आज का पंचाग आपका राशि फल, भारत में 12 ज्योतिर्लिंग जबकि राशियां भी हैं 12, अपनी राशि के अनुसार करें उसी ज्योतिर्लिंग की पूजा, क्या सच में मोदी भारत को बदल रहे हैं!

श्री गणेशाय नम: पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम और भगवान श्री कृष्ण भी पंचांग का श्रवण करते थे। पंचांग को नित्य पढ़ने/सुनने से देवताओं की कृपा, कुंडली के ग्रहों के शुभ फल मिलते है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌄सुप्रभातम🌄
🗓#_आज_का_पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, ७ जुलाई २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३४
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१३
चन्द्रोदय: 🌝 २७:३७
चन्द्रास्त: 🌜१७:१५
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (राक्षस)अमावस्यात मास👉ज्येष्ठ पक्ष 👉कृष्ण पुर्णिमात
मास 👉 आषाढ़
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 त्रयोदशी (२७:२० तक)
नक्षत्र 👉 रोहिणी (१८:१९ तक)
योग 👉 गण्ड (१५:३६ तक)
प्रथम करण 👉 गर (१४:१३ तक)
द्वितीय करण 👉 वणिज (२७:२० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 वृष
मंगल 🌟 कर्क (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 मिथुन (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 कर्क (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

अभिजित मुहूर्त
अमृत काल 👉 १४:४३ से १६:३१
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन
विजय मुहूर्त 👉 १४:४२ से १५:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०८ से १९:३२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०२ से २४:४२
राहुकाल 👉 १२:२२ से १४:०७
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०७:०७ से ०८:५२
होमाहुति 👉 केतु
दिशाशूल 👉 उत्तर
नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (१८:१९ तक)
अग्निवास 👉 आकाश
भद्रावास 👉 स्वर्ग (२७:२२ से)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 भोजन में (२७:२० श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
दक्षिण-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष

प्रदोष व्रत, बुध मिथुन में ११:०४ से, विवाहादि मुहूर्त कुंम्भ लग्न रात्रि ०९:३९ से ११:०९ तक, व्यवसाय आरम्भ+वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त प्रातः १०:४९ से दोपहर १२:३२ तक, देव प्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०५:४३ से ०९:०६ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १८:१९ तक जन्मे शिशुओ का नाम
रोहिणी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (वी, वू) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम मृगशिरा नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमश (वे, वो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २७:५२ से ०६:०७
कर्क – ०६:०७ से ०८:२९
सिंह – ०८:२९ से १०:४८
कन्या – १०:४८ से १३:०५
तुला – १३:०५ से १५:२६
वृश्चिक – १५:२६ से १७:४६
धनु – १७:४६ से १९:४९
मकर – १९:४९ से २१:३०
कुम्भ – २१:३० से २२:५६
मीन – २२:५६ से २४:२०
मेष – २४:२० से २५:५३
वृषभ – २५:५३ से २७:४८
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:२२ से ०६:०७
रज पञ्चक – ०६:०७ से ०८:२९
शुभ मुहूर्त – ०८:२९ से १०:४८
चोर पञ्चक – १०:४८ से १३:०५
शुभ मुहूर्त – १३:०५ से १५:२६
रोग पञ्चक – १५:२६ से १७:४६
शुभ मुहूर्त – १७:४६ से १८:१९
मृत्यु पञ्चक – १८:१९ से १९:४९
अग्नि पञ्चक – १९:४९ से २१:३०
शुभ मुहूर्त – २१:३० से २२:५६
रज पञ्चक – २२:५६ से २४:२०
अग्नि पञ्चक – २४:२० से २५:५३
शुभ मुहूर्त – २५:५३ से २७:२०
रज पञ्चक – २७:२० से २७:४८
शुभ मुहूर्त – २७:४८ से २९:२२
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#_आज_का_राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आप स्वयं स्वभाव से संतोषी रहेंगे। लेकिन परिजनों का व्यवहार आपके प्रति गैरजिम्मेदाराना रहेगा। कार्य व्यवसाय हो या नौकरी दोनों में ही विविध कष्टों एवं संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। आप अपने मन से झंझटों वाले कामों में नहीं पड़ेंगे लेकिन अन्य लोगों के दबाव में आकर ऐसा करना ही पड़ेगा। संध्या के आसपास का समय दिन की अपेक्षा राहत वाला रहेगा किसी घनिष्ट से उपहार सम्मान मिलने पर कुछ समय के लिए अपनी परेशानियों को भूल जाएंगे। आज किसी भी प्रकार के साज सज्जा सौंदर्य एवं सफेद वस्तुओं से जुड़े कार्यों को छोड़कर अन्य सभी में संघर्ष के बाद भी निराशा ही हाथ लगेगी। परिवार कुटुंब में सदस्य एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाकर माहौल खराब करेंगे। आज का दिन वाणी का प्रयोग ना करें मूकदर्शक बनकर बताएं तो मानसिक रूप से शांति बनी रहेगी। आंखों में जलन नेत्रज्योति में कमी एवं पित्त संबंधित व्याधि हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके धन धान्य कोष में वृद्धि करेगा लेकिन खर्च भी आज अनियंत्रित ही रहेंगे। दिन के आरंभिक भाग में आपके सनकी मिजाज के चलते जीवनसाथी अथवा किसी अन्य परिजन से छोटी मोटी बहस होगी। आपके स्वभाव पर इसका फर्क नही पड़ेगा परन्तु परिजन अवश्य ही दुखी होंगे। घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति समय पर नही करने के कारण नया विवाद बढ़ेगा। कार्य क्षेत्र पर आप के दिमाग में कम समय में ज्यादा धन पाने की युक्तियां लगी रहेगी अनैतिक साधनों का भी प्रयोग करेंगे इससे लाभ भी होगा लेकिन मन में अपमानित होने का भय भी रहेगा। आज हर किसी को संदेह की दृष्टि से ना देखें अन्यथा आप पर भारी पड़ जाएगा। व्यवसाय से संबंधित सरकारी कार्य की खानापूर्ति आज अवश्य करें आने वाले दिनों में इसमें सफलता मिल जाएगी। अन्यथा लंबे समय तक अधूरे रह सकते हैं। ईर्ष्यालु स्वभाव मानसिक अंतर्द्वंद को छोड़ सेहत सामान्य ही रहेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप अपनी ही किसी गलती अथवा लापरवाही के चलते संकट में फंस सकते हैं। शारीरिक रूप से दिन के आरंभ में ही शिथिलता अनुभव होगी फिर भी इसकी अनदेखी कर दैनिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे। जिसके फलस्वरूप मध्यान्ह के बाद सेहत में अक्समात गड़बड़ी आने से कार्य में व्यवधान पड़ेगा। कार्यक्षेत्र पर किसी भी प्रकार के जोखिम वाले कार्य करने से पहले आगे मिलने वाले फलों का विचार अवश्य करें। धन की आमद आज सरल नहीं रहेगी जोड़ तोड़ कर अथवा जबरदस्ती करने पर अल्प आय के योग है। लेकिन आज धन की क्षति किसी न किसी रूप में होने वाली है। आपके अथवा किसी परिजन के द्वारा कोई पाप कर्म भी हो सकता है जिसकी गिलानी बाद में होगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर भी शत्रुओं में वृद्धि होगी। लंबी यात्रा की योजना बना रहे हैं तो फिलहाल कुछ दिन स्थगित करें दुर्घटना अथवा चोरी से हानि हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा आज आप प्रत्येक कार्य सोच समझकर ही करेंगे फिर भी मध्यान्ह तक की दिनचर्या अस्त व्यस्त रहेगी। अधिकांश कार्य में रुकावट आने से मन में नकारात्मक भाव उत्पन्न होंगे। व्यवसाय एवं नौकरी में आज बिना झंझट में पड़े लाभ कमाना मुश्किल है। धन की आमद आशा से कम ही होगी। घरेलू सुख सुविधा की वस्तुओं में वृद्धि होगी लेकिन परिजनों में आपसी अनबन के चलते मानसिक दुख भी रहेगा। संतानों से जिस कार्य की अपेक्षा करेंगे उसका उल्टा ही करेंगे। आज इनसे बहस ना करें अन्यथा अपमानित होना पड़ेगा। पैतृक अचल संपत्ति विषयक शुभ समाचार मिल सकते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र पर आप की छवि पहले जैसी ही बनी रहेगी। मधुमेह अथवा अन्य रक्त संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके व्यक्तिगत सुख में वृद्धि करेगा। आप स्वभाव से अत्यंत ईर्ष्यालु रहेंगे किसी अन्य विशेषकर प्रतिद्वंदी की खुशी देखकर सहन नहीं कर पाएंगे परिवार हो या कार्यक्षेत्र स्वयं तो जल्दी से कुछ करेंगे नहीं अन्य लोगों के कार्यों में भी नुक्स निकालेंगे जिस वजह से कुछ समय के लिए अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ेगा। आप की कथनी और करनी में भी अंतर रहेगा आज किसी से भावुकता में आकर कोई वादा ना करें। अन्यथा बाद में शर्मिंदा होना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय से अनुभव होने के बाद भी कोई विशेष लाभ नहीं उठा पाएंगे। संध्या बाद दिमाग मनोरंजन में अधिक रहेगा आवश्यक कार्यों को छोड़कर मित्र मंडली के साथ मौज शौक में समय व्यतीत करेंगे लेकिन यहां भी आपके आचरण को लेकर कहासुनी हो सकती है। ठंडे पदार्थों ठंडे स्थान एवं जल से दूरी रखें अन्यथा सर्दी जुखाम शीघ्र ही हो सकते है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन के प्रथम भाग में आप जिस भी कार्य से आशा लगाए रखेंगे बाद में वही हानि करेगा। कोई भी निर्णय सोच समझकर ही ले जल्दबाजी में जो भी कार्य करेंगे उसमें असफलता निश्चित है। व्यवसाय में अक्समात खर्च करना पड़ेगा लेकिन प्राप्ति कुछ भी नहीं होगी हो सके तो किसी भी प्रकार का निवेश कुछ दिनों के लिए टाले अन्यथा धन निश्चित ही फंसेगा। व्यवसाई वर्गों को आर्थिक कार्यों में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। ऋण वृद्धि होने से आर्थिक संतुलन गड़बड़ाएगा किसी से पूर्व में किया वादा तोड़ना पड़ेगा। संध्या का समय थोड़ा मानसिक राहत वाला रहेगा। जिन लोगों से आप भयभीत हो रहे थे वह दिखावे के लिए सांत्वना एवं सम्मान देंगे। लेकिन यह ज्यादा देर के लिए टिकाऊ नहीं रहेगा इसका ध्यान रहे। ज्वार सर दर्द नेत्र पीड़ा संबंधित शिकायत हो सकती है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन बीते कुछ दिनों की अपेक्षा बेहतर रहेगा सुबह सुबह के समय अवश्य ही थोड़ी बहुत शारीरिक अकड़न एवं कमजोरी अनुभव होगी। लेकिन धीरे-धीरे सेहत में स्थिरता आने लगेगी। आध्यात्मिक आकर्षण बढ़ेगा विचारों में धार्मिक भाव उत्पन्न होंगे। कार्यक्षेत्र पर कई काम एक साथ आने से कुछ दुविधा होगी लेकिन आप आवश्यकता के समय मेहनत से पीछे नहीं हटेंगे। कार्यशैली अवश्य मंदी रहेगी जिस कार्य को करना आरंभ करेंगे आरंभ में उस में कुछ ना कुछ रुकावट आएगी फिर भी धीरे-धीरे अधूरे कार्यों को शाम तक काफी हद तक पूरा कर लेंगे। कार्य पूरा होने के बाद भी धन ना मिलने पर मन कुछ समय के लिए उदास होगा। आज सरकार अथवा इससे संबंधित किसी मामले में मानसिक भय भी रहेगा। घर में खर्च अथवा अन्य आर्थिक कारणों से खींचतान हो सकती है। व्यवसायिक यात्रा से सामान्य लाभ होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन बीते कुछ दिनों से जिस कार्य योजना पर प्रयासरत थे उसमें विजय मिलने की संभावना है स्वभाव में अहम की भावना अधिक रहेगी अपनी बातों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करना एवं गलत बात को भी सही सिद्ध करने का प्रयास करेंगे दांपत्य जीवन एवं घर परिवार व्यवसाय में भागीदारी वाले कार्य को छोड़कर अन्य जिस भी कार्य में भाग्य आजमाएंगे वहां से तुरंत ही अच्छे फल मिल सकते हैं आज बैटरी कार्य अथवा पिता से संबंधित किसी भी कार्य से अक्समात लाभ होने की संभावना है धन की आमद सामान्य से उत्तम रहेगी फिर भी आपको संतोष नहीं दे पाएगी परिवार में पति पत्नी के बीच अनैतिक अथवा कुटुंबी कारणों से तीखी झड़प होने की संभावना है कार्यक्षेत्र पर भी आज भागीदारों के ऊपर आंख बंद कर कर भरोसा ना करें निश्चित ही धोखा हो सकता है दाद खाज अन्य प्रकार के चर्म रोग एवं रक्ताल्पता की शिकायत हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके भौतिक फलों में वृद्धि कारक है। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपकी छवि में बीते दिनों से सुधार आएगा।आज के दिन से लाभ लेने के लिए भाग्य को कोसना छोड़कर मेहनत पर ध्यान दें राज समाज से आवश्यकता पड़ने पर उचित सहयोग मिल सकता है। इसके लिए स्वयं में भी आत्मविश्वास जागृत करें। कार्य व्यवसाय से दिन के आरंभिक भाग में निराशा होगी लेकिन धीरे-धीरे कार्य क्षेत्र का वातावरण समझ आने के बाद गुप्त युक्तियों से लाभ के मार्ग प्रशस्त कर लेंगे। धन की आमद आवश्यकता अनुसार हो जाएगी। ज्यादा के चक्कर में ना रहे अन्यथा हाथ आया भी निकल सकता है। पारिवारिक वातावरण मिलाजुला रहेगा हल्की-फुल्की नोकझोंक के बाद भी घर से सुख की प्राप्ति होगी। बोलचाल में सतर्कता बरतें मुख से अपशब्द निकलने पर किसी से झगड़ा हो सकता है। मानसिक वहम अथवा किसी दवा का दुष्प्रभाव हो सकता है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको बौद्धिक एवं शारीरिक दोनों प्रकार के परिश्रम करने पड़ेंगे। इसका तुरंत कोई लाभ नहीं मिल सकेगा लेकिन निकट भविष्य में धन के साथ सम्मान दोनों की प्राप्ति होगी। दिन को लापरवाही में व्यर्थ ना करें अन्यथा आगे पछताना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र पर आज उधारी के व्यवहार बढ़ने से धन की प्राप्ति ना के बराबर ही होगी। उधारी के व्यवहारों पर नियंत्रण रखें अन्यथा निकट भविष्य में आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा। घरेलू वातावरण में छोटी-मोटी खींचतान लगी रहेगी फिर भी बाहर की अपेक्षा यही अधिक सहज अनुभव करेंगे। आज आपको कोई झूठ बोलकर ठग सकता है अथवा अन्य लोगों के सामने आपको हास्य का पात्र बना सकता है। हित शत्रुओं से विशेषकर सतर्क रहें। सेहत छोटी मोटी समस्याओं को छोड़ ठीक बनी रहेगी। भोजन भूख लगने पर ही करें अन्यथा पेट संबंधित व्याधि हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन मानसिक अशांति वाला रहेगा। बचते बचते भी अन्य लोगों के झगड़ों में पड़कर स्वयं का नुकसान करेंगे। आपको भी किसी परिजन के कारण अक्समात क्रोध आ सकता है जिसके कारण घर में व्यवस्था एवं अशांति फैलेगी। कार्यक्षेत्र पर सहयोगी वातावरण मिलने के बाद भी इसका ठीक से लाभ नही उठा पाएंगे। सहकर्मी डरे-सहमे रहने के कारण खुलकर कार्य नहीं कर पाएंगे। अचल संपत्ति से संबंधित मामले किसी ना किसी रूप में मानसिक उद्वेग का कारण बनेंगे। कार्य व्यवसाय से सामान्य आय होगी ज्यादा भागदौड़ से बचें इसका कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिल सकेगा। परिवार में माता अथवा अन्य किसी स्त्री वर्ग के कारण झगड़ा होने की प्रबल संभावना है। सोच समझकर ही वाणी का प्रयोग करें यही आपके लिए हितकर रहेगा। गर्म सर्द की परेशानी हो सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आप को किसी न किसी रूप में अवश्य ही धन लाभ कराएगा। लेकिन दिन के आरंभ से मध्यान्ह तक जिस भी कार्य को करेंगे उस में विलंब अथवा असफलता मिलने से निराशा होगी। फिर भी प्रयास जारी रखें संध्या तक आर्थिक दृष्टिकोण से दिन राहत ही प्रदान करेगा। आज कई दिनों से रुके हुए कार्य में गति आने से भी राहत मिलेगी लेकिन इससे आर्थिक लाभ की अपेक्षा ना ही रखें। परिवार में छोटे भाई अथवा बहनों का ईर्ष्यालु व्यवहार मन को आहत कर सकता है। धर्म अध्यात्म के कार्यों में रुचि नहीं मिलेंगे दिन में परोपकार के कार्यों के अवसर भी मिलेंगे लेकिन इनमें केवल व्यवहारिकता मात्र ही दिखाएंगे। व्यवसायिक यात्रा अवश्य ही लाभदायक रहेगी। पेट संबंधित छोटी मोटी समस्या आज भी लगी रहेगी। #_पुर्णा_ज्योतिष_केन्द्र=> 🌺 🌺 🌺 🌺
अन्नपूर्णा पूजन स्थापना, हवन, सत्यनारायण कथा, सोलहसोमवार उद्यापन, जन्मपत्रिका बनाना व विश्लेषण करना, मूलनक्षत्र शांती, कालसर्पयोग, पितृदोष, ग्रहण दोष, दुर्गा देवी स्थापना, गणेश स्थापना,रुद्राभिषेक पुजन अमावस्यादोष, चांडालदोष, भूमीपूजन, गृहप्रवेशवास्तु , दुकान का उदघाटन, रोग निवारण पत्रिका व्दारा, नवग्रह शांति, शादि, सगाई समस्त *विशेष कुंडली मिलान एवं वैदिक कार्य हेतू सम्पर्क करें ।
वीठ्ठल किराना भैसदेही के पास मोबाइल 9406950313, 9755478312. पंडित_मधुसूदन_जोशी 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

 भारत में 12 ज्योतिर्लिंग है और 12 ही राशियां आइए बताते है राशियों के अनुसार किस ज्योतिर्लिंग की पूजा करें
पं वेद प्रकाश तिवारी ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ
9919242815 निशुल्क परामर्श उपलब्ध 
देवाधिदेव महादेव ही सर्वशक्तिमान हैं. उनकी पूजा का विशेष महत्व है. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसी प्रकार विभिन्न राशि के व्यक्तियों के लिए शास्त्र अलग-अलग ज्योर्तिलिंगों की पूजा का महत्व बताया गया है. भगवान शंकर के पृथ्‍वी पर 12 ज्योर्तिलिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों को अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योजिर्लिंग प्राणियों को मृत्युलोक के दु:खों से मुक्ति दिलाने में काफी मददगार है
 *इन सभी ज्योर्तिलिंगों को 12 राशियों से भी जोड़कर देखा जाता है.*
 आइये जानते हैं किस राशि के व्यक्ति को किस ज्योर्तिलिंग पर पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है. 
 
*मेष राशि – सोमनाथ ज्योतिर्लिंग*
  मेष राशि वालों को सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के सोमनाथ देव की पूजा पंचामृत से करनी चाहिए. गंगाजल, दूध, दही, शहद व घी को मिलाकर पंचामृत का निर्माण किया जाता है. शिव परिवार को पंचामृत अर्पण करने का भी विशेष महत्व है. सोमवार के दिन शिव की पंचामृत पूजा हर मनौती को पूरा करने वाली मानी गई है. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र (काठियावाड़) के वेरावल बंदरगाह में स्थित है जिसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था. इस मंदिर में सोमनाथ देव की पूजा पंचामृत से की जाती है. कहा जाता है कि जब चंद्रमा को शिव ने शाप मुक्त किया तो उन्होंने जिस विधि से साकार शिव की पूजा की थी उसी विधि से आज भी सोमनाथ की पूजा होती है. सोमनाथ मंदिर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थलों में एक है. लोककथाओं के अनुसार यहीं श्रीकृष्ण ने देहत्याग किया था
 *वृष राशि – मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग*
वृष राशि के व्यक्तियों को मल्लिकार्जुन का ध्यान करते हुए ओम नमः शिवायः मंत्र का जप करते हुए कच्चे दूध, दही, श्वेत पुष्प के साथ मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए दूध से अभिषेक करना चाहिए. भगवान शिव के प्रकाशमय स्वरूप का मानसिक ध्यान करना चाहिए. ताम्बे के पात्र में दूध भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें,  ॐ श्री कामधेनवे नमः का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें, पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवायः का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें,  शिवलिंग पर दूध की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें. अभिषेक करते हुए ॐ सकल लोकैक गुरुर्वै नमरू मंत्र का जाप करे. श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग ऐसा तीर्थ है, जहां शिव और शक्ति की आराधना से देव और दानव दोनों को सुफल प्राप्त हुए. शास्त्रों में बताया गया है कि श्री शैल शिखर के दर्शन मात्र से मनुष्य सब कष्ट दूर हो जाते हैं और अपार सुख प्राप्त कर जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव का यह पवित्र मंदिर नल्लामलाई की आकर्षक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है.
 *मिथुन राशि – महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग*
 मिथुन राशि वाले जातक को महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए ‘ओम नमो भगवते रूद्राय ’  मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए. हरे फलों का रस, मूंग, बेलपत्र आदि से उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. महाकालेश्वर  कालों के काल हैं. इनकी पूजा करने वाले को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. इस राशि में जन्म लेने वाले व्यक्ति को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन एवं पूजा करनी चाहिए. महाकालेश्वर के शिवलिंग को दूध में शहद मिलाकर स्नान कराएं और बिल्व पत्र एवं शमी के पत्ते चढ़ायें. शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए दूध से अभिषेक करें. महाकालेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित है जो कि क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है. स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर मंदिर की अत्यन्त पुण्यदायी महात्मय है. मराठों के शासनकाल में यहां दो महत्वपूर्ण घटनाएं घटी, पहली महाकालेश्वर मंदिर का पुर्निनिर्माण और ज्योतिर्लिंग की पुनर्प्रतिष्ठा तथा दूसरी सिंहस्थ पर्व स्नान की स्थापना. इसके बाद राजा भोज ने इस मंदिर का विस्तार करवाया
 *कर्क राशि – ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग*
कर्क राशि वाले जातकों को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. मध्य प्रदेश में नर्मदा तट पर बसा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का संबंध कर्क राशि से है. इस राशि वाले महाशिवरात्रि के दिन शिव के इसी रूप की पूजा करें. ओंकारेश्वर का ध्यान करते हुए शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद अपामार्ग और विल्वपत्र चढ़ाएं. श्री ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में जिले में स्थित है. यह नर्मदा नदी के बीच मन्धाता व शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है. यह भगवान शिव के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक है. यह यहां के मोरटक्का गांव से लगभग 12 मील (20 किमी) दूर बसा है. यह द्वीप हिन्दू पवित्र चिन्ह ॐ के आकार में बना है. यहां दो मंदिर स्थित हैं – 1. ओम्कारेश्वर 2. अमरेश्वर. श्री ओम्कारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी से स्वतः ही हुआ है.
 *सिंह राशि – वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग*
सिंह राशि के जातकों को बाबा वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. ऐसे जातक कारोबार, परिवार, राजनीति या स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं तो उन्हे महाशिवरात्रि में शिवलिंग को जल में दूध, दही, गंगाजल व मिश्री मिलाकर ॐ जटाधराय नमः मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए. झारखण्ड के देवघर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैद्यनाथ धाम भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंग में से नौवां ज्योतिर्लिंग है. यह ज्योतिर्लिंग सर्वाधिक महिमामंडित है.यूं तो यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं लेकिन सावन में यहां भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है. सावन में यहां प्रतिदिन करीब एक लाख भक्त ज्योतिर्लिग पर जलाभिषेक करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यह ज्योतिर्लिंग लंकापति रावण द्वारा यहां लाया गया था.
*कन्या राशि – भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग*
 कन्या राशि वाले जातकों को भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. महाराष्ट्र में भीमा नदी के किनारे बसा भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कन्या राशि का ज्योर्तिलिंग हैं. इस राशि वाले भीमाशंकर को प्रसन्न करने के लिए दूध में घी मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. भारत के बारह ज्योतिर्लिंग में भीमाशंकर का स्थान छटवां है जो महाराष्ट्र के पूणे से लगभग 110 किमी दूर सहाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है. श्रावण के महीने में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन का महत्व बहुत बढ़ जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को समस्त दु:खों से छुटकारा मिल जाता है. यह मंदिर अत्यंत पुराना और कलात्मक है. भीमाशंकर मंदिर नागर शैली की वास्तुकला से बनी एक प्राचीन और नयी संरचनाओं का समिश्रण है. 
*तुला राशि – रामेश्वर ज्योतिर्लिंग* 
तुला राशि वाले जातकों को रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. तमिलनाडु स्थित भगवान राम द्वारा स्थापित रामेश्वर ज्योतिर्लिंग का संबंध तुला राशि से है. भगवन राम ने सीता की तलाश में समुद्र पर सेतु निर्माण के लिए इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी. महाशिवरात्रि के दिन इनके दर्शन से दांपत्य जीवन में प्रेम और सद्भाव बना रहता है. जो लोग इस दिन रामेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन नहीं कर सकें वह दूध में बताशा मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं और आक का फूल शिव को अर्पित करें. रामेश्‍वरम/ रामलिंगेश्‍वर ज्योतिर्लिंग हिन्दुओं के चार धामों में से एक धाम है. यह तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. श्री रामेश्वर तीर्थ तमिलनाडु प्रांत के रामनाड जिले में है. मन्नार की खाड़ी में स्थित द्वीप जहां भगवान राम का लोक-प्रसिद्ध विशाल मंदिर है. श्री रामेश्वर जी का मंदिर एक हजार फुट लम्बा, छः सौ पचास फुट चौड़ा तथा एक सौ पच्चीस फुट ऊँचा है. 
*वृश्चिक राशि – नागेश्वर ज्योतिर्लिंग*
  वृश्चित राशि वाले जातक को गुजरात के द्वारका जिले में अवस्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. इस ज्योतिर्लिंग का संबंध वृश्चिक राशि से है. महाशिवरात्रि के दिन इनका दर्शन करने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है. जो लोग इस दिन नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन न कर सकें वह दूध और धान के लावा से शिव की पूजा करें. शिव को गेंदे का फूल, शमी एवं बेलपत्र चढाएं. वृश्चिक राशि के जातक ‘ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं’. मंत्र का जप करें. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में दसवें ज्योतिर्लिंग के रूप में विश्व भर में प्रसिद्ध है. नागेश्वर अर्थात नागों का ईश्वर और यह विष आदि से बचाव का सांकेतक भी है. यह प्रसिद्ध मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर गुजरात के द्वारकापुरी से 25 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. नागेश्वर मंदिर जिस जगह पर बना है वहां कोई गांव या बसाहट नहीं है.
 *धनु राशि – विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग*
धनु राशि के जातकों को वाराणसी स्थित काशी विश्‍वनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का संबंध धनु राशि से है. इस राशि वाले व्यक्ति को सावन के महीने तथा महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल में केसर मिलाकर शिव को अर्पित करना चाहिए. विल्वपत्र एवं पीला अथवा लाल कनेर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. धनु राशि के लिए शिव मंत्र -ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।।इस मंत्र से शिव की पूजा करें. काशी विश्वनाथ मंदिर सबसे प्रसिद्ध भगवान शिव का मंदिर है. यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी के गंगा नदी के पश्चिमी तट पर अवस्थित है. दुनिया में यह सबसे पुराना जीवित शहर जो मंदिरों का शहर काशी कहा जाता है और इसलिए मंदिर लोकप्रिय काशी विश्वनाथ भी कहा जाता है. वाराणसी के पवित्र शहर में भीड़ गलियों के बीच स्थित है. मुक्ति पाने वाले यहां आते हैं तारक मंत्र लेकर प्रार्थना करते हैं भक्ति के साथ विश्वेश्वर पूजा जिससे सभी इच्छाओं और सभी सिद्धियां उपलब्ध होती है और अंत में मनुष्य मुक्त हो जाता है.
 
*मकर राशि – त्रयम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग*
 मकर राशि के जातकों को त्रयम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग की पूजा करनी चाहिए. त्रयम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग का संबंध मकर राशि से है. यह ज्योर्तिलिंग नासिक में स्थित है. महाशिवरात्रि के दिन इस राशि वाले गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिव का जलाभिषेक करना चाहिए. शिव को नीले का रंग फूल और धतूरा चढ़ाएं. मकर राशि के लिए मंत्र – त्रयम्बकेश्वर का ध्यान करते हुए ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का 5 माला जप करें. त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में त्रिम्बक शहर में है. यह नासिक शहर से 28 किलोमीटर दूर है. ज्योतिर्लिंग की अदभुत विशेषता भगवान ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव का प्रतीक तीन चेहरों के दर्शन होते हैं. इस प्राचीन मंदिर की स्‍थापत्य शैली पूरी तरह से काले पत्थर पर अपनी आकर्षक वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है. मंदिर लहरदार परिदृश्य और रसीला हरी वनस्पति की पृष्ठभूमि पर ब्रहमगिरि पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित है. गोदावरी जो भारत में सबसे लंबी नदी है के तीन स्त्रोत ब्रहमगिरि पर्वत से उत्पन्न होकर राजमहेंद्रु के पास समुद्र से मिलती है. 
*कुम्भ राशि – केदारनाथ ज्योतिर्लिंग*
 कुम्भ राशि वाले जातकों को उत्तराखंड स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. केदारनाथ शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद कमल का फूल और धतूरा चढ़ाएं. इस राशि के लोग अपने कार्य बिना किसी के मदद के करना चाहते हैं. गुस्सा रहता है. पर जल्दी ही शांत हो जाते हैं. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग हिमालय की बर्फ से ढके क्षेत्र में स्थित है. श्री केदारेश्वर केदार नामक एक पहाड़ पर और पहाड़ों के पूर्वी ओर नदी मंदाकिनी के स्त्रोत पर, हिमालय पर स्थित है, अलकनंदा बद्रीनारायण के तट पर स्थित है. यह जगह लगभग 253 किलोमीटर दूर हरिद्वार से और 229 किलोमीटर उत्तर ऋषिकेश की है. केदार भगवान शिव, रक्षक और विनाशक का दूसरा नाम है. केदारनाथ देश का हिमालय में सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण पाण्‍डवों ने करवाया था. यहां के मंदिर में अंदर की दीवारों पर विस्तृत नक्काशियां देखने को मिलेगी. शिवलिंग एक पिरामिड के रूप में है
*मीन राशि -घृष्नेश्वर ज्योतिर्लिंग* 
मीन राशि वाले जातकों को महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित घृष्नेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. इस ज्योर्तिलिंग का संबंध मीन राशि से है. इस राशि वाले जातकों को सावन के महीने में दूध में केसर डालकर शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए. स्नान के पश्चात शिव को गाय का घी और शहद अर्पित करें. कनेर का पीला फूल और विल्वपत्र शिव को चढ़ाना चाहिए. घृष्नेश्वर ज्योतिर्लिंग 12वें ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध है. यह तीर्थ स्थल दौलताबाद (देवगिरि) से 30 किमी की दूरी पर स्थित है जो कि घृष्नेश्वर ज्योतिर्लिंग वेरूल नामक गांव में स्थित है.  औरंगाबाद जो एलोरा गुफाओं के पास है. ऐतिहासिक मंदिर जो कि लाल चटटानों से निर्मित मंदिर जिसमें 5 परतों का सिकारा है. 12 ज्योतिर्लिंग अभिव्यक्ति में से एक के निवास के रूप में प्रतिष्ठित एक प्राचीन तीर्थ स्थान है
क्या सचमुच नरेंद्र मोदी भारत को बदल रहे हैं?
जय अग्रवाल, संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार में काम करते हैं। उनका कहना है कि मैं भारत में लगभग 25 वर्षों से नहीं रहा हूं, इसलिए मैं इसका केवल एक परिप्रेक्ष्य के रूप में उत्तर दे सकता हूं। ध्यान दें कि एक अमेरिकी नागरिक के रूप में, मैं न तो भारतीय चुनावों में मतदान कर सकता हूं और न ही भारत में चुनावी परिणाम में कोई निहित स्वार्थ है। इसलिए मै पूरी वस्तुनिष्ठता से अपना पक्ष रख रहा हूँ।
मैं वाशिंगटन डीसी में एक नियमित उबेर सवारी हूँ, और एक अफगानी ड्राइवर मुझे उठाता है। कुछ मिनटों के बाद, वह मुझसे पूछता है कि क्या मैं भारतीय हूं, मैं हां कहता हूं, और वह मुस्कुराने लगता है। उनका अगला सवाल, क्या आप जानते हैं कि मोदी पर कोई कब फिल्म बनाएगा? मैं थोड़ा हैरान हूं, फिल्म के सुझाव पर नहीं, बल्कि यह कि वह मोदी को जानते भी होंगे। वैसे भी, मैं उससे पूछता हूँ क्यों? उनका जवाब है कि अफगानिस्तान में मोदी को जादूगर माना जाता है और अफगान प्रार्थना करते हैं कि उन्हें उनके जैसा नेता मिले जिससे अफगानिस्तान को भारत जैसा बनाया जा सके।
नाइजीरिया से मेरा प्रिय सहकर्मी, इतेओगु, हर सुबह नाइजीरियाई राष्ट्रपति बुहारी को गरियाते हुए काम  शुरू करता है। उसके  राय में, बुहारी नाइजीरिया को डूबा चुका है। फिर वह मुझे ईर्ष्या से  देखते हुए कहता है, तुम्हें क्या परवाह है, तुम्हारे पास नरेंद्र मोदी हैं। देखिए आज भारत कहां है।  
दो पूरी तरह से दो अलग अलग भोगौलिक क्षेत्र के गैर-भारतीय, जिनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है, चाहते हैं कि मोदी जैसा कोई व्यक्ति अपने-अपने देश चलाए क्योंकि उनका मानना ​​है कि मोदी उनकी किस्मत बदल सकते हैं।
किसी ने उन्हें प्रोपेगेंडा नहीं सिखाया।
वे बस देखते हैं कि मोदी के अधीन भारत क्या बन गया है और इसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा कैसे बढ़ी है।
मैं यह नहीं कह रहा कि वह परिपूर्ण हैं, लेकिन अमेरिका में अपने 25 वर्षों मे, मैंने कभी भारत के प्रति इतना ध्यान और सम्मान देते किसी को नहीं देखा जितना कि मोदी के अधीन भारत को। निर्विवाद रूप से इसका क्रेडिट मोदी को जाता है। नफरत करने वाले नफरत करेंगे, लेकिन यह  मोदी का जादू है, शुद्ध और सरल!
(कुछ सामान्य संशोधनों के साथ अंग्रेजी से ट्रांसलेशन)