आज का पंचाग आपका राशि फल, शुभ और अशुभ कार्य ही प्रारब्ध अर्थात भाग्य कहा गया है, जापान में विद्या की देवी को वेंजाईटन कहा जाता है, बढ़ रही है आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री की लोकप्रियता और स्वीकार्यता ,

*🙏आज का विचार 🙏*

*मृत्यु जीवन का अनिवार्य सत्य है। जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। अपने हर क्षण को सुधारो जिससे कि मृत्यु मंगल हो।*

*इस संसार में कभी कहीं कोई किसी के साथ सदा नहीं रह सकता। जिनसे आज जुड़े हुए हैं, उनसे एक दिन बिछड़ना पड़ेगा ही, आसक्ति रहित जीवन हो।*

*जीव  एकाकी ही जन्म लेता है और एकाकी ही मृत्यु को जाता है। अपनी करनी धरनी का, पाप पुण्य का फल भी एकाकी ही भुगतता है। अतः धर्ममय जीवन जीना चाहिये जिससे मृत्यु के उपरांत भी नरक में न जाना पड़े।*
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*•🌺कृष्णमय शु-प्रभात🌺•*

​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
*श्री हरिहरो*
*विजयतेतराम*

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*
🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

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*_शुक्रवार, २७ जनवरी २०२३_*

सूर्योदय: 🌄 ०७:११
सूर्यास्त: 🌅 ०५:५२
चन्द्रोदय: 🌝 १०:५३
चन्द्रास्त: 🌜२३:५४
अयन🌖उत्तरायणे(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🎄 शिशिर
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 माघ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि👉षष्ठी(०९:१०से सप्तमी)
नक्षत्र👉रेवती(१८:३७से अश्विनी
योग👉सिद्ध(१३:२२ से साध्य
प्रथम करण👉तैतिल(०९:१०तक
द्वितीय करण👉गर(२०:५० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मकर
चंद्र 🌟 मेष (१८:३६ से)
मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,मार्गी)
बुध🌟धनु(उदित,पूर्व, मार्गी)
गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)
शुक्र🌟कुम्भ(उदित, पश्चिम)
शनि🌟कुम्भ(उदित,पूर्व,मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०८ से १२:५१
अमृत काल 👉 १६:१५ से १७:४९
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन
अमृतसिद्धि योग 👉 ०७:१० से १८:३७
रवियोग 👉 ०७:१० से १८:३७
विजय मुहूर्त 👉 १४:१६ से १४:५९
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४६ से १८:१३
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:४९ से १९:०९
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०३ से २४:५६
राहुकाल 👉 ११:१० से १२:३०
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:०९ से १६:२९
होमाहुति 👉 बुध (१८:३७ से शुक्र)
दिशाशूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 आकाश
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व १८:३७ से)
शिववास 👉 नन्दी पर (०९:१० से भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शीतला षष्ठी, पंचक समाप्त १८:३६ पर, विवाह मुहूर्त मकर-कर्क ल. प्रातः ०७:२४ से सायं ०७:१२ तुला ल. रात्रि ११:५२ से ०२:१० तक, चूड़ाकर्म संस्कार+नीव खुदाई एवं गृहारम्भ मुहूर्त प्रातः ०९:५८ से प्रात: ११:१९ तक, गृहप्रवेश+विधा एवं अक्षर आरम्भ+उद्योग मशीनरी आरम्भ+व्यवसाय आरम्भ+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:१९ से ११:१९ तक, भूमि-भवन+वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:४० से ०२:०१ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १८:३७ तक जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (दो, च, ची) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम अश्विनी नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार (चू, चे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर – ३०:२८ से ०८:०९
कुम्भ – ०८:०९ से ०९:३५
मीन – ०९:३५ से १०:५९
मेष – १०:५९ से १२:३२
वृषभ – १२:३२ से १४:२७
मिथुन – १४:२७ से १६:४२
कर्क – १६:४२ से १९:०४
सिंह – १९:०४ से २१:२३
कन्या – २१:२३ से २३:४०
तुला – २३:४० से २६:०१
वृश्चिक – २६:०१ से २८:२१
धनु – २८:२१ से ३०:२४
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०७:१० से ०८:०९
शुभ मुहूर्त – ०८:०९ से ०९:१०
चोर पञ्चक – ०९:१० से ०९:३५
शुभ मुहूर्त – ०९:३५ से १०:५९
शुभ मुहूर्त – १०:५९ से १२:३२
चोर पञ्चक – १२:३२ से १४:२७
शुभ मुहूर्त – १४:२७ से १६:४२
रोग पञ्चक – १६:४२ से १८:३७
शुभ मुहूर्त – १८:३७ से १९:०४
मृत्यु पञ्चक – १९:०४ से २१:२३
अग्नि पञ्चक – २१:२३ से २३:४०
शुभ मुहूर्त – २३:४० से २६:०१
रज पञ्चक – २६:०१ से २८:२१
शुभ मुहूर्त – २८:२१ से ३०:२४
चोर पञ्चक – ३०:२४ से ३१:१०
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन कार्यो में विफलता मिलने से मन हताशा से भरा रहेगा। नकारात्मकता बढ़ने से शरीर भी अस्वस्थ हो सकता है। किसी गलतफ़हमी के कारण मित्र अथवा परिजनों से मनमुटाव संभव है। आज धार्मिक कार्यो के ऊपर धन खर्च होगा। कोई भी सरकारी कार्य आज टालना ही बेहतर रहेगा। लंबी यात्रा के प्रसंग बन सकते है इन्हें भी फिलहाल स्थगित करना ही बेहतर रहेगा। विरोधी कुछ समय के लिए प्रबल रहेंगे। संध्या बाद से स्तिथि में सुधार आने लगेगा तब तक धैर्य से काम लें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आप आपके लिए लाभदायक रहेगा। आज स्वास्थ्य छोटी-मोटी परेशानियों को छोड़ उत्तम ही रहेगा। आज आपके सोचे हुए कार्य व्यवहारिकता के बल पर अपने आप होते चले जायेंगे जिससे मन प्रसन्न रहेगा। आज परिश्रम के कार्यो की अपेक्षा बौद्धिक कार्यो में सहज सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। संध्या पश्चात परिजनों के साथ किसी महत्त्वपूर्ण विषय पर बात करेंगे यहाँ अपने विचार अंत मे रखें अन्यथा किसी की कटु वाणी सुनने को मिलेगी। दूर के कार्यो से धन लाभ होगा लेकिन खर्चीला स्वभाव बचत नही करने देगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन मध्यान तक आपके लिये अनुकूल रहेगा। व्यापार में कम परिश्रम से सफलता मिलने से कार्य के प्रति उत्साह बढ़ेगा लेकिन आर्थिक दृष्टिकोण से आज भी दिन कुछ न कुछ कमी अवश्य रखेगा। नौकरी पेशा जातको को भी परिश्रम का फल आर्थिक या पदोन्नति के रूप में मिल सकता है इसके लिए किसी की खुशामद भी करनी पड़ेगी। जोखिम वाले कार्यो में निवेश से अकस्मात लाभ हो सकता है। संध्या का समय परिजन अथवा किसी जानकार के साथ मतभेद होने पर अशान्त बनेगा। नसों में दुर्बलता अथवा पेट संबंधित समस्या से परेशानी हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपका आज का दिन कुछ समय सामाजिक गतिविधियों में बीतेगा। आज आप अपनी वाणी एवं व्यवहार से लोगो का दिल जीत लेंगे चाहे इसके पीछे निजी स्वार्थ ही हो फिर भी मान-सम्मान में वृद्धि होगी। आज बनाये नए संपर्क भविष्य के लिए लाभदायी सिद्ध होंगे। मध्यान बाद व्यापार-व्यवसाय से आकस्मिक लाभ के योग है सतर्क रहें। आज सामाजिक एवं घरेलू खर्च भी अधिक रह सकता है। परिवार में वातावरण शांत रहेगा। गले से निचले भाग में व्याधि होने की संभावना है। आज किसी के ऊपर शंकालु प्रवृति कलह करा सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिए अशुभ फलदायी रहेगा। मध्यान से पहले के भाग में शारीरिक एवं मानसिक स्थूलता अनुभव होगी लेकिन फिर भी लापरवाही बरतेंगे जिसके कारण बाद में स्थिति गंभीर भी हो सकती है खास कर आज मध्यान बाद किसी प्रकार का जोखिम ना लें। भावुकता की भी अधिकता रहने से मामूली बातों को प्रतिष्ठा से जोड़ेंगे। नकारात्मक भावनाओ से बचे अन्यथा धन और कीर्ति की हानि हो सकती है। संतान के उद्दंड व्यवहार से पारिवारिक वातावरण दूषित हो सकता है। कार्य क्षेत्र पर कम समय मे अधिक धन कमाने के प्रलोभन मिलेंगे इनसे दूर रहे अन्यथा निराश होना पड़ेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिये शुभ फलदायी रहेगा। आज नौकरी एवं व्यवसाय में थोड़े परिश्रम से अधिक लाभ मिल सकेगा अधिकारी आप पर प्रसन्न रहेंगे लेकिन आज स्वभाव में अतिआत्मविश्वास भी रहेगा जिसके कारण लोगो के बीच हास्य के पात्र भी बन सकते है। आज आश्वासनों के चक्कर में धन ना फसाएँ हानि हो सकती है। मध्यान पश्चात नए कार्यो में सोच समझकर धन लगाए गलत निवेश हानि करा सकता है। पारिवारिक वातावरण भी आज अन्य दिनों की अपेक्षा शांत रहेगा। बुजुर्गो का आशीर्वाद मिलेगा। सेहत में थोड़ा बहुत उतार चढ़ाव लगा रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आपका मानसिक संतुलन स्थिर नही रहेगा असमंजस की स्थिति के कारण पल पल में निर्णय बदलेंगे इससे कार्य विलंब के साथ अन्य लोगो को परेशानी होगी फिर भी स्वार्थी पूर्ति के कारण आज आपसे कोई शिकायत नही करेगा। मन आज अनैतिक कार्यो में जल्दी आकर्षित होगा स्वभाव में भी उदण्डता रहेगी बिना कलह किये किसी कार्य को नही करेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी मन मर्जी व्यवहार के कारण जिस लाभ के अधिकारी है उसमें कमी आएगी। धन की आमद आज पूर्व नियोजित रहेगी थोड़ी बहुत अतिरिक्त आय भी बना लेंगे लेकिन खर्च के आगे आज कमाई कम ही लगेगी। मौसमी बीमारियों एवं संयम की कमी के कारण सेहत बिगड़ सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन मध्यम फलदायी रहेगा। व्यापार अथवा नौकरी करने वाले जातक आज परिश्रम के बाद ही कार्य में सफलता पा सकेंगे। उच्चाधिकारी से किसी बात पर मतभेद रह सकता है आज इनसे बचकर रहने का प्रयास करें। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का पूर्ण सहयोग मिलने से थोड़ी राहत अनुभव होगी। परिवार में पत्नी अथवा पुत्र के कारण कलह के योग बनेंगे। खर्च अधिक रहेगा। आज आर्थिक मामलों में ढील ना दें अन्यथा आगे परेशानी हो सकती है। गैस कब्ज के कारण परेशानी होने की संभावना है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपको मिश्रित फलदायी रहेगा। दिन के पूर्वार्ध में क्रोध की अधिकता रहने से किसी प्रियजन अथवा आस पड़ोसी से तकरार होने की प्रबल संभावना है। सेहत भी नरम रहने से कार्य में मन नहीं लगेगा। आज विरोधी प्रबल रहेंगे मौन रहकर मध्यान तक का समय बिताये इसके बाद परिस्थितियो में सुधार आने लगेगा। आकस्मिक दुर्घटना में चोट का भय है यथासंभव यात्रा टाले। प्रातः काल कुछ समय धर्म-कर्म में बिताएं आत्म बल मिलने से मानसिक शांति अनुभव करेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज संध्या से पहले का समय आपके लिये अत्यन्त शुभफलदायी रहेगा लेकिन आज आपका स्वभाव सनकी रहेगा किसी भी कार्य को करने से पहले सोचने समझने में समय व्यर्थ करेंगे।आज आलस्य को त्याग निष्ठा से कार्य में लग जाए भाग्योन्नति के प्रबल योग होने से थोड़े से परिश्रम के बाद घर-बाहर मान-बड़ाई मिलेगी। भाई-बहनों के लिए भी आज आप सहायक बनेंगे। नए कार्य में निवेश के लिए शुभ अवसर है निसंकोच होकर कर सकते है। परिजनों के साथ धार्मिक यात्रा का अवसर मिलेगा। सेहत सामान्य रहेगी तली वस्तुओं का परहेज करें।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आपके आज के दिन का पूर्वार्ध अत्यन्त व्यस्त रहने वाला है लेकिन व्यस्तता बे फिजूल के कार्यो को लेकर रहेगी। इस समय कार्य क्षेत्र पर कम समय दे पाएंगे। आज किसी पुराने मामले को लेकर सरकारी दस्तावेजो को पूर्ण करने में अधिकांश समय व्यतीत होगा परंतु इसमें विघ्नों के बाद आंशिक सफलता मिलेगी। कार्य क्षेत्र पर लाभ के अवसर निकल सकते है लेकिन यहाँ धैर्य से काम लेना जरूरी है अन्यथा आपके हिस्से का लाभ किसी प्रतिद्वंदी को मिल सकता है। संध्या के समय अत्यधिक थकान परंतु फिर भी शांति अनुभव करेंगे। सेहत नरम होने पर भी लापरवाही करेंगे।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए आनंददायक रहेगा। आज प्रत्येक क्षेत्र में विरोधी परास्त होंगे। सामाजिक मान-सम्मान भी बढेगा। व्यापार विस्तार अथवा नए कार्य के आरंभ की योजना बनेगी जो कि भविष्य के लिये लाभदायक सिद्ध होगी परंतु आज कोई नया कार्य आरंभ ना करें। आस-पास के धार्मिक स्थान की यात्रा से मन को शान्ति मिलेगी। किसी परिचित से लंबे समय बाद भेंट से हर्ष एवं लाभ होगा। स्त्री एवं संतान के ऊपर खर्च करेंगे परंतु आज इनसे किसी न किसी कारण मानसिक क्लेश ही मिलेगा। संध्या बाद परिस्थिति पहले से बेहतर बनेगी।
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साभार….
हाँ, मुझे मालूम है तुम्हें संस्कृत नहीं आती। क्योंकि संस्कृत के गलत उच्चारण को लेकर तुमने माफी भी मांगी है। फिर तुम्हें वेद का भी ज्ञान नहीं। तुमको वेदान्त-दर्शन नहीं पता। तुम्हें कथा वाचन करना नहीं आता। व्यास गद्दी की मर्यादा तुम्हें नहीं मालूम। कथा वाचन में तुम जब सत्संग गाते हो तुम्हारे गले में राग बिल्कुल नहीं होता। तुम्हारी मोटी बिखरी हुई आवाज होती है। तुम अनपढ़ हो। लेकिन क्या कहूँ धीरेंद्र शास्त्री जी..?

तुम्हें देखने के लिए बेचैन होने लगा हूं। तुम्हारी गलती पर तुम्हारी माफी मेरा ध्यान खींच लेता है। दर्शन तुम नहीं जानते, लेकिन तुम्हारी भक्ति वाचन की निश्छलता में रम जाता हूं। तुम जब “चोला माटी के है राम” गाते हो, लगता है जैसे गीत की सुंदरता राग में नहीं, बल्कि एक क्षेत्रिय भाषा को देशभर में सुनाने के लिए आभार प्रकट करूँ। मध्य प्रदेश के होते हुए भी तुम उत्तर भारत की मैथिली गीत को छत्तीसगढ़ में बैठकर गा लेते हो, तो लगता है हिंदू राष्ट्र बनाने का तुम्हारा नारा अबोध नहीं है। तुम्हारी फटी आवाज भाने लगती है। जब मैं तुमसे मोहित हो जाता हूँ, तुम्हारी किसी गलतियों पर नजर नहीं जाता। तुम्हारी हर खामियों में भोलापन नजर आता है।

अर्धसत्य वाले कल दिखा रहे थे कि वीआईपी और वीवीआईपी के लिए बाबा के पंडाल में अलग-अलग प्रवेश द्वार है और आम गरीब लोगों के लिए अलग। लेकिन जब तुम व्यासपीठ से बैठकर अमीर गरीब की बात करते हो और खुलकर कहते हो गरीब लोग सामने नीचे बैठे होते हैं केवल ताली बजाने के लिए, वीआईपी लोगों को मंच पर स्थान दिया जाता है, यह भी एक मजबूरी है। कि यह जो पंडाल लगा है किसने लगवाया है? अगर उन्हें 10 मिनट समय मंच पर दे दिया जाए तो क्या बिगड़ जाएगा। इतनी निश्छल बातें कौन करता है शास्त्री जी? मैंने बहुतों रामकथा आयोजन देखी हैं। करोड़ों के पंडाल बनते हैं। हर जगह वीआईपी वीवीआईपी और आम आदमी के अलग-अलग प्रवेश द्वार होते हैं, लेकिन व्यासपीठ से इतना खुलकर कौन बोलता है?

हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करते हो खुले मंच से, लेकिन अपने एक मुस्लिम मित्र का नाम लेते नहीं लजाते। इस देश का कमोबेश 50 करोड़ हिंदू तुम्हें सुन रहा होगा और अपने एक मुस्लिम मित्र का ₹20000 का चुकाया हुआ कर्ज कितनी बार पब्लिकली बोल चुके हो। इतने मूल्य में तो तुम्हारा वह मुस्लिम मित्र तुम्हारा ऋणी बन गया होगा। क्या तुम्हें मालूम है, हिंदू राष्ट्र का मतलब लोग मुस्लिम विहीन राष्ट्र समझते हैं? तुम्हें साम दाम का तनिक भी भान नहीं।

व्यास गद्दी से बैठकर गांधी का मानस गाया जाता है। तुम नेताजी का नारा दहारने वाले पहले वाचक हो। “तुम मेरा साथ दो, हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे” नेताजी के नारे को कौन इस प्रकार बदलता है? धर्म मंच से कौन राष्ट्र की बात इतना खुलकर करता है? सही है या गलत मुझे नहीं मालूम लेकिन मैं एक बात कहूं? मुझे जब दर्शन सुनना होगा, जब राग वाला सत्संग सुनना होगा, संस्कृत का वाचन सुनना होगा, वेद और वेदांत समझना होगा, पर्याप्त मंच उपलब्ध हैं, मैं जाकर सुन समझ लूंगा। लेकिन धर्म के शामियाने में बैठकर एक बार देशभक्त श्रद्धालु बनना चाहता हूं, आनंद आता है मुझे। तुम जैसे हो वैसे ही स्वीकार हो। क्योंकि मुझे तुम भाने लगे हो। मैं पांडाल में बैठा ताली बजाने वाला एक निर्धन आम व्यक्ति भले हूँ, लेकिन मैं तुम्हारा ‘पागल’ हूं, प्रेमी हूं। क्योंकि हम जानते हैं सनातन धर्म संस्कृति के अगाध सागर में आप बूंद भर हो लेकिन दूसरे पंथों के बड़े ऐजेन्डा धारी गुरू तो आपकी चरण रज भी नहीं। उनसे आपकी तुलना भी नहीं आप अपने मिशन में अतुलनीय हो, क्षद्म धर्मान्तरणकारियों पर भारी और पारदर्शी हो। 

भारत ही नहीं जापान में भी होती है विद्या की देवी की पूजा…जहां उन्हें बेंजाइटन देवी के नाम से जाना जाता है…..

● कौन है बेंजाइटन देवी 

6वी-7वीं शताब्दी से जापानी बौद्ध देवी बेंजाइटन की जापान में पूजा शुरू हुई जो वर्तमान में भी जारी है। जापान की बेंज़ाइतेन देवी को भारत की सरस्वती का ही संस्करण माना जाता है।

 

● सरस्वती माँ से समानता :

– बेंजाइटन देवी विशाल कमल के फूल पर विराजित रहती हैं वहीं देवी सरस्वती का वहान हंस है। और वह सफेद कमल पुष्प पर विराजित रहती हैं।

– बेंजाइटन देवी के हाथ में जापान की परंपरागत वीणा जिसे ‘वीवा'( वीणा जैसा ही वाद्य यंत्र) मौजूद रहता है।

– हिंदू देवी सरस्वती संगीत और बुद्धि की देवी हैं, तो जापानियों की बेंजाइटन देवी जल, समय, शब्द, भाषण, वाक्पटुता, संगीत और ज्ञान की देवी हैं।

 

– जिस तरह भारत में माँ सरस्वती का चित्रण सफ़ेद शरीर वाली देवी के रूप में किया गया है, जापान में भी बेंजाइटन की अधिकतर प्रतिमाएँ आपको एकदम सफ़ेद ही मिलेंगी।

 

● समानता का कारण:

 

बौद्ध धर्म सदियों पहले भारत में ही अवतरित हुआ था और जल्द ही जापान और चीन का मुख्य धर्म बन गया। जापान हिन्दू धर्म से भी काफी प्रभावित रहा है इसलिए सिर्फ सरस्वती ही नहीं… जापान में सदियों से हिंदू देवी-देवताओं जैसे लक्ष्मी, गणेश, इंद्र, ब्रह्मा आदि को बौद्ध देवताओं के रूप में पूजा जाता रहा है।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥