आज का पंचाग आपका राशि फल, धन लक्ष्मी प्राप्ति के लिए नित्य भगवान विष्णु पर कनेर के पुष्प चढायें, भक्ति शबरी की भांति हो तो हर व्यक्ति को मिलेंगे भगवान राम

*प्रशासक समिति ✊🚩*

*🚩जय सत्य सनातन🚩*

*🚩आज की हिंदी तिथि*

*🌥️ 🚩युगाब्द-५१२४*
*🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०७९*
*⛅ 🚩तिथि – अष्टमी

*⛅दिनांक – 05 अगस्त 2022*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅शक संवत् – 1944*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅नक्षत्र – स्वाती शाम 06:38 तक तत्पश्चात विशाखा*
*⛅योग – शुभ साध्य शाम 02:53 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*⛅राहु काल – सुबह 11:07 से 12:46 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:12*
*⛅सूर्यास्त – 07:19*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:45 से 05:28 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:24 से 01:08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅ विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹पथरी व पेशाब की समस्याओं के लिए🔹*

*🔹चाहे मूत्राशय में पथरी हो, चाहे गुद्दे (kidney) में हो, चाहे पित्ताशय में हो–कहीं भी पथरी हो, भूलकर भी ऑपरेशन नहीं करना । पत्थरचट्टा पोधे के २-२ पत्ते रोज खाओ, इससे कुछ ही दिनों में पथरी चट हो जाती है । यह पथरी के लिए अक्सीर इलाज है । जिनको मैंने यह प्रयोग बताया और उन्होंने किया तो उनकी पथरी निकल गयी । उन्होंने मेरे पास आ के धन्यवाद दिया, खुशी व्यक्त की । – पूज्य बापूजी*

*🔹सुबह खाली पेट खायें तो आच्छा है । कहीं सुजन हो, छोटा–मोटा घुटने का दर्द हो, मोच आ रही हो तो इसके पत्ते को रगड़ के रस निकालकर लगाने से लाभ होता है, और भी छोटे-मोटे बहुत सारे फायदे होते हैं ।*

*🔹पत्थरचट्टा का १ पत्ता बीच में से चीर के २ टुकड़े करो । चिरा हुआ भाग जमीन में गाड़ दो तो उसमे से दुसरे पौधे हो जायेंगे ।*

*🔹(गुर्दे – संबंधी रोगों की यह श्रेष्ठ गुणकारी औषधि है । रुक-रूककर पेशाब होने की समस्या में प्रतिदिन इसके २-३ पत्तों का सेवन करने से पेशाब खुल के होने लगता है ।)*

*🔹पारिवारिक कलहनाशक प्रयोग🔹*

👉🏻 *पति-पत्नी में झगड़ा हो गया हो और उसका शमन करना हो तो पति-पत्नी दोनों पार्वतीजी को तिलक करके उनकी ओर एकटक देखें तथा प्रार्थना करें । अगर पति पत्नी को निकाल देना चाहता है तो पत्नी यह प्रयोग करें । इससे झगड़ा शांत हो जायेगा ।*
*🔹धन, आरोग्य एवं शांति की प्राप्ति के लिए🔹*

*👉🏻 जो व्यक्ति चतुर्मास में भगवान विष्णु पर कनेर के पुष्प अर्पित करता है, उस पर लक्ष्मीजी की सदैव कृपा बनी रहती है । उसे आरोग्य एवं शांति की प्राप्ति होती है तथा उसके संकट दूर होते हैं ।*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰

*⚜️ आज का राशिफल ⚜️*

*दिनांक : 05 अगस्त 2022*

 

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आप मन ही मन आंनदित रहेंगे। लापरवाही व्यवहार में रहने से दिन में कई बार कलह का कारण बनेगी। असंयमित दिनचर्या के कारण शारीरिक रूप से भी थकान एवं अस्वस्थ्यता अनुभव होगी। आज आप किसी भी एक निर्णय पर नही टिकेंगे अपनी बातों से पलटने के कारण व्यावसायिक स्थल एवं गृहस्थ में झगड़े होने की संभावना है। मौज शौक को कार्यो से ज्यादा महत्त्व देने के कारण हानि हो सकती है। धन संबंधित योजनाए मन मे चलती रहेंगी वर्जित कार्यो से शीघ्र पैसा कमाने का प्रयास भी करेंगे परन्तु सफलता में संदेह रहेगा। आज महिला वर्ग अधिक चंचल रहेंगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन धन-धान्य वृद्धि कारक रहेगा। विरोधी भी नतमस्तक रहेंगे आज आप महत्त्वपूर्ण घरेलु अथवा व्यावसायिक निर्णय लेंगे। स्वतंत्र विचार रहने से लोगो के मन की बात आसानी से जान लेंगे। व्यवहार कुशलता से नए लाभदायक संबंध बनाएंगे। शेयर अथवा अन्य जोखिम के कार्यो में निवेश का शीघ्र फल मिलेगा। कई दिनों से निरस्त यात्रा आज बेमन से करनी पड़ सकती है। मित्र रिश्तेदारो से नजदीकियां बढ़ेंगी। घरेलू वातावरण सामान्य रहेगा फिर भी महिलाओं की आवश्यकता का विशेष ध्यान रखें अन्यथा बेवजह कलह के प्रसंग बन सकते है।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप स्वयं को अन्य लोगो से श्रेष्ठ आंकेंगे मनमाना व्यवहार करने से आस पास रहने वालों को असुविधा होगी व्यर्थ की बहस भी होगी। घर एवं बाहर आज संतुलित व्यवहार रखें लोग आपकी सही बातों को भी गलत बना कर विवाद खड़ा करेंगे। सेहत आज ठीक रहेगी लेकिन कलह-क्लेश के कारण मानसिक रूप से बेचैन रहेंगे। जिस भी कार्य का मन बनाएंगे उसमे कोई ना कोई व्यवधान आने से मन खिन्न होगा। धन संबंधित लेन-देन में स्पष्टता रखें लिख कर ही करें भूल होने की आशंका है। आकस्मिक यात्रा हो सकती है। जोड़ तोड़ की नीति से धन लाभ होगा।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आप सभी कार्यो को देख परख कर ही करेंगे फिर भी कार्य सफलता में विलंब अथवा कार्य हानि होगी। मन के नकारात्मक भाव शारीरिक एवं मानसिक रूप से विचलित करेंगे। आपके अंदर विवेकि भरा रहेगा भले-बुरे का पूर्व ज्ञान भी कर सकेंगे इसके बावजूद मन अनैतिक कार्यो में भटक सकता है। प्रतिकूल स्वास्थ्य कार्यो में विघ्न डालेगा। सामाजिक क्षेत्र एवं घर मे धैर्य का परिचय दें किसी की बातों पर शीघ्र प्रतिक्रिया माहौल खराब करेगी मामूली बाते भी दिल को चुभेगी। महिला वर्ग अतिआत्मविश्वास की भावना से ग्रस्त रहेंगी जिससे मान भंग के प्रसंग बन सकते है।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आपका आज का दिन आर्थिक रूप से पहले की अपेक्षा बेहतर रहेगा। आज जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे देर-अबेर उससे धन प्राप्ति होकर ही रहेगी। नए कार्य अनुबंध अथवा व्यवसाय की शुरुआत आज करना शुभ रहेगा परन्तु अधूरे कार्यो में ढील ना दें हानि भी हो सकती है। भविष्य के लिए आज संचय भी कर सकेंगे। गृहस्थ में आज कुछ ना कुछ कारण से भाग-दौड़ लगी रहेगी। महिलाये अतिरिक्त कार्य आने से असहज रहेंगी स्वभाव भी चिड़चिड़ा रहेगा। व्यर्थ में किसी से बहस ना करें सरकारी कार्य मे उलझन बढ़ेगी आज निरस्त रखें। महिला वर्ग आज विशेष खर्चीली सिद्ध होंगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन मिश्रित फल देने वाला रहेगा। दिन के आरंभ में थोड़ी सुस्ती रहने के कारण कार्यो में विलंब होगा। कार्यो में भी अधिक परिश्रम के बाद ही सफलता मिलेगी। महिलाओं को भी घरेलू कार्यो के लिए दौड़-धूप करनी पड़ेगी फिर भी लोग आपके कार्यो में नुक्स निकालेंगे। व्यवसाय से थोड़े इंतजार के बाद आवश्यकता अनुसार धन लाभ हो जाएगा। मध्यान के बाद कार्यो से उबन होने पर मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे। आर्थिक रूप से परिस्तिथि अनुकूल ना होने पर भी खर्च करने के कारण धन की कमी बनेगी। धार्मिक क्षेत्र की लघु यात्रा हो सकती है। उदर शूल की संभावना है।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज आपको किसी भी कार्य में मध्यान के बाद असुविधा नही होगी व्यावसायिक स्थल पर भी कार्य सरलता से चलने लगेंगे। पूर्व की गलतियों से मार्गदर्शन मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। उधार की वसूली कर सकेंगे। सरकारी अथवा पैतृक कार्यो को आज पूर्ण करने का प्रयास करे लाभदायक रहेगा। घर के बुजुर्गो से किसी बात पर मतभेद खड़ा होगा पर कुछ समय मे स्थिति सामान्य भी हो जाएगी। सामाजिक आयोजनों में भाग लेंगे। आपकी कार्य कुशलता की घर को छोड़ सर्वत्र प्रशंशा होगी। महिलाये स्वभाव से थोड़ी जिद्दी फिर भी गृहस्थ के लिए सहायक रहेंगी। 

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आप ना चाहकर भी व्यर्थ के झगड़ो में पड़ेंगे सेहत में भी उतार-चढ़ाव लगा रहेने से कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था फैलेगी। छाती में संक्रमण अथवा मासपेशियो में खिंचाव आने से पीड़ा होगी। जिम्मेदारी ठीक से नही संभालने पर बड़े लोग नाराज होंगे। धन लाभ की उम्मीद नही होने पर भी अचानक होने से आश्चर्यचकित होंगे। फिर भी खर्च आय की तुलना में अधिक ही रहेंगे। घर अथवा रिश्तेदारी मे पूजा पाठ के आयोजन में भाग ले सकते है। महिलाये जल्दबाजी में गलत निर्णय लेने से परेशान हो सकती है। लंबी यात्रा आज ना करें ठंडे प्रदार्थो से परहेज रखें।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपको सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान दिलाएगा परन्तु घरेलू माहौल किसी गलतफहमी के कारण खराब होगा फिर भी स्थिति आज हर प्रकार से आपके पकड़ में रहेगी। शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम रहेगा आज की दिनचर्या से लाभ पाने के लिए आलस्य से बचना अधिक आवश्यक है। व्यवसायी वर्ग भगीदारो से पुरानी खट-पट भुला कर नए सिरे से कार्य करने का प्रयास करेंगे इसमें सफल भी रहेंगे। सहकर्मी भी आपके व्यवहार से प्रसन्न रहेंगे जिससे अपने कार्य निश्चित अवधि में पूर्ण कर सकेंगे। दोपहर के बाद किसी शुभसमाचार की प्राप्ति हर्षित करेगी। महिलाये शारीरिक कमजोरी महसूस करेंगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आप धैर्य धारण करने पर उम्मीद से अधिक लाभ कमा सकते है। आपकी दिनचर्या भी धीमी ही रहेगी प्रत्येक कार्य धीमी गति से करेंगे जिस कारण लोगो से आलोचना सुननी पड़ेगी। आज आप यथार्थ को छोड़ काल्पनिक दुनिया मे अधिक रहेंगे जिस वजह से लोग आपकी हंसी उड़ाएंगे। आज आय की अपेक्षा व्यय अधिक रहेगा घरेलू सुख के साधन एवं मौज शौक पर केवल दिखावे के लिए खर्च करेंगे जिससे बाद में आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। घर मे किसी ना किसी से रूठना मनना चलता रहेगा फिर भी शान्ति भंग नही होगी। महिलाओ में आत्मबल अधिक रहेगा आलस्य के कारण प्रदर्शित नही कर सकेंगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज का दिन सुख शान्ति से बितायेंगे लेकिन स्वभाव में ईर्ष्या की भावना रहेगी अन्य लोगो के कामो में मीन मेख निकालने से विवाद भी हो सकता है। कार्य व्यवसाय में मध्यान तक का परिश्रम संध्या के बाद फल देने लगेगा आज आकस्मिक रूप से किसी शुभ समाचार की प्राप्ति उत्साहित करेगी धन लाभ भी निश्चित समय पर ना होकर आकस्मिक ही होगा। अधिकारियों का स्वभाव आज संदिग्ध रहेगा सतर्क रहें। धार्मिक कार्यो के लिए कम ही समय निकाल पाएंगे। सरकारी कार्यो में ढील ना दे अन्यथा बाद में लंबित रहेंगे। प्रेम प्रसंगों में नजदीकियां बढ़ेंगी। संताने संध्या के समय अपने व्यवहार से परेशान करेंगी। 

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपको शारीरिक रूप से अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आकस्मिक दुर्घटना अथवा अन्य कारणों से शारीरिक कष्ट पहुँच सकता है। हाथ पैरों में भी शिथिलता रहेगी जिससे दैनिक कार्य कुछ प्रभावित होंगे। व्यावसायिक कार्यो में भी आज दौड़ धूप अधिक रहेगी इसका उचित लाभ विलंब से ही मिल सकेगा। पारिवारिक वातावरण आज अधिक भावुक रहेगा। घर के सदस्य आपसी परेशानी को समझेंगे फिर भी अधिक बोलने की आदत से बचें। आर्थिक रूप से दिन उत्तम रहने के कारण आकस्मिक खर्च विचलित नही कर सकेंगे। स्त्री सुख मिलेगा।

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🙏🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉️*शबरी को आश्रम सौंपकर महर्षि मतंग जब देवलोक जाने लगे, तब शबरी भी साथ जाने की जिद करने लगी।*

शबरी की आयु *दस वर्ष* थी। वो महर्षि मतंग का हाथ पकड़ रोने लगी।

महर्षि शबरी को रोते देख व्याकुल हो उठे। शबरी को समझाया *”पुत्री इस आश्रम में भगवान आएंगे, तुम यहीं प्रतीक्षा करो।”*

 

अबोध शबरी इतना अवश्य जानती थी कि गुरु का वाक्य सत्य होकर रहेगा, उसने फिर पूछा- *कब आएंगे..?*

 

महर्षि मतंग त्रिकालदर्शी थे। वे भूत भविष्य सब जानते थे, वे ब्रह्मर्षि थे। *महर्षि शबरी के आगे घुटनों के बल बैठ गए और शबरी को नमन किया।*

 

 *आसपास उपस्थित सभी ऋषिगण असमंजस में डूब गए।* ये उलट कैसे हुआ।

 *गुरु यहां शिष्य को नमन करे, ये कैसे हुआ. ???*

 

महर्षि के तेज के आगे कोई बोल न सका।

महर्षि मतंग बोले- 

 

*पुत्री अभी उनका जन्म नहीं हुआ।*

*अभी दशरथ जी का लग्न भी नहीं हुआ।*

*उनका कौशल्या से विवाह होगा।* 

फिर भगवान की लम्बी प्रतीक्षा होगी। 

*फिर दशरथ जी का विवाह सुमित्रा से होगा।* फिर प्रतीक्षा..

 

*फिर उनका विवाह कैकई से होगा।*

 फिर प्रतीक्षा.. 

 

फिर वो *जन्म* लेंगे, फिर उनका *विवाह माता जानकी से होगा।*

 फिर उन्हें 14 वर्ष वनवास होगा और फिर वनवास के आखिरी वर्ष माता जानकी का हरण होगा। 

*तब उनकी खोज में वे यहां आएंगे।* 

तुम उन्हें कहना *आप सुग्रीव से मित्रता कीजिये। उसे आतताई बाली के संताप से मुक्त कीजिये, आपका अभीष्ट सिद्ध होगा। और आप रावण पर अवश्य विजय प्राप्त करेंगे।*

 

शबरी एक क्षण किंकर्तव्यविमूढ़ हो गई।

 

*अबोध शबरी* इतनी लंबी प्रतीक्षा के समय को माप भी नहीं पाई।

 

*वह फिर अधीर होकर* पूछने लगी- *”इतनी लम्बी प्रतीक्षा कैसे पूरी होगी गुरुदेव???”*

 

महर्षि मतंग बोले- *”वे ईश्वर है, अवश्य ही आएंगे।* यह भावी निश्चित है। 

*लेकिन यदि उनकी इच्छा हुई तो काल दर्शन के इस विज्ञान को परे रखकर वे कभी भी आ सकते है। लेकिन आएंगे “अवश्य”…!*

 

जन्म मरण से परे 

उन्हें जब जरूरत हुई तो प्रह्लाद के लिए खम्बे से भी निकल आये थे। *इसलिए प्रतीक्षा करना।*

 वे कभी भी आ सकते है।

 

 *तीनों काल तुम्हारे गुरु के रूप में मुझे याद रखेंगे। शायद यही मेरे तप का फल है।”*

 

शबरी गुरु के आदेश को मान वहीं आश्रम में रुक गई। 

 

*उसे हर दिन प्रभु श्रीराम की प्रतीक्षा रहती थी।* 

वह जानती थी समय का चक्र उनकी उंगली पर नाचता है, 

वे कभी भी आ सकतें है। 

 

*हर रोज रास्ते में फूल बिछाती है और हर क्षण प्रतीक्षा करती।*💐

 

*कभी भी आ सकतें हैं।*

हर तरफ फूल बिछाकर हर क्षण प्रतीक्षा। 

*शबरी बूढ़ी हो गई।* लेकिन प्रतीक्षा *उसी अबोध चित्त से करती रही।*

 

*🚩और एक दिन उसके बिछाए फूलों पर प्रभु श्रीराम के चरण पड़े*। 

*शबरी का कंठ अवरुद्ध हो गया। आंखों से अश्रुओं की धारा फूट पड़ी।*🚩

 

*गुरु का कथन सत्य हुआ।* 

*भगवान उसके घर आ गए*। 

 

*शबरी की प्रतीक्षा का फल ये रहा कि जिन राम को कभी तीनों माताओं ने जूठा नहीं खिलाया, उन्हीं राम ने शबरी का जूठा खाया।*🙏Ram

 

*ऐसे पतित पावन मर्यादा, पुरुषोत्तम, दीन हितकारी श्री राम जी की *जय हो*। 

*जय हो*। 

*जय हो।*

 

*एकटक देर तक उस सुपुरुष को निहारते रहने के बाद वृद्धा भीलनी के मुंह से स्वर/बोल फूटे-*

 

*”कहो राम ! शबरी की कुटिया को ढूंढ़ने में अधिक कष्ट तो नहीं हुआ..?”*😢

 

राम मुस्कुराए- *”यहां तो आना ही था मां, कष्ट का क्या मोल…?”*

 

*”जानते हो राम! तुम्हारी प्रतीक्षा तब से कर रही हूँ, जब तुम जन्मे भी नहीं थे, यह भी नहीं जानती थी कि तुम कौन हो* ? 

*कैसे दिखते हो ? क्यों आओगे मेरे पास ? बस इतना ज्ञात था कि कोई पुरुषोत्तम आएगा, जो मेरी प्रतीक्षा का अंत करेगा।*

 

राम ने कहा- *”तभी तो मेरे जन्म के पूर्व ही तय हो चुका था कि राम को शबरी के आश्रम में जाना है।”*

 

*आंख में अश्रु लिए शबरी बोली*

*”एक बात बताऊँ प्रभु ! भक्ति में दो प्रकार की शरणागति होती है। पहली ‘वानरी भाव’ और दूसरी ‘मार्जारी भाव’।*

 

*”बन्दर का बच्चा अपनी पूरी शक्ति लगाकर अपनी माँ का पेट पकड़े रहता है, ताकि गिरे न… उसे सबसे अधिक भरोसा माँ पर ही होता है और वह उसे पूरी शक्ति से पकड़े रहता है। यही भक्ति का भी एक भाव है, जिसमें भक्त अपने ईश्वर को पूरी शक्ति से पकड़े रहता है। दिन रात उसकी आराधना करता है…!” (वानरी भाव)*

 

 

पर मैंने यह भाव नहीं अपनाया। *”मैं तो उस बिल्ली के बच्चे की भाँति थी, जो अपनी माँ को पकड़ता ही नहीं, बल्कि निश्चिन्त बैठा रहता है कि माँ है न, वह स्वयं ही मेरी रक्षा करेगी, और माँ सचमुच उसे अपने मुँह में टांग कर घूमती है। मैं भी निश्चिन्त थी कि तुम आओगे ही, तुम्हें क्या पकड़ना…।” (मार्जारी भाव)*

 

*राम मुस्कुराकर रह गए*!!

 

भीलनी ने पुनः कहा- *”सोच रही हूँ बुराई में भी तनिक अच्छाई छिपी होती है न… “कहाँ सुदूर उत्तर के तुम, कहाँ घोर दक्षिण में मैं!” तुम प्रतिष्ठित रघुकुल के भविष्य, मैं वन की भीलनी। यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो तुम कहाँ से आते..?”*

 

राम गम्भीर हुए और कहा-

 

*भ्रम में न पड़ो मां! “राम क्या रावण का वध करने आया है..?”*

 

*रावण का वध तो लक्ष्मण अपने पैर से बाण चलाकर भी कर सकता है।*

 

*राम हजारों कोस चलकर इस गहन वन में आया है, तो केवल तुमसे मिलने, मां*, 

 

*ताकि “सहस्त्रों वर्षों के बाद भी, जब कोई भारत के अस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करे तो इतिहास चिल्ला कर उत्तर दे, कि इस राष्ट्र को क्षत्रिय राम और उसकी भीलनी माँ ने मिलकर गढ़ा था।”* 

 

*”जब कोई भारत की परम्पराओं पर उँगली उठाये तो काल उसका गला पकड़कर कहे कि नहीं! यह एकमात्र ऐसी सभ्यता है जहाँ, एक राजपुत्र वन में प्रतीक्षा करती एक वनवासिनी से भेंट करने के लिए चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार करता है।”*

 

*राम वन में बस इसलिए आया है, ताकि “जब युगों का इतिहास लिखा जाए, तो उसमें अंकित हो कि “शासन/प्रशासन और सत्ता” जब पैदल चलकर वन में रहने वाले समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे, तभी वह रामराज्य है।”*

 

 

*राम वन में इसलिए आया है, ताकि भविष्य स्मरण रखे कि प्रतीक्षाएँ अवश्य पूरी होती हैं। राम रावण को मारने भर के लिए नहीं आया है माँ!*

 

*माता शबरी एकटक राम को निहारती रहीं।*

 

राम ने फिर कहा-

 

*राम की वन यात्रा रावण युद्ध के लिए नहीं है माता! “राम की यात्रा प्रारंभ हुई है, भविष्य के आदर्श की स्थापना के लिए।”*

 

*”राम राजमहल से निकला है, ताकि “विश्व को संदेश दे सके कि एक माँ की अवांछनीय इच्छओं को भी पूरा करना ही ‘राम’ होना है।”*

 

*”राम निकला है, ताकि “भारत विश्व को सीख दे सके कि किसी सीता के अपमान का दण्ड असभ्य रावण के पूरे साम्राज्य के विध्वंस से पूरा होता है।”*

 

*”राम आया है, ताकि “भारत विश्व को बता सके कि अन्याय और आतंक का अंत करना ही धर्म है।”*

 

*”राम आया है, ताकि “भारत विश्व को सदैव के लिए सीख दे सके कि विदेश में बैठे शत्रु की समाप्ति के लिए आवश्यक है कि पहले देश में बैठी उसकी समर्थक सूर्पणखाओं की नाक काटी जाए और खर-दूषणों का घमंड तोड़ा जाए।”* 

 

और

 

*”राम आया है, ताकि “युगों को बता सके कि रावणों से युद्ध केवल राम की शक्ति से नहीं बल्कि वन में बैठी शबरी के आशीर्वाद से जीते जाते है।”*

 

शबरी की आँखों में जल भर आया था।

उसने बात बदलकर कहा- *”बेर खाओगे राम..?”*

 

राम मुस्कुराए, *”बिना खाये जाऊंगा भी नहीं मां!”*

 

शबरी अपनी कुटिया से झपोली में बेर लेकर आई और राम के समक्ष रख दिये।

 

राम और लक्ष्मण खाने लगे तो कहा- 

*”बेर मीठे हैं न प्रभु*..?” 

 

*”यहाँ आकर मीठे और खट्टे का भेद भूल गया हूँ मां! बस इतना समझ रहा हूँ कि यही अमृत है।”*

 

सबरी मुस्कुराईं, बोली- *”सचमुच तुम मर्यादा पुरुषोत्तम हो, राम!”*

 

*मर्यादा-पुरुषोत्तम भगवान श्री राम को बारंबार सादर वन्दन*

*जय श्री राम*🚩🚩गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।

 

1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।

 

2. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस जगह देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं ।

 

3. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है ।

 

4. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है ।

 

5. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते ।

 

6. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है ।

 

7. गौ माता कि एक आंख में सूर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है ।

 

8. गौ माता के दूध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है।

 

9. गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है । किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है ।

 

10. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है , उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है । रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है ।

 

11. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है ।

 

12. गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमूत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है । इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं ।

 

13. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है ।

 

14. गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है ।

 

15. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे।

 

16. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं ।

 

17. जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है ।

 

18. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं ।

 

19. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है । 

 

20. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं । जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है ।

 

21. गाय एक चलता फिरता मंदिर है । हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है ,

हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं ।

 

22. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा !

23. गौ माता सर्व सुखों की दाता है ।

🇮🇳 जय माँ भारती,वन्दे मातरम