । मगर हिन्दू है कि मूर्खों के समान भेड़ के पीछे भेड़ के रूप में उसके पीछे चले जाते हैं। जो विचारशील हिन्दू है वो इस मूर्खता को देखकर नास्तिक हो जाते हैं। जो अन्धविश्वासी हिन्दू है वो भीड़ में शामिल होकर भेड़ बन जाते हैं। मगर हिंदुओं को संगठित करने और हिन्दू समाज के समक्ष विकराल हो रही समस्यों को सुलझाने में उनकी कोई रूचि नहीं है। अगर हिन्दू समाज संगठित होता तो हिन्दू युवाओं को ऐसी मूर्खता करने से रोकता। मगर संगठन के अभाव में समस्या ऐसे की ऐसी बनी रही।*
*🚩5. हिन्दुओं में अपने ही धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने के प्रति बेरुखी-*
 
*हिन्दू समाज के युवाओं को वेद आदि धर्म शास्त्रों का ज्ञान तो बहुत दूर की बात है । वाल्मीकि रामायण और महाभारत तक का स्वाध्याय उसे नहीं हैं। धर्म क्या है? धर्म के लक्षण क्या है? वेदों का पढ़ना क्यों आवश्यक है? वैदिक धर्म क्यों सर्वश्रेष्ठ है? हमारा प्राचीन महान इतिहास क्या था? हम विश्वगुरु क्यों थे? इस्लामिक आक्रांताओं और ईसाई मिशनरियों ने हमारे देश, हमारी संस्कृति, हमारी विरासत को कैसे बर्बाद किया। हमारे हिन्दू युवा कुछ नहीं जानते। न ही उनकी यह जानने में रूचि हैं। अगर वह पढ़ते भी है तो अंग्रेजी विदेशी लेखकों के मिथक उपन्यास (Fiction Novel) जिनमें केवल मात्र भ्रामक जानकारी के कुछ नहीं होता। स्वाध्याय के प्रति इस बेरुखी को दूर करने के लिए एक मुहीम चलनी चाहिए। ताकि धर्मशास्त्रों का स्वाध्याय करने की प्रवृति बढ़े। हर हिन्दू मंदिर, मठ आदि में छुट्टियों में 1 से 2 घंटों का स्वाध्याय शिविर अवश्य लगना चाहिए। ताकि हिन्दू युवाओं को स्वाध्याय के लिए प्रेरित किया जा सके।*
*🚩आज का हिन्दू युवा बॉलीवुड, चलचित्रों, इंटरनेट आदि द्वारा तेजी से धर्मविमुख हो रहा है इसके लिए माता-पिता को बचपन से ही धर्म की शिक्षा देनी चाहिए और कॉन्वेंट जैसे स्कूलों में नही पढ़ाकर गुरूकुलों में या किसी ऐसे स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजना चाहिए जहां धर्म का ज्ञान मिलता हो, नही तो बच्चों में संस्कार नही होंगे तो न आपकी सेवा कर पाएंगे और नही समाज और देश के लिए कुछ कर पाएंगे। अतः अपने बच्चों एवं आसपास बच्चों को अच्छे संस्कार अवश्य दें
*हिंदुओ द्वारा हलाल उत्पाद के प्रयोग का अर्थ है अपनी पीढ़ी को धीरे धीरे नष्ट करना। बेटे का जीवन व बेटी का सम्मान दोनो सुरक्षित हो जाएँगे।*
*और हलाल के मायने non-veg ही नहीं है। Veg उत्पाद, यहाँ तक कि अखाद्य उत्पाद भी हलाल होते है। एक विशेष चिन्ह होता है हलाल का ठप्पा। यह कोई सरकारी रेगुलेटिंग ऐजेन्सी नहीं है अपितु यह एक सोची समझी साजिश के अन्तर्गत किया जा रहा है। बस ऐसे हलाल सर्टीफाइड सभी प्रोडक्ट और प्रोडक्ट बनाने वाले का सम्पूर्ण बहिस्कार करना चाहिए।*
*और बस प्रयास करते रहे। हर बूँद क़ीमती है। महासागर भी मात्र बूंदो  का संग्रह भर होते है।*
   🇮🇳🕉️हिन्दुराष्ट्रम🕉️🇮🇳
🇮🇳🕉️जय माँ भारती🕉️🇮🇳
🇮🇳🕉️उत्तिष्ठ भारतः🕉️🇮🇳
🇮🇳🕉️माँ तुझे प्रणाम🕉️🇮🇳